हमारे देश में होली, दिवाली, ईद आदि कई त्यौहार मनाए जाते हैं। सभी त्योहारों का अपना एक अलग ही महत्व है। ईद मुस्लिम समुदाय का एक प्रमुख त्यौहार है। ईद दो तरह की होती है। इस त्योहार के लिए कोई खास दिन तय नहीं की गई है। यह चांद के उदय के साथ घटती – बढ़ती रहती है। ईद में चांद देखना बहुत अच्छा माना जाता है। चांद देखने के बाद ही यह त्योहार मनाया जाता है। ईद बच्चे, बड़े और बूढ़े सभी के लिए खुशियां ले कर आती है। ईद के अवसर पर स्कूल में बच्चों को ईद पर निबंध लीखने भी दिया जाता है। बच्चे इस पोस्ट के माध्यम से ईद पर हिंदी निबंध देख सकते है
मुस्लिम के प्रमुख त्योहारों में से एक है ईद। यह दो प्रकार की होती है। पहली है मीठी ईद और दूसरी है बकरा ईद। मीठी ईद को ईद-उल-फितर के नाम से भी जाना जाता है। वहीं बकरा ईद को बकरीद या ईद-उल-अजहा भी कहते हैं। मुस्लिम समुदाय के लिए यह त्योहार सबसे अधिक प्रसन्नता का त्योहार माना जाता है। ईद की गणना हिज़ी कैलेंडर और चांद के उदय के माध्यम से की जाती है। कई बार ईद अलग – अलग जगहों में अलग – अलग दिन मनाई जाती है।
मीठी ईद से पहले रमजान का महीना आता है। यह मुस्लिम लोगों का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। रमजान के महीने धार्मिक प्रवृति के लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोज़ा रखते हैं। सूर्यास्त के बाद नमाज पढ़ कर रोज़ा खोला जाता है। रोज़ा खोलने को इफ्तार या इफ्तारी भी कहते हैं। रमजान पूरे एक महीने तक चलता है। इस महीने में दिन में पांच बार नमाज़ अदा किया जाता है। गरीबों को दान भी दिया जाता है। सभी लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार खरीददारी करते हैं। मीठी ईद के दिन पकवान और सिवइयां बनाई जाती है। सभी प्रेमपूर्वक एक दूसरे से गले मिलकर बधाइयां और शुभकामनाएं देते हैं। इस त्यौहार में अपने से छोटों ईदी देने की भी मीठी ईद के बाद बकरा ईद मुस्लिम समाज का सबसे बड़ा त्यौहार है। बकरा ईद के दिन सबसे पहले नमाज अदा की जाती है। नमाज के बाद बकरे की कुर्बानी दी जाती है। आर्थिक रूप से सक्षम लोगों के लिए कुर्बानी करना अनिवार्य है। बकरीद पर कुर्बानी का खास महत्वा होता है। कुर्बानी के बाद पहला हिस्सा गरीबों के लिए रख दिया जाता है। गरीबों का हिस्सा अलग करने के बाद अपने दोस्तों और रिश्तेदारों में भी इसे बांटा जाता है।
बकरीद मानने के पीछे यह मान्यता है कि एक पैगंबर हज़रत इब्राहिम की कोई औलाद नहीं थी। खुदा से बहुत इबादत करने के बाद उनके बेटे का जन्म हुआ। एक दिन उन्हें एक सपना आया। जिसमें उसमें सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी की बात कही गई। उन्होंने इसे खुदा का आदेश मानते हुए अपने बेटे की कुर्बानी के लिए तैयार हो गया। अपनी आंखें बंद कर के उन्होंने क़ुरबानी दे दी। क़ुरबानी के बाद जब उन्होंने अपनी आंखें खोली तो देखा उनका बेटा खेल रहा था। अल्लाह ने खुश हो कर बच्चे की जगह बकरे को बदल दिया था। तब से बकरे की बली की प्रथा शुरू हुई। इस प्रकार यह त्यौहार बुराई के खिलाफ लड़ने और भेदभाव को भुलाकर मिलजुल कर रहने की प्रेरणा दी है
ईद और बकरीद मुस्लिम का प्रमुख त्योहार है। रमजान का पावन महीना आता है। रमजान का महीना व्रत, त्याग और तपस्या का महीना है। रमजान में स्वस्थ मुस्लिम लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोज़ा रखते हैं। सूर्यास्त के बाद नमाज़ पढ़ कर रोज़ा खोला जाता है। ईद की तैयारी कई महीनों पहले से ही शुरू हो जाती है। सभी लोग अपने पसंद और जरुरत के अनुसार चीजें खरीदते हैं। गरबों को दान दिया जाता है। दूज का चांद दिखने के बाद ईद मनाई जाती है। इस दिन सभी नए – नए कपड़े पहनते हैं। बड़े लोग छोटों को ईदी देते हैं। मिढ़ाईयां और सिवइयां बांटी जाती हैं। मस्जिदों को भी रौशनी से सजाया जाता है। लोग एक दूसरे के गले मिल कर ईद की मुबारकबाद देते हैं।
बकरीद कुर्बानी का त्यौहार है। यह त्यौहार ईद के लगभग दो महीने बाद मनाई जाती है। इस दिन सबसे पहले नमाज़ पढ़ी जाती है। नमाज़ पढ़ने के बाद बकरे की कुर्बानी दी जाती है। कुर्बानी का एक हिस्सा गरीबों के लिए रखा जाता है। दूसरा हिस्सा दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए रखा जाता है। तीसरा हिस्सा खुद के लिए और परिवार के अन्य सदस्यों के लिए होता है। मान्यता के अनुसार हज़रत इब्राहिम सपने को खुदा का आदेश मानते हुए अपनी सांसे प्यारी चीज़ की कुर्बानी के लिए अपने बेटे को कुर्बान करने जा रहे थे। कुर्बानी देने के बाद जब उन्होंने अपनी आंखे खोली तो देखा उनका बेटा खेल रहा है। अल्लाह ने उनके बेटे को बकरे से बदल दिया था। तब से बकरीद पर बकरे की कुर्बानी देने की प्रथा शुरू हो गई।
ईद पर 10 टिप्पणियां
- ईद और बकरीद मुस्लिमों का प्रमुख त्योहार है।
- ईद के दिन सभी के घरों में सेवइयां बनाई जाती हैं।
- ईद के पहले रमजान का पवित्र महीना होता है।
- रमजान में लोग शुबह से शाम तक रोज़ा रखते हैं।
- बकरीद के दिन बकरे की बली दी जाती है।
- इस त्यौहार में मस्जिदों को रोशनी से सजाया जाता है।
- सभी मुस्लिम लोग एक साथ ईदगाह में ईद की नमाज़ पढ़ते हैं।
- नमाज़ ख़त्म होने के बाद सभी एक दूसरे के गले मिल कर मुबारकबाद देते हैं।
- यह त्योहार भारत के अलावा कई देशों में धूम-धाम से मनाया जाता है।
- ईद आपसी मिलन और भाईचारे का त्योहार है। Md.Nezamuddin
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