सामाजिक विज्ञान Social Science Previous Year Question Paper Class 10th 2019 First Sitting बिहार बोर्ड कक्षा दसवीं के सामाजिक विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर 2023 long and short question answer

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History इतिहास 
1. मेजिनी कौन था ?
उत्तर – मेजिनी को इटली के एकीकरण का 'पैगंबर' या 'मसीहा' कहा जाता है। राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित होकर उसने कार्बोनारी की सदस्यता ग्रहण की। 1830-31 के विद्रोह में उसने सक्रिय भूमिका निभाई। गणतंत्रवादी उद्देश्यों का प्रचार करने के लिए उसने 'यंग इटली' तथा 'यंग यूरोप' का गठन किया । वह ऑस्ट्रिया के प्रभाव से इंटैली को मुक्त कराना चाहता था। अपने प्रयास में वह विफल रहा। 
2. पूँजीवाद क्या है?
उत्तर – औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप एक नई आर्थिक व्यवस्था का उदय हुआ जो पूँजीवादी व्यवस्था कहलाई। उत्पादन के साधनों और इसके लाभ पर पूँजीपतियों ने अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि उद्योगों के मशीनीकरण के लिए उन्हीं के पास धन या पूँजी थी। अतः इसका लाभ उन्हीं लोगों ने उठाया। पूँजीवादी व्यवस्था में श्रमिकों का शोषण हुआ। इसके विरोध में आगे चलकर समाजवादी और मार्क्सवादी विचारधारा का उदय हुआ। का वर्णन करें।
3. हिन्द- चीन में फ्रांसीसी प्रसार
उत्तर – 17वीं शताब्दी में अनेक फ्रांसीसी व्यापारी और कैथोलिक धर्मप्रचारक हिंदचीन पहुँचे। 18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध से वे हिंदचीन की राजनीति में सक्रिय हो गए। 1787 में कोचीन-चीन तथा 1862 में अन्नाम के साथ फ्रांस ने संधि कर अपना प्रभाव बढ़ाया। 1863 में कंबोडिया फ्रांस का संरक्षित राज्य बन गया। 1867 में कोचीन-चीन में फ्रांसीसी उपनिवेश की स्थापना हुई। 1884 में अन्नाम फ्रांस का संरक्षित राज्य बना तथा 1887 में फ्रांस ने फ्रेंच इंडो-चाइना की स्थापना की।

4. न्यूनतम मजदूरी कानून कब पारित हुआ और इसके क्या उद्देश्य थे ? 
उत्तर -- भारत सरकार द्वारा 1948 में पारित इस कानून का उद्देश्य चुने हुए उद्योगों में मजदूरी की दर नियत करना था। द्वितीय पंचवर्षीय योजना में स्पष्ट किया गया कि मजदूरों को कम-से-कम इतनी मजदूरी मिलनी चाहिए जिससे वे अपनी कार्यकुशलता बनाए रखते हुए अपना गुजारा कर सकें। 
5. छापाखाना यूरोप में कैसे प्रारंभ हुआ ?
