वास्तविक संख्या से संबंधित संपूर्ण जानकारी एवं परिभाषा

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वास्तविक संख्या से संबंधित संपूर्ण जानकारी एवं परिभाषा


वास्तविक संख्या किसे कहते हैं?
वास्तविक संख्या
परिमेय और अपरिमेय संख्याओं के समूह को वास्तविक संख्या कहते है। तथा वास्तविक
संख्याओं को R से सूचित किया जाता है। अथवा,
दुसरे शब्दों में हम कह सकते है की वैसी संख्या जिसका वर्ग(Square) हमेसा एक धनात्मक
संख्या हो उसे हम वास्तविक संख्या कहते है, इसे हम निचे दिये गए उदहारण के साथ समझते है-
उदाहरण: 2/3, 4.5, 9, 5.6, 5√3, 75√3 इत्यादि वास्तविक संख्याओ के उदहारण है,
 लेकिन 1-3 एक वास्तविक संख्याओ के उदहारण नहीं है!
इसे अगर आसान भाषा में समझा जाए तो इनमें से यदि कोई भी संख्या होती है तो उसको
वास्तविक संख्या कहा जाता है।
👉वास्तविक संख्या के प्रकार कितने है?
वास्तविक संख्या के मुख्य दो प्रकार होते हैं।
1. धणात्मक संख्या
2. ऋणात्मक संख्या
👉1 • धणात्मक संख्या
वास्तविक संख्या प्रणाली में, धनात्मक संख्याएँ शून्य से बड़ी संख्याएँ होती हैं। उनका मान धनात्मक मान होता है।
उदाहरण: 1, 2, 55, 1596, 7/12.......
• 👉2• ऋणात्मक संख्या
वास्तविक संख्या प्रणाली में, ऋणात्मक संख्याएँ वे संख्याएँ होती हैं जो शून्य से कम होती हैं।
ऋणात्मक संख्याओं के आगे ऋणात्मक चिह्न होता है।
| उदाहरण: - 20, 3, -66, -7/12...
* वास्तविक संख्या के वर्गीकरण
वास्तविक संख्याओं के 5 वर्गीकरण हैं:
1. परिमेय संख्या
2. अपरिमेय संख्या
3. पूर्णांक संख्या
4. पूर्ण संख्या
5. प्राकृतिक संख्या
👉1• परिमेय संख्या
गणित में परिमेय संख्याएँ एक प्रकार की वास्तविक संख्याएँ होती हैं। यह x/y रूप में होती है और यहाँ y शून्य के बराबर नहीं है। कोई भी भिन्न जिसमें भाजक के रूप में शून्य नहीं है, एक परिमेय संख्या है।
उदाहरण: 2/4, 5/10, 1/4, 1/2....
👉2• अपरिमेय संख्या
गणित में अपरिमेय संख्याएँ वास्तविक संख्याओं का समुच्चय होती हैं जिन्हें अनुपात या अंशों के
रूप में व्यक्त नहीं किया जाता है।
उदाहरण: √2, √6 √3, √28, √11.........
👉3•पूर्णांक संख्या
एक पूर्णांक कोई भी संख्या है जो या तो शून्य है, या सकारात्मक संख्या या ऋणात्मक संख्या है।
यह कभी भी अंश, दशमलव या प्रतिशत नहीं होता है।
उदाहरण: -3, 1, 0, 3, 7, ....
👉4·पूर्ण संख्या
यह वास्तविक संख्याओं का एक भाग है जिसमें दशमलव, भिन्न या ऋणात्मक संख्याएँ शामिल
नहीं होती हैं। यह धनात्मक पूर्णांकों और शून्य का संग्रह है।
उदाहरण: 0, 1, 8, 46, 176....
👉5·प्राकृतिक संख्या
यह एक वास्तविक संख्या के भाग हैं जो 1 से शुरू होने वाले और अनंत के साथ समाप्त होने वाले सभी सकारात्मक पूर्णांकों को शामिल करता हैं। इन संख्याओं में शून्य, भिन्न, दशमलव या ऋणात्मक मान शामिल नहीं हैं।
उदाहरण: 1, 2, 3, 4, 5, 6,....
👉 वास्तविक संख्या के बारे में महत्वपूर्ण बातें
सम्मिश्र संख्या के अतिरिक्त प्रत्येक संख्या एक वास्तविक संख्या होती है। पूर्ण संख्याएँ, प्राकृत संख्याएँ, पूर्णांक संख्याएँ, परिमेय संख्याएँ, अपरिमेय संख्याएँ सभी
