Q.महत्वपूर्ण मुहावरे का अर्थ ......बोर्ड मॉडल
1. अक्ल का दुश्मन – (मूर्ख) – अरे! अक्ल के दुश्मन , यदि जीवन में सफलता पानी है तो मेहनत करो ।
2. अंधे की लकड़ी – (एकमात्र सहारा) – मानव अपने माता-पिता के लिए अंधे की लकड़ी है ।
3. अक्ल पर पत्थर पड़ना – (बुद्धि नष्ट होना) – मुसीबत आने पर मनुष्य की अक्ल पर पत्थर पड़ जाते हैं
4. अपना उल्लू सीधा करना – (अपना स्वार्थ पूरा करना) – अरुण को तो अपना उल्लू सीधा करना था , अब वह तुषार से बात भी नहीं करता ।
5. अंगूठा दिखाना – (समय पर धोका देना) – मैंने राधिका से कुछ पैसे मांगे तो उसने मुझे अंगूठा दिखा दिया ।
6. अक्ल का अँधा – (मूर्ख) – राजेश अक्ल का अँधा है , वह किसी के समझाने से मानता ही नहीं है ।
7. अपना राग अलापना – (अपनी ही बातें करते रहना) – मैं उससे मदद मांगने गया था , परन्तु वह अपना ही राग अलापता रहा ।
8. अँधेरे घर का उजियारा – (इकलौता पुत्र) – राहुल इसलिए अधिक लाडला पुत्र है क्योंकि वही इस अँधेरे घर का उजियारा है ।
9. आकाश के तारे तोडना – (असंभव कम करना) – शादी से पहले जो पुत्र अपने माता-पिता के लिए आकाश के तारे तोड़ने को तैयार था , परन्तु अब उन्हें काटने को दोड़ता है ।
10.आटे में नमक – (बहुत कम) – सुलतान को उसके शरीर के अनुसार खुराक चाहिए , आधा लीटर दूध तो उसके लिए आटे में नमक के बराबर है ।
11. आपे से बाहर होना – (क्रोधित होना) – आपे से बाहर होकर कंडक्टर ने यात्री को पीट डाला ।
12. आग में घी डालना – (क्रोध को बढ़ावा देना) – लड़ाई के समय अविनाश ने पदम् की पिछली बातें उखाडकर आग में घी डालने का काम किया ।
13. आग बबूला होना – (क्रोधित होना)- मेरे फेल होने पर माता जी आग बबूला हो गईं ।
14. आकाश-पाताल एक करना – (बहुत मेहनत करना) – सुजाता ने प्रथम श्रेणी प्राप्त करने के लिए आकाश-पाताल एक कर दिया ।
15. आनन -फानन में – (बिना किसी देर के) -उमेश ने आनन-फानन में दो किलोमीटर दौड़ लगा दी ।
16. आस्तीन का साँप – (धोखा देने वाला मित्र) – रोहित को पता नहीं था की अंकुर आस्तीन का साँप निकलेगा ।
17. आँखों का तारा – (बहुत प्यारा होना) – अकेली सन्तान माँ – बाप की आँखों का तारा होती है ।
18. आँखों में धूल झोंकना – (धोखा देना) – डाकू पुलिस की आँखों में धूल झोंककर भाग गए ।
19. आँखें दिखाना – (गुस्सा करना) – पिता जी ने आँखें दिखाकर नरेंद्र जी को चुप कर दिया ।
20. आँखें बिछाना – (स्वागत करना) – जनता ने आँखें बिछाकर अपने वीर सैनिकों का सम्मान किया ।
21. आँखें चुराना – (लज्जित होना) -रुपए उधर लेने के बाद उमेश मुझसे आँखें चुराने लगा ।
22. आँखें फेर लेना – (विरुद्ध हो जाना) – मुसीबत में सभी आँखें फेर लेते हैं ।
23. अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनना – (स्वं अपनी प्रशंसा करना) – अच्छे आदमियों को अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनाना शोभा नहीं देता ।
