जहानाबाद संपूर्ण जानकारी
जहानाबाद की स्थिति (Location of Jehanabad)
मुख्यालय (Headquarters) – जहानाबाद
मंडल (Division) – मगध
क्षेत्रफल (Area) – 1,569 वर्ग किलोमीटर
भाषा (Language) – हिंदी
सीमा रेखा
पूर्व में – नालंदा
पश्चिम में – अरवल
उत्तर में – पटना
दक्षिण में – गया
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway)
NH-105, NH- 83
नदियाँ (Rivers)
सोन, दुर्धा, फल्गु, यमुना
जहानाबाद की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Jehanabad)
विधानसभा सीट (Assembly Seat) – 3 (जहानाबाद, घोषी, मखदुमपुर )
लोकसभा सीट (Lok Sabha Seat) – 1 (जहानाबाद)
तहसील / अंचल (Tehsil / Zone) – 7 (जहानाबाद, मखदुमपुर, घोसी, मोदनगंज, काको, हुलासगंज, रतनी फरीदपुर)
अनुमंडल (Subdivision) – 1 (जहानाबाद)
प्रखंड (Block) – 7 (जहानाबाद, मखदुमपुर, घोसी, मोदनगंज, काको, हुलासगंज, रतनी फरीदपुर)
कुल ग्राम पंचायत (Total Gram Panchayat) – 93
नगर पालिका परिषद (Municipal Council) – 1 (जहानाबाद)
जहानाबाद की जनसंख्या (Population of Jehanabad)
कुल जनसंख्या (Total Population) – 11,25,313
पुरुष जनसंख्या (Male Population) – 5,85,582
महिला जनसंख्या (Female Population) – 5,39,731
शहरी जनसंख्या (Urban Population) – 1,35,196 (12.01 %)
ग्रामीण जनसंख्या (Rural Population) – 9,90,117 (87.99 %)
साक्षरता दर (Literacy Rate) – 66.80%
पुरुष साक्षरता (Male Literacy) – 77.66%
महिला साक्षरता (Female Literacy) – 55.01%
जनसंख्या घनत्व (Population Density) – 1,209
लिंगानुपात (Sex Ratio) – 922
जनसंख्या वृद्धि दर (Population Growth Rate) – 21.68%
धार्मिक जनसंख्या (Religious Population)
हिन्दू जनसंख्या – 10,45,117 (92.87 %)
मुस्लिम जनसंख्या – 75,742 (6.73 %)
ईसाई जनसंख्या – 691 (0.06 %)
सिख जनसंख्या – 148 (0.01 %)
बौद्ध जनसंख्या – 248 (0.02 %)
जैन जनसंख्या – 60 (0.01 %)
जहानाबाद के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Jehanabad)
शिक्षण संस्थान (Teaching Institute) – एस. एस. कॉलेज, जहानाबाद, केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय
धार्मिक स्थल (Religious Place) – हजरत बीबी कमाल
प्रसिद्ध स्थल (Famous Place) – बाणावर गुफाएं
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य –
जहानाबाद के जिले में भारत के इतिहास में एक निश्चित स्थान है वर्णन प्रसिद्ध किताब “ऐन-ए-अकबारी” में पाया गया है।
17 वीं शताब्दी में अकाल से इस स्थान पर बुरी तरह प्रभावित हुआ था और लोग भूख से मर रहे थे।
मुगल सम्राट औरंगजेब, जिनके समय में पुस्तक को फिर से लिखा गया था, ने लोगों की राहत के लिए एक मंडी की स्थापना की और “मंडी” का नाम “जहाँआरा ” रखा। मंडी जहाँआरा के प्रत्यक्ष नियंत्रण और पर्यवेक्षण के अधीन थे।
यह माना जाता है कि उसने यहां बहुत समय बिताया है। समय के दौरान, जगह “जहाँआराबाद” के रूप में और बाद में “जहानाबाद” के रूप में जाना जाने लगा।
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