अभ्यास 2 अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. मुक्त व्यापार के सिद्धांत ने उपनिवेशवासियों को क्रांति के लिए प्रेरित किया, कैसे ?उत्तर- उपनिवेशवाद का बुनियादी सिद्धांत उपनिवेशों के आर्थिक शोषण एवं उनके संसाधनों का दोहन करना था । इसी के विरोध में मुक्त व्यापार की धारणा विकसित हो रही थी जिसमें राज्य द्वारा व्यापार को नियंत्रित करने का विरोध किया गया था । इस सिद्धांत के अनुसार उपनिवेशवासी अपने व्यापार एवं अन्य क्रिया-कलापों में इंगलैंड के हस्तक्षेप को नापसंद करते थे । अन्ततः इसी ने उपनिवेशवासियों को क्रांति के लिए प्रेरित किया ।
प्रश्न 2. अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम ने फ्रांस पर भी प्रभाव डाला है, कैसे ?
उत्तर- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम ने फ्रांस को काफी हद तक प्रभावित किया । इस संग्राम में लफायते के नेतृत्व में फ्रांसीसी सैनिकों ने भाग लिया था । अतः जब वे स्वदेश लौटे तो निरंकुश राजतंत्र के प्रति जनता को जागरूक करने का प्रयास किया । दूसरी ओर फ्रांसीसी अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई ।
प्रश्न 3. क्या अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के परिणामों ने औपनिवेशिक विश्व को प्रभावित किया ?
उत्तर- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम ने औपनिवेशिक विश्व को प्रभावित किया । अब सभी उपनिवेश स्वतंत्र होने के लिए व्यग्र हो उठे । वास्तव में यह संग्राम एक तरह से वाणिज्यवादी प्रतिबंधों के विरुद्ध एक विद्रोह था जिसने उपनिवेशवासियों में नवचेतना का संचार किया ।
प्रश्न 4. बोस्टन टी पार्टी पर टिप्पणी लिखें ।
उत्तर- जब लॉर्ड नार्थ जार्ज तृतीय इंगलैण्ड का प्रधान मंत्री बना तो उसने उपनिवेशों के साथ समझौता करने का प्रयास किया । उसने चाय के अतिरिक्त अन्य सभी वस्तुओं पर से कर हटा लिया । ईस्ट इण्डिया कम्पनी को भारत से सीधा अमेरिका चाय भेजने का अधिकार दे दिया और उनपर नाममात्र का कर लगाया गया । वह केवल यह दिखाना चाहता था कि अंगरेजी सरकार को कर लगाने का अधिकार है । अब अमेरिकियों को सस्ती चाय मिलने लगी । फिर भी उन्होंने नाममात्र के कर का विरोध किया । उपनिवेशों में अव्यवस्था फैलने लगी । इंगलैण्ड के कुछ जहाजों में आग लगा दी गई । फलतः अंगरेज सरकार रूष्ट हो गई । 16 दिसम्बर 1773 को उपनिवेशवासियों ने भारत से आयी चाय की संदूकों को समुद्र में फेंक दिया । चूँकि यह कार्य बोस्टन के बन्दरगाह के पास हुआ था, अतः इसे बोस्टन टी पार्टी की संज्ञा दी गयी ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के तीन प्रमुख कारणों की विवेचना कीजिए ।
उत्तर-अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के तीन प्रमुख कारण निम्नलिखित थे
(i) अमेरिका के 13 उपनिवेशों के अधिकांश लोग अंग्रेज जाति के थे जिन्होंने इंगलैंड की संसदीय व्यवस्था एवं विधि-विधान को देखा था । अतः वे अपने उपनिवेश में भी उसी तरह की प्रजातांत्रिक व्यवस्था के इच्छुक थे जबकि ब्रिटिश शासन इसके विरुद्ध थी। उपनिवेशों के गवर्नर इंगलैंड के राजा
द्वारा मनोनीत किए जाते थे जिन्हें विशेषाधिकार भी प्राप्त थे तथा वे उपनिवेशवासियों के प्रति उत्तरदायी नहीं थे । फलतः संघर्ष की स्थिति बनी रहती थी । यही नहीं उपनिवेशवासियों को शासन के योग्य नहीं माना जाता था जिसके कारण उनमें भारी असंतोष था ।
(ii) धार्मिक मतभेद-अमेरिका की तत्कालीन धार्मिक अवस्था के कारण क्रांतिकारी भावनाओं के विकास में बड़ी सहायता मिली । इंगलैंड की अधिकांश जनता ऐंग्लिकन मत का पोषक थी, लेकिन अमेरिका के उपनिवेशवादी इसके विरोधी और प्युरिटन मत के समर्थक थे । परिणाम यह हुआ कि अमेरिका के लोग अपने मातृदेश के साथ किसी तरह का संबंध नहीं रखना चाहते थे क्योंकि इंगलैंड की धार्मिक व्यवस्था अमेरिकावासियों के धार्मिक दृष्टिकोणों से सर्वथा प्रतिकूल थी ।
(iii) सप्तवर्षीय युद्ध-सप्तवर्षीय युद्ध इंगलैंड एवं फ्रांस में 1756 से 1763 ई० के बीच हुआ था । इस युद्ध के पूर्व तक उपनिवेशवासी इंगलैंड से घनिष्ठ रूप से जुड़े थे क्योंकि वे कनाडा में फ्रांसीसियों के विरुद्ध अकेले अपनी रक्षा करने में असमर्थ थे । लेकिन इस युद्ध में फ्रांस की पराजय के साथ ही यह भय समाप्त हो गया । अब उपनिवेशवासियों का एक मात्र लक्ष्य इंगलैंड को बेदखल करना था ।
प्रश्न 2. लोकतांत्रिक स्तर पर अमेरिकी संग्राम ने विश्व को कैसे प्रभावित किया है ?
उत्तर- विश्व इतिहास में अमेरिकी स्वातंत्र्य संग्राम का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस संग्राम के फलस्वरूप नए विश्व का जन्म हुआ जिसने जनतंत्रीय शासन का एक सफल प्रयोग किया । धीरे-धीरे संयुक्त राज्य अमेरिका एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में परिणत हुआ । प्रथम महायुद्ध के पश्चात् तो राजनीतिक आकर्षण का केन्द्र यूरोप न बनकर अमेरिका बन गया । प्रोफेसर ग्रीन का कहना है, “अमेरिका के स्वातंत्र्य संग्राम का महत्त्व इंगलैंड के लिए चाहे जो कुछ हो, विश्व के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण घटना है । इसके महत्त्वपूर्ण प्रभाव विश्व पर व्यापक रूप से पड़े । "
प्रश्न 3. अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के परिणामों की आलोचनात्मक परीक्षण करें ।
उत्तर- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम को विश्व इतिहास में एक विभाजन रेखा के रूप में देखा जाता है । इसके तात्कालिक एवं दीर्घकालिक परिणाम दोनों ही निर्णायक थे ।
1. ब्रिटेन का एक कीमती उपनिवेश हाथ से निकल गया तथा अटलांटिक महासागर के पार संयुक्त राज्य अमेरिका के रूप में एक शक्तिशाली राष्ट्र का उदय हुआ, जिसने पूरे विश्व को प्रभावित किया ।
2. अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम एक तरह से वाणिज्यवादी प्रतिबंधों के विरुद्ध एक विद्रोह था, अतः इसने 'एडम स्मिथ' के लैसेज-फेयर (मुक्त व्यापार) के सिद्धांत को मजबूत किया ।
3. ब्रिटेन की हार का दोष जार्ज तृतीय तथा उसके मंत्रियों के मत्थे मढ़ा गया, फलतः
(क) तानाशाह बनने का जार्ज तृतीय का सपना चूर हो गया । (ख) लार्ड नार्थ का मंत्रिमंडल बर्खास्त हो गया तथा अधिक उदार मंत्रिमंडल नियुक्त हुआ ।
(ग) इंगलैण्ड में जल्द ही कई सुधार लागू हुए, जैसे
(i) आयरलैंड की संसद को लगभग स्वतंत्र स्थान प्राप्त हुआ (1782 ई० में)
(ii) कैथोलिक आयरिश लोगों को मताधिकार मिला । (1793 ई० में)
