Bihar board class 10th Chemistry तत्त्वों का आवर्त वर्गीकरण chapter 5 Question Answer बिहार बोर्ड रसायन शास्त्र से अभ्यास तत्वों का वर्गीकरण चैप्टर 5 से प्रश्न उत्तर दिए गए हैं 2023 में आने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

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तत्त्वों का आवर्त वर्गीकरण

प्रश्न 1. किसी तत्व का परमाणु क्रमांक 12 है। बताएँ कि यह तत्व किस आवर्त और किस वर्ग का है? यह तत्व कौन सा है? 

उत्तर – आवर्त्त- 3, वर्ग- 12 और तत्त्व - Mg ( मैग्नीशियम ) |

प्रश्न 2. तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्व की स्थिति से क्या संबंध है ? 
उत्तर – यदि तत्त्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ज्ञात हो तो आवर्त सारणी में उसकी स्थिति को ज्ञात किया जा सकता है, इसके विपरीत यदि आवर्त सारणी में तत्त्व की स्थिति का ज्ञान हो तो उसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ज्ञात किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि एक तत्त्व स्तंभ 3 एवं वर्ग 15 से संबंधित है तथा उसके बाह्यतम संयोजकता कक्ष में इलेक्ट्रॉन की संख्या 5 है क्योंकि यह तत्त्व स्तंभ 3 से संबंधित है, इसलिए इसका बाह्यतम संयोजकता कक्ष M होगा तथा इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होगा— K/2  L/8   M/5  N/7

जैसे-  K/2  L/8   M/5  N/7 क्योंकि तत्त्व के संयोजकता इलेक्ट्रॉन 7 है । इसलिए यह वर्ग 17 से संबंधित है। (10 + 7) क्योंकि संयोजकता कक्ष चौथा कक्ष है, इसलिए तत्त्व स्तंभ 4 से संबंधित है अर्थात् यह तत्त्व ब्रोमीन (Br) है। 

प्रश्न 3. नाइट्रोजन (परमाणु संख्या 7) तथा फॉस्फोरस (परमाणु संख्या 15) आवर्त सारणी के समूह 15 के तत्त्व है। इन दोनों तत्त्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। इनमें से कौन-सा तत्त्व अधिक ऋण विद्युत होगा और क्यों ?

उत्तर N (Z = 7) 2, 5 P (Z = 15) 2, 8, 5 N अधिक वैद्युत ऋणात्मक होगा, क्योंकि इसका परमाण्वीय आकार अपेक्षाकृत कम होता है। किसी वर्ग में जब शीर्ष से तल (आधार) की ओर बढ़ते हैं, प्रत्येक स्तर पर परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों का एक कोश बढ़ता जाता है । इस प्रकार परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन कोशों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जाती है जिसके कारण परमाणुओं का आकार भी बढ़ता है के आकार में इस वृद्धि के कारण, उसका नाभिक परमाणु में और अन्दर चला जाता है। आने वाले इलेक्ट्रॉन के लिए नाभिक K का आकर्षण कम हो जाता है, जिसके कारण परमाणु आसानी से ऋणायान नहीं बना सकता है और ऋण विद्युत लक्षण कम होता जाता है । । परमाणु प्रश्न 

4. मेंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए कौन-सा मापदंड अपनाया ? 

उत्तर-मेंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए निम्न मापदंड अपनाए 
(i) बढ़ता हुए परमाणु द्रव्यमान 
(ii) समान रासायनिक गुण ।

प्रश्न 5 मेंडलीफ के आवर्त्त सारणी के विसंगतियों को लिखें।
                                अथवा
आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा किस प्रकार से मेंडलीफ के आवर्त सारणी की विविध विसंगतियों को दूर किया गया ? 

उत्तर-मेंडलीफ के आवर्त सारणी के विसंगतियाँ हैं
(i) आधुनिक आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का प्रथम समूह में तर्क संगत स्थान है, क्योंकि हाइड्रोजन विद्युत धनात्मक होता है 
(ii) आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु संख्या के क्रम में रखा गया है इसलिए किसी तत्त्व के समस्थानिकों को तत्त्व के साथ उसी स्थान पर आवर्त सारणी में रखा गया है ।
(iii) भारी एवं हल्के तत्त्वों का क्रम भी आधुनिक आवर्त सारणी में सही है जो मेन्डेलीफ के आवर्त सारणी में नहीं था ।
(iv अक्रिय गैसों का स्थान भी तर्कसंगत 18वें समूह में है ।

