ऊर्जा के स्रोत
प्रश्न 1. नाभिकीय ऊर्जा किसे कहते हैं ? दो ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखें।
उत्तर - नाभिकीय अभिक्रियाओं, अर्थात् नाभिकीय विखण्डन तथा नाभिकीय संलयन के फलस्वरूप प्राप्त ऊर्जा को नाभिकीय ऊर्जा कहते हैं। दो ऊर्जा स्रोतों के नाम निम्नलिखित हैं-
(i) सूर्य और
(ii) कोयला ।
प्रश्न 2. हम ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की ओर क्यों ध्यान दे रहे हैं ?
उत्तर- पृथ्वी में कोयले, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा यूरेनियम जैसे ईंधनों के ज्ञात भण्डार बहुत ही सीमित हैं। यदि इसी दर से उनका उपयोग होता रहा तो वे शीघ्र समाप्त हो जायेंगे। इसीलिए हम ऊर्जा संकट से निबटने के लिए वैकल्पिक स्रोतों की ओर ध्यान दे रहे हैं।
प्रश्न 3. जीवाश्मी ईंधन किसे कहते हैं ? जीवाश्मी ईंधन की क्या-क्या हानियाँ हैं ?
उत्तर- वह दहनशील पदार्थ जो पेड़-पौधे तथा जानवरों के अवशेष से प्राप्त, जो लाखों वर्ष पूर्व पृथ्वी की गहराई में दब गए थे से प्राप्त होता है, जीवाश्मी ईंधन कहलाता है। जैसे-कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस ।
जीवाश्मी ईंधन की हानियाँ
(i) जलने से पर्यावरण प्रदूषित होता है।
(ii) जलने से CO, निकलता है जिससे ग्रीन हाउस पर प्रभाव पड़ता है ।
(iii) जलने से उत्पन्न अवयवों से अम्लीय वर्षा होती है। जबकि असमाप्य स्रोत अनवीकरणीय हैं।
प्रश्न 4. नाभिकीय संलयन से आप क्या समझते हैं ? उदाहरण दें।
उत्तर नाभिकीय संलयन में अति उच्च ताप पर दो हल्के नाभिक एक भारी नाभिक बनाने के लिए संयोग करते हैं और साथ में विशाल ऊर्जा निर्मुक्त होती है T संलयन के लिए नाभिकों को अति उच्च वेग के साथ एक-दूसरे के पास पहुँचना चाहिए ताकि वे विद्युत प्रतिकर्षण को जीत सके और करीब 10-15 मीटर के भीतर आ पाएँ।
जैसे-2H+2H → 3He (+n) ।
प्रश्न 5. जीवाश्म ईंधन किस प्रकार बने थे ?
उत्तर –जीवाश्म ईंधन उन पेड़-पौधों के अवशेषों तथा जंतु अवशेषों से बने हैं जो करोड़ों वर्षों तक पृथ्वी की सतह के नीचे गहरे दबे हुए थे । पृथ्वी के अन्दर दबकर तलछट से ढँक जाने के कारण इन जीव-अवशेषों को वायु की ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पाती थी। ऑक्सीजन की अनुपस्थिति तथा दाब, ताप और बैक्टीरिया के मिले-जुले प्रभाव से पेड़-पौधों तथा जंतुओं के दबे हुए अवशेष, कोयले, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधनों में परिवर्तित हो गये ।
प्रश्न 6. आदर्श ईंधन क्या है ? इनकी विशेषताएँ लिखें ।
उत्तर - जिस ईंधन का ऊष्मीय मान अधिक हो तथा धुआँरहित हो। उसे आदर्श ईंधन कहते हैं ।
आदर्श ईंधन की निम्नांकित विशेषताएँ हैं
(i) जिसका ऊष्मीय मान ज्यादा हो ।