उत्तर - 1295 में मार्कोपोलो जब चीन से इटली वापस आया तब वह अपने साथ चीन में प्रचलित वुड ब्लॉक छपाई की तकनीक लेता आया। इससे हस्तलिखित पांडुलिपियों के स्थान पर वुड ब्लॉक छपाई की तकनीक विकसित हुई। इटली से आरंभ होकर यह तकनीक यूरोप के अन्य भागों में भी फैल गई। निर्देश: प्रश्न- संख्या 6 से 7 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किसी एक प्रश्न का उत्तर दें।
6. रूसी क्रांति के कारणों की विवेचना करें। 
उत्तर – 1917 रूस की क्रांति के कारण राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक और बौद्धिक थे।
(i) राजनीतिक – रोमोनोव वंश का शासक जार निकोलस द्वितीय सर्वशक्तिशाली और स्वेच्छाचारी था। प्रशासन में भ्रष्टाचार व्याप्त था। सरकार की रूसीकरण की नीति (एक जार, एक चर्च और एक रूस) से रूस में निवास करनेवाली विभिन्न प्रजातियों में असंतोष व्याप्तं हुआ। अनेक विद्रोह हुए जिन्हें क्रूरतापूर्वक दबा दिया गया। बाल्कन युद्धों, क्रीमिया युद्ध और रूसी-जापानी युद्ध में पराजय से जारशाही की शक्ति और प्रतिष्ठा कमजोर हो गई। प्रथम विश्वयुद्ध में पराजय तो क्रांति का तात्कालिक कारण बनी।
(ii) सामाजिक – रूस की अधिकांश जनसंख्या किसानों की थी। उनकी स्थिति दयनीय थी। 1861 में कृषिदासता समाप्त किए जाने के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं आया। अतः, किसानों ने बार-बार विद्रोह किए और क्रांति के आधार बन गए।
(iii) आर्थिक - औद्योगिक दृष्टि से रूस एक पिछड़ा हुआ देश था । उद्योगों पर जार एवं कुलीनों का आधिपत्य था तथा राष्ट्रीय पूँजी का अभाव था। व्यापार का भी समुचित विकास नहीं हो सका। लगातार युद्धों से देश की अर्थव्यवस्था दिवालियापन के कगार पर पहुँच गई। 
(iv) धार्मिक – रूस पर कट्टरपंथी ईसाई धर्म एवं चर्च का व्यापक प्रभाव था । नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता नहीं थी ।
वौद्धिक - 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में रूस में बौद्धिक जागरण हुआ। अनेक साहित्यकारों, जैसे – प्लेखानोव, लियो टॉल्सटॉय, इवान तुर्गनेव, मैक्सिम गोर्की, एंटन चेखव इत्यादि ने अपने लेखों और पुस्तकों द्वारा भ्रष्ट राजनीतिक, आर्थिक व्यवस्था की ओर रूसियों का ध्यान आकृष्ट कर उन्हें परिवर्तन के लिए उत्प्रेरित किया। मार्क्सवाद के बढ़ते प्रभाव से भी क्रांति की प्रेरणा मिली।
7. भूमंडलीकरण के कारण आमलोगों के जीवन में आने वाले परिवर्तनों को स्पष्ट करें। 
उत्तर- भूमंडलीकरण की प्रक्रिया के कारण विश्व के सभी राष्ट्र राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे से जुड़ गए। भूमंडलीकरण ने विश्व स्तर पर लोगों को भौतिक, सांस्कृतिक एवं मनोवैज्ञानिक स्तर पर एकीकृत कर एकरूपता लाने का प्रयास किया है। आमलोगों का जीवन भूमंडलीकरण से गहरे रूप से प्रभावित हुआ है। वर्तमान समय में जीविकोपार्जन और आर्थिक क्षेत्र में इसका व्यापक प्रभाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है। भूमंडलीकरण ने राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को निरूपित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुक्त बाजार एवं व्यापार, खुली प्रतिस्पर्द्धा और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रसार हुआ है। उद्योग एवं सेवा क्षेत्र का निजीकरण एवं विस्तार हुआ है। इसका जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। जीविकोपार्जन के क्षेत्र में यह प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखलाई देता है। 