पाठ 2. सूक्ष्मजीव मित्र एवं शत्रु
अध्याय-समीक्षा 👇👇 रट लो यार
👉 ऐसे जीव जिन्हें हम नंगी आँखों से नहीं देख सकते, जिन्हें यन्त्र से देखा जा सकता है, सुक्ष्म जीव कहलाते हैं ।
👉 सुक्ष्म जीवों को चार मुख्य वर्गों में बाँटा गया है :
(i) जीवाणु
(ii) कवक
(iii) प्रोटोजोवा
(iv) शैवाल
👉 विषाणु (वायरस) भी सूक्ष्म होते है परन्तु वे अन्य सूक्ष्मजीवों से भिन्न होते है क्योंकि वे केवल परपोषी में ही गुणन करते है और शरीर से बाहर एक निर्जीव प्राणी होते हैं अर्थात शरीर से बाहर निष्क्रिय होते है और शरीर में प्रवेश करते ही सक्रिय हो जाते है ।
👉 कुछ विषाणु जनित रोग जैसे- जुकाम, इन्फ्लुएंजा, एड्स एवं खांसी एड्स आदि ।
👉 वे सूक्ष्मजीव जो हमारे लिए लाभजनक होते है और जिनका उपयोग विभिन्न कार्यों में किया जाता है मित्रवत सूक्ष्मजीव कहलाते है ।
👉 ये हमारे दही, ब्रेड और केक बनाने में किया जाता है तथा प्राचीन कल से ही सुक्ष्म जीव का उपयोग अल्कोहल बनाने
किया जाता है ।
👉 कुछ सूक्ष्मजीव मृदा की उर्वरकता में वृद्धि करते है ।
लैक्टोबैसिलस जीवाणु, दूध को दही में परिवर्तित करने वाले जीवाणु हैं ।
👉 यीस्ट श्वशन के दौरान कार्बन-डाइऑक्साइड गैस गैस उत्पन्न करते है ।
👉 किण्वन एक प्रक्रिया है जिसमे फलों के रसों से अल्कोहल या शराब बनाई जाती है। इसमे यीस्ट प्राकृतिक शर्करा को निम्नीकरण कर अल्कोहल में परिवर्तित कर देते है
👉 ऐसी औषधि जो जीवाणुओं के वृद्धि को रोक देती है या उन्हें समूल नष्ट कर देती है, एंटीबायोटिक कहलाती है ।
पेनिसिलिन, स्ट्रेप्टोमाइसिन, टेट्रासाइक्लिन और इरिथ्रोमाइसिन आदि |
👉 सन 1929 में अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने पेनिसिलिन की खोज की ।
👉 शिशु एवं बच्चों के शरीर में प्रतिरक्षी उत्पन्न करके रोगकारक सूक्ष्मजीव को नष्ट करने के लिए टीका लगाया जाता है । हैजा, क्षय आदि बीमारियों को टीके द्वारा रोका जा सकता है ।
👉 सूक्ष्मजीवों द्वारा फैलने वाला रोग जो एक संक्रमित व्यक्ति में वायु, जल, भोजन या कायिक संपर्क द्वारा फैलते है
संचारनीय रोग कहलाते है । जैसे- हैजा, खांसी आदि ।
👉 पर्यावरण में मौजूद बड़ी मात्रा में सड़े पेड पौधे, मरे हुए जीव जो प्रदुषण फैलाते है और कई रोगों के कारण है ।
सूक्ष्मजीव मृत जैविक अपशिष्टों का अपघटन करके उन्हें सरल पदार्थों में परिवर्तित कर देते है |
👉 यह पदार्थ पुनः अन्य पौधों एवं जन्तुओ दुर्गंधुक्त पदार्थ सूक्ष्मजीवों द्वारा उपयोग किये जाते है |
👉 वायुमंडल में 78 प्रतिशत नाइट्रोजन गैस है ।
👉 संचरणीय रोग का मुख्य कारक घरेलू मख्खी है ।
👉 मलेरिया रोग का वाहक का मादा एनाफ्लिज मच्छर लिखिए ।
👉यीस्ट कोशिकाओं की वृद्धि के कारण ब्रेड या इडली फूलते है ।
👉डेंगू के वायरस का वाहक का मादा एडिस मच्छर हैं ।
Q नमक और खाद्य तेल जैसे रासायनिक पदार्थों का उपयोग 👉 सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रोकने के लिए एवं लम्बे समय तक
सुरक्षित रखने के लिए समान्य रूप से किया जाता है । अतः इन्हें परिरक्षक कहते है ।दूध को 70° C पर 15-30 सेकेंड के लिए गर्म करते है फिर एकाएक ठंडा कर उसे भण्डारण कर लेते है ऐसा
करने से सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रूक जाती है इस प्रक्रिया को पास्चरीकरण कहते है ।
प्रशन - क्या सूक्ष्मजीव बिना यंत्र की सहायता से देखे जा सकते हैं। यदि नहीं, तो वे कैसे देखे जा सकते हैं ?
