Consciousness Session 26 December चेतना सत्र 26 दिसंबर में प्रार्थना आज का विचार शब्द ज्ञान समान्य ज्ञान तर्क ज्ञान प्रेरक कहानी सफलता का मूलमंत्र और राष्ट्रगान

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चेतना सत्र 26 दिसंबर में प्रार्थना आज का विचार शब्द ज्ञान समान्य ज्ञान तर्क ज्ञान प्रेरक कहानी सफलता का मूलमंत्र और राष्ट्रगान

 चेतना सत्रता रीख: 26 दिसंबर, 2024

👉 प्रार्थना:

तू ही राम है, तू रहीम है,

तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,

तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह,

हर नाम में, तू समा रहा।


तेरी जात-ए-पाक कुरान में,

तेरा दर्श वेद पुराण में,

गुरु ग्रंथ जी के बखान में,

तू प्रकाश अपना दिखा रहा।


तू ही राम है, तू रहीम है,

तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,

तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह,

हर नाम में, तू समा रहा।


अरदास है, कहीं कीर्तन,

कहीं राम धुन, कहीं आवाहन,

विधि भेद का है ये सब रचन,

तेरा भक्त तुझको बुला रहा।


तू ही राम है, तू रहीम है,

तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,

तू ही वाहे गुरु, तू ईश मसीह,

हर नाम में, तू समा रहा।

👉 आज का विचार:

"सपने वो नहीं जो हम सोते समय देखते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।"

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम 

शब्द ज्ञान:

चकला: Pastry Board

मथनी: Churner

थाली: Dish

सुराही: Flagon

ओखली: Mortar


सामान्य ज्ञान:

प्रश्न 1: सिविल सेवा दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर: 21 अप्रैल


प्रश्न 2: धोलावीरा किस राज्य में स्थित है?

उत्तर: गुजरात


प्रश्न 3: भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष कौन थे?

उत्तर: डॉ. भीमराव अंबेडकर


प्रश्न 4: पहला परमाणु परीक्षण भारत में कब किया गया?

उत्तर: 18 मई, 1974


प्रश्न 5: प्लासी का युद्ध कब लड़ा गया था?

उत्तर: 1757


तर्क ज्ञान Logic knowledge:

Act : Action :: Teach : ?

उत्तर: Education


3 : 27 :: 4 : ?

उत्तर: 64


प्रेरक कहानी: सफलता का मूलमंत्र

एक युवा ने गुरु से पूछा, "सफलता का मूलमंत्र क्या है?" गुरु ने उसे अगले दिन नदी के किनारे मिलने को कहा। अगले दिन गुरु ने उसे नदी में चलने के लिए कहा। पानी गहरा होने लगा, और अचानक गुरु ने युवक का सिर पानी में डुबो दिया। युवक संघर्ष करने लगा। कुछ देर बाद गुरु ने उसे बाहर निकाला।

गुरु ने पूछा, "जब तुम पानी के नीचे थे, तब तुम्हें सबसे ज्यादा किस चीज की जरूरत थी?" युवक ने कहा, "सांस लेने की।"

गुरु ने कहा, "जब सफलता के लिए तुम्हारी चाह सांस लेने की चाह से भी प्रबल हो जाएगी, तब तुम जरूर सफल हो जाओगे।"

शिक्षा:

सफलता पाने के लिए पूरे मन और जुनून से प्रयास करना जरूरी है।


हम, भारत के लोग,

भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को:

सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।

👉 राष्ट्रगान

जन गण मन अधिनायक जय हे,

भारत भाग्य विधाता।

पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा,

द्रविड़, उत्कल, बंग।


विध्य, हिमाचल, यमुना, गंगा,

उच्छल जलधि तरंग।

तव शुभ नामे जागे,

तव शुभ आशीष मांगे।

गाहे तव जय गाथा।

जन गण मंगलदायक जय हे,

भारत भाग्य विधाता।


जय है, जय है, जय है...



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