1. आहार नियोजन को परिभाषित करें ।
आहार नियोजन का अर्थ आहार की ऐसी योजना बनाने से है जिससे सभी पोषक तत्व उचित तथा संतुलित मात्रा में प्राप्त हो सकें । आहार की योजना बनाते समय खाने वाले व्यक्ति की संतुष्टि के साथ-साथ उसके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए
अर्थात नियोजन वह प्रक्रिया है जिसमें पोषण संबंधी सिद्धान्तों को ध्यान में रखते हुए यह निश्चित किया जाता है कि प्रतिदिन प्रत्येक आहार में हमें क्या खाना चाहिए ।
2.साबुन बनाने में प्रयुक्त होने वाली दो मुख्य सामग्रियों के नाम लिखें ।
साबुन में प्रयुक्त होनेवाली दो सामग्रियाँ निम्नलिखित हैं:
(i) कास्टिक सोडा तथा (ii) नारियल तेल
3. बच्चों की वैकल्पिक देख-रेख की परिभाषा लिखें ।
बच्चे की वृद्धि एवं विकास के लिए उसकी उचित देखरेख होना आवश्यक है। बच्चे की देखभाल करने का पूर्ण दायित्व उसके माता-पिता पर होता है किंतु आवश्यकता पड़ने पर वे किसी न किसी प्रकार समायोजन करके वैकल्पिक व्यवस्था के सर्वोत्तम विकल्प का चुनाव करते हैं। वैकल्पिक देखरेख से अभिप्राय है कि माता-पिता की अनुपस्थिति में बच्चे की उचित देखभाल के लिए विकल्प का चुनाव करना । जैसे परिवार एवं भाई-बहन, दादा-दादी या नाना-नानी, पड़ोसी, आया आदि । 2
4.जीवन रक्षक घोल क्या है ?
जीवन रक्षक घोल (ORS) सूखे नमक का विशेष मिश्रण है जो पानी के साथ उचित रूप से मिलाने पर अतिसार में विकसित अत्यधिक जल की कमी को पूरा करने में सहायता करता है । बहुत अधिक निर्जलीकरण के कारण उस घोल को रोगी को दिया जाता है
5. पारिवारिक जीवन-चक्र की विभिन्न अवस्थाओं को लिखें ।
पारिवारिक जीवन चक्र की विभिन्न अवस्थाएँ निम्नलिखित हैं:
(i) गर्भावस्था (ii) शैशवावस्था पारिवारिक जीवन चक्र इन्हीं (iii) बाल्यावस्था (iv) किशोरावस्था (v) प्रौढ़ावस्था अवस्थाओं से गुजरकर अनवरत जारी रहता है ।
6. मील- पत्थर का क्या महत्व है ?
मील पत्थर बालक के वृद्धि तथा विकास में विराम चिह्नों का कार्य करते हैं। शारीरिक विकास के मील पत्थर सिर से पंजे की ओर अग्रसर होते हैं। अतः बालक पहले अपने सिर पर नियंत्रण रखना सीखता है। शरीर, भुजाओं तथा टाँगों पर नियंत्रण रखना सीखते हैं। ये मील पत्थर माता-पिता को चिकित्सा संबंधी राय बताने के लिए एक मार्ग दर्शन प्रदान करते हैं ।
7. विज्ञापन के निम्नलिखित लाभ हैं
(i) जनता को तत्काल सूचना, (ii) सुगम ध्यानाकर्षण, (iii) कम लागत, (iv) स्थानीय फूटकर व्यापारियों को लाभ, (v) आकार में सुगम परिवर्तन, (vi) पाठकों की रूचि, (vii) उचित वस्तु का ज्ञान
8.स्तनपान त्याजन क्या है ?
स्तनपान त्याजन (weaning) का अर्थ बच्चे को माता के दूध के अतिरिक्त अन्य भोज्य पदार्थों से परिचित करना । शिशु माता के दूध पर पूर्णतया निर्भर रहता है। उस अवस्था में उसे अन्य ठोस तथा अर्द्ध ठोस एवं पाचक भोज्य पदार्थ खिलाये जाते हैं जिससे धीरे-धीरे वह माता का दूध पीना कम कर देता है।
9. बालवाड़ी के चार कार्यों को लिखें ।
बालबाड़ी के चार कार्य निम्नलिखित हैं
(i) उनमें बच्चे चित्रका करना सीखते हैं ।
(ii) बच्चे एक दूसरे को वस्तुएँ देना व सम्पर्क स्थापित करना सीखते हैं ।
(iii) उन स्थानों का वातावरण बच्चों में भाषा का विकास करता है ।
(iv) इनमें बच्चे विभिन्न आकृतियों व रंगों को पहचानना सीखते हैं ।
10. पारिवारिक आय क्या है ?
सदस्यों की सम्मिलित आय को पारिवारिक आय कहते हैं। प्रत्येक परिवार की आर्थिक व्यवस्था के दो केन्द्र होते हैं- आय तथा व्यय । धन का व्यवस्थापन करते समय परिवार की आय व्यय में संतुलन स्थापित करते हुए धन का प्रयोग इस प्रकार होना चाहिए जिससे परिवार को अधिकतम सुख एवं समृद्धि प्राप्त हो सके । पारिवारिक आय में वेतन, मजदूरी, ग्रेच्युटी, पेंशन, व्याज व लाभांश, किराया, भविष्य निधि आदि सभी को सम्मिलित किया जाता है ।
ग्रॉस और क्रैण्टल के अनुसार "पारिवारिक आय मुद्रा, वस्तुओं सेवाओं तथा संतोष का वह प्रवाह है जिसे परिवार के अधिकार से उसकी आवश्यकताओं एवं इच्छाओं को पूरा करने एवं उत्तरदायित्वों के निर्वाह के लिए प्रयोग किया जाता है।
11. बचत के चार लाभ लिखें ।
बचत के चार लाभ निम्नलिखित हैं :
(i) बचत परिवार को आर्थिक रूप से अधिक आत्मविश्वासी तथा भविष्य का सामना करने योग्य बनाती है।
(ii) बचत भविष्य में निवेश का मार्ग प्रशस्त करती है ।
(iii) बचत अधिक धन प्राप्त करने में सहायक होता है ।
(iv) बचत आय तथा व्यय के बीच संतुलन लाने में सहायता करती है ।
12.भोजन रूपान्तरण से आप क्या समझती हैं ?
