रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
1. संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है ? इसका एक उदाहरण दें।
उत्तर- संतुलित रासायनिक समीकरण वह है जिसमें समीकरण के दोनों तत्त्व के परमाणुओं की संख्या समान होती है। उदाहरणार्थ,
H2 हाइड्रोजन + Cl2 हाइड्रोजन 2HC1 हाइड्रोजन क्लोराइड
चूँकि इसमें दोनों ओर हाइड्रोजन एवं क्लोरीन में प्रत्येक के परमाणुओं की संख्या 2 है, अतः यह एक संतुलित रासायनिक समीकरण है।
2. निम्नांकित रासायनिक समीकरणों को संतुलित करें।
3. निम्नांकित अभिक्रियाओं के संतुलित रासायनिक समीकरण लिखें।
(i) जिंक सल्फाइड को वायु की उपस्थिति में गर्म किया जाता है।
(ii) कार्बन डाइऑक्साइड गैस को चूना-जल में प्रवाहित किया जाता है।
4. निम्नांकित अभिक्रियाओं के लिए पदार्थों की अवस्था के संकेतों के साथ संतुलित रासायनिक समीकरण लिखें।
(i) बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट के विलयन तथा अविलेय बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते हैं।
(ii) सोडियम हाइड्रॉक्साइड का जलीय विलयन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के जलीय विलयन से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का जलीय विलयन और जल बनाते हैं।
5. निम्नांकित कथनों को संतुलित रासायनिक समीकरण के रूप में लिखें।
(i) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है।
(ii) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देती है।
6. निम्नांकित अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण
(i) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की जस्ता से अभिक्रिया
(ii) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की मैग्नीशियम फीता से अभिक्रिया

7. निम्नांकित रासायनिक समीकरणों को संतुलित करें।
8. वैद्युत अपघटन से आप क्या समझते हैं
उत्तर – विद्युत धारा के प्रभाव से आयनित होनेवाले यौगिकों को उनके तत्त्वों में अपघटित करने की क्रिया वैद्युत अपघटन कहलाती है। उदाहरण के लिए, द्रवित NaCl में विद्युत-धारा प्रवाहित करने पर कैथोड पर सोडियम और ऐनोड पर क्लोरीन मुक्त होती है।
9. जल के वैद्युत अपघटन से एक परखनली में एकत्रित गैस का आयतन दूसरी परखनली में एकत्रित गैस के आयतन का दोगुना क्यों होता है? पहली परखनली में एकत्रित गैस का नाम बताएँ।
उत्तर – जल का अणुसूत्र HO है। इसके अणु में उपस्थित दोनों तत्त्व द्विपरमाणुक गैस हैं। इसके वैद्युत अपघटन के फलस्वरूप कैथोड पर H, और ऐनोड पर O, गैस प्राप्त होती है।
2H2O जल विद्युत धारा 2H2 कैथोड पर 2 मोल
उपर्युक्त समीकरण से स्पष्ट है कि जल के वैद्युत अपघटन से प्राप्त H, गैस का .आयतन O, गैस के आयतन से दोगुना होता है। 1 मोल ऐनोड पर पहली परखनली में एकत्रित गैस का नाम हाइड्रोजन है।
10. एकल विस्थापन अभिक्रिया क्या है ?
उत्तर – एकल विस्थापन अभिक्रिया वह है जिसमें किसी अणु में उपस्थित परमाणु या परमाणुओं के समूह को किसी दूसरे परमाणु द्वारा विस्थापित कर दिया जाता । उदाहरणार्थ,
Fe + CuSO4 कॉपर सल्फेट लोहा FeSO4 + Cu↓↓ फेरस सल्फेट ताँबा
11. उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दें।
उत्तर – अम्ल और क्षारक की अभिक्रिया से लवण और जल बनते हैं। इस अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं। इसमें वस्तुतः अम्ल के H+ आयन क्षारक के OH आयन से अभिक्रिया कर H2O बनाते हैं।
उदाहरण- (i) उदासीनीकरण अभिक्रिया,
HCl(aq) + NaOH(aq) NaCl (aq) + H2O(1)
निम्नांकित प्रकार से होती है
HCI + जल 'H'(aq) + CI(aq) NaOH + जल → Nat(aq) + OH (aq) H'(aq) + CI (aq) + Na'(aq) + OH (aq) → NaCl(aq) + H2O (1) (ii) H2SO4(aq) + 2KOH(aq) _K2SO4(aq) + 2H2O (1) होता है ?
