प्रार्थना:
तू ही राम है, तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा।
तेरी जात-ए-पाक कुरान में,
तेरा दर्श वेद पुराण में,
गुरु ग्रंथ जी के बखान में,
तू प्रकाश अपना दिखा रहा।
तू ही राम है, तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा।
अरदास है, कहीं कीर्तन,
कहीं राम धुन, कहीं आवाहन,
विधि भेद का है ये सब रचन,
तेरा भक्त तुझको बुला रहा।
तू ही राम है, तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा।
आज का विचार:
"बड़ी सोच और मेहनत से बड़े सपने सच होते हैं।"
– डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
शब्द ज्ञान:
1. फुहारा: Fountain
2. गिलास: Glass
3. अलमारी: Cupboard
4. पटरी: Ruler
5. पुस्तकालय: Library
सामान्य ज्ञान:
प्रश्न 1: संविधान सभा की पहली बैठक कब हुई थी?
उत्तर: 9 दिसंबर 1946
प्रश्न 2: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर: 8 मार्च
प्रश्न 3: भारत में पंचायती राज प्रणाली कब लागू की गई थी?
उत्तर: 2 अक्टूबर 1959
प्रश्न 4: भारत का सबसे बड़ा राज्य क्षेत्रफल के अनुसार कौन सा है?
उत्तर: राजस्थान
प्रश्न 5: ऑस्कर पुरस्कार की शुरुआत किस वर्ष हुई थी?
उत्तर: 1929
तर्क ज्ञान:
प्रश्न: Bird : Fly :: Fish : ?
उत्तर: Swim
प्रश्न: 4 : 16 :: 5 : ?
उत्तर: 25
प्रेरक कहानी: असली ताकत
एक बार एक संत के पास एक युवक आया और बोला, "मुझे दूसरों से हमेशा हार क्यों मिलती है?" संत मुस्कुराए और उसे जंगल ले गए। वहां उन्होंने एक पत्थर दिखाया और कहा, "इसे उठाकर तोड़ो।" युवक ने कई बार कोशिश की लेकिन पत्थर नहीं टूटा।
संत ने कहा, "अब पानी डालो।" युवक ने पानी डाला, और पत्थर धीरे-धीरे टूटने लगा। तब संत बोले, "ताकत केवल बल में नहीं, बल्कि सही समय और सही तरीके से किए गए प्रयास में होती है।"
शिक्षा:
धैर्य और सही दृष्टिकोण से कठिन से कठिन समस्या हल की जा सकती है।
हम, भारत के लोग,
भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को:
सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।
राष्ट्रगान:
जन गण मन अधिनायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता।
पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा,
द्रविड़, उत्कल, बंग।
विध्य, हिमाचल, यमुना, गंगा,
उच्छल जलधि तरंग।
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशीष मांगे।
गाहे तव जय गाथा।
जन गण मंगलदायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता।
जय है, जय है, जय है..
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