Class 10th Social Science (Civics) chapter 2 सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली Subjective Question Answer बिहार बोर्ड 2023 में आने वाले सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

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1. सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र का क्या महत्त्व रखती है?

उत्तर :- सत्ता की साझेदारी ही लोकतंत्र का मूलमंत्र है । लोकतंत्र में जनता ही सारी शक्तियों का स्रोत एवं उपभोग करनेवाली होती है। लोकतंत्र में समाज के विभिन्न समूहों एवं विचारों को उचित सम्मान दिया जाता है । लोकतंत्र में ही विभिन्न सामाजिक समूहों के हितों एवं जरूरतों का सम्मान कर उनके बीच मतभेद तथा टकरावों को दूर किया जाता है तथा देश प्रगति के पथ पर सदा अग्रसर रहता है।


प्रश्न 2. समवर्ती सूची से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :- हमारे संविधान की सातवीं अनुसूची में केन्द्र व राज्यों के मध्य शक्तियों का विभाजन किया गया है । समवर्ती सूची में उन मामलों को शामिल किया गया है जिन पर कानून बनाने का अधिकार केन्द्र व राज्यों दोनों को प्राप्त है
प्रश्न 3. संघीय शासन की कोई दो विशेषताएँ बताएँ ।
उत्तर :- संघीय शासन व्यवस्था के दो विशेषताएँ इस प्रकार हैं
(i) संघीय शासन-व्यवस्था के सर्वोच्च सत्ता केन्द्र सरकार और उसकी विभिन्न आनुसंगिक इकाइयों के बीच बँट जाती है । 
(ii) संघीय व्यवस्था में दोहरी सरकार होती है। एक केन्द्रीय स्तर की सरकार तथा दूसरी-प्रांतीय या क्षेत्रीय सरकार 
प्रश्न 4. पंचायती राज से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :- आज का युग लोकतंत्र का युग हैं लोकतंत्र में शासन के विकेंद्रीकरण पर विशेष बल दिया जाता है। भारतीय प्रशासन में भी विकेंद्रीकण के सिद्धांत को अपनाए जाने की आवश्यकता प्रतीत हुई। इस सिद्धांत को कार्यरूप देने के उद्देश्य से भारत की संघ सरकार ने बलवंतराय मेहता समिति का गठन किया। इस समिति ने यह सिफारिश की कि भारत में पचायती राज की स्थापना की जाए। इसके अनुसार ग्राम, प्रखंड एवं जिला स्तर पर स्थानीय संस्थाओं का गठन किया जाए।

प्रश्न 5. सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं?
उत्तर :- लोकतंत्र में सरकार की सारी शक्ति किसी एक अंग में सीमित नहीं रहती है, बल्कि सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा होता है। यह बँटवारा सरकार के एक ही स्तर पर होता है। उदाहरण के लिए, सरकार के तीनों अंगों विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका के बीच सत्ता का बँटवारा होता है और ये सभी अंग एक ही स्तर पर अपनी-अपनी शक्तियों का प्रयोग करके सत्ता में साझेदार बनते हैं। सरकार के एक स्तर पर सत्ता के ऐसे बँटवारे को हम सत्ता का क्षैतिज वितरण कहते हैं । सत्ता में साझेदारी की दूसरी कार्य-प्रणाली में सरकार के विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बँटवारा होता है । सत्ता के ऐसे बँटवारे को हम सत्ता का ऊर्ध्वाधार वितरण कहते हैं।

प्रश्न 6. ग्राम रक्षा दल से क्या समझते हैं?
उत्तर :-  ग्राम पंचायत ग्रामीण क्षेत्रों की स्वायत्त संस्थाओं में सबसे नीचे का स्तर है, लेकिन इसका स्थान सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। ग्राम पंचायतों के प्रमुख अंग में एक अंग ग्राम रक्षा दल भी है। यह गाँव की पुलिस व्यवस्था है जो 18-30 वर्ष के आयु वाले युवक शामिल हो सकते हैं। सुरक्षा दल का एक नेता भी होता है जिसे दलपति कहते हैं। इसके ऊपर गाँव की रक्षा और शांति का उत्तरदायित्व होता है।

प्रश्न 7. संघ राज्य का अर्थ बताएँ।
उत्तर :- जब सत्ता का विभाजन क्षेत्राधीन स्वायत्तता; केन्द्रीय राज्य या क्षेत्रीय स्तर एवं स्थानीय सरकारों के बीच वितरित कर दी जाती है तो संघीय राज्य कहलाती है किन्तु सर्वोच्च सत्ता केन्द्र के पास होती है।

