Bihar board class 10th Social science (History) solution model paper 3 long and short question answer बिहार बोर्ड सामाजिक विज्ञान इतिहास के महत्वपूर्ण लघु एवं दीर्घ प्रश्न उत्तर 10 नंबर की फुल गारंटी के साथ 2023 में इस पेज से

WWW.NCERTNZ.IN

By WWW.NCERTNZ.IN

in

1. ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का इतिहास शेष यूरोप की तुलना में किस प्रकार भिन्न था ?
उत्तर-
(i) क्रांति के वगैर- ब्रिटेन में राष्ट्र-राज्य का निर्माण अचानक हुई उथल-पुथल या क्रांति का परिणाम नहीं था । यह एक लंबी चलने वालीप्रक्रिया का नतीजा था । इसके अलावा यूरोप के अन्य देशों में क्रांति के लिए राष्ट्रवाद ही जिम्मेदार था ।
(ii) भिन्न रीतिरिवाज- अठारहवीं सदी से पहले ब्रितानी राष्ट्र था ही नहीं। यह एक जातीय समूहों का संगठन था जिनकी अपनी राजनीतिक और सांस्कृतिक र । इन सबके बावजूद यहाँ भावना उदित हुई। लेकिन अन्य यूरोपीय देशों के लोग एक ही जाति से संबंध राष्ट्रवाद की रखते थे ।
(iii) संसद का योगदान- इंगलैंड में राष्ट्रवाद की भावना संसद के माध्यम से आई । लेकिन दूसरे राष्ट्रों में राजा और राष्ट्रीय अभिनेता इसके लिए जिम्मेदार थे ।

2. खूनी रविवार क्या है ?
उत्तर- 1905 ई० के ऐतिहासिक रूस-जापान युद्ध में रूस बुरी तरह पराजित हुआ। इस पराजय के कारण 1905 ई० में रूस में क्रांति हो गई। 9 फरवरी, 1905 ई० को लोगों का समूह “रोटी दो" के नारे के साथ सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए सेंट पीटर्सबर्ग स्थित महल की ओर जा रहा था । परन्तु जार की सेना ने इन निहत्थे लोगों पर गोलियाँ बरसायीं जिसमें हजारों लोग मारे गए, उस दिन रविवार था इसलिए उस तिथि को खूनी रविवार (लाल रविवार) के नाम से जाना जाता है ।

3.चंपारण सत्याग्रह के बारे में बताएँ।
 उत्तर- बिहार में नीलहे गोरों द्वारा तीनकठिया व्यवस्था प्रचलित थी जिसमें किसान को अपनी भूमि के 3/20 हिस्से में नील की खेती करनी होती थी। किसान नील की खेती नहीं करना चाहते थे क्योंकि इससे भूमि की उर्वरता कम हो जाती थी। उसे उत्पादन का उचित कीमत भी नहीं मिलता था जिससे उसकी स्थिति दयनीय हो गई थी। किसानों के पक्ष को लेकर महात्मा गाँधी ने चंपारण में सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की। इससे ब्रिटिश सरकार को अन्ततः झुकना पड़ा। इसे ही चम्पारण सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है ।

4. शहर किस प्रकार के क्रियाओं के केन्द्र होते हैं ?
उत्तर- शहर व्यापार और उत्पादन संबंधी क्रियाओं के केन्द्र होते हैं। यहाँ शिक्षा, यातायात, स्वास्थ्य व रोजगार की बेहतर संभावनाएँ होती हैं जिसके कारण लोग गाँव से शहर की ओर पलायन करते हैं । आधुनिक काल से पूर्व व्यापार एवं धर्म शहरों की स्थापना के महत्त्वपूर्ण आधार थे ।

5. भारतीय समाचार-पत्रों की स्वतंत्रता 1835 ई० का वर्णन करें।
उत्तर- विलियम बेंटिक समाचार-पत्रों के प्रति उदार दृष्टिकोण रखता था लेकिन 1823 ई० के नियम को रद्द कर चार्ल्स मेटकॉफ भारतीय समाचार-प र-पत्रों के मुक्तिदाता के रूप में विभूषित हुआ। नए अधिनियम के तहत प्रकाशक प्रकाशन स्थान की सूचना देकर सुगमता से समाचार-पत्र प्रकाशित कर सकता था। 1856 ई० तक यह कानून चलता रहा, फलतः देश में समाचार पत्रों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई ।

6. खेड़ा आंदोलन पर प्रकाश डालें।
उत्तर- गुजरात के खेड़ा जिला में किसानों ने लगान माफी के लिए आंदोलन चलाया । महात्मा गाँधी ने लगान माफी के लिए किसानों की माँग का समर्थन किया क्योंकि 1917 ई० में अधिक बारिस के कारण खरीफ की फसल को व्यापक क्षति पहुँची थी । लगान कानून के अन्तर्गत ऐसी स्थिति में लगान माफी का प्रावधान नहीं था। 22 जून, 1918 ई० को यहाँ गाँधीजी ने सत्याग्रह का आह्वान किया जो वस्तुतः एक महीने तक जारी रहा। इसी बीच रबी की अच्छी फसल होने और सरकार द्वारा भी दमनकारी उपाय, करने से स्थिति काफी बदली और गाँधीजी ने सत्याग्रह समाप्त करने की घोषणा की। समाप्त1 ।

