पाठ 2. अम्ल, क्षार एवं लवण
.◆ अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं |
◆क्षार स्वाद में कड़वे होते हैं।
◆अम्ल एवं क्षार की जाँच के किए आप संश्लेषित सूचक जैसे मेथिल ऑरेंज एवं फिनाल्फथेलिन का भी उपयोग कर सकते ।
◆कुछ ऐसे पदार्थ होते है जिसकी गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदल जाती है | इन्हे गंधीय सूचक कहते हैं |
◆क्षार एवं अम्ल की अभिक्रिया के स्मन्ही धात्विक ऑक्साइड अम्ल के साथ अभिक्रिया कर के लवण एवं जल प्रदान करते हैं ।
◆विलयन के विधुत धरा का प्रवाह आय! दुवारा होता हैं ◆अम्ल के उप्स्थितत धनायन हैं |
◆अम्ल विल्यम में हाइड्रोजन आयन H+ उत्पन्न करता हैं ◆जल की उपस्थिति में HCI में हाइड्रोजन आयन उत्पन्न होते हैं |
◆ अम्ल-क्षारक सूचक रंजक या रंजकों के मिश्रण होते हैं जिनका उपयोग अम्ल एवं क्षारक की उपस्थिति को सूचित करने के लिए किया जाता है।
◆विलयन में Ht (aq) आयन के निर्माण के कारण ही पदार्थ की प्रकृति अम्लीय होती है। विलयन में OH-
(aq) आयन के निर्माण से पदार्थ की प्रकृति क्षारकीय होती है।
◆जब कोई अम्ल किसी धातु के साथ अभिक्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस का उत्सर्जन होता है। साथ ही संगत
लवण का निर्माण होता है।
◆ जब क्षारक किसी धातु से अभिक्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस के उत्सर्जन के साथ एक लवण का निर्माण होता है
जिसका ऋण आयन एक धातु एवं ऑक्सीजन के परमाणुओं से संयुक्त रूप से निर्मित होता है।
◆ जब अम्ल किसी धातु कार्बोनेट या धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट से अभिक्रिया करता है तो यह संगत लवण कार्बन डाइऑक्साइड गैस एवं जल उत्पन्न करता है।
◆ जल में अम्लीय एवं क्षारकीय विलयन विद्युत का चालन करते हैं क्योंकि ये क्रमशः हाइड्रोजन एवं हाइड्रॉक्साइड आयन का निर्माण करते हैं।
◆ अम्ल या क्षारक की प्रबलता की जाँच pH (0-14) स्केल के उपयोग से की जा सकती है जो विलयन में हाइड्रोजन आयन की सांद्रता की माप होता है।
◆ एक उदासीन विलयन के pH का मान 7 होता है जबकि अम्लीय विलयन के pH का मान 7 से कम एवं क्षारकीय विलयन के pH का मान 7 से अधिक होता है।
सभी जीवों में उपापचय की क्रिया pH की एक इष्टतम सीमा में होती है। सांद्र अम्ल या क्षारक को जल के साथ मिश्रित करना एक अत्यन्त ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है। अम्ल को जल में मिलाते समय सावधानियाँ रखनी चाहिए | अम्ल में थोडा थोडा करके जल मिलाना चाहिए जल में अम्ल नहीं मिलाना चाहिए।
◆ अम्ल एवं क्षारक एक-दूसरे को उदासीन करके लवण एवं जल का निर्माण करते हैं।
◆लवण के एक सूत्र इकाई में जल के निश्चित अणुओं की संख्या को क्रिस्टलन का जल कहते हैं।
हमारे दैनिक जीवन एवं उद्योगों में लवण के कई उपयोग हैं।
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1. धातु के साथ अम्ल कि अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए। इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर : धातु के साथ अम्ल कि अभिक्रिया होने पर सामान्यतः हाइड्रोजन गैस निकलती है।
2NaOH + ZnNa2zn02 + H2
जाँच - जलती हुई मोमबती को परखनली के मुंह के पास ले जाने पर फट फट अर्थात् पॉप ध्वनि उत्पन्न होती है |
Q2. कोई धातु यौगिक 'A' तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससेउत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक से कैल्सियम क्लोराइड हैं, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर : धातु के यौगिक 'ACaCO3 ( कैल्सियम कार्बोनेट ) है |
Caco3 (s) + 2HCI (aq) Cacl2 (aq) + CO2 (g) + H20(1)
Q3. HCI, HNO3 आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
उत्तर : HCI, HNO3 आदि जलीय विलयन में H+आयन बनता है जिसके कारण ये अम्लीय अभिलक्षण को प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों के विलयनों में H+आयन नहीं बनता है जिसके कारण ये अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं।
Q4. अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?
उत्तर : अम्ल का जलीय विलयन विद्युत का चालन करता है क्योंकि अम्ल जलीय विलयन में H+आयन उत्पन्न करता है जिसके कारण ये विद्युत् धारा का प्रवाह होता है
Q5. शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को क्यों नहीं बदलती है?
उत्तर : शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को नहीं बदलती है क्योंकि जल कि अनुपस्थिति में HCI से H+औयन उत्पन्न नहीं हो पाता है | सिर्फ जल कि उपस्थिति में HCI से H+आयन उत्पन्न होता है।
Q6. अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए,न कि जल को अम्ल में?
उत्तर : अम्ल को तनुकृत करते समय यह अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए,न कि जल को अम्ल क्योंकि जल को सांद्र अम्ल में मिलने से वह तीव्र अभिक्रिया कर विस्फोट करते है | इसके कई दुष्परिणाम हो सकते है | इसलिए हमें कभी भी जल को अम्ल में नहीं मिलाना चाहिए बल्कि हमें अम्ल को जल में मिलाना चाहिए|
Q7. अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन H30+ की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है?
उत्तरः अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन की सांद्रता में (H30+/OH-) प्रति इकाई आयतन में कमी हो जाती है।
Q8. जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में अधिक क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन ( OH -) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?
उत्तरः हाइड्रोक्साइड आयन (OH-) की सांद्रता बढ़ जाती है |
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