प्रश्न 8. वार्ड पार्षद के क्या कार्य हैं ?
उत्तर- वाई-पार्षद के निम्न कार्य हैं
(i) अपने वार्ड में सफाई की व्यवस्था करना । 
(ii) अपने वार्ड में सड़क, नाली तथा गली बनवाना । 
(ii) जलापूर्ति एवं रौशनी की व्यवस्था करना ।

प्रश्न 9. ग्राम पंचायतों के प्रमुख अंग कौन-कौन हैं ?
उत्तर :-ग्राम पंचायतों के प्रमुख अंग इस प्रकार अग्रलिखित हैं
(i) ग्राम सभा 
(ii) कार्यकारिणी समिति 
(iii) पंचायत सेवक
(iv) ग्राम रक्षा दल 
(v) ग्राम कचहरी।

प्रश्न 10. लोकतंत्र में सत्ता में साझेदारी का क्या अर्थ है ?
उत्तर :- लोकतंत्र में सत्ता में साझेदारी का अर्थ है कि राजनीतिक प्रक्रिया में नागरिक अधिकाधिक भागीदारी करें। लोकतंत्र में चुनाव, रैली, मतदान आदि माध्यमों द्वारा जनता राजनीतिक सत्ता में भागीदारी करती है। लोकतंत्र में सत्ता में जनता के विभिन्न वर्गों की जितनी अधिक साझेदारी होगी, लोकतंत्र उतना ही मजबूत व सुदृढ़ होगा। सत्ता में साझेदारी हेतु राजनीतिक जागरुकता अनिवार्य है।

प्रश्न 11. ग्राम कचहरी के गठन एवं शक्ति का वर्णन करें।
उत्तर :- प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में न्यायिक कार्यों को संपन्न करने के लिए एक ग्राम कचहरी का गठन किया जाता है। बिहार में पंचायत राज अधिनियम, 2006 के अनुसार ग्राम कचहरी का गठन निर्वाचन द्वारा किया जाता है जिसमें एक निर्वाचित सरपंच और निश्चित संख्या में निर्वाचित पंच होते हैं। प्रत्येक पंच लगभग 500 आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। ग्राम कचहरी में भी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ों तथा महिलाओं के लिए ग्राम पंचायत जैसा ही आरक्षण का प्रावधान है। ग्राम कचहरी का प्रधान सरपंच होता है। निर्वाचन के बाद प्रत्येक ग्राम कचहरी अपनी पहली बैठक में निर्वाचित पंचों में से बहुमत द्वारा एक उपसरपंच का चुनाव करती है। ग्राम कचहरी का एक सचिव होता है जिसे न्यायमित्र के नाम से जाना जाता है। इसकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है। ग्राम कचहरी को भारतीय दंडसंहिता की अनेक धाराओं से संबंधित मुकदमों की सुनवाई करने का अधिकार है। यह दीवानी और फौजदारी दोनों प्रकार के मुकदमों की सुनवाई करती है। ग्राम कचहरी को दस हजार रुपये तक के दीवानी मुकदमें सुनने का अधिकार प्राप्त है। ग्राम कचहरी की न्यायपीठ किसी अपराधी को एक हजार रुपये से अधिक जुर्माना नहीं कर सकती है।

प्रश्न 12. नगर परिषद के प्रमुख कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर :-  नगर परिषद के 11 अनिवार्य एवं 6 ऐच्छिक कार्य हैं
अनिवार्य कार्य
(i) नगर की सफाई, 
(ii) रोशनी का प्रबन्ध, 
(iii) पीने के पानी की व्यवस्था, 
(iv) सड़क निर्माण एवं मरम्मत, 
(v) नालियों की सफाई, 
(vi) प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना, 
(vii) महामारी से बचाव एवं टीका लगवाने का प्रबन्ध, 
(viii) अस्पताल खोलना, 
(ix) आग से सुरक्षा,
(x)श्मशान घाट का प्रबंध और 
(xi) जन्म-मृत्यु का निबंधन।
ऐच्छिक कार्य
(i) सड़क निर्माण,
(ii) गली-गली नाली निर्माण,
(iii) बसने योग्य भूमि का निर्माण, 
(iv) गरीबों के लिए गृह-निर्माण, 
(v) बिजली का प्रबंध करना एवं 
(vi) प्रदर्शनी लगाना।

