Bihar board Class 10th physics chapter 13 विद्युत-धारा का चुंबकीय प्रभाव बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं के प्रश्न उत्तर सबसे महत्वपूर्ण नोट्स Physics के दिए गए हैं जीरो से हीरो बनना है तो इसे जरूर पढ़ें

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विद्युत-धारा का चुंबकीय प्रभाव

1. (a) चुंबकीय पदार्थ किसे कहते हैं?
(b) विद्युत-धारा के चुंबकीय प्रभाव की खोज सबसे पहले किस वैज्ञानिक ने की थी ? 
(a) वैसे पदार्थ जिन्हें चुंबक आकर्षित या विकर्षित करता है, अथवा जिनसे कृत्रिम चुंबक बनाए जा सकते हैं, चुंबकीय पदार्थ कहे जाते हैं। 
(b) ऑस्र्टेड ने उत्तर—

2. (a) मैक्सवेल के दक्षिण-हस्त नियम के अनुसार, यदि दाएँ हाथ की मुट्ठी का अँगूठा धारा की दिशा में हो, तो हाथ की अन्य अँगुलियाँ किसकी दिशा को व्यक्त करती हैं?
(b) गॉस (G) एवं टेसला (T) दोनों चुंबकीय क्षेत्र के मात्रक हैं। इनमें क्या संबंध है ? 
(a) चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को उत्तर-
(b) 1T = 104 G.

3. सीधे तार की धारा एवं इसके चुंबकीय क्षेत्र को प्रदर्शित करें। दाहिने अँगूठे के नियम को लिखें।
चित्रानुसार, यदि धारावाही तार को दाएँ हाथ की मुठ्ठी में इस प्रकार पकड़ा जाए कि अँगूठा धारा की दिशा की ओर संकेत करता हो, तो हाथ की अन्य अँगुलियाँ चुंबकीय क्षेत्र की दिशा व्यक्त करेंगी।

4. चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के तीन तरीकों की एक सूची बनाइए। उत्तर – चुंबकीय क्षेत्र की उत्पत्ति के तरीके इस प्रकार हैं-
(i) एक धारावाही तार में दिष्ट धारा भेजने पर इसके चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है।
(ii) एक धारावाही परिनालिका में दिष्ट धारा भेजने पर परिनालिका के अंदर 'चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है।
(iii) एक छड़ चुंबक के आस-पास चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है।

5. (a) चुंबक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सूई विक्षेपित क्यों हो जाती है? 
 (b) विद्युत मोटर का क्या सिद्धांत है?

उत्तर – (a) दिक्सूचक की सूई के विक्षेप का कारण यह है कि दिक्सूचक की सूई - स्वयं एक छोटा छड़ चुंबक है, इसलिए वह किसी चुंबक के निकट लाने पर विक्षेपित हो जाती है।
(b) विद्युत मोटर का सिद्धांत है – किसी चुंबकीय क्षेत्र में रखे किसी धारावाही चालक पर एक बल का लगना। •

6. (a) किसी चुंबकीय क्षेत्र में स्थित विद्युत धारावाही तार पर आरोपित बल कब अधिकतम होता है ?
(b) ऐसी दो युक्तियों के नाम लिखें जिनमें विद्युत मोटर प्रयुक्त होता है। -
 उत्तर – (a) जब धारावाही तार पर चुंबकीय क्षेत्र अभिलंबवत हो तब तार पर आरोपित बल अधिकतम होता है।
(b) विद्युत पंखा एवं विद्युत चक्की ऐसी दो युक्तियाँ हैं जिनमें विद्युत मोटर प्रयुक्त होता है।

7. दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद क्यों नहीं करतीं ?
उत्तर – दो चुंबकीय क्षेत्र -रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती हैं, क्योंकि यदि दो चुंबकीय क्षेत्र -रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद करतीं (अर्थात काटती) तो उस बिंदुविशेष पर चुंबकीय क्षेत्र की दो दिशाएँ होतीं, जो असंभव है।

8. यदि चालक तार की किसी आयताकार कुंडली को किसी चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया जाए, तो इस कुंडली में प्रेरित विद्युत धारा की दिशा कितने परिभ्रमण के बाद बदलेगी?
उत्तर – कुंडली में प्रेरित विद्युत धारा की दिशा कुंडली के आधे परिभ्रमण के बाद बदलेगी।
मोटर कैसे कार्य करता है?

9. विद्युत मोटर कैसे कार्य करता हैं 
उत्तर- विद्युत मोटर में एक कुंडली चुंबकीय क्षेत्र में स्थित होती है। जब कुंडली से धारा प्रवाहित होती है तब समांतर बाहु पर विपरीत दिशा में बल लगकर कुंडली को घुमाने लगते हैं। बलयुग्म के प्रभाव से कुंडली घूमती है। इस प्रकार विद्युत मोटर घूर्णी गति करता है। है?

