20 फीसदी बढ़ जाता है असमय मौत का खतरा
वाशिंगटन। वायु प्रदूषण के कारण समय से पहले मौत का जोखिम 20 और हृदय रोग से मृत्यु का जोखिम 17 बढ़ जाता है। ‘पीएलओएस वन’ पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और धूम्रपान के साथ प्रदूषण जैसे कारक दिल के दौरे से मौत की आशंका को बढ़ा देते हैं
नई दिल्ली, एजेंसियां। वायु प्रदूषण फेफड़ों और ह्दय के साथ मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचा रहा है। हवा में मौजूद अति सूक्ष्म कण फेफड़ों में प्रवेश करने के बाद वहां से रक्त धमनियों में पहुंच जाते हैं। मस्तिष्क संक्रमित होने से कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं।
इंग्लैंड के बर्मिंघम विश्वविद्यालय के पर्यावरण नैनोसाइंटिस्ट ने मनुष्यों और चूहों पर किए गए अध्ययन के बाद यह दावा किया है। अध्ययन के अनुसार, एक बार जब ये जहरीले तत्व तंत्रिका तंत्र के ऊतकों में संक्रमित होकर पहुंच जाते हैं तो इन्हें प्रतिरक्षा प्रणाली से साफ करना बेहद मुश्किल होता है। सूक्ष्म कण मस्तिष्क में आने के बाद शरीर के किसी अन्य अंग की तुलना में लंबे समय तक बने रह सकते हैं। तंत्रिका तंत्र में सूजन, अल्जाइमर जैसे रोग, ज्ञान संबंधी तंत्र में गिरावट की बड़ी वजह वायु प्रदूषण मानी जा रही है।
अध्ययनकर्ता नैनोसाइंटिस्ट इसेल्ट लिंच बताते हैं कि यह अध्ययन कणों के सांस के साथ अंदर जाने और बाद में उनके शरीर के विभिन्न हिस्सों में घूमने के बीच की कड़ी पर नई रोशनी डालता है। पहली बार सामने आया है कि मस्तिष्क की रखवाली करने वाले तत्व ही वायु प्रदूषकों को उसके अंदर पहुंचा देते हैं। जहरीली हवा कई तरह से हमारे मस्तिष्क को धोने वाले तरल पदार्थ को संक्रमित कर रही हैं।
मिट्टी तेल से भी नुकसान
खाना पकाने,घर को गर्म करने के लिए लकड़ी या मिट्टी तेल से जलने वाले स्टोव का उपयोग से भी असमय मौत का खतरा 23 बढ़ जाता है।
चूहों पर परीक्षण में इन प्रदूषित कणों से ‘रक्त मस्तिष्क मेड़’ की संरचना क्षतिग्रस्त मिली, लगभग 20 प्रतिशत अधिक रिसाव हुई
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