1. नापाम और ऐजेन्ट ऑरेंज क्या था?
उत्तर – ये घातक रासायनिक हथियार थे जिनका उपयोग अमेरिका ने वियतनामी युद्ध में किया। नापाम में गैसोलिन मिला था जो ज्वलनशील होने के कारण त्वचा से चिपककर जलता रहता था। एजेंट ऑरेंज खतरनाक जहर था। उसे जिन ड्रमों में रखा जाता था उनपर नारंगी (ऑरेंज) रंग की पट्टियाँ बनी होती थीं। इनके प्रयोग से धन-जन की भारी हानि हुई ।
2. साइमन कमीशन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर – साइमन कमीशन (आयोग) फरवरी 1928 में भारत आया। इसका उद्देश्य 1919 के अधिनियम द्वारा स्थापित उत्तरदायी शासन की स्थापना में किए गए प्रयासों की समीक्षा करना एवं आवश्यक सुझाव देना था। आयोग के बंबई (मुंबई) पहुँचने पर इसका स्वागत काले झंडों एवं प्रदर्शनों से किया गया 'साइमन वापस जाओ' के नारे लगाए गए। देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए जिसका जवाब अँगरेजी पुलिस ने लाठी से दिया।
3. घरेलू और कुटीर उद्योग को परिभाषित करें।
उत्तर- -घरेलू और कुटीर उद्योग स्थानीय स्तर पर चलाए जाते हैं। इनमें अपेक्षाकृत कम पूँजी और श्रम लगता है। गाँधीजी के अनुसार, ये भारतीय सामाजिक दशा के अनुकूल हैं। ये राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति तथा संतुलित क्षेत्रवार विकास के शक्तिशाली औजार हैं।
4. भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गाँधी के योगदानों का उल्लेख करें।
उत्तर- गाँधीजी ने राष्ट्रीय आंदोलन को एक नई दिशा एवं दशा दी। औपनिवेशिक सरकार के विरुद्ध उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह नामक दो नए अस्त्रों का सहारा लिया। स्वतंत्रता आंदोलन को उन्होंने जनआंदोलन में परिवर्तित कर दिया। 1917-18 में उन्होंने चंपारण, खेड़ा और अहमदाबाद में सत्याग्रह का सफल प्रयोग किया। 1920 में गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन आरंभ किया। इसमें बहिष्कार, स्वदेशी तथा रचनात्मक कार्यों पर बल दिया गया। गाँधीजी का दूसरा व्यापक आंदोलन 1930 में हुआ। उन्होंने सरकारी नीतियों के विरुद्ध सविनय अवज्ञा आंदोलन आरंभ किया। इसका आरंभ उन्होंने 12 मार्च 1930 को दांडी यात्रा से किया। दांडी पहुँचकर नमक बनाकर उन्होंने 'नमक कानून' भंग किया। गाँधीजी का निर्णायक आंदोलन 1942 में हुआ। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन आरंभ करने के लिए लोगों को प्रेरित किया तथा 'करो या मरो' का मंत्र दिया। महात्मा गाँधी एक राजनीतिक नेता के साथ-साथ प्रबुद्ध चिंतक, समाजसुधारक एवं हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रबल समर्थक ।
5.सविनय अवज्ञा आंदोलन का वर्णन करें।
उत्तर --कारण-
(i) 1930 के पूर्व भारत का राजनीतिक वातावरण उत्तेजित था। साइमन आयोग के आगमन तथा नेहरू रिपोर्ट के अस्वीकृत होने से व्यापक क्षोभ की स्थिति थी।
(ii) क्रांतिकारी गतिविधियों में वृद्धि हो रही थी।
(iii) काँग्रेस का युवा वर्ग पूर्ण स्वराज की माँग कर रहा था ।
(iv) आर्थिक मंदी के प्रभाव से भारत में गरीबी और बेरोजगारी बढ़ रही थी और लोगों का असंतोष और आक्रोश बढ़ रहा था। इन्हीं परिस्थितियों के कारण गाँधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन आरंभ किया।
स्वरूप – 12 मार्च 1930 को दांडी यात्रा आरंभ कर नमक कानून भंग किया गया तथा बहिष्कार की नीति अपनाई गई। 5 मार्च 1931 को गाँधी-इरविन समझौता के बाद गाँधीजी ने आंदोलन वापस ले लिया।
प्रभाव – (i) समाज के सभी वर्गों एवं बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी आंदोलन में भाग लिया।
(ii) बहिष्कार की नीति से ब्रिटिश सरकार के आर्थिक हितों को क्षति पहुँची।
(iii) भारत में संवैधानिक सुधारों की प्रक्रिया में तेजी आई।
6. चाय उत्पादन के प्रमुख भौगोलिक दशाओं का वर्णन करें। भारत के चाय उत्पादक क्षेत्रों का उल्लेख करें।.