प्रश्न 6. आधुनिक आवर्त्त नियम क्या है?
 उत्तर – तत्त्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु संख्या के आव फलन होते हैं। इस नियम का प्रतिपादन हेनरी मोस्ले ने किया था ।

प्रश्न 7. उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया है? [2015 ] उत्तर – उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में रखा गया है, क्योंकि ये अक्रिय होती हैं और अन्य किसी भी तत्त्व या यौगिक से अभिक्रिया नहीं करती हैं । 

प्रश्न 8. निष्क्रिय गैसीय तत्त्वों की आंवर्त सारणी के शून्य वर्ग में क्यों रखा गया है ? 
                              अथवा
उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया है ?  

उत्तर – इस परिवार के सदस्यों को शून्य वर्ग में रखा गया है। वास्तव में ये सभी सदस्य 0 संयोजकता प्रदर्शित करते हैं । इसका अर्थ यह है कि ये अन्य तत्त्वों के साथ संयोजित होने की प्रवृत्ति नहीं रखते । हीलियम के संयोजकता शैल (केवल एक ही शैल) में 2 इलेक्ट्रॉन हैं । अन्य परिवार से सदस्यों के संयोजकता शैल में आठ-आठ इलेक्ट्रॉन होते हैं । संयोजकता (8- संयोजकता, इलेक्ट्रॉनों की संख्या) के बराबर होती है । इसलिए ये शून्य संयोजकता प्रदर्शित करते हैं ।

प्रश्न 9. (a) वर्ग 13 के दो तत्त्वों के नाम लिखें।
(b) आवर्त सारणी के सबसे विद्युत ऋणात्मक तत्त्व का नाम लिखें! उसका परमाण संख्या है ? 
उत्तर-(a) बोरॉन (B), ऐल्युमीनियम (AI).
(b) आवर्त्त सारणी में उपस्थित सर्वाधिक विद्युत - ऋणात्मक तत्त्व फ्लोरीन (F) है। इसकी परमाणु संख्या 9 है।

प्रश्न 10. दूसरे आवर्त्त में सोडियम (Na) से क्लोरिन (CI) की ओर बढ़ने पर परमाणु की त्रिज्या क्यों घटती जाती है ? 
 
उत्तर-दूसरे आवर्त्त में सोडियम से क्लोरिन की ओर बढ़ने पर परमाणु त्रिज्या घटती है। ऐसा इसलिए होता है कि नाभिक पर आवेश बढ़ने के कारण नाभिक, इलेक्ट्रॉनों को अपनी तरफ अधिक बल से आकर्षित करते हैं।

प्रश्न 11. तत्त्वों का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया है ? आवर्त सारणी में वर्ग तथा आवर्त क्या हैं ? 
उत्तर – तत्त्वों के गुण उनके परमाणु क्रमाकों के आवर्त फलन होते हैं। जब तत्वों को उनके बढ़ते परमाणु संख्या के आधार पर रखा जाए तो समान गुणों वाले तत्व नियमित अंतर के बाद प्रकट होते हैं । इलेक्ट्रॉन विन्यास इसका मूल आधार है
वर्ग : आवर्त सारणी में उर्ध्वाधर (खड़े) कालम समूह वर्ग कहलाते हैं। आवर्त : आवर्त सारणी में क्षैतिज कॉलम आवर्त्त कहलाते हैं।.

प्रश्न 12. आधुनिक आवर्त्त-सारणी में तत्वों के व्यवस्थापन का क्या आधार है ? आवर्त्त-सारणी में बायें से दायें जाने पर तत्वों का गुण किस तरह बदलता है 

उत्तर–आधुनिक आवर्त्त सारणी में तत्वों का व्यवस्थापन परमाणु क्रमांक पर आधारित है। आवर्त सारणी में बायें से दायें तरफ चलने पर तत्वों का धात्विक एवं वैद्युत धनात्मक गुण घटता जाता है ।

प्रश्न 13. आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों के व्यवस्थापन का क्या आधार हैं ? यह मेंडलीफ की आवर्त सारणी से किस प्रकार भिन्न है।

उत्तर- आधुनिक आवर्त्त सारणी में तत्वों के व्यवस्थापन का आधार उसकी परमाणु संख्या को रखा गया ।
भिन्नता :
( 1 ) मेंडलीफ की आवर्त सारणी में तत्वों के परमाणु भार को आधार माना गया जबकि आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों के परमाणु - संख्या को आधार माना गया ।
(2) आधुनिक आवर्त्त सारणी में विभिन्न तत्वों के समस्थानिकों का स्थान सुनिश्चित किया गया ।

