ग्लोबल वार्मिंग/ग्रीनहाउस क्या है सम्पूर्ण जानकारी ग्लोबल वार्मिंग किसे कहते हैं global warming full information in Hindi

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आज के युग में जहाँ मनुष्य दिनों-दिन कई तरह की नई-नई तकनीकें विकसित करता आ रहा है। विकास के लिए मनुष्य कई तरह से प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहा है। जिसकी वजह से प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में बहुत मुश्किल हो रही है। यही असंतुलन कई तरह की समस्याओं को पैदा करता है। इन गंभीर समस्याओं में से एक समस्या ग्लोबल वार्मिंग होती है। ग्लोबल वार्मिंग पूरी पृथ्वी की एक बहुत है।
ग्लोबल वार्मिंग : ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ होता है लगातार तापमान का बढ़ना। जब कोई परिवर्तन प्रकृति के नियम या शर्त के अनुसार नहीं होता है उसे ग्लोबल वार्मिंग कहते हैं। ये सभी बदलाव मानव द्वारा प्रकृति में किया जाता है। यह प्रक्रिया वातावरण और धरती को अपने तापमान से ज्यादा गर्म कर देती है।ऐसी अप्राकृतिक गतिविधियों की वजह से ही धरती का तापमान नियमित रूप से बढ़ता जा रहा है। तापमान के बढ़ने की वजह से अंटार्टिका और हिमालय पर्वतों की बर्फ लगातार पिघलती जा रही है जिसकी वजह से समुद्रों का स्तर बढ़ता जा रहा है। अगर ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पृथ्वी का तापमान इसी तरह से बढ़ता रहेगा तो वह दिन दूर नहीं रहेगा जब पूरी पृथ्वी नष्ट हो जाएगी।
ग्रीनहाउस : सभी तरह की गैसों जैसे आक्सीजन, हाईड्रोजन, नाईट्रोजन, मीथेन, हीलियम, नियान, कार्बन-डाई-आक्साइड होती हैं इनका अपना एक प्रतिशत होता है। इन गैसों से जो आवरण बनता है उसे ही ग्रीनहाउस कहते हैं। ग्रीनहाउस पृथ्वी के लिए एक सुरक्षा परत की तरह काम करता है। जब ग्रीनहाउस असंतुलित हो जाता है तभी ग्रीनहाउस जैसी बीमारी उत्पन्न हो जाती है।
ग्लोबल वार्मिंग के कारण: बहुत से कारणों की वजह से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती जा रही है। जिस तरह से जनसंख्या बढ़ रही है उस तरह से ग्लोबल वार्मिंग भी बढ़ती जा रही है। मनुष्य के द्वारा संचालित व्यवसायिक क्रियाएँ जिसमें उद्योगों से निकलने वाला धुआं और वाहनों से निकलने वाला धुआं आदि हैं।
👉🏿 मनुष्य द्वारा कार्बन डाई आक्साइड और सल्फर डाई आक्साइड दोनों गैसों को घरों में प्रयोग किया जा रहा हैं। इन गैसों को मुख्य रूप से फ्रिज और एसी में प्रयोग किया जाता है जिसकी वजह से पानी और वातावरण को ठंडा किया जाता है। लेकिन जब ये गैस वातावरण में मिल जाती है तो इनका असर
उल्टा पड़ जाता है यह वातावरण को ठंडा करने की जगह पर गर्म कर देती है क्योंकि इसमें ऐसे पदार्थ होते हैं जो वातावरण में रेडियोएक्टिव को बढ़ा देता है।
👉🏿प्रदूषण के लगातार बढ़ने की वजह से ग्लोबल वार्मिंग निरंतर बढ़ती ही जा रही है। प्रदूषण के बढ़ने की वजह से कार्बन डाई आक्साइड की मात्रा भी बढ़ती जा रही है जिसकी वजह से ओजोन परत को भी हानि पहुंच रही है। जंगलों की कटाई, फैक्ट्रियों और कारखानों से निकलने वाला धुआं, बढती हुई जनसंख्या और वाहनों के धुएं की वजह से ग्लोबल वार्मिंग का स्तर बढ़ रहा है। -
ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव: अगर इस तरह से ग्लोबल वार्मिंग बढती रहेगी तो जो भी बर्फीले स्थान है वो पिघल कर अपना अस्तित्व खो देंगे। आजकल गर्मी और अधिक बढ़ती जा रही है और सर्दियों में ठंड कम होती जा रही है। जब हम सर्वे को देखते हैं तो हमें पता चलता है कि पृथ्वी का तापमान धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है।
👉🏿 जो हमारी सामान्य प्रक्रिया से कहीं ज्यादा तेजी से हो रहा है। हर एक साल के दौरान तापमान अधिक हो रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से प्राकृतिक आपदाओं के आने का भी खतरा बढ़ जाता है। जंगलों में आग लगने और बर्फ पिघलने की वजह से बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
जो लोग समुद्र तट पर रहते हैं उनके लिए बहुत अधिक खतरा बढ़ जायेगा क्योंकि बर्फ के पिघलने से समुद्र के पानी का स्तर भी बढ़ जायेगा। कार्बन डाई आक्साइड गैस के बढने की वजह से कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से रेगिस्तान का विस्तार होने के साथ-साथ पशु-पक्षियों जा रही है। की कई प्रजातियाँ भी विलुप्त हो रही हैं। ग्लोबल वार्मिंग के अधिक बढ़ने की वजह से आक्सीजन की मात्रा भी कम होती जा रही है जिसकी वजह से ओजोन परत कमजोर होती
ग्लोबल वार्मिंग की रोकथाम के उपाय : सरकार को ग्लोबल वार्मिंग को खत्म करने के लिए लोगों में जागरूकता का अभियान चलाना चाहिए। जागरूकता के अभियान का काम किसी भी एक राष्ट्र के करने से नहीं होगा इस काम को हर राष्ट्र के द्वारा करना जरूरी है।
👉🏿ग्लोबल वार्मिंग से बहुत तरह की हानियाँ हुई हैं जिन्हें ठीक तो नहीं किया जा सकता लेकिन ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ने से रोका जा सकता है
👉🏿जिससे बर्फीले इलाकों को पिघलने से बचाया जा सके। वाहनों और उद्योगों में हानिकारक गैसों के लिए समाधान किये जाने चाहिए जिससे ग्लोबल वार्मिंग को कम किया जा सके।
जो चीजे ओजोन परत को हानि पहुंचती हैं। उन सभी चीजों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। हमें कुछ उपायों के द्वारा इसे बढ़ने से रोकना होगा। जिन वाहनों से प्रदूषण होता है उन पर रोक लगानी चाहिए। ठंडे करने वाले उपकरणों का कम प्रयोग करना चाहिए। पेड़ों की कटाई को रोककर अधिक-से-अधिक पेड़ लगाने चाहिएँ ।
👉🏿 सामान्य बल्बों की जगह पर कम ऊर्जा की खपत वाले बल्बों का प्रयोग करना चाहिए । जितना हो सके प्रदूषण करने वाले वहनों का कम प्रयोग करना चाहिए जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके। जिन वस्तुओं को नष्ट नहीं किया जा सकता हैं उन्हें रिसाइक्लिंग की सहायता से दुबारा प्रयोग में लाना चाहिए।
👉🏿लाईटों का कम प्रयोग करना चाहिए जब आवश्यकता हो तभी लाईटों का प्रयोग करना चाहिए। गर्म पानी का बहुत ही कम प्रयोग करना चाहिए। पैकिंग करने वाले प्लास्टिक के  साधनों का कम प्रयोग करना चाहिए। बिजली के साधनों का कम-से-कम प्रयोग करना चाहिए। जितना हो सके स्वच्छ ईंधन का प्रयोग करना चाहिए। जल संरक्षण और वायु संरक्षण के लिए प्रयास करने चाहिएँ।
उपसंहार: ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए जितने हो सकें उतने प्रयत्न जरुर करने चाहिएँ। वृक्षारोपण के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना चाहिए जिससे कार्बन डाई आक्साइड की मात्रा कम हो सके और प्रदूषण को कम किया जा सके।
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