भूकम्प क्यों आता है क्या कारण है संपूर्ण जानकारी
उत्तर- (i) भूमिका—मनुष्य ने अपनी बुद्धि, शक्ति के बल पर प्रकृति के कई रहस्यों को उजागर करने में सफलता प्राप्त की है, परन्तु प्रकृति की शक्तियों पर सम्पूर्ण अधिकार करने की शक्ति मनुष्य में नहीं है। प्रकृति विभिन्न रूपों में हमारे
सामने आती है। ये कभी अपना कोमल और सुखदायी रूप दिखाई देती है, तो कभी कठोर रूप धारण करती है। जिससे मनुष्य इसके सामने विवश हो जाता है। तूफान, बाढ़, सूखा, अकाल, अनावृष्टि, अतिवृष्टि तथा भूकम्प ऐसे ही प्रकोप हैं।
जब धरती अचानक हिलने लगती है तो यह घटना भूकम्प कहलाती है। यह पृथ्वी की सतह के नीचे चट्टानों के हिलने या टूटने के कारण होती है। इसकी तीव्रता को रिक्टर स्केल पर माप जाता है।
(ii) त्रासदी—पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के हरे-भरे, पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं के होने से हमारी धरती बहुत ही सुन्दर प्रतीत होती है, लेकिन भूकम्प आने से पल-भर में ये तहस-नहस हो जाते हैं। यह सबसे घातक प्राकृतिक त्रासदी है जिससे
जाल का काफी नुकसान होता है।
हमारे देश में कई बार भूकम्प के झटके आये हैं। सन् 2001 में गुजरात में भूकम्प के कारण भारी तबाही हुई थी। यह भारत के लिए बड़ी त्रासदी थी। हाल में ही सीरिया में भूकम्प के जोरदार झटके आये थे, जिसमें जान-माल को काफी
नुकसान हुआ था।
(iii) हानी— भूकम्प एक प्राकृतिक आपदा है जो भयानक विनाश का कारण बनता है। जमीन में दरारें पड़ जाती है। बड़े-बड़े इमारतें जमींदोज होकर मलवे में तब्दील हो जाती है। बिजली यातायात ठप पड़ जाता है। लोग बेघर हो जाते हैं। कई लोग मलवे के नीचे दब जाते हैं। उस जगह पर चारों तरफ मौत का ताडंव तथा हर जगह चीख पुकार ही सुनाई देती है। ऐसी आपदा में इंसान बेबस हो जाता है।
(iv) उपसंहार—भूकम्प-वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा कोई उपकरण विकसित हुआ है जिससे इसके पूर्वानुमान का पता चल सके। इसलिए सरकार को इससे होने वाली हानि को कम करने के प्रयास तथा हमेशा भूकम्प से बचने के
उपाय पर ध्यान देना चाहिए। इससे बचाव के लिए भूकम्परोधी भवनों का निर्माण करना चाहिए। भूकम्प आने पर लोगों को घबराना नहीं चाहिए बल्कि आवश्यक सावधनियाँ बरतनी चाहिए साथ ही इसका मुकाबला हमलोगों को मिल-जुल कर करना चाहिए?
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