(ii) जो सस्ता तथा आसानी से उपलब्ध हो ।
(iii) जिससे ऊष्मा की प्राप्ति अधिक हो ।
(iv) जो जलने में सुगम हो ।
प्रश्न 7. नाभिकीय विखंडन क्या है ? इसका कोई एक उचित उदाहरण दें।
उत्तर – नाभिकीय विखंडन वह प्रक्रम है जिसमें यूरेनियम-235 जैसे भारी परमाणु का अस्थायी नाभिक टूटकर मध्यम भार वाले दो नाभिक बना देता है तथा ऊर्जा की अति विशाल मात्रा उत्पन्न करता है। जब यूरेनियम-235 परमाणुओं पर धीमी गति वाले न्यूट्रॉनों की बमबारी की है तो यूरेनियम का भारी नाभिक टूटकर दो मध्यम भार वाले परमाणु, बेरियम-139 तथा क्रिप्टॉन-94 बना देता है तथा तीन न्यूट्रॉन भी निकलते हैं। यूरेनियम-235 के विखण्डन के दौरान अति विशाल मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। की अति
नाभिकीय 139 विखंडन > '36 Ba + 36 Kr+36n + ऊर्जा विशाल मात्रा हैं।
प्रश्न 8. अच्छा ईंधन क्या है?
उत्तर- अच्छा ईंधन वह
(i) जिसका ऊष्मीय मान उच्च हो ।
(ii) जो सस्ता तथा आसानी से उपलब्ध हो ।
(iii) जिससे प्रज्जवलन ताप की प्राप्ति हो ।
(iv) जलने में अल्प धुआँ और अधिक ऊष्मा उत्पन्न करता हो ।
प्रश्न 9. भूतापीय ऊर्जा क्या होती है ?
उत्तर-भूपर्पटी की गहराइयों में भौमिकीय परिवर्तनों के कारण तप्त क्षेत्रों में चट्टानें ऊपर की ओर धकेल दी जाती हैं। जब भूमिगत जल इन तपे हुए स्थलों के संपर्क में आता है तो भाप उत्पन्न होती है। कभी-कभी तप्त जल को पृथ्वी के पृष्ठ से बाहर निकलने का निकास मार्ग मिल जाता है जिसे गर्म-चश्मा या ऊष्ण स्रोत कहते हैं। कभी-कभी भाप चट्टानों के बीच रुक जाती है और इसका दाब बहुत अधिक हो जाता है। पाइप डालकर भाप को बाहर निकाल लिया जाता है और उसकी सहायता से विद्युत जनित्रों के द्वारा विद्युत उत्पन्न की जाती है। अतः भौमिकीय परिवर्तनों के कारण भूपपर्टी की गहराइयों से तप्त स्थल और भूमिगत जल से बनी से उत्पन्न ऊर्जा को भूतापीय ऊर्जा कहते हैं ।
प्रश्न 10. ऊर्जा स्रोत के रूप में जीवाश्मी ईंधनों तथा सूर्य की तुलना कीजिए और उनमें अंतर लिखिए ।
उत्तर:- जीवाश्म ईंधन
(i) जीवाश्म ईंधन अनवीकरणीय है।
(ii) यह भविष्य में समाप्त हो जाएँगें ।
(iii) इससे प्रदूषण फैलता है।
(iv) कोयला संयंत्र लगाने की लागत बहुत अधिक नहीं है ।
(v) ऊर्जा सारे साल उत्पन्न की जा सकती है ।
ऊर्जा स्रोत के रूप में सूर्य
(i) ऊर्जा स्रोत के रूप में सूर्य नवीकरणीय है।
(ii) यह भविष्य में समाप्त न होने वाला स्रोत है।
(iii) इससे प्रदूषण नहीं फैलता है।
(iv) सौर शक्ति संयंत्र लगाने की लागत बहुत अधिक है। ।
(v) यह संयंत्र रात में, बादलों वाले दिन में तथा वर्षा वाले दिनों में कार्य नहीं कर पाते ।
प्रश्न 11. ऊर्जा स्रोतों का वर्गीकरण निम्नलिखित वर्गों में किस आधार पर करेंगे ?