उत्तर – चाय उत्पादन की प्रमुख भौगोलिक दशाएँ निम्नलिखित हैं।
(i) तापमान – चाय छायाप्रिय पौधा है। इसके लिए गर्मी के दिनों में तापमान 24°C से 30°C तक उपयुक्त है। इससे कम या अधिक तापमान से चाय की पत्तियों को हानि पहुँचती है।
(ii) वर्षा- चाय की खेती के लिए आर्द्र जलवायु उपयुक्त होती है। औसत वर्षा 150cm से 180 cm होनी चाहिए।
(iii) मिट्टी - चाय की उपज के लिए मुलायम बलुई मिट्टी, जिसमें सल्फर, जीवांश, पोटैश एवं फॉस्फोरस की मात्रा हो, उपयुक्त होती है। भूमि ढालुआँ होनी चाहिए ताकि पौधों की जड़ों में जलजमाव नहीं हो सके। अतः इसकी खेती के लिए पहाड़ी भूमि सर्वश्रेष्ठ होती है।
(iv) सस्ते श्रमिक – चाय की पत्तियों को चुनने, सुखाने एवं पैकिंग के लिए सस्ते एवं अधिक श्रमिकों की जरूरत पड़ती है। इसके लिए महिला श्रमिक ज्यादा उपयुक्त होती है।
भारत में चाय उत्पादक मुख्य राज्य तीन हैं – (i) असम (ii) पश्चिम बंगाल तथा (iii) तमिलनाडु ।
7. लोकतंत्र किन स्थितियों में सामाजिक विषमताओं को कम करने में मददगार होता है और सामंजस्य के वातावरण का निर्माण करता है ?
उत्तर :-लोकतंत्र में सामाजिक-आर्थिक विषमताएँ, जैसे ऊँच-नीच, गरीब-अमीर, स्त्री-पुरुष आदि मौजूद रहती हैं। इनके बावजूद लोकतंत्र व्यक्ति को बराबरी का अधिकार देता है, विकास का समान अवसर देता है। कमजोर वर्ग को विकास के लिए आरक्षण और विशेष सहायता एवं सुविधा देकर विषमता को कम करने की कोशिश करता है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देकर आपसी संवाद कायम करता है। ससे समाज में पारस्परिक विश्वास एवं सामंजस्य उत्पन्न होता है।
8. सूचना अधिकार आंदोलन के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
उत्तर-- सूचना का अधिकार आंदोलन के प्रमुख उद्देश्य हैं- - सरकार के क्रियाकलाप की जानकारी बाप्त करना, सरकार के क्रियाकलाप पर नियंत्रण रखना, सरकारी कर्मचारियों एवं सरकार के कार्यों का आर्वजनीकरण करना तथा सत्ता में भागीदारी करना ।
9. नगर निगम के मुख्य कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर - नगर निगम के निम्नांकित कार्य हैं- -
(i) नगर निगम क्षेत्र में पेशाबखानों, शौचालयों, आलियों आदि का निर्माण एवं देखभाल,
(ii) सफाई का प्रबंध,
(iii) पीने के पानी का प्रबंध,
(iv) पुलों, लियों, उद्यानों का निर्माण एवं सफाई,
(v) चिकित्सालयों का प्रबंध एवं छूआछूतवाली बीमारियों को रोकथाम,
(vi) प्राथमिक विद्यालयों, पुस्तकालयों, अजायबघरों की स्थापना एवं व्यवस्था,
(vii) ल्याण-केंद्रों, मातृ- केंद्रों, शिशु केंद्रों, वृद्धाश्रमों की स्थापना एवं प्रबंध
(viii) खतरनाक व्यापार की कथाम,
(ix) दुग्धशाला की स्थापना,
(x) आग बुझाना,
(xi) मनोरंजन का प्रबंध,
(xii) जन्म-मृत्यु बंधन,
(xiii) जनगणना,
(xiv) बाजारों का निर्माण,
(xv) नगर-बससेवा का प्रबंध,
(xvi) कब्रगाहों एवं श्मशानों की देखभाल,
(xvii) गृह उद्योगों एवं सरकारी भंडारों की स्थापना करना ।
10. साख क्या है ?