1991 के पश्चात सेवा, बीमा क्षेत्र, पर्यटन उद्योग, सूचना और संचार के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आया है। सेवा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसी आर्थिक गतिविधियाँ आती हैं जिसमें ग्राहकों को सुविधाएँ उपलब्ध कराकर उनके बदले पारिश्रमिक लिया जाता है। यातायात, बैंक और बीमा, पर्यटन, दूरसंचार की सुविधा उपलब्ध कराने के व्यवसाय में लाखों लोगों को रोजगार मिले हैं। पर्यटन उद्योग का विकास होने से दूर एवं ट्रैवेल बीमा क्षेत्र का एजेंसियों की स्थापना हुई है। बड़े नगरों में शॉपिंग मॉल स्थापित किए गए हैं। बैंकिंग विस्तार हुआ है। राष्ट्रीय संस्थाओं के अतिरिक्त निजी कंपनियाँ भी इसमें संलग्न हैं। विगत वर्षों में सबसे अधिक विस्तार सूचना और संचार के क्षेत्र में हुआ है। इससे दूरियाँ सिमट गई है। मोबाइल फोन, कंप्यूटर और इंटरनेट, कूरियर सेवा का सामान्य जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने सरकारी नौकरी पर दबाव कम कर दिया है। यह भूमंडलीकरण का ही प्रभाव है कि नागरिकों का जीवन स्तर बढ़ा है और उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं।

राजनीति विज्ञान / (Political Science
8. सामाजिक विभाजन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-- जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र, संप्रदाय इत्यादि के आधार पर समाज में जो विभेद पैदा होता है वही सामाजिक विभाजन का रूप ले लेता है या सामाजिक विभाजन कहलाता है। सामाजिक विभेद को मिटाकर ही सामाजिक विभाजन को रोका जा सकता है।
9. राजनीति दल लोकतंत्र में क्यों आवश्यक है ?
उत्तर – राजनीतिक दल लोकतंत्र की आधारशिला है। बिना राजनीतिक दलों के हम लोकतंत्र की कल्पना भी नहीं कर सकते। विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि ही निर्वाचन में भाग लेते हैं। राजनीतिक दल ही लोकतंत्रीय शासन को व्यावहारिक रूप प्रदान करते हैं।
10. संघीय शासन की दो विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर – संघात्मक शासन की दो प्रमुख विशेषताएँ हैं— 
(क) लिखित संविधान और 
(ख) दुहरे स्तर पर सरकार का गठन।
11. सांप्रदायिकता क्या है ?
उत्तर – अपने धार्मिक हितों के लिए राष्ट्रहित का बलिदान कर देना सांप्रदायिकता है। सांप्रदायिकता लोकतंत्र के लिए अभिशाप है। इससे समाज एवं देश का विकास अवरुद्ध होता है। 
12. पंचायती राज क्या है ?
उत्तर – पंचायती राज के अंतर्गत ग्राम, प्रखंड एवं जिला स्तर पर क्रमशः ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद का गठन किया जाता है। ।

13. दबाव-समूह की परिभाषा दें
उत्तर – दबाव समूह की परिभाषा "यह कुछ व्यक्तियों का ऐसा समूह है, जो मान्य एवं सामान्य उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सरकार से कुछ माँगें करके सामान्य नीतियों को प्रभावित करने का प्रयास करता है।' निर्देश: प्रश्न संख्या 14 से 15 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किसी एक प्रश्न का उत्तर दें। ""
14. भारतीय लोकतंत्र की दो चुनौतियों का वर्णन करें।
उत्तर – भारतीय लोकतंत्र की दो आधारभूत चुनौतियाँ निम्नांकित हैं।
(i) लोकतंत्र के विस्तार की चुनौती – प्रत्येक लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था संघीय ढाँचे को सक्रिय बनाकर, स्थानीय संस्थाओं को अधिक अधिकार देकर तथा समाज के कमजोर वर्ग, जिनमें महिलाएँ भी सम्मिलित हैं, को शासन में उचित साझेदारी देकर इस चुनौती का सामना कर सकती है।
