अथवा::- पाचन में पित्त रस का महत्व लिखिए
उत्तर::- पित्त रस प्रत्यक्ष रूप से भोजन के पाचन में भाग नहीं लेता है लेकिन इसमें विभिन्न प्रकार के रसायन होते हैं जो पाचन क्रिया में सहायता करते हैं
इस तरह पित्त रस निम्नलिखित महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
(i) यह अमाशय से आए भोजन के अम्लीय प्रभाव को क्षारीय बनाता है।
(ii) यह जीवाणुओं को मारता है तथा इसकी उपस्थिति में ही अग्नाशयी रस कार्य करता है।
(iii) यह आंत की दीवार को क्रमाकुचन के लिए उत्तेजित करता है।
(iv) यह वसा में घुलनशील विटामिनों के अवशोषण में सहायक होता है
(v) यह कुछ विषैले पदार्थों; जैसे-कोलेस्ट्रॉल और धातुओं के उत्सर्जन में सहायक होता है।
प्रशन::- पौधों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को सचित्र द्वारा दर्शाइए
अथवा::- प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रकाश आवश्यक है सिद्ध कीजिए
उत्तर::- प्रयोग-विधि–एक गमले में पौधे को 36 घंटे अंधेरे में (स्टार्च मुक्त करने के लिए) रखते हैं । गमले के पौधे की एक पत्ती के दोनों ओर काला कागज क्लिप से लगा देते हैं। इसके पश्चात् पौधे को तीन-चार घंटे के लिए सूर्य के तीव्र प्रकाश में रख देते हैं । उक्त पत्ती को तोड़कर पानी में उबालकर ऐल्कोहॉल से धोकर उस पर KI का घोल डालते हैं।
निरीक्षण–पत्ती का जो भाग काले कागज से ढंका था पीला है, शेष भाग मंड के कारण नीला हो जाता है।
निष्कर्ष—इससे सिद्ध होता है कि प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया के लिए सूर्य-प्रकाश की आवश्यकता होती हैं
प्रशन::- रुधिर और लसिका में क्या अंतर है
प्रशन::- प्रायोगिक विवरण द्वारा बताएँ कि प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में ऑक्सीजन गैस मुक्त होती है।
अथवा, प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में ऑक्सीजन निकलती है।
उत्तर—प्रयोग इसे सिद्ध करने के लिए एक बड़े बीकर में जल लेकर उसमें
हाइड्रिला के कुछ पौधे डालकर उसे कीप से ढक देते हैं।
इस कीप में सोडियम बाइकार्बोनेट की कुछ मात्रा डाल देते हैं जिससे हाइड्रिला के पौधों को प्रकाश-संश्लेषण के लिए पर्याप्त मात्रा में CO मिलती रहे । अब कीप
के ऊपर पानी से एक परखनली को उलटकर रख देते हैं। अब इस पूरे उपकरण को सूर्य प्रकाश में रखकर कुछ देर बाद देखते हैं कि हाइड्रिला के पौधे से बुलबुले
नीचे की ओर गिरने लगता है। परीक्षण के बाद पता चलता है कि यह गैस ऑक्सीजन
है, जिससे सिद्ध होता है कि प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में ऑक्सीजन निकलती है।
प्रशन::- अमीबा में पोषण की प्रक्रिया को चित्र के.साथ समझाइए।
उत्तर-अमीबा सूक्ष्म जीवों को अपना भोजन बनाता है तथा सूक्ष्म पौधों को भी अपना भोजन बनाता है जो जल में तैरते रहते हैं। इसका भोजन ग्रहण करने का तरीका होलोजोइक है। यह पादाभ बनाकर अपना शिकार पकड़ता है।
प्रशन::- रक्त कोशिका' की संरचना तथा कार्य लिखिए।
उत्तर- इन्हें एरीथ्रोसाइट्रस (erythrocytes) भी कहते हैं, जो उभयनतोदर डिस्क की तरह रचना होती हैं। इनमें केन्द्रक, माइटोकॉण्ड्रिया एवं अंतर्द्रव्यजालिका जैसे कोशिकांगों का अभाव होता है। इनमें एक प्रोटीन वर्णक हीमोग्लोबिन पाया जाता है, जिसके कारण रक्त का रंग लाल होता है। इसके एक अणु की क्षमता ऑक्सीजन
के चार अणुओं से संयोजन की होती है। इसके इस विलक्षण गुण के कारण इसे ऑक्सीजन का वाहक कहते हैं। मनुष्य में इनकी जीवन अवधि 120 दिनों की होती
है, और इनका निर्माण अस्थि-मज्जा में होता है। मानव के प्रति मिलीलीटर रक्त में इनकी संख्या 5-5.5 मिलियन तक होती है।
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