उत्तर- (i) उद्योगपति तेन्दु पत्ती का उपयोग बीड़ी बनाने के लिए करते हैं (ii) वन सम्पदाओं पर आधारित कागज उद्योग है जिनका उपयोग बड़े पैमाने पर होता है ।
प्रश्न 12. निम्नलिखित के इलेक्ट्रोन-बिन्दु संरचना बनाएँ
(i) 4Na(s) × O, 2Na_O (s)
(ii) CuO(s) × H2 (g) → Cu(s) + H_O(aq)
उत्तर- (i) Na का उपचयन होता है और ऑक्सीजन का अपचयन होता है।
(ii) कॉपर ऑक्साइड का अपचयन होता है लेकिन हाइड्रोजन का उपचयन होता है ।
प्रश्न 3.. अवक्षेपण अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं ? सोदाहरण समझाएँ ।
उत्तर-अवक्षेपण अभिक्रिया- वैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें प्रतिफल विलयन से ठोस पदार्थ के रूप में पृथक हो जाते हैं, अवक्षेपण कहलाती है।
सोडियम क्लोराइड (NaCl) और सिलवर नाइट्रेट (AgNO3) जल में घुलनशील है। इनके विलयनों को आपस में मिश्रित करने पर सिलवर क्लोराइड (AgCl) निर्मित होता है । यह जल में अघुलनशील है । अतः विलयन से अवक्षेप के रूप में पृथक हो जाती है ।
NaCl(aq) + AgNO, (Aq) → AgCl(s) ↓ x NaNO, (सफेद अवक्षेप)
प्रश्न 4. एकल विस्थापन अभिक्रिया क्या है ? उत्तरवैसी रासायनिक अभिक्रिया जिसमें किसी यौगिक में उपस्थित किसी तत्व का प्रतिस्थापन दूसरे तत्व द्वारा होता है, एकल प्रतिस्थापन या एकल विस्थापन अभिक्रिया कहलाती है ।
जैसे-Zn धातु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित करता है ।
Zn + HCl → ZnCl_ + H,
प्रश्न 16. चिप्स की थैली में कौन-सी गैस भरी होती है और क्यों ?
उत्तर:- चिप्स की थैली में N2 गैस भर दिया जाता है । इससे चिप्स उत्तरऑक्सीजन की उपस्थिति में ऑक्सीकृत होने से बच जाता है और यह विकृत नहीं हो पाता है । अगर N2 गैस जो चिप्स को ऑक्सीकृत होने से बचाता है इसीलिए चिप्स की थैली में यह गैस भरी जाती है। ।
प्रश्न 5. विरंजक चूर्ण क्या है ? इसका रासायनिक नाम, सूत्र एवं उपयोग लिखें ।
उत्तर- शुष्क बुझा हुआ चूना पर क्लोरीन गैस के प्रवाह से विरंजक चूर्ण बनता है । इसका रासायनिक नाम कैल्सियम ऑक्सी-क्लोराइड है । इसका सूत्र Ca(OCI)CI है ।विरंजक चूर्ण का उपयोग
(i) कागज और कपड़ों को विरंजित करने में
(ii) किटाणुनाशक के रूप में
(iii) क्लोरोफार्म के उत्पादन में ।
प्रश्न 6. निस्तापन और जारण में क्या अन्तर है ?
उत्तर: अयस्क को वायु की नियंत्रित आपूर्ति में उसके द्रवणांक से कम तापक्रम पर तीव्रता से गर्म करने की क्रिया को जारण कहा जाता है । लेकिन याओं में उपचयित और अपचयित अयस्क उसको द्रवणांक से कम तापक्रम तीव्रता से गर्म करने की क्रिया जिससे उड़नशील अशुद्धियाँ बाहर निकल जाती है और आक्सी लवण ऑक्साइड परिणत हो जाते हैं, निस्तापन कहलाती है ।
7. जस्ता के मुख्य अयस्क का नाम लिखें । जस्ता को उसके से आप क्या समझते हैं ? सोदाहरण अयस्क से निष्कर्षण के सिद्धान्त का वर्णन करें ।
उत्तर-जस्ता के मुख्य अयस्क
(i) जिंक ब्लेड (Zns)
(ii) कौलामाइन (ZnCO3)
रासायनिक अभिक्रिया जिसमें प्रतिफल हो जाते हैं, अवक्षेपण कहलाती है। सिलवर नाइट्रेट (AgNO3) जल में में मिश्रित करने पर सिलवर क्लोराइड अघुलनशील है।
(i) जिंक ब्लेड (Zns)
(ii) कौलामाइन (ZnCO3)
जाने वाले धातु हैं। प्रकृति में यह प्राय: सल्फाइड या कार्बोनेट के रूप में पायी ज है । सल्फाइड या कार्बोनेट की तुलना में धातु को उसके ऑक्साइड के रूप में प्राप्त करना आसान है । अतः अपचयन से पहले धातु के सल्फाइड एवं कार्बोनेट को धातु के ऑक्साइड में परिणत करना जरूरी है। सल्फाइड अयस्क को वायु की उपस्थिति में अधिक ताप पर गर्म करने पर यह ऑक्साइड में बदल जाता है । इस प्रक्रिया को भंजन कहते हैं। कार्बोनेट अयस्क को सीमित वायु में अधिक ताप पर गर्म करने पर यह ऑक्साइड में बदल जाता है । इस प्रक्रिया को निस्तापन कहा जाता है। जिंक के अयस्कों के भंजन एवं निस्तापन के समय निम्नांकित अभिक्रियाएँ होती हैंआयरन, जिंक, लेड, कॉपर आदि सक्रियता श्रेणी के मध्य में पाए को विस्थापित करता है ।
भंजन - 2ZnS(s) + 30, (8)तापन →2ZnO(s) + 2SO2(g)
निस्तापन - ZnCO, (s). तापन > ZnO(s) + CO2 (g)
इसके बाद इन ऑक्साइडों को कार्बन द्वारा अपचयित कर धातु की प्राप्
ति
ZnO(s) + C(s) इस प्रकार धातु का निष्कर्षण हो जाता है तापन HZn(s) + CO(g)
प्रश्न 8. हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया क्या है ? इस अभिक्रिया का एक व्यापारिक उपयोग बताएँ ।
उत्तर: वनस्पति तेलों में साधारणतः लंबी असंतृप्त कार्बन शृंखलाएँ होती उत्तरहैं। निकेल उत्प्रेरक का उपयोग करके वनस्पति तेलों को हाइड्रोजनीकरण किया
(जहाँ R एल्किल समूह है।)
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन को H से योग कर संतृप्त हाइड्रोकार्बन प्राप्त करना हाइड्रोजनीकरण कहलाता है ।
इस प्रक्रिया से वनस्पति तेल बनाए जाते हैं। जिनका उपयोग भोजन पकाने में होता है ।
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