24. अक्ल का चरने जाना – (समझ का आभाव होना) – इतना भी समझ नहीं सके , क्या अक्ल चरने गई है ।
25. अपने पैरों पर खड़ा होना – (आत्मनिर्भर होना) – व्यक्ति को अपने पैरों पर खड़े होकर काम करना चाहिए ।
26. आँखें खुलना – (होश आना) – एक बार ठोकर लगने के बाद व्यक्ति की आँखें खुल जाती हैं ।
27. आसमान से बातें करना – (बहुत ऊँचाई पर होना) – आजकल लोग आसमान से बातें करते हैं ।
28. ढाई चावल की खिचड़ी अलग पकाना – (अलग-अलग रहना) – कुछ सैलून पहले पाकिस्तानी सेना ढाई चावल की खिचड़ी अलग पका रही थी ।
29. अपना सा मुंह लेकर रह जाना – (असफलता प्राप्त होना) – जब वह अपना काम पूरा ना कर सका तो मालिक के समने वह अपना सा मुंह लेकर रह गया ।
30. अरमान निकालना – (इच्छा पूरी करना) – बेटे की शादी में बाबु साहब ने अपने दिल के अरमान निकाले ।
31. अरमान रहना – (इच्छा पूरी न होना) – पुत्र के मर जाने से गरीब के सारे अरमान रह गये ।
32. आँख उठाकर न देखना – (ध्यान न देना) – श्याम किसी को आंख उठाकर नहीं देखता है ।
33. आँख का कांटा होना – (शत्रु होना) – बुरा काम करने की वजह से वह आस-पडोस वालों की आँख का कांटा हो गया है ।
34. आँख का काजल चुराना – (सफाई के साथ काम करना) – बहुत सारे लोगों के बीच से घडी का चोरी होना ऐसा लगता है जैसे चोर ने आँखों से काजल चुरा लिया ।
35. आँखों पर चढना – (कुछ पसंद आ जाना) – तुम्हारी घड़ी चोर की आँखों पर चढ़ गई इसलिए उसने चुरा ली ।
36. आँखों में पानी न होना – (बेशर्म होना) – बेईमान लोगों की आँखों में पानी नहीं होता ।
37. आँखों में खून उतरना – (अत्यधिक क्रोधित होना) – विजय को देखते ही धर्मराज की आँखों में खून उतर आया ।
38. आँखों में गड़ना – (बुरा लगना) – मेरी बातें उसकी आँखों में गड़ गई ।
39. आँखों में चर्बी छाना – (घमंड होना) – जिसके पास दौलत होती है उसकी आँखों में चर्बी छा जाती है ।
40. आँखें लाल करना – (गुस्से से देखना) – सुंदर की बातों का बुरा मान क्र उसने आँखें लाल कर लीं ।
41. आँखें सेकना – (दूसरों की लड़ाई से आनन्द लेना) – हमारी लड़ाई को देखकर सभी लोग अपनी आँखें सेकते हैं ।
42. आँच न आने देना – (थोड़ी सी भी चोट न लगने देना) – मेरा दोस्त मुझ पर जरा भी आँच नहीं आने देगा ।
43. आटे दाल का भाव मालूम होना – (कठिन समय की समझ होना) – जब जिम्मेदारियाँ निभाने लगोगे तब तुम्हे आटे दाल का भाव पता लगेगा ।
44. आँसू पीकर रह जाना – (दुःख और अपमान को सहन करना) – सबके समने बुरा भला सुनकर भी वह आँसू पीकर रह गया ।
45. आग पर पानी डालना – ( शांत करना) – ओ भाइयों में ज्यादा गरमा-गर्मी हो गई थी लेकिन दीदी की बातों ने आग पर पानी डाल दिया ।
46. आग में कूदना – (जानबूझकर मुसीबत में पड़ना) – वीर पुरुष किसी खतरे से नहीं डरते वे तो आग में भी कूद पड़ते हैं ।
47. आग लगने पर कुआँ खोदना – (मुसीबत आने पर मुसीबत का हल ढूँढना) – अंतिम घडी में शहर से डॉक्टर बुलाना आग लगने पर कुआँ खोदने के समान है ।