(a) नवीकरणीय [2019C] तथा अनवीकरणीय
(b) समाप्य तथा अक्षय
क्या (a) तथा (b) के विकल्प समान हैं ?
उत्तर-(a) नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय स्रोत
(i) नवीकरणीय
स्रोत-ये स्रोत ऊर्जा की उत्पत्ति तब तक करने की योग्यता रखते हैं जब तक हमारा सौर मंडल विद्यमान है। पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा, सागर की तरंगें, परमाणु ऊर्जा आदि नवीकरणीय स्रोत हैं ।
(ii) अनवीकरणीय स्रोत–ऊर्जा के ये स्रोत लाखों वर्ष पहले विशिष्ट स्थितियों में बने थे। एक बार उपयोग कर लिए जाने के बाद इन्हें बहुत लंबे समय तक पुनः उपयोग में नहीं ला जा सकता। जीवाश्मी ईंधन, कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैसें ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोत हैं।
(b) समाप्य तथा असमाप्य-ऊर्जा के समाप्य स्रोत नवीकरणीय है जबकि असमाप्य स्रोत अनवीकरणीय हैं ।
प्रश्न 12. बायो-गैस (bio-gas) के संघटन में कौन-कौन-से गैस हैं ?
उत्तर–बायो-गैस या जैव गैस मुख्यत: मेथेन (CH), कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), हाइड्रोजन (H,), तथा हाइड्रोजन सल्फाइड (HS) का मिश्रण है। इसमें 65% मिथेन होती है, जिस कारण यह उत्तम ईंधन का कार्य करता है ।
प्रश्न 13. जैवमात्रा तथा ऊर्जा स्त्रोत के रूप में जल वैद्युत तुलना [NCERT] अंतर लिखिए ।
उत्तर:-
प्रश्न 14. ऐसे दो ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखिए जिन्हें के लिए तर्क दीजिए।
उत्तर-कोयला और पेट्रोलियम ऐसे ऊर्जा स्रोत है जिन्हें समाप्य जाता है । वैज्ञानिकों का अनुमान है कि लगभग 200 वर्ष तक ये पृथ्वी से समाप्त हो जाएँगे जबकि इनके निर्माण में लाखों वर्ष लगते हैं ।
(i) वह उचित मात्रा में आवश्यक ऊर्जा प्रदान कर सके । चाहिए ।
प्रश्न 15. ऊर्जा का उसे कहते हैं जिसमें उत्तर-ऊर्जा की उत्तम स्रोत निम्नांकित विशेषताएँ
(ii) इसे प्रयोग करना आसान होना होना
(iii) इसका परिवहन करना आसान चाहिए । ।
(iv) इसका भंडारण आसान होना चाहिए से
(v) यह लंबे समय तक हमें नियमित रूप आवश्यक ऊर्जा प्रदान कर सके ।
प्रश्न 16. ऊर्जा के आदर्श स्रोत में क्या गुण होते हैं ? उत्तर- ऊर्जा के आदर्श स्रोत के गुण होते हैं[NCERT] क्षमता होनी चाहिए ।
(i) पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा प्रदान करने की
(ii) सरलता से प्रयोग करने की सुविधा से सम्पन्न होनी चाहिए ।
(iii) समान दर से ऊर्जा उत्पन्न की उत्पत्ति होनी चाहिए ।
(iv) सरल भंडारण के योग्य होनी चाहिए ।
(v) परिवहन की योग्यता से युक्त होनी चाहिए ।
प्रश्न 17. नाभिकीय ऊर्जा का क्या महत्त्व है ?