12. आप कैसे प्रदर्शित करेंगे कि ताँबा चाँदी से अधिक क्रियाशील
उत्तर -एक परखनली में सिल्वर नाइट्रेट का विलयन लेकर उसमें साफ ताँबे का तार डालते हैं। कुछ समय के पश्चात ताँबे के तार पर चाँदी की चमकीली परत जमा हो जाती है। इससे यह सिद्ध होता है कि ताँबा चाँदी से अधिक क्रियाशील है।
Cu + 2AgNO3 Cu(NO3)2 + 2Ag
13. अपघटन (वियोजन) अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – अपघटन या वियोजन वह अभिक्रिया है, जिसमें किसी के टूटने से दो या दो से अधिक सरल पदार्थ (तत्त्व या यौगिक) बनते हैं जिनके गुण मूल यौगिक के गुणों से बिलकुल भिन्न होते हैं। उदाहरणार्थ, यौगिक के बड़े अणु
14. क्या होता है जब लेंड नाइट्रेट के विलयन में पोटैशियम आयोडाइड मिलाया जाता है? यह किस प्रकार की अभिक्रिया है? इसे संतुलित रासायनिक समीकरण द्वारा व्यक्त करें।
उत्तर -लेड नाइट्रेट के विलयन में पोटैशियम आयोडाइड मिलाने पर लेड आयोडाइड का पीला अवक्षेप प्राप्त होता है। अतः, यह अवक्षेपण अभिक्रिया है। इस अभिक्रिया को निम्नांकित संतुलित रासायनिक समीकरण द्वारा व्यक्त कर सकते हैं।
Pb (NO3) 2 लेड नाइट्रेट 2KI पोटैशियम आयोडाइड + +. PbI, ↓ लेड आयोडाइड (पीला अवक्षेप) 2KNO3 पोटैशियम नाइट्रेट
15. उन अपघटन अभिक्रियाओं के एक-एक समीकरण लिखें जिनमें ऊष्मा, प्रकाश एवं विद्युत के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है।
(i) ऊष्मा द्वारा अपघटन
2FeSO4 (s) ------ Fe_O3(s) + SO2(g) + SO3 (g)
(ii) प्रकाश-ऊर्जा द्वारा अपघटन प्रकाश
2AgCl(s)→ 2Ag(s) + Cl2 (g)
(iii) विद्युत ऊर्जा द्वारा अपघटन 2H2O
(1) विद्युत ऊर्जा
16. द्विविस्थापन अभिक्रिया कहलाती एक उदाहरण देकर समझाएँ ।
उत्तर – द्विविस्थापन या उभय-विस्थापन अभिक्रिया वह है जिसमें दो यौगिक अपने आयनों का आदान-प्रदान या विनिमय (exchange) करके दो नए यौगिकों का निर्माण करते हैं।
उदाहरण- सोडियम क्लोराइड के विलयन में सिल्वर नाइट्रेट का विलयन डालने पर Ag' और CI की अभिक्रिया से AgCI के अवक्षेप का निर्माण होता है। Na' और NO3 की अभिक्रिया से सोडियम नाइट्रेट भी बनता है, जो विलयन में ही रहता है। चूँकि इसमें अवक्षेप बनता है, अतः यह अवक्षेपण अभिक्रिया भी कहलाती है
NatCI + Ag NO3 -
17. निम्नांकित समीकरण किस प्रकार की अभिक्रियाओं का निरूपण करते हैं?