48. आटा गीला करना – (घाटा आना) – कम कीमत में फसल बेचोगे तो आटा तो गीला होगा ही ।
49. आधा तीतर आधा बटेर – (बेढंगा) – पश्चिमी संस्क्रती ने भारतीय संस्क्रती को आधा तीतर आधा बटेर बना दिया ।
50. आबरू पर पानी फिरना – (प्रतिष्ठा बर्बाद होना) – तुम्हारी नादानी के कारण ही हमारी आबरू पर पानी फिर गया ।
51. आवाज उठाना – (विरोध करना ) – गुंडों के खिलाफ आवाज उठाना आम बात नहीं है ।
52. आसमान सिर पर उठाना – (शोर मचाना) – स्कूल के बच्चों ने आसमान सिर पर उठा लिया ।
53. आँख भर आना – (आँसू आना) – बेटी की बिदाई से माँ बाप की आँख भर आई ।
54. आँखों में बसना – (दिल में समाना) – वह इतना बुद्धिमान है कि वह मेरी आँखों में बस गया ।
55. अंक भरना – (प्यार से गले लगा लेना) – माँ ने बेटी को देखते ही अंक भर लिया ।
56. अंग टूटना – (बहुत थक जाना) – ज्यादा काम करने से मेरे तो अंग टूटने लगे हैं ।
57. अंगारों पर लेटना – (दुःख सहना) – वह दूसरे की तरक्की देखकर अंगारों पर लोटने लगा ।
58. अंचरा पसारना – (माँगना) – माँ ने अपने बेटे की तरक्की के लिए भगवान के सामने अंचरा पसार लिया ।
59. अण्टी मारना – (चाल चलना) – ऐसी अण्टीमारो कि सब चारों खाने चित हो जाए ।
60. अण्ड-बण्ड कहना – (भला-बुरा कहना) – तुम क्या अण्ड-बण्ड ख रहे हो कोई सुन लेगा तो बहुत पिटेगा ।
61. अन्धाधुन्ध लुटाना – (बिना सोचे खर्च करना) – अपनी कमाई को कोई भी अन्धाधुन्ध लुटाया नहीं करते ।
62. अन्धा बनना – (आगे-पीछे कुछ नहीं देखना) – धर्म के पीछे अँधा नहीं बनना चाहिए ।
63. अन्धा बनाना – (धोखा देना) – लोगों ने ही लोगों को अँधा बना रखा है ।
64. अँधा होना – (विवेकभ्रष्ट होना) – तुम अंधे हो गये हो क्या यह भी नहीं देखते कि कोई खड़ा है या नहीं ।
65. अंधेरखाता – (अन्याय होना) – मुंहमांगा देने पर भी लोग अन्याय करते हैं यह कैसा अन्धेरखाता है ।
66. अंधेर नगरी – (जहाँ कपट का बोलबाला हो) – पहले चाय इकन्नी में मिलती थी और अब दस पैसे की मिलती है ये बाजार नहीं अंधेर नगरी है ।
67. अकेला दम – (अकेला होना) – मैं तो अकेला हूँ जिधर सींग समायेगा , चल दूंगा ।
68. अक्ल की दुम – (खुद को होशियार समझनेवाला) – तुम्हे दस का पहाडा तो आता है नहीं और खुद को साइंस का टॉपर कहते हो ।
69. अगले जमाने का आदमी – (ईमानदार व्यक्ति) – आज की दुनिया में अगले जमाने का आदमी बुद्ध माना जाता है ।
70. अढाई दिन की हुकुमत ( कुछ ही दिन की शानोशौकत) – जरा होशियार रहें ये अढाई दिन की हुकुमत है जल्दी चली जाएगी ।
71. अन्न जल उठाना – (मरना) – मुझे नहीं पता था कि तुम्हारा यहाँ से अन्न जल उठ गया है ।
72. अन्न जल करना – (जलपान करना) – बहुत दिनों बाद आये हो कुछ अन्न जल तो कर लेते ।
73. अन्न लगना – (स्वस्थ रहना) – उसे तो अपने गाँव का ही अन्न लगता है ।
74. अपना किया पाना – (कर्म का फल भोगना ) – जब बेकार लोगों से नाता रखोगे तो अपना किया ही पाओगे ।