7. औद्योगीकरण के कारणों का उल्लेख करेंऔद्योगीकरण के निम्नलिखित कारण हैं 
(i) आवश्यकता आविष्कार की जननी है I 
(ii) नए-नए मशीनों का आविष्कार 
(iii) कोयले एवं लोहे की प्रचुरता 
(iv) फैक्ट्री प्रणाली की शुरूआत 
(v) सस्ते श्रम की उपलब्धता 
(vi) यातायात की सुविधा 
(vii) विशाल औपनिवेशिक स्थिति।
ब्रिटेन में स्वतंत्र व्यापार और अहस्तक्षेप की नीति ने ब्रिटिश व्यापार को बहुत अधिक विकसित किया । उत्पादित वस्तुओं की माँग बढ़ने लगी। तात्कालिक ढाँचे के अन्तर्गत व्यापारियों के लिए उत्पादन में अधिक वृद्धि करना असंभव था। ऐसी स्थिति में परिवर्तन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी, जिससे उत्पादन की मात्रा को बढ़ाया जा सके । यही वह सबसे प्रमुख कारण था जिनकी वजह से ब्रिटेन में औद्योगीकरण के आरंभिक वर्षों में आविष्कारों की जो श्रृंखला बनी वह सूती वस्त्र उद्योग के क्षेत्र से अधिक संबंधित थी ।
अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में ब्रिटेन में नए-नए यंत्रों एवं मशीनों के आविष्कार ने उद्योग जगत में ऐसी क्रांति का सूत्रपात किया जिससे औद्योगीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ । चूँकि वस्त्र उद्योग की प्रगति कोयले एवं लोहे के उद्योग पर बहुत अधिक निर्भर करती थी इसलिए अंग्रेजों ने इन उद्योगों पर बहुत अधिक ध्यान दिया।
मशीनों के नए-नए यंत्रों के आविष्कार ने फैक्ट्री प्रणाली को विकसित किया। फलस्वरूप उद्योग तथा व्यापार के नए-नए केन्द्रों का जन्म हुआ। लिवरपुल में स्थित लंकाशायर सूती वस्त्र उद्योग का केन्द्र बनाया गया।
औद्योगीकरण में ब्रिटेन में सस्ते श्रम की आवश्यकता की भूमिका भी अग्रणी रही है। अठारहवीं शताब्दी के अंतिम वर्षों में बाड़ाबंदी प्रथा की शुरूआत हुई जिसमें जमींदारों ने छोटे-छोटे खेतों को खरीदकर बड़े-बड़े फार्म स्थापित किए। अपनी जमीन बेच देने वाले छोटे-छोटे किसान भूमिहीन मजदूर बन गए। ये आजीविका उपार्जन के लिए काम-धंधों की खोज में निकटवर्ती शहर चले गए। इस तरह मशीनों द्वारा फैक्ट्री में काम करने के लिए असंख्य मजदूर कम मजदूरी पर भी तैयार हो जाते थे । सस्ते श्रम ने उत्पादन के क्षेत्र में सहायता पहुँचायी।
फैक्ट्री में उत्पादित वस्तुओं को एक जगह से दूसरे जगह पर ले जाने तथा कच्चा माल को फैक्ट्री तक लाने के लिए ब्रिटेन में यातायात की अच्छी सुविधा उपलब्ध थी, जिसके कारण औद्योगीकरण को बढ़ावा मिला ।
औद्योगीकरण की दिशा में ब्रिटेन द्वारा स्थापित विशाल उपनिवेशों ने भी योगदान दिया। इन उपनिवेशों से कच्चा माल सस्ते दामों में प्राप्त करना तथा उत्पादित वस्तुओं को वहाँ के बाजार में मंहगे दामों पर बेचना ब्रिटेन के लिए आसान था ।

8. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आरंभिक उद्देश्य क्या 
उत्तर- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आरंभिक उद्देश्य निम्नलिखित थे : 
(i) भारत के विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय हित के काम से जुड़े लोगों के संगठनों के बीच एकता की स्थापना का प्रयास थे ?
(ii) देशवासियों के बीच भिन्नता और सद्भावना का संबंध स्थापित कर धर्म, वंश, जाति या प्रान्तीय विद्वेष को समाप्त करना । 
(iii) राष्ट्रीय एकता के विकास एवं सुदृढ़ीकरण के लिए हर संभव प्रयास करना ।
(iv) महत्त्वपूर्ण एवं आवश्यक विषयों के प्रश्नों पर भारत के प्रमुख नागरिकों के बीच चर्चा करना एवं उनके संबंध में प्रमाणों का लेख तैयार करना ।
(v) प्रार्थना-पत्रों तथा स्मारपत्रों द्वारा वायसराय एवं उनकी काउन्सिल से सुधार हेतु प्रयास करना ।
  इस तरह कांग्रेस का आरंभिक उद्देश्य शासन में सिर्फ सुधार करना था। 1905 ई० में कर्जन द्वारा बंगाल विभाजन के बाद कांग्रेस में विरोध के स्वर उठने लगे और 1907 ई० में उसमें फूट पैदा हो गई जिसके कारण कांग्रेस कुछ हद तक कमजोर पड़ गयी । गाँधीजी के भारतीय राजनीति में पदार्पण ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को मजबूती प्रदान की। आगे चलकर इसी पार्टी ने राष्ट्रीय एकता स्थापित करते हुए भारत को ब्रिटिश शासन की गुलामी से मुक्ति दिलाने में सर्वप्रमुख भूमिका अदा किया ।



You May Like These


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

About US

About US

I am Teacher. i have been Selected by Bihar BPSC. I prepare notices and important questions of NCERT and Bihar Board BSEB subjects and also keep giving information about GK GS. I will bring to you all the complete knowledge related to education And I prepare for you all the notices of all the classes and important questions and the most important questions asked in the exam and model type questions. Every day I bring a new question for you.

Read More
About US