(i) NH4NO2 - N2 + 2H2O
(ii) AgNO3 + NaCl AgCl + NaNO3
अपघटन अभिक्रिया को निरूपित करता है।
समीकरण (i) अपघटन अभिक्रिया को निरूपित करता है।
(ii) उभय-विस्थापन अभिक्रिया को निरूपित करता है।
18. निम्नांकित अभिक्रियाओं में कौन संयोजन और कौन विस्थापन अभिक्रिया है ?
(i) 2KBr(aq) + Cl2 (g) 2KCl(aq) + Br2 (aq)
(ii) Fe(s) + S (s) → FeS(s)
अपने उत्तर के लिए कारण दें।
उत्तर
(i) यह विस्थापन अभिक्रिया है, क्योंकि इसमें Br परमाणु C1 परमाणु द्वारा विस्थापित होते हैं।
(ii) यह संयोजन अभिक्रिया है, क्योंकि इसमें दो पदार्थ संयोग करके एक नया पदार्थ बनाते हैं।
19. उपचयन-अपचयन अभिक्रिया क्या है? एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट करें कि उपचयन-अपचयन अभिक्रियाएँ साथ-साथ होती हैं।
उत्तर – उपचयन–अपचयन अभिक्रिया में उपस्थित उपचायक अपचयित होता है तथा अपचायक उपचयित होता है। अतः, उपचयन और अपचयन एक-दूसरे के पूरक होते हैं तथा दोनों अभिक्रियाएँ साथ-साथ होती हैं। उदाहरणार्थ,
ZnO + C Zn + COT उपचायक • अपचायक
इस अभिक्रिया में ZnO अपचयित होकर Zn तथा कार्बन उपचयित होकर CO गैस बनाता है। अतः, इसे उपचयन-अपचयन अभिक्रिया कहते हैं।
20. निम्नांकित अभिक्रियाओं में उपचयित तथा अपचयित होनेवाले पदार्थों की पहचान कीजिए।
(i) 4Na(s) + O2 (g) 2Na2 O (s) → 2Na2O(s)
(ii) CuO(s) + H2 (g) Cu(s) + H2O(l)
उत्तर(i) इसमें Na, Na2O में उपचयित होता है तथा O, अपचयित होता है।
(ii) इसमें H2, H2O में उपचयित होता है तथा CuO, Cu में अपचयित होता है।
21. (i) ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं? सोदाहरण समझाएँ।
(ii) ऊष्माशोषी अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं? सोदाहरण समझाएँ ।
उत्तर - (i) वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनके घटित होने के फलस्वरूप ऊष्मा-ऊर्जा का उत्सर्जन होता है, ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएँ कहलाती हैं। उदाहरणार्थ, g) + CO2(g) + ऊष्मा-ऊर्जा दहन 2H2O(1)
CH4(g) + 202(मेथेन कार्बन डाइऑक्साइड ऑक्सीजन जल
(ii) वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनके घटित होने के फलस्वरूप ऊष्मा-ऊर्जा का अवशोषण होता है, ऊष्माशोषी अभिक्रियाएँ कहलाती हैं। उदाहरणार्थ, विद्युत-चिनगारी 2NO (g) (ऊष्मा-ऊर्जा) + 02 (g) N2 (g)
22. संक्षारण का क्या अर्थ है? सोदाहरण समझाएँ।
उत्तर – धातुओं की वायुमंडल में उपस्थित वायु, नमी या किसी अन्य पदार्थ के प्रहार द्वारा उनके यौगिकों में क्रमिक एवं धीमे परिवर्तन की प्रक्रिया संक्षारण कहलाती है। उदाहरण – लोहा में जंग लगना
4Fe + O2 + 3H O Fe_O3 + 2Fe(OH) 3
लोहे पर जंग जलयुक्त फेरिक ऑक्साइड (Fe_O3.xH,O) बनने के कारण होता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें