उत्तर : जब वस्तु प्रकाशीय केंद्र तथा फोकस के बीच स्थित हो, तो उसका आभासी प्रतिबिंब लेंस उसी ओर बनता है जिस ओर वस्तु है । यह सीधा और वस्तु से आकार में बड़ा होता है।
2. पानी में रखा सिक्का उठा हुआ दिखता है। क्यों?
उत्तर : हम जानते हैं कि कोई वस्तु हमें तभी दिखाई पड़ती है जब उस वस्तु से प्रकाश की किरणें हमारी आँखों तक पहुँचती हैं। क्रियाकलाप -2 में जब कटोरी खाली है और आँख E पर है (चित्र a), तब प्रकाश की कोई किरण सिक्का A से आँख तक नहीं पहुँच पाती है, इसलिए सिक्का नहीं दिखाई पड़ता है। जब कटोरी में पानी डाला जाता है, तो प्रकाश की किरणें पानी की सतह पर दिशा बदलती हैं और मुड़कर आँख तक पहुँचती हैं और सिक्का दिखने लगता है (चित्र b)। आँखों तक पहुँचनेवाली किरणों को पीछे बढ़ाने पर वे A'पर मिलती हैं । आँख को ऐसा प्रतीत होता है कि किरणें A' से आ रही हैं, अर्थात सिक्का A अपने वास्तविक स्थान से कुछ ऊपर उठा हुआ प्रतीत होता है।
3. मानव आँख में दृष्टि दोष क्या है ? यह कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर : स्वस्थ नेत्र द्वारा अनंत पर रखी वस्तुओं से लेकर स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी (अर्थात, 25 cm) तक रखी हुई वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। कई कारणों से नेत्र बहुत दूर स्थित या निकट स्थित वस्तुओं का स्पष्ट प्रतिबिंब रेटिना पर बनाने की क्षमता खो देता है। ऐसी कमी दृष्टि दोष कहलाती है।
मानव नेत्र में दृष्टि दोष मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-
(i) निकट दृष्टि दोष
(ii) दूर-दृष्टि दोष
(iii) जरा-दूरदर्शिता।
4. यदि किसी विद्युत बल्व के तंतु का प्रतिरोध 12002 है तो बल्ब 220 V स्रोत से कितनी विद्युत धारा लेगा?
उत्तर : दिया गया है कि V = 220 V.
बल्ब के तंतु का प्रतिरोध R = 120052
सूत्र V = IR से, तंतु में धारा 1 = V/R
=220/12002
= 0.19A.
5. विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव से संबंधित 'दक्षिण हस्त- अंगूठा' के नियम को लिखें।
उत्तर : यदि धारावाही तार को दाएँ हाथ की मुट्ठी में इस प्रकार पकड़ा जाए कि अँगूठा धारा की दिशा की ओर संकेत करता हो, तो हाथ की अन्य अँगुलियाँ चुंबकीय क्षेत्र की दिशा व्यक्त करेंगी।
6. प्रत्यावर्ती धारा में कौन-सी दो कमियाँ होती हैं ?...
उत्तर : प्रत्यावर्ती धारा की दो कमियाँ-
(i) प्रत्यावर्ती धारा से विद्युत लेपन तथा बैटरियों का आवेशन नहीं किया जा सकता है।
(ii) इस धारा से विद्युत विश्लेषण नहीं किया जा सकता है। इसलिए ऐलुमिनियम कारखाने या अन्य ऐसे कारखाने जहाँ विद्युत विश्लेषण की आवश्यकता है वहाँ दिष्ट धारा ( डी० सी०) का ही उपयोग किया जाता है।
7. विद्युत धारा की प्रबलता की परिभाषा दें।
उत्तर : किसी चालक से प्रवाहित विद्युत धारा की प्रबलता उस चालक के किसी अनुप्रस्थ काट से एकांक समय में प्रवाहित आवेश का परिमाण है । यदि 1 सेकंड में 1 कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है तो उस अनुप्रस्थ काट से प्रवाहित धारा का मान । ऐम्पियर होता है
IA = 1C/1S
8. फ्यूज 'के तार की तीन प्रमुख विशेषताएँ लिखें।
उत्तर : फ्यूज के तार की तीन प्रमुख विशेषताएँ-
(i) फ्यूज निम्न गलनांक वाले पतले, टिन पट्टित कॉपर तार की छोटी लम्बाई वाली एक सुरक्षा युक्ति है; जो पिघल जाता है और परिपथ को भंग कर देता है।
(ii) जब अतिभारण होता है, धारा बढ़ जाती है और फ्यूज तार को काफी अधिक तप्त कर देती है। क्योंकि फ्यूज तार का गलनांक, कॉपर तारों की अपेक्षा, काफी कम होता है,
गल जाता है और परिपथ भंग हो जाता है।
(iii) फ्यूज तार उचित मोटाई का होना चाहिए जो अधिकतम धारा पर निर्भर करता है जिसे घरेलू वायरिंग सुरक्षापूर्वक वहन कर सकती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें