नियंत्रण एवं समन्वय
Ans: आप क्या समझते हैं? गति जीवन का एक सामान्य लक्षण हैं | जन्तु अपनी पेशियों और अंगों की सहायता से गति करते हैं। तथा पौधों की गतियाँ वृद्धि के कारण होती है। अतः किसी गति, क्रिया अथवा अनुक्रिया को वांछित स्तर तक बनाये रखना नियंत्रण कहलाता है और इस दौरान अंगों की क्रियाओं के बीच ताल मेल स्थापित करना समन्वय कहलाता है।
(2.) तंत्रिका तंत्र क्या हैं?
Ans. मनुष्य एवं उच्च श्रेणी के जन्तुओं में मस्तिष्क से एक मोटी रस्सी जैसी रचना, रीढ़ के अन्दर से होकर रीढ़ के अंतिम छोर तक जाती हैं जिसे रीढ़ रज्जु कहते हैं। रीढ़ रज्जु के पतली-पतली तन्तुमय रचनाएँ निकलकर पूरे शरीर में एक जंजाल बनाती है। इन सभी रचनाओं के सम्मिलित रूप को तंत्रिका तंत्र कहते हैं तंत्रिका तंत्र की रचनात्मक और कार्यात्मक इकाई को तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन ) कहते हैं।
(3) ऐच्छिक क्रियाएँ एवं अनैच्छिक क्रियाएँ क्या है?
वैसी क्रियाएँ जो हमारे इच्छा पर निर्भर करता है उसे ऐच्छिक क्रियाएँ कहते हैं। जैसे- पढ़ना, लिखना, बोलना, टहलना इत्यादि । वैसी क्रियाएँ जो हमारे इच्छा पर निर्भर नहीं करता है अर्थात कुछ क्रियाएँ अपने आप होती रहती हैं, उसे अनैच्छिक क्रियाएँ कहते हैं। जैसे- छिकें आना, डर से कापना, चौंक जाना इत्यादि।
(4.). प्रतिवर्ती किया तथा टहलने के बीच क्या अन्तर हैं?
Ans:प्रतिवती क्रिया एक अनैच्छिक क्रिया है। जो स्वतः होती हैं और उसपर हमारा कोई नियंत्रण नहीं रहता है। जबकी टहलना एक ऐच्छिक क्रिया है। जिसे हम अपने अनुसार नियंत्रित और परिवर्तीत करते हैं।
(5.) प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका हैं?
Ans:मस्तिष्क शरीर का मुख्य समन्वय केन्द्र हैं। यह मेरुरज्जू से प्राप्त की गई सूचनाओं पर सोचने एवं उनका विश्लेषण करने का कार्य करता है मस्तिष्क में प्रतिवर्ती क्रियाओं के संदेश भेजे जाते हैं। कुछ प्रतिवर्ती क्रियाएँ सीधे मस्तिष्क द्वारा ही नियंत्रित होती हैं। तीव्र प्रकाश में हमारे नेत्र की पुतली का संकुचित होना इसका एक उदाहरण हैं।
(6.) मस्तिष्क का कौन सा भाग शरीर की स्थिति तथा संतुलन का अनुरक्षण करता है?
Ans: अनुमस्तिष्क शरीर की स्थिति तथा संतुलना का अनुरक्षण करता है।
(7.) प्रतिवर्ती चापं किसे कहते है?
Ans:जिवधारियों के शरीर में आवेगों का संचरण जिस मार्ग से होता है उसे प्रतिवर्ती चाप कहते हैं।
(8)आवेग किसे कहते हैं?
Ans: जब शरीर के किसी भाग में बाहरी या भीतरी कारणों से कोई विक्षोभ उत्पन्न होता है तो वह विक्षोभ उस भाग में अवस्थित संवेदी तंत्रिका द्वारा ग्रहन करके आगे बढ़ा दिया जाता हैं। इसे आवेग कहते हैं। आवेग उत्पन्न करने वाले कारक को उद्दीपन कहते हैं।
(9) हम एक अगरबती की गंध का पता कैसे लगाते हैं?
