प्रशन:::-- श्वसन की परिभाषा दें
उत्तर-श्वसन एक जैविक प्रक्रम है। इसमें ATP के रूप में ऊर्जा प्राप्त होती है। यह जैव क्रिया सभी जीवधारियों के लिए अति-आवश्यक है।
प्रशन::- श्वसन के दौरान गैसों के परिवहन में हीमोग्लोबिन की भूमिका समझाइए।
अथवा, ऑक्सीहीमोग्लोबिन क्या है?
उत्तर—लाल रक्त कणिकाएँ श्वसन क्रिया में शरीर के अन्दर ऑक्सीजन का संवहन करती है। इनके अन्दर हीमोग्लोबिन नामक एक प्रोटीन पाया जाता
है। यह फेफड़ों के वायु की 0, को अवशोषित करऑक्सी हीमोग्लोबिन बनाता है। यह ऑक्सी हीमोग्लोबिन रुधिर के माध्यम से भ्रमण करते हुए ऊतकों में जाता है एवं अपघटित होकर 0, मुक्त करता है जिसका उपयोग ऑक्सीकरण में किया जाता है।
प्रशन::- पचे हुए भोजन को अवशोषित करने के लिए क्षुद्रांत्र को कैसे अभिकल्पित किया गया है?
उत्तर-पचे हुए भोजन को आंत्र की भित्ति अवशोषित कर लेती है। क्षुद्रांत्र के आंतरिक स्तर पर अंगुली जैसे अनेक प्रवर्ध होते हैं, जिन्हें दीर्घ रोम (Ville) कहते हैं। ये अवशोषण के सतही क्षेत्रफल को बढ़ा देते हैं। इनमें रुधिर वाहिकाओं की अधिकता होती है जो भोजन को अवशोषित करके शरीर की प्रत्येक कोशिका तक पहुँचने का कार्य करते हैं। यहाँ इसका उपयोग ऊर्जा प्राप्त करने, नए ऊतकों का निर्माण तथा पुराने ऊतकों की मरम्मत के लिए किया जाता है।
प्रशन::- श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा स्थलीय जीव किस प्रकार लाभप्रद है?
उत्तर–जलीय जीव जल में घुली हुई ऑक्सीजन का श्वसन में उपयोग करते हैं। जल में घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से बहुत कम है। इसलिए जलीय जीवों के श्वसन की दर स्थलीय जीवों की
अपेक्षा अधिक तेज होती है। मछलियाँ अपने मुँह के द्वारा जल लेती हैं और बलपूर्वक इसे क्लोम तक पहुँचाती हैं। वहाँ जल में घुली हुई ऑक्सीजन को
रुधिर प्राप्त कर लेता है।
प्रशन:::- किण्वन क्या है? इसका समीकरण लिखें।
उत्तर किण्वन अवायवीय श्वसन है जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता इसमें ग्लूकोस का अपूर्ण दहन होता है।
CH1206→ 2C,HOH + 2C0, + 21 Kcal
प्रशन::-कायिक प्रवर्धन को परिभाषित करें।
उत्तर-पौधों के कायिक भाग जैस—जड़, तना तथा पत्तियों द्वारा जोbप्रजनन होता है। उसे कायिक प्रवर्धन कहते हैं।
प्रशन::-दीर्घरोम क्या है? इसके कार्य लिखें।
उत्तर—क्षुद्रांत के आन्तरिक स्तर पर अनेक अंगुलीनुमा प्रवर्ध होते हैं जिन्हें दीर्घरोम कहते हैं। वे अवशोषण का सतही क्षेत्रफल बढ़ा देते हैं। इसमें रूधिर वाहिकाएँ होती हैं जो भोजन को अवशोषित कर शरीर की प्रत्येक
कोशिका तक पहुँचा देती हैं।
Md.Nezamuddin Sir
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