प्रश्न 14. इनके नाम बताइए
(a) तीन तत्त्वों जिनके बाहरी कोश में एक इलेक्ट्रॉन हो । 
(b) दो तत्त्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में दो इलेक्ट्रॉन उपस्थित हों। 
(c) तीन तत्त्वों जिनका बाहरी कोश पूर्ण हो ।

उत्तर – (a ) Li, Na, K (लीथियम,
(b) Mg, Ca (मैग्नीशियम, कैल्सियम) सोडियम, पोटैशियम )
(c) हीलियम (He), नियॉन (Ne), आर्गन (Ar)।

प्रश्न 15 मैग्नीशियम की तरह रासायनिक अभिक्रियाशीलता दिखाने वाले दो तत्त्वों के नाम लिखिए। आपके चयन का क्या आधार है ? 

 उत्तर – कैल्सियम (Ca) एवं बेरियम (Ba) क्योंकि
1. ये दोनों तत्त्व मैग्नीशियम समूह के हैं ।
2. इन दोनों तत्त्वों में मैग्नीशियम की तरह 2 संयोजी इलेक्ट्रॉन हैं । 

प्रश्न 16 (a) लीथियम, सोडियम, पोटैशियम, से सभी धातुएँ जल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। क्या इन तत्त्वों के परमाणुओं में कोई समानता है ?
(b) हीलियम एक अक्रियाशील गैस है जबकि निऑन की अभिक्रियाशीलता अत्यंत कम है। इनके परमाणुओं में कोई समानता है ?

उत्तर-(a) लीथियम, सोडियम, पोटैशियम धातुओं के बाह्यतम कक्षा में केवल एक इलेक्ट्रॉन है ।
(b) इन दोनों तत्त्वों की बाह्यतम कक्षा पूर्णतः इलेक्ट्रॉनों से भरी है ।

प्रश्न 17. (a) आवर्त सारणी में बोरॉन के स्तंभ के सभी तत्त्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं ?
(b) आवर्त सारणी में फ्लुओरीन के स्तंभ के सभी तत्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं ? 

उत्तर--(a) आवर्त सारणी में बोरॉन स्तंभ के सभी तत्त्व 13 से संबंध रखते हैं । इसलिए इन सबके बाह्यतम संयोजकता कोश में इलेक्ट्रॉन की संख्या तीन (3) होगी। केवल बोरॉन (B) को छोड़कर क्योंकि यह एक अधातु है और शेष तत्त्व धातुएँ हैं, जैसे— Al, Ga, In एवं Th |
(b) फ्लुओरीन के स्तंभ में आने वाले सभी तत्त्व उत्कृष्ट तत्त्व हैं तथा वर्ग 17 से संबंध रखते हैं। इसलिए उनके बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉन की संख्या 7 होगी । यह सभी तत्त्व (F, Cl, Br, I) अधातुएँ हैं।

प्रश्न 18. न्यूलैंड के अष्टक सिद्धांत की क्या सीमाएँ हैं 
उत्तर- न्यूलैंड के अष्टक सिद्धांत की सीमाएँ हैं--- 
(i) अष्टक का सिद्धांत केवल कैल्सियम तक ही लागू होता था, क्योंकि कैल्सियम के बाद प्रत्येक आठवें तत्त्व का गुणधर्म पहले तत्त्व से नहीं मिलता ।
(ii) बाद में कई नये तत्त्व पाए गये जिनके गुणधर्म अष्टक सिद्धांत से मेल नहीं खाते थे ।
(iii) अपनी सारणी में इन तत्त्वों को समंजित करने के लिए न्यूलैंड ने दो तत्त्वों को एक साथ रख दिया और कुछ असमान तत्त्वों को एक स्थान में रख दिया । उदाहरण कोबाल्ट तथा निकेल एक साथ हैं तथा इन्हें एक साथ उसी स्तम्भ में रखा गया है जिसमें फ्लुओरीन, क्लोरीन एवं ब्रोमीन हैं यद्यपि इनके गुणधर्म उन दोनों तत्त्वों से भिन्न हैं । आयरन को कोबाल्ट एवं निकेल से दूर रखा गया है जबकि उनके गुणधर्मों में समानता होती है ।