(ii) लोकतंत्र को सशक्त बनाने की चुनौती - प्रत्येक लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के सामने लोकतंत्र को सशक्त बनाने की चुनौती रहती है। इस चुनौती के समाधान के लिए लोगों की साझेदारी सत्ता में सुनिश्चित करना तथा धनी एवं प्रभुत्ववाले लोगों पर नियंत्रण रखना आवश्यक है।
15. 'सूचना के अधिकार अधिनियम 
उत्तर – केंद्र सरकार द्वारा सूचना का अधिकार संबंधी अधिनियम 2005 में लागू किया गया। इस अधिनियम के अंतर्गत यह व्यवस्था की गई है कि अब कोई भी व्यक्ति या संस्था सरकारी कार्यालय से विकास कार्यों से संबंधित अभिलेख एवं विवरण आवेदन के साथ एक निश्चित रकम जमाकर प्राप्त कर सकता है। परंतु, अंपवादस्वरूप प्रतिरक्षा एवं गोपनीय विभागों को इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है। सूचना प्राप्त करने में आनाकानी अथवा लापरवाही के दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान भी किया गया है। इस कानून के बन जाने से प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व निश्चित करने में मदद मिलेगी। इससे यह पता चल सकेगा कि अमुक कार्य में गड़बड़ी या विलंब के लिए कौन-कौन से व्यक्ति जिम्मेवार हैं तथा किसकी गलती से योजनाएँ देर से पूरी हुई अथवा अधूरी रहीं। अधिकारियों को सूचना प्राप्त करने संबंधी आवेदनपत्र प्राप्त होने के 48 घंटे के अंदर इस पर कार्रवाई आवश्यक रूप से करनी होगी तथा जिसकी एक महीने के अंदर देनी होगी। अर्थशास्त्र / Economics
16. अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?
उत्तर- -अर्थव्यवस्था जीवनयापन के लिए अपनाई गई एक आर्थिक व्यवस्था है। इस व्यवस्था में ही किसी देश या समाज के सदस्य सभी प्रकार की आर्थिक क्रियाओं का संचालन करते हैं। सारांश में, उत्पादन, वितरण एवं उपभोग की आर्थिक क्रियाओं की सुव्यवस्थित संरचना अर्थव्यवस्था है।
17. प्रतिव्यक्ति आय क्या है?
उत्तर–प्रतिव्यक्ति आय किसी देश के नागरिकों की औसत आय है। किसी देश की कुल राष्ट्रीय आय में कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो भागफल आता है उसे प्रतिव्यक्ति आय कहते हैं। 18. वस्तु विनिमय क्या है ?
उत्तर --- जब किसी वस्तु का क्रय किसी अन्य वस्तु द्वारा किया जाए तो इसे वस्तु विनिमय की संज्ञा दी जाएगी, उदाहरण के लिए एक किलोग्राम पालक साग का क्रय एक किलोग्राम मूली के द्वारा या एक फूलगोभी के बदले एक पत्ता गोभी का विनिमय। जब मुद्रा का आविष्कार नहीं हुआ था तो बाजार में वस्तु ही वस्तु के विनिमय का माध्यम था।
19. व्यावसायिक बैंक के प्रमुख कार्यों की विवेचना करें। 
उत्तर- बैंक शब्द से हमारा अभिप्राय प्रायः व्यावसायिक बैंकों से ही होता है। व्यावसायिक बैंक निम्नलिखित कार्यों का निष्पादन करते हैं।
(i) जमा स्वीकार करना – लोगों की बचत को जमा के रूप में स्वीकार करना व्यावसायिक बैंकों का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य है। व्यावसायिक बैंक प्रायः चार प्रकार के खातों में रकम जमा करते हैं— स्थायी जमा, चालू जमा, संचयी जमा तथा आवर्ती जमा । स्थायी जमा में एक निश्चित अवधि के लिए रकम जमा की जाती है। ऐसी जमा पर ब्याज की दर सबसे अधिक होती है। इसका कारण यह है कि बैंक इस धन को निःसंकोच किसी अन्य व्यक्ति को उधार देकर मुनाफा कमा सकता है। चालू जमा वे हैं जिनमें जमाकर्ता अपनी इच्छानुसार कभी भी रुपया जमा कर सकता है या निकाल सकता है। इन जमाओं पर बैंक प्रायः कुछ भी ब्याज नहीं देते या नाममात्र का व्याज देते हैं। संचयी जमा मुख्यतः मध्यमवर्ग के लिए होती है तथा इसपर ब्याज की दर स्थायी जमा से कम रहती है। आवर्ती जमा में प्रतिमाह एक निश्चित रकम जमा के रूप में एक निश्चित अवधि जैसे 60 या 72 माह के लिए बैंक स्वीकार करते हैं तथा उसके बाद एक निश्चित रकम देते हैं।