प्रश्न 13. नगर-निगम की आय के प्रमुख साधनों को बताइए। 
उत्तर :-  नगर निगम अपने कार्यों के संचालन हेतु कई प्रकार से आय अर्जित करता है। नगर निगम कई प्रकार के कर लगाता है। विभिन्न प्रकार के करों में मकान कर, नल कर, शौचालय कर, पशुओं पर कर, छोटे वाहनों पर कर, ठेला, रिक्शा आदि सभी कर प्रमुख हैं। इन करों से प्राप्त आय की राशि इतनी कम होती है कि नगर निगम का कार्य इससे नहीं चल पाता, जिसके चलते राज्य सरकार समय-समय पर आर्थिक अनुदान देकर निगम के वार्षिक बजट की क्षतिपूर्ति करती है। नगर निगम विभिन्न प्रकार के नीलामी के माध्यम से भी आय अर्जित करता है।

प्रश्न 14. राजनीतिक दल किस तरह सत्ता में साक्षेदारी करते हैं ?  
अथवा, राजनीतिक दलों की लोकतंत्र में क्या भूमिका होती है ?
उत्तर :- राजनीतिक दल लोगों के ऐसे संगठित समूह हैं जो चुनाव लड़ने और राजनैतिक सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से काम करता है। अतः विभिन्न राजनैतिक दल सत्ता प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धा के रूप में काम करते हैं। उनकी आपसी प्रतिद्वन्दिता यह निश्चित करती है कि सत्ता हमेशा किसी एक व्यक्ति या संगठित व्यक्ति समूह के हाथ में न रहे। अगर हम राजनैतिक दलों के इतिहास पर गौर करें तो पता चलता है कि सत्ता बारी-बारी से अलग-अलग विचारधाराओं और समूहों वाले राजनीतिक दलों के हाथ में आती-जाती रहती है।

प्रश्न 15. जिला परिषद तीन कार्य लिखें।
उत्तर :-  जिला परिषद् के तीन कार्य निम्नलिखित है। 
(i) पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत के बीच संबंध स्थापित करना । 
(ii) विभिन्न पंचायत समितियों द्वारा तैयार की गई योजनाओं को संतुलित करना । 
(iii) शिक्षण संस्थाओं की स्थापना तथा उनका विकास करना।

प्रश्न 16. सत्ता के विकेन्द्रीकरण का क्या अर्थ है ?
उत्तर :- संघीय व्यवस्था में एक स्वतंत्र व्यापा होती है जो केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच अधिकारी और शक्ति के वारे के संबंध में उठने वाले हल करता है।

प्रश्न 17. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद श्रीलंका की राष्ट्रीय भाषा किसे घोषित किया
उत्तर :-  स्वतंत्रता प्राप्ति केन्द्र सिहली भाषा के श्रीलंक का राष्ट्रीय भाषा

प्रश्न 18. लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था कैसी व्यवस्था है?
उत्तर- लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था एक मात्र ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें सभी के हाथों में होती है, सभी को राजनैतिकतयों में हिस्सेदारी या सादारी करने की व्यवस्था की जाती है।

प्रश्न  19. श्रीलंका में हका कारण क्या था?
उत्तर- श्रीलंका में सत्ताधारी सिंहली समुदाय के लोगों ने मिल समुदाय के हितों की निरन्तर उपेक्षा की जिससे तमिलों और सिंहतियों के बीच के टकराव ने भीषण रूप ले लिया।

प्रश्न 20. लोकतंत्र में हित समूह वेत्ते सत्ता में भागीदारी यन्ते है
उत्तर- लोकतंत्र में व्यापारी किसान शिक्षक औद्योगिक मजदूर जैसे संगठित हित समूह सरकार की विभिन्न समितियों ने प्रतिनिधि सत्ता में भागीदारी करते है।

प्रश्न 21. जय विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता का विभाजन उचित है?
 विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सा का विभाजन उचित है क्योंकि इसमें विभिन्न सामाजिक समूह को अभिव्यक्ति एवं पहचान मिलती है

प्रश्न 22. राष्ट्रीय स्तर पर पंचायती राज्य प्रणाली की विधिवत् शुरुआत कब और कहाँ से हुई?
उत्तर- राष्ट्रीय स्तर पर राज्य प्रणाली की विधिवत शुरूआत बलवंत राय मेहता समिति की अनुशंसाओं नर 2 अक्टूबर, 1950 को राजस्थान के नागौर जिले से हुई।
प्रश्न 23. समवर्ती सूची पर कानून बनाने की शक्ति किसे नाया है ?
उत्तर समवर्ती सूची पर केन्द्र एवं राज्य सरकार दोनों ही कानून बना रुकतो है, लेकिन जब दोनों के द्वारा बनाए गए हो तब केन्द्र द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होगा। में




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