उत्तरः सूक्ष्मजीव बीना यन्त्र की सहायता से देखे नहीं जा सकते है, इनकों देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी का उपयोग किया जाता है ।
प्रश्न - सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
(i) बैक्टीरिया
(ii) कवक या फंजाई
(iii) शैवाल
(iv) प्रोटोजोवा
प्रश्न -वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का मिट्टी में स्थिरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीवों के नाम लिखिए।
उत्तर: वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का मिट्टी में स्थिरीकरण करने वाले सूक्ष्मजीवों के नाम हैं:
(i) राइजोबियम
(ii) नील-हरे- शैवाल
प्रश्न - हमारे जीवन में उपयोगी सूक्ष्मजीवों के बारे में 10 पंक्तियाँ लिखिए ।
उत्तर: बहुत से ऐसे सूक्ष्मजीव है जो हमारे जीवन में हमारे लिए उपयोगी है
(i) लैक्टोबेसिलस एक ऐसा सूक्ष्मजीव है जो दूध से दही बनाने में उपयोगी है |
(ii) यीस्ट एक कवक प्रजाति का सूक्ष्मजीव है जिसका उपयोग ब्रेड एवं केक बनाने में किया जाता है ।
(iii) यीस्ट का उपयोग प्राचीन काल से ही एल्कोहल बनाने में किया जाता है ।
(iv) राइजोबियम नामक जीवाणु जो वायुमंडलीय नाइट्रोजन का मिट्टी में स्थिरीकरण करता है ।
(v) कार्बोनिक अपशिष्ट जैसे - सब्जियों के छिलके, मृत जंतुओं के अवशेष, विष्ठा आदि का अपघटन जीवाणुओं के द्वारा किया जाता है ।
(vi) जीवाणुओं का उपयोग औषधि उत्पादन एवं कृषि में मृदा की उर्वरता में वृद्धि करने में किया जाता है जिससे नाइट्रोजन स्थिरीकरण होता है।
(vii) स्ट्रेप्टोमाइसिन, टेट्रासाइक्लिन और एरिथ्रोमाइसिन सामान्य रूप से उपयोग की जाने वाली प्रतिजैविक हैं जिन्हें कवक एवं जीवाणु से उत्पादित किया जाता है।
(viii) पेनिसिलम नामक फफूंद से 'पेनिसिलिन नाम का एंटीबायोटिक बनाई जाती है ।
(ix) पशु आहार एवं वुफक्कुफट आहार में भी प्रतिजैविक मिलाए जाते हैं जिसका उपयोग पशुओं में सूक्ष्मजीवों का संचरण रोकना है।
(x) प्रतिजैविक का उपयोग कुछ पौधों के रोग नियंत्राण के लिए भी किया जाता है। वैक्सीन के माध्यम से कुछ सूक्ष्मजीवों को शरीर में प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के लिए किया जाता है जिससे पोलियो, क्षय चेचक तथा हेपेटाइटिस आदि का वैक्सीन (टिका) बनाया जाता है।
प्रश्न. सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाली हानियों का विवरण कीजिए
उत्तर: सूक्ष्म जीवों से होने वाली हानियाँ निम्नलिखित हैं
(i) कुछ सूक्ष्मजीव मनुष्य, जंतुओं एवं पौधों में रोग उत्पन्न करते हैं।
(ii) कुछ सूक्ष्मजीव भोजन, कपड़े एवं चमड़े की वस्तुओं को संदूषित कर देते हैं।
(iii) संक्रमण होने पर ये सूक्ष्मजीव तेजी से फैलते हैं और दुसरे मनुष्य या जीवों में भी रोग पैदा करते हैं ।
(iv) मादा एनाफ्लीज और एडिस मच्छर कुछ परजीवी जैसे प्लैजमोडियम एवं डेंगू के वायरस का वाहक है । इन जीवों से
मलेरिया एवं डेंगू हो जाता है |
(v) एंथ्रेक्स, मनुष्य एवं मवेशियों में होने वाला भयानक रोग है जो जीवाणु द्वारा होता है। गाय में खुर एवं मुँह का रोग
वायरस द्वारा होता है।
(vi) अनेक सूक्ष्मजीव गेहूँ, चावल, आलू, गन्ना, संतरा, सेब इत्यादि पौधों में रोग के कारक हैं। रोग के कारण फसल की
उपज में कमी आ जाती है।
(vii) हमारे भोजन में उत्पन्न होने वाले सूक्ष्मजीव कभी-कभी विषैले पदार्थ उत्पन्न करते हैं। यह भोजन को विषाक्त बना देते हैं |
प्रश्न - प्रतिजैविक क्या हैं? प्रतिजैविक लेते समय कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर: ऐसी औषधियाँ जो बीमारी पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट आकर देती है या उनकी वृद्धि को रोक देती है ।
प्रतिजैविक या एंटीबायोटिक कहलाती है । प्रतिजैविक दवाइयाँ डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए और उनका कोर्स पूरा भी करना चाहिए, अन्यथा अगली बार आवश्यकता पड़ने पर प्रतिजैविक दवाइयाँ उतनी असरदार नहीं होंगी ।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर 👇👇
प्रश्नः सुक्ष्म जीव किसे कहते हैं ?
