हर विषय की किताबें हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषा में होगी
माध्यमिक उच्च माध्यमिक के बच्चों को भी मुफ्त किताबें
राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक (नौवीं से 12वीं) के विद्यार्थियों को भी निःशुल्क किताबें देने की तैयारी है।
इसके लिए किताबों का मॉड्यूल तैयार कर लिया गया है। सभी विषयों की किताबें हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में तैयार की गयी हैं। बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम की ओर से किताबों की छपाई का प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसपर शिक्षा विभाग की अनुमति ली जा रही है। शिक्षा विभाग की अनुमति मिलने के बाद इस पर राज्य कैबिनेट की मंजूरी ली जाएगी। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद किताबों की छपाई शुरू कर दी जाएगी। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों के नौवीं से 12 वीं के बच्चों को निःशुल्क किताबें
देने पर अंतिम मुहर लगने पर 30 लाख से अधिक विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। इन बच्चों के लिए किताबें इस
तरह से तैयार की गयी हैं, जिसमें पन्ना पलटने पर बायीं ओर अंग्रेजी तो दाहिने पेज पर हिन्दी भाषा में पाठ लिखे होंगे।
कैबिनेट की स्वीकृति के बाद छपाई शुरू कर दी जाएगी पाठ्य पुस्तक प्रकाश निगम ने शिक्षा विभाग को भेजा प्रस्ताव
■ नौवीं से 12वीं की सभी किताबों का मॉड्यूल तैयार
कर लिया गया लिए तीनों संकायों में किताबें तैयार की गयीं
11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए विज्ञान, वाणिज्य और कला तीनों संकायों में हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में किताबें तैयार की गयी हैं। हिन्दी और अंग्रेजी में
किताबों को तैयार करने लिए विशेषज्ञों की मदद ली गयी है। मालूम हो कि वर्तमान में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए 11 करोड़ किताबों की छपाई शुरू कर दी गयी है। पदाधिकारी बताते हैं कि 15 मार्च तक इन विद्यार्थियों की किताबें स्कूलों तक उपलब्ध करा दी जाएंगी। वहीं, नौवीं से 12वीं के बच्चों को किताबों की छपाई होगी तो उसकी आपूर्ति जुलाई, 2025 तक की जाएगी। राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों में अंग्रेजी की भी बेहतर समझ हो, इसी मकसद से दोनों ही भाषाओं में किताबें
तैयार की गयी हैं। ताकि, 12वीं के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं अथवा उच्च शिक्षा ग्रहण के दौरान बच्चों को सहूलियत हो ।
यह पहली बार हो रहा है कि पहली से लिएआठवीं कक्षा की तर्ज पर नौवीं से 12वीं लिए कक्षा के बच्चों को भी निःशुल्क किताबें देने की तैयारी है। इसका पूरा खर्च राज्य
सरकार वहन करेगी। संबंधित पदाधिकारी बताते हैं कि इस पर अंतिम फैसला होता है तो बिहार देश का पहला
राज्य होगा, जहां माध्यमिक-उच्च माध्यमिक के बच्चों को भी निःशुल्क किताबें दी जाएंगी।
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