उत्तर - साख का संबंध विश्वास या भरोसा करने से है तथा इससे किसी व्यक्ति के ऋण लौटाने की क्षमता का बोध होता है।
11.अर्थव्यवस्था की संरचना से आप क्या समझते हैं? इन्हें कितने भागों में बाँटा गया है।
उत्तर- बैंक शब्द से हमारा अभिप्राय प्रायः व्यावसायिक बैंकों से ही होता है। व्यावसायिक बै निम्नलिखित कार्यों का निष्पादन करते हैं।
(i) जमा स्वीकार करना – लोगों की बचत को जमा के रूप में स्वीकार करना व्यावसायिक बैंक का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य है। व्यावसायिक बैंक प्रायः चार प्रकार के खातों में रकम जमा कर हैं — स्थायी जमा, चालू जमा, संचयी जमा तथा आवर्ती जमा । स्था एक निश्चित अवधि के लिए रकम जमा की जाती है। ऐसी जमा पर ब्याज की दर सबसे अधिक होती है। इसका कारण यह है कि बैंक इस धन को निःसंकोच किसी अन्य व्यक्ति को उधार देकर मुनाफा कमा सकता है। चालू जमा वे हैं जिनमें जमाकर्ता अपनी इच्छानुसार कभी भी रुपया जमा कर सकता है या निकाल सकता है। इन जमाओं पर बैंक प्रायः कुछ भी ब्याज नहीं देते या नाममात्र का ब्याज देते हैं। संचयी जमा मुख्यतः मध्यमवर्ग के लिए होती है तथा इसपर ब्याज की दर स्थायी जमा से कम रहती है। आवर्ती जमा में प्रतिमाह एक निश्चित रकम जमा के रूप में एक निश्चित अवधि जैसे 60 या 72 माह के लिए बैंक स्वीकार करते हैं तथा उसके बाद एक निश्चित रकम देते हैं।
(ii) कर्ज देना – यह व्यावसायिक बैंकों का दूसरा प्रमुख कार्य है। बैंक अपने ग्राहकों की रकम को जमा करते हैं तथा इस जमा रकम से उनलोगों को कर्ज देते हैं जिन्हें उद्योग या व्यवसाय आदि के लिए धन की आवश्यकता होती है।
(iii) एजेंसी-संबंधी कार्य – व्यावसायिक बैंक अपने ग्राहकों के एजेंट या प्रतिनिधि का कार्य भी करते हैं। वे उनके ब्याज, लाभांश आदि का भुगतान प्राप्त करते हैं, उनके आदेशानुसार प्रतिभूतियों, अंश-पत्रों आदि का क्रय-विक्रय करते हैं तथा उनकी ओर से भुगतान करते
(iv) सामान्य उपयोगिता संबंधी कार्य – उपर्युक्त कार्यों के अतिरिक्त व्यावसायिक बैंक कई अन्य कार्य भी करते हैं, जिन्हें सामान्य उपयोगिता संबंधी कार्य कहा जाता है।
12.अर्थव्यवस्था की संरचना से आप क्या समझते हैं? इन्हें कितने भागों में बाँटा गया है
उत्तर. बैंक शब्द से हमारा अभिप्राय प्रायः व्यावसायिक बैंकों से ही होता है। व्यावसायिक बै निम्नलिखित कार्यों का निष्पादन करते हैं।