10. किस परिस्थिति में फ्लेमिंग के दक्षिण-हस्त नियम का उपयोग किया जाता हैं 
उत्तर- -चुंबकीय क्षेत्र में गतिशील चालक में प्रेरित धारा की दिशा प्राप्त करने के लिए फ्लेमिंग के दक्षिण-हस्त नियम का प्रयोग किया जाता है। 

11. (a) विद्युत मोटर क्या करता है?
(b) विद्युत-चुंबक बनाने में नरम लोहे का व्यवहार क्यों किया जाता है? यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
उत्तर – (a) विद्युत मोटर, विद्युत-ऊर्जा को (b) इसका कारण यह है कि नरम लोहे को आसानी से चुंबकित एवं विचुंबकित किया जा सकता है।

12. किसी लंबे विद्युत धारावाही तार के निकट चुंबकीय क्षेत्र-रेखाएँ कैसी होती हैं ?
उत्तर – किसी लंबे विद्युत धारावाही तार के निकट चुंबकीय क्षेत्र-रेखाएँ संकेंद्री वृत्तों (concentric circles) के रूप में होती हैं जिनका केंद्र तार पर होता है।

13. (a) किसी विद्युत-धारावाही सीधी लंबी परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र कैसा होता है?
(b) विद्युत-चुंबकीय प्रेरण क्या है?
उत्तर(a) किसी विद्युत-धारावाही सीधी लंबी परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र सभी बिंदुओं पर समान होता है।
(b) किसी बंद कुंडली तथा छड़ चुंबक के बीच आपेक्षिक गति के कारण कुंडली में विद्युत-धारा प्रेरित होने की घटना को विद्युत-चुंबकीय प्रेरण (electromagnetic induction) कहते हैं।

14. (a) प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न करनेवाले एक स्रोत का नाम लिखिए। 
(b) दिष्ट धारा के दो स्रोतों के नाम लिखिए।

(a) प्रत्यावर्ती-धारा जनित्र
(b) (i) सेल या बैटरी तथा (ii) डायनेमो या दिष्ट-धारा जनित्र

15. डायनेमो क्या है? इसका क्या उपयोग है ?
उत्तर-डायनेमो एक ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। इसमें तार की एक कुंडली को शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र में तेजी से घुमाया जाता है जिस कारण इससे गुजरनेवाली चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है और कुंडली के सिरों के बीच विद्युत-वाहक बल (electromotive force) प्रेरित (induce) होता है। इससे कुंडली में विद्युत-धारा प्रवाहित होती है।
उपयोग– इसके द्वारा कारखानों में विभिन्न प्रकार की मशीनों के लिए ऊर्जा प्राप्त की जाती है तथा घरों में विद्युत की आपूर्ति भी की जाती है।

16. दो वृत्ताकार कुंडलियाँ A तथा B एक-दूसरे के निकट रखी हैं। यदि कुंडली A में विद्युत-धारा में कोई परिवर्तन किया जाए, तो क्या कुंडली B में कोई विद्युतधारा प्रेरित होगी? कारण दें।

उत्तर – हाँ, कुंडली B में विद्युत-धारा प्रेरित होगी। -
कारण – जब कुंडली A में विद्युत-धारा के मान में परिवर्तन होगा तब इसके कारण इसमें उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र में भी परिवर्तन होगा। कुंडली A के चुंबकीय क्षेत्र में = परिवर्तन के प्रभाव कुंडली B में विद्युत-धारा प्रेरित होगी। 

17. परिनालिका में फेरों की संख्या बढ़ाने पर इसकी चुंबकीय शक्ति पर क्या प्रभाव ?
उत्तर – यदि परिनालिका में तार के फेरों की संख्या बढ़ा दी जाए, तो परिनालिका की लंबाई भी बढ़ सकती है। परिनालिका के भीतर किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता (B) प्रति एकांक लंबाई में फेरों की संख्या (n) बढ़ाने पर बढ़ती है -
अतः, अचर लंबाई रखते हुए फेरों की संख्या बढ़ाने पर इसमें उत्पन्न चुंबकत्व अधिक होगा। परंतु, जब n अचर रहेगा तब चुंबकीय क्षेत्र समान रहेगा। 

18. फ्लेमिंग के वामहस्त नियम को लिखें।
उत्तर-फ़्लेमिंग का वामहस्त नियम- चुंबकीय क्षेत्र में धारावाही चालक पर लगनेवाले बल की दिशा फ्लेमिंग के वामहस्त नियम द्वारा जानी जाती है। इस नियम के अनुसार, 
यदि हम अपने बाएँ हाथ की तीन अंगुलियों – मध्यमा (middle finger), तर्जनी (forefinger) तथा अँगूठे (thumb) को परस्पर लंबवत फैलाएँ और यदि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा तथा मध्यमा धारा की दिशा को दर्शाते हैं, तब अँगूठा धारावाही चालक पर लगे बल की दिशा को व्यक्त करता है।



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