(ii) कर्ज देना – यह व्यावसायिक बैंकों का दूसरा प्रमुख कार्य है। बैंक अपने ग्राहकों की रकम को जमा करते हैं तथा इस जमा रकम से उनलोगों को कर्ज देते हैं जिन्हें उद्योग या व्यवसाय आदि के लिए धन की आवश्यकता होती है।
(iii) एजेंसी-संबंधी कार्य – व्यावसायिक बैंक अपने ग्राहकों के एजेंट या प्रतिनिधि का कार्य भी करते हैं। वे उनके ब्याज, लाभांश आदि का भुगतान प्राप्त करते हैं, उनके आदेशानुसार प्रतिभूतियों, अंश-पत्रों आदि का क्रय-विक्रय करते हैं तथा उनकी ओर से भुगतान भी करते हैं।
(iv) सामान्य उपयोगिता संबंधी कार्य – उपर्युक्त कार्यों के अतिरिक्त व्यावसायिक बैंक कई अन्य कार्य भी करते हैं, जिन्हें सामान्य उपयोगिता संबंधी कार्य कहा जाता है।
उत्तर वैश्वीकरण से बिहार की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है तथा यहाँ के बाजारों में विदेशी कंपनियों द्वारा निर्मित मोटरगाड़ियाँ, सेलफोन, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, जूते, सिले- सिलाए कपड़े तथा अन्य कई प्रकार की उपभोक्ता वस्तुएँ उपलब्ध हैं। वैश्वीकरण से राज्य के पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहन मिला है। तथा विदेशी पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2005 में बिहार में आनेवाले विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग 63 हजार थी, वह 2018 में सितंबर तक बढ़कर 7.7 लाख से अधिक हो गई थी। बिहार में विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इतिहास, धर्म और संस्कृति का विविधतापूर्ण भंडार है। कानून-व्यवस्था तथा अधिसंरचनात्मक सुविधाओं की स्थिति में सुधार होने से राज्य में पर्यटन का एक प्रमुख उद्योग के रूप में विकसित होने की संभावना है। परंतु, राज्य के विकास तथा विदेशी पूँजी निवेश की दृष्टि से बिहार में वैश्वीकरण के प्रभाव सीमित रहे हैं। इसका प्रमुख कारण हमारे राज्य की कमजोर आधार संरचना है। बहुराष्ट्रीय निगमों ने मुख्यतया दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक जैसे देश के विकसित राज्यों में ही पूँजी का निवेश किया है, जहाँ ये सुविधाएँ उपलब्ध हैं। पूँजी निवेश एवं औद्योगिक विकास के लिए विद्युत संयंत्र, प्रमुख उच्च पथ, रेलवे, जलमार्ग, हवाई अड्डे जैसी संरचनात्मक सुविधाएँ अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं। बिहार में इन सुविधाओं की कमी विदेशी निवेशों के मार्ग में एक प्रमुख बाधा है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के निवेश वातावरण में सुधार के लिए सड़क अधिसंरचना में सुधार तथा बाढ़ नियंत्रण आवश्यक हैं।
भूगोल / Geography
21. संसाधन को परिभाषित कीजिए। 
उत्तर - प्रकृति के वे सभी पदार्थ जो मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति तथा सुख-सुविधा प्रदान करने में उपयोगी हों, संसाधन कहलाते हैं। ये प्रकृति में विभिन्न रूपों में पाए जाते हैं। किंतु, ये तब तक संसाधन की कोटि में नहीं आ पाते हैं जब तक उन्हें उपयोगी न बना लिया जाए । 
22. जल संसाधन के क्या उपयोग है ?
