प्रशन - आहार-जाल क्या है या आहार श्रृंखला ? सोदाहरण वर्णन करें।
उत्तर - पारिस्थितिक तंत्र में सामान्यतः एक साथ कई आहार शृंखलाएँ पाई जाती हैं। ये आहार शृंखलाएँ हमेशा सीधी न होकर एक-दूसरे से आड़े-तिरछे जुड़कर एक जाल-सा बनाती हैं। आहार शृंखलाओं के इस जाल को आहार-जाल कहते हैं। ऐसा इसलिए होता है
कि पारिस्थितिक तंत्र का एक उपभोक्ता एक से अधिक भोजन स्रोत का उपयोग करता है,
जैसे एक घास के मैदान के पारिस्थितिक तंत्र में पाए जानेवाले जीवों की कड़ियाँ घास और अन्य पौधे, मेढ़क, कीट, सर्प, गिरगिट, बाज, तथा खरगोश हैं। बाज पक्षी घास खानेवाले कीटों को भी खा सकता है और साथ-साथ पक्षी कीटों को खानेवाले मेढ़क या गिरगिट को भी खाता है। इसका परिणाम यह होता है कि ऐसी सारी आहार श्रृंखलाएँ एक-दूसरे से जाल की तरह जुड़ी हुई रहती हैं। आपस में जुड़ी हुई ऐसी आहार शृंखलाएँ आहार-जाल का निर्माण करती हैं।
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