कारक
क्रियाक उत्पादक थिक कारक। अर्थात् क्रियाक संग संज्ञा वा सर्वनामक सम्बंधक कारक कहल जाइत अछि।
कारक आठ प्रकारक होइत अछि-कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध, अधिकरण ओ सम्बोधन।
1. कर्ता-जे संज्ञा वा सर्वनाम क्रिया कएनिहार, काज कएनिहार रहैत अछि से कर्त्ता कारक कहल जाइत अछि। जेना राम पद्वैत छथि। ओ चलि रहल छथि। एहि ठाम 'राम' पढ़बाक काज करैत छथि ते कत्ता कारक थिकाह। 'ओ' चित (सर्वनाम) चलि रहल छथि तँ कर्ता कारक थिकाह। नास,
2. कर्म-जकरा पर काजक फल पडैत अछि से कर्म कारक थिक। जेना-राम पुस्तक लिखैत छथि, एहि वाक्यमे 'लिखब' क्रियाक फल पुस्तक पर पडैत अछि ते 'पुस्तक' कर्म कारक थिक।
3. करण-जकरा द्वारा वा जकर सहायतासँ कर्ता कोनो काज करैत छ अछि से 'करण' कारक थिक। जेना-राम पेन्सिलसँ चित्र लिखैत छथि, एहि वाक्यमे राम (कर्ता) पेन्सिलक द्वारा वा पेन्सिलक सहायतासँ चित्र लिखबाक
काज करैत छथि ते 'पेन्सिल' करण कारक थिक।
4. सम्प्रदान-जकरा हेतु काज कएल जाए से 'सम्प्रदान कारक' थिक, जेना-राम अपन पत्नीक हेतु वस्त्र किनैत छथि, एहि वाक्यमे वस्त्र किनबाक फल पत्नीक हेतु अछि तँ 'पत्नी' सम्प्रदान कारक थिक।
5. अपादान-जकरासँ कोनो वस्तु पृथक होअए से अपादान कारक थिक। जेना-'गाछसँ आम टुटिक खसल'-एहि वाक्यमे आमक फल गाछसँ पृथक् भेल अछि तँ 'गाछ' अपादान कारक भेल।
6. सम्बन्ध-जकरासँ कोनो वस्तुक सम्बन्ध होइक से सम्बन्ध कारक थिक। जेना-'रामक गाए चरि रहल अछि'-एहि वाक्यमे 'गाए 'क सम्बंध रामक संग अछि तँ 'राम' सम्बंध कारक भेलाह।
7. अधिकरण-जाहि आधार पर वा जाहि समयमे काज होअए से अधि करण कारक थिक। जेना-रातिमे चन्द्रमा उगैत अछि। धरती पर हम सब ठाढ़ छी। एहिमे पहिल वाक्यमे राति (समय) तथा दोसर वाक्यमे धरती (आधार)
अधिकरण थिक।
8. सम्बोधन-सम्बंधित व्यक्तिक ध्यान आकर्षित हेतु जखन किछु कहल जाइत अछि तखन ओहि वाक्यमे ओहि सम्बंधित व्यक्तिक 'सम्बोधन कारक' कहल जाइछ। जेना- हे राम, हमर रक्षा करू। एहि वाक्यमे राम सम्बोधन कारक थिकाह।
Md. Nezamuddin sir
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