75. अब तब करना – (बहाना बनाना) – मैने उससे कुछ माँगा तो उसने अब तब करना शुरू क्र दिया ।
76. अब तब होना – (परेशान करना) – दवाई देने से कोई फायदा नहीं वह तो अब तब हो रहा है ।
77. आठ आठ आँसू रोना – (बहुत पछताना) – अगर अभी नहीं पढोगे तो बाद में आठ आठ आँसू रोना पड़ेगा ।
78. आसन डोलना – (विचलित होना) – धन देखते ही ईमान का भी आसन डोल जाता है ।
79. आसमान टूट पड़ना – (बहुत कष्ट आना) – उसने इतने दुखों का समना किया की मानो उस पर तो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा ।
80. अगिया बैताल – (क्रोधी) – रोहन छोटी-छोटी बात पर अगिया बैताल हो जाता है ।
81. अंगारों पर पैर रखना – (खुद को संकट में डालना) – भारतीय सेना अंगारों पर पैर रखकर भारत की सेवा करती है ।
82. अक्ल का अजीर्ण होना – (जरूरत से ज्यादा अक्ल होना) – मोहन किसी विषय में किसी और को महत्व नहीं देता उसे अक्ल का अजीर्ण हो गया है ।
83. अक्ल दंग होना – (हैरान होना) – सोहन ज्यादा पढाई नहीं कर्ता लेकिन जब रिजल्ट आया तो सब की अक्ल दंग रह गयी ।
84. अक्ल का पुतला – (बहुत बुद्धिमान होना) – विदुर जी को अक्ल का पुतला माना जाता था ।
85. अंत पाना – (भेद पाना) – किसी का भी अंत पाना कठिन है ।
86. अंतर के पेट खोलना – (समझदारी से काम लेना) – हर परेशानी में हमे अंतर के पेट खोलना चाहिए ।
87. अक्ल के घोड़े दौड़ना -(कल्पनाएँ करना) – जय तो हमेशा अक्ल के घोड़े दौड़ता रहता है ।
88. अपनी डफली आप बजाना – (अपने मन अनुसार करना) – राधा किसी की बात नहीं सुनती , वो हमेशा अपनी ढपली बजाती रहती है ।
89. अंधों में काना राजा – (अनपढ़ों में पढ़े लिखे का सम्मान होना) – रावन तो अंधों में काना राजा के समान है ।
90. अंकुश देना – (जोर देना) – भारतीय खिलाडियों पर खेल जीतने के लिए बहुत अंकुश दिया गया ।
91. अंग में अंग चुराना- (शरमाना) – वह मुझसे अंग से अंग चुराने लगा ।
92. अंग-अंग फूले न समाना- (बहुत खुश होना) – अपनों से मिलकर उसका अंग-अंग फूले न समाया ।
93. अंगार बनना- (क्रोधित होना) – राजेश की बात सुनकर रमेश अंगार बन गया ।
94. अंडे का शाहजादा- (अनुभवहीन) – काम करना क्या होता है वह अंडे का शाहजादा क्या जाने ।
95. अठखेलियाँ सूझना- (दिल्लगी करना) – आजकल के बच्चों को अठखेलियाँ सूझती हैं ।
96. अँधेरे मुँह- (प्रातः काल) – वो तो अँधेरे मुंह उठकर ही काम करने लगता है ।
97. अड़ियल टट्टू- (रूक-रूक कर काम करना) – तुम्हे काम करना नहीं आता तुम अड़ियल टट्टू की तरह काम करता है ।
98. अपना घर समझना- (बिना संकोच व्यवहार करना) – सुखी ने रिश्तेदारों से बात करने के लिए बुलाया लेकिन वो तो उसे अपना ही घर समझने लगे ।
99. अड़चन डालना- (बाधा उत्त्पन करना) – सपना हर शुभ काम में अडचन डालती है ।
100. अरण्य-चन्द्रिका- (व्यर्थ का पदार्थ होना) – अरुण अपना समय अरण्य चन्द्रिका पर बर्बाद कर्ता रहता है ।
Md.Nezamuddin sir
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