वास्तविक संख्याएँ हैं ।
👉·संवृत गुणधर्म - जब दो वास्तविक संख्याओं को जोड़ा या गुणा किया जाता है तो परिणाम वास्तविक संख्या होता है  उदाहरण: 6 + 3 = 9
👉• क्रमविनिमेय गुणधर्म - जब दो वास्तविक संख्याओं को किसी क्रम में जोड़ा या गुणा किया जाता है तो परिणाम अपरिवर्तित रहता है। उदाहरण: 2 + 1 = 1 + 2
👉• साहचर्य गुणधर्म संख्याओं को बढ़ते, घटते या किसी भी क्रम में लिखकर उन्हें जोड़ने या गुणा करने पर, प्राप्त उत्तर बराबर रहेगा। उदाहरण: 3 × ( 2 × 7 ) = 7 × (2 × 3 )
👉 वास्तविक संख्याओं का वितरण गुण - बड़े आकंड़ो वाले पूर्ण संख्या के प्रश्नों को योग और गुणन का प्रयोग करके सरल किया जाता है। इस तरह से हल करने पर प्रश्न जल्दी और आसानी से हल हो जाते है। 
उदाहरण: 6x34 को ऐसे भी लिख सकते हैं - [6 × ( 30 + 4 ) = ( 6 × 30) + (6 × 4) = 204]
👉 HCF और LCM के सूत्र
•ल.स. = (पहली संख्या x दूसरी संख्या) = HCF
•ल.स × म.स. = पहली संख्या × दूसरी संख्या
• पहली संख्या = (LCM × HCF) = दूसरी संख्या
•म.स. = (पहली संख्या × दूसरी संख्या) LCM
• दूसरी संख्या = (LCM × HCF) + पहली संख्या
👉• युक्लिड विभाज प्रमेयिका
दो धनात्मक पूर्णांक a और b दिए हो, तो ऐसी अद्वितीय पूर्ण संख्याएँ q और विधमान होंगे कि
a = bq + r हो. जहाँ 0 ≤ r < b है.
            Divisibility Rules (विभाज्यता के नियम )
 विभाज्यता के नियम उन विधियों को कहा जाता हैं जिनसे पता चलता है कि कोई संख्या किसी अन्य संख्या से पूरी तरह विभाजित हो सकती है या नहीं 
👉 2 से विभाज्यता का नियमः प्रत्येक सम संख्या 2 से विभाजित हो जाती है। अन्य शब्दों में, जिस संख्या का इकाई का अंक 0, 2, 4, 6 या 8 हो, वह संख्या 2 से विभाजित हो जाती है।
जैसे: 154, 6516, 827720, 1000
👉3 से विभाज्यता का नियम: जिस संख्या के सभी अंकों का योग 3 से विभाजित हो जाता है,वह संख्या 3 से विभाजित हो जाती है।
जैसे: 65175 => 6+5+1+7+5=24
अंकों का योग 24 है और 24 विभाजित है 3 से, इसलिए 65175 विभाजित है 3 से।
👉4 से विभाज्यता का नियम: जिस संख्या के इकाई और दहाई के अंकों से बनी संख्या 4 से विभाजित हो जाती है, वह संख्या 4 से विभाजित हो जाती है।
जैसे: 772724, 7266260, 722612
👉• जिस संख्या के इकाई और दहाई के अंक शून्य हो, वह संख्या भी 4 से विभाजित हो जाती है।
जैसे: 6161600, 72616000
दो अंकों की संख्या 56, सात से विभाजित है, अतः 9548 भी 7 से विभाजित है।
👉5 से विभाज्यता का नियम: जिस संख्या का इकाई का अंक 0 या 5 हो, वह संख्या 5 से विभाजित हो जाती है।
| जैसे: 626260, 71625
👉6 से विभाज्यता का नियमः जो संख्या 2 और 3 दोनों से विभाजित हो, वह संख्या 6 भी विभाजित हो जाती है।
| जैसे: 65252, 98016
👉7 से विभाज्यता का नियम : यदि दी गई संख्या के अंक का दोगुना बाकी संख्या (इकाई का अंक छोड़कर) से घटाने पर प्राप्त संख्या 7 से विभाजित है, तो पूरी संख्या 7 से विभाजित हो जाएगी।
जैसे: 343 में इकाई का अंक 3 है।



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