उत्तर – नाभिकीय ऊर्जा भारी नाभिकीय परमाणु (यूरेनियम, प्लूटोनियम, थोरियम) के नाभिक पर निम्न ऊर्जा न्यूट्रॉन से बमबारी करके हल्के नाभिकों में तोड़ा जा सकता है जिससे विशाल मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है। यूरेनियम के एक परमाणु के विखंडन से जो ऊर्जा मुक्त होता है वह कोयले के किसी कार्बन परमाणु के दहन से उत्पन्न ऊर्जा की तुलना में एक करोड़ गुना अधिक होती है। अतः नाभिकीय विखंडन से अपार ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है। अनेक विकसित और विकासशील देश नाभिकीय ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा का रूपांतरण कर रहे हैं।
प्रश्न 18. ऊर्जा की बढ़ती माँग के पर्यावरणीय परिणाम क्या हैं ? ऊर्जा की खपत को कम करने के उपाय लिखिए।
उत्तर :- ऊर्जा की माँग तो जनसंख्या वृद्धि के साथ निरंतर बढ़ती ही जाएगी। ऊर्जा किसी भी प्रकार की हो उसका पर्यावरण पर प्रभाव निश्चित रूप से पड़ेगा । ऊर्जा की खपत कम नहीं हो सकती। उद्योग-धंधे, वाहन, दैनिक आवश्यकताएँ आदि सबके लिए ऊर्जा की आवश्यकता तो रहेगी। यह भिन्न बात है कि वह प्रदूषण फैलाएगा या पर्यावरण में परिवर्तन उत्पन्न करेगा।
ऊर्जा की बढ़ती माँग के कारण जीवाश्म ईंधन पृथ्वी की परतों के नीचे समाप्त होने के कगार पर पहुँच गया है। लगभग 200 वर्ष के बाद यह पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। जल विद्युत ऊर्जा के लिए बड़े-बड़े बांध बनाए गए हैं जिस कारण पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ा है । ऊर्जा के विभिन्न नए स्रोत खोजते समय ध्यान रखा जाना चाहिए कि उस ईंधन की कैलोरीमान अधिक हो । उसे प्राप्त करना सरल हो और उसका दाम बहुत अधिक न हो । स्रोत का पर्यावरण पर कुप्रभाव नहीं पड़ना चाहिए ।
प्रश्न 19. सौर कुकर का उपयोग करने के क्या-क्या लाभ तथा हानियाँ हैं? क्या ऐसे भी क्षेत्र हैं जहाँ सौर कुंकरों की सीमित उपयोगिता है?
उत्तर-सौर कुकर के लाभ
(i) ईंधन का कोई खर्च नहीं होता है । ।
(ii) पूर्ण रूप से प्रदूषण रहित है।
(iii) किसी प्रकार की गंदगी नहीं फैलती है। सौर कुकर की हानियाँ
सौर कुकर हानियाँ
(i) बहुत अधिक तापमान उत्पन्न नहीं कर सकता ।
(ii) रात के समय काम में नहीं लाया जा सकता ।
(iii) बादलों वाले दिन काम नहीं कर सकता ।
(iv) यह 100°C-140°C तापमान प्राप्त करने के लिए 2-3 घंटे ले लेता है। ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जहाँ सौर कुकरों का सीमित प्रयोग किया जा सकता है । जिन क्षेत्रों में आकाश प्रायः बादलों से घिरा रहता है वहाँ इनकी सीमित उपयोगिता है ।
प्रश्न 20. पवन ऊर्जा क्या है ? पवन चक्की से उपयोगी ऊर्जा प्राप्त करने के लिए पवन का न्यूनतम वेग कितना होना चाहिए ?
उत्तर–पवन ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा का एक पर्यावरणीय हितैषी एवं दक्ष स्रोत है। इसमें टरबाईन की आवश्यक चाल को बनाये रखने के लिए पवन की चाल कम से कम 15 किमी/घंटा से अधिक होना चाहिए । पश्न 21 ईंधन किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए।
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