उत्तर : ऐसे जीव जिन्हें हम नंगी आँखों से नहीं देख सकते, जिन्हें यन्त्र से देखा जा सकता है, सुक्ष्म जीव कहलाते हैं |
प्रश्नः सुक्ष्म जीवों को कितने वर्गों में बाँटा गया है ?
उत्तर: सुक्ष्म जीवों को चार मुख्य वर्गों में बाँटा गया है ।
1. जीवाणु
2. कवक
3. प्रोटोजोवा
4. शैवाल
प्रश्नः विषाणु (वायरस) क्या होते है ? विषाणु से होने वाले कुछ सामान्य रोगों के नाम बताईये |
उत्तर: विषाणु (वायरस) भी सूक्ष्म होते है परन्तु वे अन्य सूक्ष्मजीवों से भिन्न होते है क्योंकि वे केवल परपोषी में ही गुणन करते है और शरीर से बाहर एक निर्जीव प्राणी होते हैं अर्थात शरीर से बाहर निष्क्रिय होते है और शरीर में प्रवेश करते ही सक्रिय हो जाते है | कुछ विषाणु जनित रोग जैसे- जुकाम, इन्फ्लुएंजा, एड्स एवं खांसी एड्स आदि ।
प्रश्न: मित्रवत सूक्ष्म जीव क्या होते है ? ये हमारे लिए क्यों उपयोगी हैं ?
उत्तर: वे सूक्ष्मजीव जो हमारे लिए लाभजनक होते है और जिनका उपयोग विभिन्न कार्यों में किया जाता है मित्रवत सूक्ष्मजीव कहलाते है | ये हमारे दही, ब्रेड और केक बनाने में किया जाता है तथा प्राचीन कल से ही सुक्ष्म जीव का उपयोग अल्कोहल बनाने किया जाता है | कुछ सूक्ष्मजीव मृदा की उर्वरकता में वृद्धि करते है ।
प्रश्न: दूध को दही में परिवर्तित करने वाले जीवाणु का नाम बताईये |
उत्तर: लैक्टोबैसिलस जीवाणु |
प्रश्न: यीस्ट श्वशन के दौरान कौन सा गैस उत्पन्न करते है
उत्तर: कार्बन-डाइऑक्साइड गैस ।
प्रश्नः उस प्रक्रिया का नाम बताईये जिसमे फलों के रसों से अल्कोहल या शराब बनाई जाती है ?
उत्तर: किण्वन प्रक्रिया |
प्रश्नः किण्वन क्या है ?
उत्तर: किण्वन एक प्रक्रिया है जिसमे फलों के रसों से अल्कोहल या शराब बनाई जाती है । इसमे यीस्ट प्राकृतिक शर्करा को निम्नीकरण कर अल्कोहल में परिवर्तित कर देते है
प्रश्नः एंटीबायोटिक क्या है ?
उत्तर: ऐसी औषधि जो जीवाणुओं के वृद्धि को रोक देती है या उन्हें समूल नष्ट कर देती है, एंटीबायोटिक कहलाती है ।
प्रश्नः जीवाणुओं और कवकों से उत्पादित होने वाले प्रतिजैविक औषधियों का नाम लिखिए ।
उत्तर: पेनिसिलिन, स्ट्रेप्टोमाइसिन, टेट्रासाइक्लिन और इरिथ्रोमाइसिन आदि |
प्रश्न: पेनिसिलिन की खोज किसने और कब की ?
उत्तर: सन 1929 में अलैक्जेंडर फ्लेमिंग ने पेनिसिलिन की खोज की |
प्रश्नः शिशु एवं बच्चों को टीका क्यों लगाया जाता है ?
उत्तरः शिशु एवं बच्चों के शरीर में प्रतिरक्षी उत्पन्न करके रोगकारक सूक्ष्मजीव को नष्ट करने के लिए टीका लगाया जाता है ।
हैजा, क्षय आदि बीमारियों को टीके द्वारा रोका जा सकता है
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