Ans:अगरबती या किसी गंध का पता हम अग्रमस्तिष्क से करते हैं। इसमें गंध का पता करने के लिए संवेदी केन्द्र होता हैं, जिससे गंध की सूचना प्राप्त होती हैं। नासिका में उपस्थित घ्राण ग्राही के कारण हम एक अगरबती की गंध का पता लगाते हैं।
(10) मानव मस्तिष्क के कितने भाग होते हैं?
मानव मस्तिष्क के तीन भाग होते हैं
(1) अग्रमस्तिष्क
(2) मध्यमस्तिष्क तथा
(3) पश्चमस्तिष्क
(11) मानव मस्तिष्क के कार्यों को लिखे।
Ans:मानव मस्तिष्क के कुछ कार्य निम्नलिखित
(i) मानव मस्तिष्क सभी संवेदी अंगों से आवेगों को ग्रहण करता है एवं ग्रहण किए गए आवेगों का विश्लेषण करता है। (ii) यह सभी प्रकार की ज्ञान एवं चेतना संबंधी सूचनाओं का संग्रह करता हैं और व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन लाता हैं। पिछे है।
(iii) संवेदी अंगों से जो उद्दीपन प्राप्त होते हैं उसके और शारीरिक क्रियाओं के बिच समन्वय स्थापित करता है।
(12) मेरुरज्जु किसे कहते हैं?
Ans:मेडुला के निचले छोर से एक कोमल रस्सी जैसी रचना Ans:- मेरुदण्ड के बीचोबीच से होती हुई अंतिम निचले छोर तक जाती हैं, जिसे मेरुरज्जु कहते हैं।
(13.) मेरुरज्जु के कार्य को लिखें।
(i) यह मस्तिष्क तक आवेग आवेग को पहुंचाने का कार्य करती है।
(ii) यह प्रतिवर्ती क्रियाओं के केन्द्र के रूप में कार्य करती हैं। पादप हॉर्मोन क्या है ?
(14) पादप हार्मोन किसे कहते हैं
पौधो में नियंत्रण एवं समन्वय कुछ विशिष्ट रासायनीक पदार्थों के द्वारा होता है जिन्हें पादप हार्मोन किसे हैं
(15) छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न हैं?
Ans: हुई-मुई पादप की पत्तियों की गति,स्पर्श उद्दीपन के कारण होती हैं। इसमें पत्तियाँ मुरझा जाती है तथा किसी प्रकार की वृद्धि नही होती हैं। जबकी प्रकाश की ओर प्ररोह की गति एक वृद्धि गति हैं प्रकाश- उद्दीपन के प्रभाव में प्रकाश संवेदी रसायन से उत्प्रेरित होती हैं।
(16) पादप हॉर्मोन कार्य हैं ?
Ans:- पादप हार्मोन के निम्नलिखित काय होते हैं.
(i) जड़, तना और पतियों की वृद्धि को नियंत्रित करना।
(ii) फूलों का खिलना और फलों को पकाना आदि।
(17) प्रकाशानुवर्तन, गुरुत्वानुवर्तन तथा जलानुवर्तन किसे कहते हैं?
Ans:-(i) प्रकाशानुवर्तन पौधों का सूर्य के प्रकाशकी ओर बढ़ना या गति करना प्रकाशानुवर्तन कहलाता हैं।
(ii) गुरुत्वानुवर्तन पौधों की जड़ों का पृथ्वी के गुरुत्व की दिशा में बढ़ना गुरुत्वानुवर्तन कहलाता हैं।
(iii) जलानुवर्तन पौधों की जड़ों का जल श्रोत की दिशा में बढ़ना जलानुवर्तन कहलाता हैं।
(18.)अनुकुंचन से आप क्या समझते हैं?
हाथ से छूने पर अथवा सूर्य के डूब जाने पर कुछ पौधों की पत्तियों का संकुचित होना अनुकुंचन कहलाता है। जैसे हुई-मुई (लाजवन्ती की पत्तियाँ हाथ से छुने पर तथा आँवला एवं चिरैता
पाटप की पत्तियों की गति, प्रकाश की और प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न हैं? Ans:हुई-मुई पारूप की पत्तियों की गति, स्पर्श उद्दीपन के कारण होती हैं। इसमें पत्तियाँ मुरझा जाती है तथा किसी प्रकार की वृद्धि नही होती हैं। जबकी प्रकाश की ओर प्ररोह की गति एक वृद्धि गति हैं प्रकाश- उद्दीपन के प्रभाव में प्रकाश संवेदी रसायन से उत्प्रेरित होती हैं।
(19) दुई-मुईपाटप की पत्तियों की गति, प्रकाश की और प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न हैं?
Ans:हुई-मुई पारूप की पत्तियों की गति, स्पर्श उद्दीपन के कारण होती हैं। इसमें पत्तियाँ मुरझा जाती है तथा किसी प्रकार की वृद्धि नही होती हैं। जबकी प्रकाश की ओर प्ररोह की गति एक वृद्धि गति हैं प्रकाश- उद्दीपन के प्रभाव में प्रकाश संवेदी रसायन से उत्प्रेरित होती हैं।
(20) जन्तु हॉर्मोन किसे कहते हैं।
Ans:-जन्तुओं में रासायनिक नियंत्रण एवं समन्वय विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थों की क्रिया के द्वारा सम्पादित होता हैं। इन रासायनिक पदार्थों को जन्तु हॉर्मोन कहते हैं। जैसे- वृद्धि हॉर्मोन, इन्सुलीन, टेस्टोस्टेरॉन इत्यादिन
(21) आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह
क्यों दी जाती हैं ? अथवा, आयोदिन की कमी से कौन सी बीमारी होती हैं?
Ans: आयोडिन की कमी से धंधा होता है। आयोडिन की कमी के कारण थायरॉक्सिन नामक हॉर्मोन स्रावित नहीं हो पाता है, जिसके कारण थायराइड ग्रंथि का आकार काफी बढ़ जाता हैं, तथा धंधा हो जाता है।
(22) जब एड्रीनलीन रुधिर में स्रावित होता है, तब हमारे शरीर मे क्या अनुक्रिया होती हैं?
एड्रीनलीन हॉर्मोन एड्रीनल ग्रंथी में स्रावित होता है तथा सीधे रक्त में पहुँचकर पूरे शरीर में फैल जाता है। यह हृदय को प्रभावित करता है जिससे हृदय की गति तेज हो जाती हैं और पूरे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाती है। श्वसन दर तेज हो जाती है और शरीर को अधिक ऑक्सीजन मिलती हैं।तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) का स्वच्छ नामांकित चित्रबनाएँ।
(23.) मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती हैं ?
Ans:-इंसुलिन एक हॉर्मोन है। यह रक्त में शर्करा के स्तर का अनुरक्षण करता है। यदि किसी व्यक्ति के शरीर में इनसुलीन का स्राव कम या बन्द हो जाय तो रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जायेंगा जिससे उसे अनेक प्रकार के कष्ट होंगे। इस बीमारी को मधुमेह कहते हैं। ऐसे रोगियों को इनसुलीन का इंजेक्शन देनी परती हैं।
(24.) मेरुरज्जु आघात में किन संकेतों के आने में व्यवधान होगा ?
Ans:मेरुरज्जु आघात के कारण विभिन्न प्रकार के आंतरिक संवेदना या उद्दीपनों को ग्रहन करना मश्किल हो जाता है। भौतिक, रासायनिक एवं यांत्रिक आदि को ग्रहन कर उनका संवहन शरीर के विभिन्न भागों में करना असंभव हो जाता है। इसके कारण शरीर कोई प्रतिक्रिया नही दे पाती हैं।
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