(i) जमा स्वीकार करना – लोगों की बचत को जमा के रूप में स्वीकार करना व्यावसायिक बैंक - का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य है। व्यावसायिक बैंक प्रायः चार प्रकार के खातों में रकम जमा कर हैं — स्थायी जमा, चालू जमा, संचयी जमा तथा आवर्ती जमा स्थायी जमा में एक निश्चित अवधि के लिए रकम जमा की जाती है। ऐसी जमा पर ब्याज की दर सबसे अधिक होती है। इसका कारण यह है कि बैंक इस धन को निःसंकोच किसी अन्य व्यक्ति को उधार देकर मुनाफा कमा सकता है। चालू जमा वे हैं जिनमें जमाकर्ता अपनी इच्छानुसार कभी भी रुपया जमा कर सकता है या निकाल सकता है। इन जमाओं पर बैंक प्रायः कुछ भी ब्याज नहीं देते या नाममात्र का ब्याज देते हैं। संचयी जमा मुख्यतः मध्यमवर्ग के लिए होती है तथा इसपर ब्याज की दर स्थायी जमा से कम रहती है। आवर्ती जमा में प्रतिमाह एक निश्चित रकम जमा के रूप में एक निश्चित अवधि जैसे 60 या 72 माह के लिए बैंक स्वीकार करते हैं तथा उसके बाद एक निश्चित रकम देते हैं।
(ii) कर्ज देना – यह व्यावसायिक बैंकों का दूसरा प्रमुख कार्य है। बैंक अपने ग्राहकों की रकम को जमा करते हैं तथा इस जमा रकम से उनलोगों को कर्ज देते हैं जिन्हें उद्योग या व्यवसाय आदि के लिए धन की आवश्यकता होती है।
(iii) एजेंसी-संबंधी कार्य – व्यावसायिक बैंक अपने ग्राहकों के एजेंट या प्रतिनिधि का कार्य भी करते हैं। वे उनके ब्याज, लाभांश आदि का भुगतान प्राप्त करते हैं, उनके आदेशानुसार प्रतिभूतियों, अंश-पत्रों आदि का क्रय-विक्रय करते हैं तथा उनकी ओर से भुगतान भी करते
(iv) सामान्य उपयोगिता संबंधी कार्य – उपर्युक्त कार्यों के अतिरिक्त व्यावसायिक बैंक कई अन्य कार्य भी करते हैं,
क्लिक कीजिये -Previous Question Paper 2014 Social Science
13. भूकम्प एवं सुनामी के विनाशकारी प्रभाव से बचने के उपायों का वर्णन करें
उत्तर – पृथ्वी के भीतर होनेवाली हलचलों से पृथ्वी की सतह पर उत्पन्न कंपन को भूकंप कहा जाता है। भूकंप एवं सुनामी दोनों भयंकर प्राकृतिक आपदाएँ हैं। भूकंप से बचाव के निम्नांकित प्रमुख उपाय हैं।
(i) भूकंप नियंत्रण एवं मॉनिटरिंग केंद्रों की स्थापना करना ।
(ii) भूकंपरोधी मकानों के निर्माण पर जोर देना।
(iii) मजबूत पिलर देकर मकान छोटा एवं आयताकार बनाना।
(iv) सामुदायिक शिक्षा एवं संचार साधनों से लोगों को जागरूक बनाना।
सुनामी से बचने के निम्नांकित प्रमुख उपाय हैं।
(i) समुद्रतटों के किनारे मैंग्रोव वृक्ष लगाना ।
(ii) मकानों का निर्माण समुद्रतट से दूर ऊँचाई पर करना ।
(iii) उपग्रहों द्वारा प्राप्त चेतावनी पर ध्यान देना ।
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