शारीरिक स्थिति तथा अवस्था के अनुसार आहार में परिवर्तन लाया जाता है। आहार दैनिक आवश्यकताओं के अनुसार खाये गए भोजन की कुल मात्रा को कहते हैं । विशेष अवस्था तथा विशेष परिस्थिति में भोजन में परिवर्तन किया जाता है । रूग्नावस्था या विशेष स्वास्थ्य अवस्थाओं में मूल आहार में परिवर्तन लाकर उस अवस्था या स्थिति की आवश्यकताओं को पूरा करने को भोजन रूपान्तरण कहते हैं ।
आहार परिवर्तन दो प्रकार के होते हैं :
(i) मात्रा में परिवर्तन
(ii) आहार की गुणवत्ता में परिवर्तन । दीर्घ उत्तरीय
प्रश्न 13. वस्त्र से धब्बा छुड़ाते समय आप किन-किन सावधानियों को ध्यान में रखेंगी ? वर्णन करें ।
वस्त्र से धब्बा छुड़ाते समय निम्नलिखित सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए ।
(i) जहाँ तक हो सके धब्बे तभी छुड़ा लेने चाहिए जब वे कपड़ों पर पड़ गये हों। ताजे ध ब्बे सरलता से छूट जाते हैं ।
(ii) धब्बों को छुड़ाने के लिए प्रतिकर्मकों के हल्के घोल का ही प्रयोग करना चाहिए ।
(iii) धब्बों को उनकी आकृति के अनुरूप उपयुक्त विधि द्वारा ही छुड़ाना चाहिए अन्यथा कपड़ों के तन्तुओं पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है ।
(iv) प्रतिकर्मकों को धब्बे पर तब तक लगाकर रखना चाहिए जब तक धब्बा छूट न जाय । ध ब्बे के छूटते ही साबुन तथा पानी से धो देना चाहिए ।वस्त्रों का धब्बा छुड़ाते समय विशेष सावधानी रखने की जरूरत होती है वस्त्रों के कच्चे तथा पक्के रंग का ध्यान रखना चाहिए ।
(v) रंगीन
(vi) ज्वलनशील रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करते समय आग के बचाव की विशेष सावधानी रखनी चाहिए ।
(vii) जहाँ तक संभव हो धब्बे छुड़ाने हेतु सुरक्षित विधि का ही प्रयोग करना चाहिए । ब्लीचिंग बहुत तीव्र विधि है उससे कपड़ा कमजोर हो जाता है। उसका प्रयोग तभी करना चाहिए जब अन्य विधि से धब्बा नहीं छूटे ।
14. 14. आपके रसोईघर में भोजन स्वच्छता का क्या महत्व है ? वर्णन करें ।
रसोईघर वह स्थान है जहाँ पर भोजन बनाया जाता है । अतः उनकी स्वच्छता का विशेष महत्व .
(i) रसोईघर सदा प्रकाशमय व हवादार होना चाहिए । यदि रसोई घर में कुछ घंटे सूर्य की रोशनी
(1) लेबल: लेबल द्वारा उपभोक्ता को इस बात का पता चलता है कि बंद पात्र के अंदर कौन सी वस्तुएँ हैं और यह कितनी उपयोगी है।
भारतीय मानक ब्योरो ने अच्छे लेबल के निम्नलिखित गुण निर्धारित किए हैं: (i) पदार्थ का नाम (ii) ब्राण्ड का नाम (iii) पदार्थ का भार (iv) पदार्थ का मूल्य (v) उक्त पदार्थ को बनाने में प्रयोग किए गए खाद्य पदार्थों की सूची (vi) बैच नं० या कोड न० (vii) निर्माता का नाम व पता, स्तर नियंत्रक संस्थान का नाम आदि ।
(2) प्रमाणन स्तर प्रमाणन चिह्न हमें किसे वस्तु के स्तर के विषय में जानकारी देते हैं। जब उपभोक्ता किसी भी वस्तु को खरीदता है तो उसका स्तर वैसा ही मिलता है उसकी कहीं भी जाँच की जा सकती है। मानकीकरण का कार्य वस्तुओं की संरचना, उसके सम्पूर्ण विश्लेषण तथा सर्वेक्षण के आधार पर किया जाता है।
(3) विज्ञापन: विज्ञापन द्वारा उपभोक्ता अनेक पदार्थों एवं सेवाओं के बारे में ज्ञान प्राप्त करता है । टेलीविजन, रेडियो, पत्रिकाओं, समाचार पत्रों आदि में विज्ञापन देखकर वस्तु के बारे में उपभोक्ता ज्ञान प्राप्त कर सकता है। विज्ञापन द्वारा वह अनेक सेवाओं के विषय में जानकारी रखता है । इस प्रकार हम कह सकते हैं कि उपभोक्ता शिक्षा के अनेक लाभ हैं जिसका वह समय पर उपयोग कर सकता है। उपभोक्ता शिक्षा के कारण आज जागरूकता बढ़ी है। लोग अपने हितों को लेकर सचेत हैं
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