उत्तर – जल संसाधन के मुख्य उपयोग निम्नलिखित हैं
(i) पेयजल एवं घरेलू कार्य में
(ii) सिंचाई में 
(iii) कारखानों में
(iv) जलविद्युत उत्पादन तथा 
(v) परमाणु संयंत्र के शीतलन में
 23. वन्य जीवों के ह्रास के लिए उत्तरदायी चार प्रमुख कारकों का उल्लेख करें। 
उत्तर- - वन्य जीवों के ह्रास के निम्नलिखित कारक हैं। X मत्स्यपालन, वानिकी इत्यादि में।
(i) वन्य जीवों का शिकार – आर्थिक लाभ के लिए कुछ लोग वन्य जीवों का शिकार करते हैं। फलतः, उनकी संख्या दिनानुदिन घटती जा रही है।
(ii) प्राकृतिक आवास का ह्रास — वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास वन क्षेत्र है। नगरीकरण, औद्योगिकीकरण, सड़क व रेल लाइन निर्माण से वन क्षेत्र घटता जा रहा है। फलतः, वन्य प्राणियों की संख्या लगातार कम हो रही है। अम्ल वर्षा, पौधाघर प्रभाव और पराबैंगनी किरणें वन्य जीवों के 
(iii) प्रदूषण की समस्या ह्रास के कारक हैं।
(iv) वनों में आग लगना – प्राकृतिक या मानवीय कारणों से वनों में आग लग जाती है। इससे हरे-भरे वन तथा वन्य जीव नष्ट हो जाते हैं।
24. झारखण्ड के मुख्य लौह अयस्क खनन केन्द्रों के नाम लिखिए। 
उत्तर – झारखंड के मुख्य लौह-अयस्क खनन केंद्रों के नाम हैं नोआमुंडी, गुआ, बगियाबुरु, जामदा, गुरुमहिसानी।
25. भारतीय कृषि की पाँच प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर – भारतीय कृषि की पाँच प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं। 
(i) भारतीय कृषि देश के 55% से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराती है। 
(ii) यह लगभग सवा अरब की आबादी को भोजन उपलब्ध कराती है। 
(iii) कृषि पर आधारित अनेक उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करती है। 
(iv) सकल घरेलू उत्पादन में कृषि का योगदान लगभग 17.32% है। 
(v) कृषि उत्पादों के निर्यात से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है ।
26. 2005' का संक्षिप्त अपने शब्दों में दें।
उत्तर - जैव विविधता का संबंध किसी प्रदेश पाए जानेवाले जीवों की विविधता से है। भारत में 47,000 उपजातियों की वनस्पतियाँ एवं 89,000 प्रकार के जीव-जंतु पाए जाते हैं। भारतीय प्राणी सर्वेक्षण विभाग के अनुसार, भारत में 2,546 किस्मों की मछलियाँ, 209 किस्मों के उभयचर एवं 456 किस्मों के सरीसृप, 1,232 किस्मों के पक्षी तथा 390 किस्मों के स्तनपायी प्रजातियाँ मिलती हैं। इनमें घड़ियाल भारत छोड़कर एशिया के किसी दूसरी जगह नहीं मिलता है। एक सींगवाला गैंडा, शेर और बाघ दोनों एक साथ भारत के अलावा कहीं नहीं मिलता है। इन वन्य प्राणियों से मानव प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित
26. जैव विविधता क्या है? यह मानव के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है ?
उत्तर:- कीटनाशकों के अधिक उपयोग एवं कई अन्य कारणों से कई जीव-जंतुओं पर लुप्त होने का खतरा मँडरा रहा है। ये वन्य प्राणी पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं जबकि वनों से भी मानव जीवन प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होता है।
27. धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में अंतर क्या है ?