(iii) आयरिश संसद, वेस्टमिंस्टर संसद से जुड़ा । (1800 ई० में)
(घ) इस प्रकार, सीमित राजतंत्र और राजनीतिक स्वतंत्रता का बर्चस्व बढ़ गया ।
4. अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम ने फ्रांस को भी प्रभावित किया । इस संग्राम में 'लफायते के नेतृत्व में फ्रांसीसी सैनिकों ने भाग लिया था । अतः जब वे स्वदेश लौटे तो निरंकुश राजतंत्र के प्रति जनता को जागरूक करने का प्रयास किया। दूसरी ओर फ्रांसीसी अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई ।
5. राजनीति में जनता की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त हुआ ।
6. जनता को धार्मिक एवं अन्तःकरण की स्वतंत्रता मिली तथा मौलिक अधिकारों के माध्यम से लोगों की मूलभूत स्वतंत्रता स्वीकार कर ली गई ।
7. विश्व का प्रथम लिखित संविधान अमेरिका में 1789 ई० में लागू किया गया जिसमें महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार मिला तथा उत्तराधिकार कानून को न्यायसंगत बनाया गया ।
8. अमेरिका गणतंत्र बना तथा वहाँ मॉण्टेस्क्यू के 'शक्ति पृथक्करण सिद्धांत' को मान्यता मिला ।
9. वयस्क मताधिकार लागू नहीं हुआ तथा स्त्रियों को भी मताधिकार से वंचित रखा गया । मताधिकार का आधार संपति को बनाया गया जो उचित नहीं था ।
10. इस प्रकार संयुक्त राज्य अमेरिका का गठन एक नए राज्य के रूप में हुआ जिसमें पहली बार लिखित संविधान, शक्ति के पृथक्करण का सिद्धांत, धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सिद्धांत राजनैतिक व्यवस्था के मूल आधार माने गए । इन सिद्धांतों का प्रसार यूरोप में भी हुआ और फ्रांस की राज्यक्रांति ने 1789 में इन्हीं सिद्धांतों को मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में समस्त विश्व के लिए स्थापित कर दिया ।
प्रश्न 4. अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में अँग्रेजों की पराजय के क्या कारण थे ?
उत्तर-यद्यपि इंगलैण्ड काफी शक्तिशाली था एवं विश्व में उसके कई उपनिवेश भी थे । परन्तु उसे अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में हार का मुँह देखना पड़ा । इंगलैण्ड की असफलता के निम्न कारण थे :
1. अमेरिकी उपनिवेश अटलांटिक महासागर के पार 3,000 मील की दूरी पर स्थित थे, अत: वहाँ समय से सेना एवं रसद पहुँचने में कठिनाई होती थी । दूसरी ओर अमेरिका की भौगोलिक स्थिति से भी अंग्रेजी सैनिक परिचित नहीं थे ।
2. अमेरिका की शक्ति को नजरअंदाज किया गया एवं अधिकांश अँग्रेज इसे गृहयुद्ध ही समझते रहे ।
3. उपनिवेशवासियों में एकता एवं उत्साह था । वे स्वतंत्रता के लिए कुछ भी करने को तैयार थे ।
4. ब्रिटिश सेनापतियों ने कुछ सामरिक भूलें की ।
5. ब्रिटिश राजनेताओं के बीच गंभीर मतभेद थे । जार्ज तृतीय की हठधर्मिता की नीति के कारण योग्य एवं अनुभवी नेता सरकार से अलग रहे ।
6. ब्रिटेन विदेशी सहायता से वंचित रहा जबकि अमेरिकी उपनिवेशों को विदेशी सहायता प्राप्त हुई । विशेष कर फ्रांस ने उपनिवेशवासियों को धन-जन से काफी मदद पहुँचाई ।
7. अमेरिका को जार्ज वाशिंगटन जैसा सुयोग्य नेता मिल गया जिसने बड़े धैर्य, साहस एवं कुशलता के साथ अँग्रेजी सेना को पराजित किया ।
प्रश्न 5. अमेरिकी स्वातंत्र्य संग्राम के दो तात्कालिक कारणों की विवेचना करें ।
उत्तर- अमेरिकी स्वातंत्र्य संग्राम के दो तात्कालिक कारण निम्नलिखित थे :
1. चुंगी सम्बन्धी कानून-1764 ई० में पारित कानून के अनुसार चीनी पर चुंगी लगायी गयी । बन्दरगाहों पर अँग्रेज कर्मचारी नियुक्त किये गये जो जहाजों पर चढ़कर टैक्स वसूल करते थे । अतः उपनिवेशवासियों ने जहाजों को अन्य स्थानों पर लगाकर माल उतार लेते थे। जिससे वे चुंगी देने से बच
जाते थे। सरकार ने इसे रोकने के लिए मजिस्ट्रेटों को यह अधिकार दिया कि वे टैक्स नहीं देने वाले के घर की तलाशी लें। सरकार की इस नीति से लोगों का क्रोध और भी बढ़ गया, जिसने अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम की अग्नि को और भी भड़का दिया ।
2. टाउन शैण्ड के कार्य-टाउन शैण्ड ने उपनिवेशों की समस्या को सुलझाने का प्रयास किया । 1767 ई० में उसने अमेरिकी आयात सम्बन्धी कर पारित किया जिसके अनुसार शीशा, चाय, कागज और रंग के आयात पर चुंगी लगा दी गयी । इन चीजों से प्राप्त आमदनी से वह गवर्नरों तथा अन्य पदाधिकारियों को वेतन देना चाहता था । पहले गवर्नर तथा अन्य पदाधिकारियों का वेतन उपनिवेश की व्यवस्थापिका सभा देती थी । इस कर व्यवस्था के कारण उपनिवेशों में और असंतोष फैला क्योंकि उपनिवेशवासी इसे स्वराज्य के मौलिक सिद्धान्त पर आघात समझते थे । फलस्वरूप अँग्रेजी माल का बहिष्कार किया गया ।
प्रश्न 6. फिलाडेल्फिया उत्तर-5 सितम्बर, 1774 ई० को फिलाडेल्फिया में पहली काँग्रेस की बैठक हुई जिसके निर्णयानुसार अँग्रेजी माल का बहिष्कार किया गया । विभिन्न उपनिवेशों में सुधार समितियाँ कायम की गयीं, जिनका प्रधान कार्य काँग्रेस के निर्णय को कार्यान्वित करना था । किसान, मजदूर और शिल्पी हथियार जमा करने लगे । अँग्रेजों को जब पता चला कि कंकार्ड नामक स्थान में फौजी सामान छिपा हुआ है तो उसे जब्त करने हेतु सेना भेजी गयी । अंग्रेजी सेना और किसानों में मुठभेड़ हुई । 8 अप्रैल, 1775 ई० को गोली की आवाज हुई और इसी के साथ अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का श्रीगणेश हुआ। मई, 1775 ई० में फिलाडेल्फिया में दूसरी काँग्रेस की बैठक हुई । जॉर्ज वाशिंगटन प्रध ान सेनापति घोषित हुआ । टॉमस जैफर्सन ने 'स्वतंत्रता की घोषणा' का मसविदा तैयार किया और 4 जुलाई, 1776 ई० को विश्व में घोषणा की गई कि संयुक्त उपनिवेश (अमेरिका) स्वाधीन और स्वतंत्र राज्य है । स्वतंत्रता के घोषणा पत्र में फिलाडेल्फिया में निम्नांकित चार सिद्धांतों की चर्चा मुख्य रूप से की गई थी ।
सम्मेलन पर टिप्पणी लिखें ।
1. जनता को अधिकार है कि वह सरकार को बदल दे । मानव अधि कार में जीवन की सुरक्षा, स्वतंत्रता और जीवकोपार्जन के अधिकार भी सम्मिलित हैं।
2. इन अधिकारों की प्राप्ति के लिए सरकार की स्थापना होती है-सरकार शासितों की सम्मति से ही अपने उचित सत्ता प्राप्त करती है ।
3. यदि कोई सरकार इन उद्देश्यों को नष्ट करती है, तो जनता उसे बदलने का अधिकार रखती है ।
4. इसकी स्थापना ऐसे सिद्धांतों पर हो और उसकी शक्तियों का संगठन इस रूप में हो जिससे जनता को सुरक्षा और आनन्द प्राप्त हो ।
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