प्रश्न 19. Lit और Na + में से किस आयन का आकार अधिक है और क्यों ? 
उत्तर - Li+ आयन का अर्द्धव्यास छोटा होगा। परमाणु अर्द्धव्यास वर्ग के नीचे की ओर बढ़ता है। क्योंकि धनायन का अर्द्धव्यास परमाणु पर निर्भर करता है, इसलिए अनायन के अर्द्धव्यास की वर्ग में वृद्धि होती है । इसलिए Li+ आयन का अर्द्धव्यास कम होगा । ।

प्रश्न 20. क्षार धातुओं एवं हैलोजन कुल की समानता को ध्यान में रखते हुए हाइड्रोजन का मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में उचित स्थान पर रखिए। 
उत्तर- हाइड्रोजन को मेन्डेलीफ आवर्त सारणी के क्षारीय धातुओं के साथ रखा गया है किन्तु इसके कुछ गुण हैलोजन से भी मिलते हैं। आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का स्थान उचित है क्योंकि इसके गुण क्षारीय धातुओं के समान ज्यादातर हैं। जैसे यह इलेक्ट्रॉन का त्याग कर विद्युत धनात्मकता के गुण को प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 21. किसी तत्त्व के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से आप उसकी संयोजकता परिकलन कैसे करेंगे ?
उत्तर- अगर बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 1, 2, 3 या 4 है, तो उन तत्त्वों की संयोजकता क्रमशः 1, 2, 3 या 4 होती है। अगर बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 5, 6 या 7 है तो उन तत्त्वों की संयोजकता क्रमश: 3, 2 या 1 होती है। अगर बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 8 है, तो उस तत्त्व की संयोजकता शून्य (0) होती है ।

प्रश्न 22. मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी तथा आधुनिक आवर्त सारणी की 1 परिभाषा लिखिए।
उत्तर-मेन्डैलीफ की आवर्त सारणी मेन्डेलीफ ने तत्त्वों की जो सारणी बनाई, उसे मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी कहते हैं, जिसका आधार परमाणु द्रव्यमान है ।
आधुनिक आवर्त सारणी –मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी के संशोधन के बाद जो सारणी बनाई गई उसे आधुनिक आवर्त सारणी या आवर्त सारणी का दीर्घ रूप कहते हैं। इसका आधार परमाणु क्रमांक है ।

प्रश्न 23. तत्त्वों के आवर्त वर्गीकरण के लिए परमाणु द्रव्यमान संख्या को अपेक्षा परमाणु संख्या को उत्तम आधार क्यों माना गया है ?
उत्तर – तत्त्व का परमाणु द्रव्यमान नाभिक के कारण है। नाभिक तत्त्व के केन्द्र में स्थित है। इसमें प्रोटॉन और न्यूट्रॉन हैं, जिनका पुंज होता है । तत्त्व का नाभिक गुणों की व्याख्या नहीं करता । वास्तव में तत्त्वों के गुण इलेक्ट्रॉनिक वितरण से संबंधित हैं। ज्यों-ज्यों परमाणु संख्या बदलती है वैसे-वैसे इलेक्ट्रॉनिक वितरण भी बदलता जाता है । इसलिए परमाणु तत्त्वों के वर्गीकरण का उत्तम आधार है।

प्रश्न 24. तत्त्व X, XCI, सूत्र वाला एक क्लोराइड बनाता है, जो एक ठोस है और जिसका गलनांक अधिक है। आवर्त सारणी में यह तत्त्व संभवतः किस समूह के अंतर्गत होगा ?
(a) Na (b) Mg (c) Al (d) 
उत्तर- यदि तत्त्व X, XC1, सूत्र का क्लोराइड बनाता है तो X तत्त्व के संयोजक इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 होगी अर्थात् उसके बाह्यतम कक्ष में संयोजकता इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 होगी । आवर्त सारणी के अनुसार केवल वर्ग 2 के तत्त्व Be, Mg, Ca, Sr, Ba एवं Ra की संयोजकता इलेक्ट्रॉन संख्या दो है। इसलिए तत्त्व XMg (मैग्नीशियम) है, क्योंकि मैग्नीशियम एक धातु होते हुए भी एक आयनिक क्लोराइड बनाने की क्षमता रखता है जिसका उच्च गलनांक हो । अतः, कथन (b) सही है 

प्रश्न 25. धनायन का आकार परमाणु से कम क्यों होता है ? व्याख्या कीजिए। 
धनायन को धन आयन भी कहते हैं । यह परमाणु द्वारा एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन खो देने पर बनता है। इलेक्ट्रॉन खोने पर प्रायः शैलों की संख्या कम हो जाती है। इसलिए धनायन का आकार परमाणु के आकार से कम होता है ।


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