उत्तर - खनिज मुख्य रूप से धात्विक, अधात्विक, बहुमूल्य एवं रेडियोसक्रिय चार प्रकार के होते हैं। इन खनिजों में से जिनमें धातु पाई जाती है, धात्विक खनिज कहलाते हैं। धात्विक खनिज भी दो प्रकार के होते हैं— 
(क) लौह एवं 
(ख) अलौह खनिज। जिन खनिजों में लोहे का अंश होता है, उसे लौह धात्विक खनिज कहा जाता है, जैसे— लौह-अयस्क, मैंगनीज, निकेल इत्यादि। ऐसे खनिज जिनमें लोहे का अंश काफी कम या नहीं के बराबर होता है, अलौह धात्विक खनिज कहलाते हैं, जैसे- सोना, चाँदी, टिन इत्यादि। दूसरी ओर, जिन खनिजों में धातु नहीं होती है, उन्हें अधात्विक खनिज कहा जाता है। कार्बनिक और अकार्बनिक, इसके दो प्रकार हैं। कार्बनिक खनिजों में कार्बन की उपस्थिति होती है जबकि अकार्बनिक खनिजों में कार्बन या जीव का अंश नहीं होता है। कोयला, पेट्रोलियम कार्बनिक ख जबकि अभ्रक एवं ग्रेफाइट अकार्बनिक खनिज के उदाहरण है।
आपदा प्रबंधन / Disaster Management
28. भूकम्प के प्रभावों को कम करने वाले चार उपायों का उल्लेख करें। 
उत्तर- • पृथ्वी के भीतर होनेवाली हलचलों से पृथ्वी की सतह पर उत्पन्न कंपन को भूकंप कहा है। भूकंप एवं सुनामी दोनों भयंकर प्राकृतिक आपदाएँ है।  भूकंप से बचाव के प्रमुख उपाय निम्नांकित हैं
(i) भूकंप नियंत्रण एवं मॉनीटरिंग केंद्रों की स्थापना करना । (ii) भूकंपरोधी मकानों के निर्माण पर जोर देना। 
(iii) मजबूत पिलर देकर मकान छोटा एवं आयताकार बनाना (iv) सामुदायिक शिक्षा एवं संचार साधनों से लोगों को जागरूक बनाना।
29. आग- आपदा के समय कौन से उपाय करना चाहिए ?
उत्तर- आग लगने की स्थिति में प्रबंधन के निम्नांकित उपाय करने चाहिए। 
(i) आग के फैलाव पर काबू पाना । 
(ii) आग में फंसे लोगों को शीघ्रतापूर्वक बाहर निकालना। 
(iii) घायल व्यक्तियों को यथाशीघ्र प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल पहुँचाना। 
(iv) विद्युत आपूर्ति के मेनस्विच को ऑफ कर देना।
30. सुखाड़ के लिए उत्तरदायी कारकों की विवेचना करें। 
उत्तर-  सुखाड़ के उत्तरदायी कारक निम्नलिखित हैं।
(i) वर्षा की मात्रा में लगातार कमी होना जाता ।
(ii) नदियों के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बाँधों के निर्माण एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों के कारण निचले क्षेत्रों में जल का कम आना।
(iii) वन विनाश के कारणं जल एवं वर्षा में कमी का होना ।
(iv) वायु में शुष्कता तथा पृथ्वी के जलस्तर का नीचे जाना।
31. भू-स्खलन क्या है ?
उत्तर – पहाड़ों पर से पत्थर का खिसककर गिरना एवं पथरीली मिट्टी का बहाव भूस्खलन कहलाता है। भूस्खलन के अंतर्गत छोटे-छोटे पत्थरों के गिरने से लेकर बड़े-बड़े चट्टानों के टुकड़ों का अधिक मात्रा में तेजी से नीचे की ओर गिरना शामिल है। भारी वर्षा, बाढ़, भूकंप या फिर गुरुत्वाकर्षण प्रक्रिया से भूस्खलन होता है। मानवीय गतिविधियों के कारण भी भूस्खलन की क्रियाएँ ज्यादा होने लगी हैं।


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