यह देश तुम्हारा है वह देश हमारा है
ओ ओ आ आ
आंखें जिसकी मंदिर मस्जिद दिल गुरुद्वारा है
यह देश तुम्हारा है वह देश हमारा है
नफरत की आग से यह देश मत जलाओ
गद्दार आंधियों से इस देश को बचाओ
जो बात की है हमसे दीवार वो गिराओ
ख्वाजा के दर से उठो कासी से उठ कर आओ
रामायण की कथा है मर्यादा का दर्पण
ईशा की सूली है इसमें
मानवता का दर्शन
नूर ए मोहम्मद से है रौशन इनके घर का आंगन
उठो हमारी धरती ने
ओ ओ आ आ
उठो हमारी धरती ने हमे पुकारा है
यह देश तुम्हारा है वह देश हमारा है
हाथों में हाथ थामो फिर दिल से दिल मिला ओ
भारत पुकारता है अपने कदम बढ़ाओ
टकराओ जालिमो से अपना वचन निभाओ
रामबन कर आओ रावण का सर झुकाओ
रूप है इसका ताजमहल सा
सच है गौतम जैसा
दिल से दिल का रिश्ता इसका पावन संगम जैसा
खुशी है इसकी दिवाली गम है मोहर्रम जैसा
जहां अहिंसा के हिंसा का साहस हारा है
यह देश तुम्हारा है वह देश हमारा है
Md. Nezamuddin sir
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें