बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा अनुशंसित प्रधानाध्यापक, प्रधान शिक्षक एवं विद्यालय अध्यापक के अम्यर्थियों तथा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा प्रकाशित परीक्षाफल के अनुसार सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण स्थानीय निकाय के शिक्षकों को काउन्सिलिंग के संबंध में
अध्यापक के अभ्यर्थियों तथा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा प्रकाशित
परीक्षाफल के अनुसार सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण स्थानीय निकाय के शिक्षकों के
काउन्सिलिंग के संबंध में ।
महाशय,
उपर्युक्त विषय के संबंध में कहना है कि बिहार लोक सेवा आयोग से उच्च माध्यमिक
विद्यालयों के प्रधानाध्यापक पद के लिए 5,971, प्राथमिक विद्यालयों के प्रधान शिक्षक पद के लिए
36,947, TRE-03 के तहत वर्ग 01 से 05 तक के विद्यालय अध्यापक के लिए 21,911 एवं वर्ग 06 से
08 तक के विद्यालय अध्यापक के लिए 16,989 अभ्यर्थियों की अनुशंसा प्राप्त हुई है। बिहार विद्यालय
परीक्षा समिति द्वारा सक्षमता परीक्षा - 02 के तहत स्थानीय निकाय के 65,716 शिक्षकों को सफल
घोषित किया गया है। इन सभी पदों पर नियुक्ति हेतु काउन्सिलिंग की कार्रवाई की जानी है।
2. काउन्सिलिंग का कार्य निम्नलिखित समय-सारणी के तहत संपादित कराया जाएगाः-
3. पूर्व में आपके द्वारा TRE - 01 एवं TRE - 02 के सफल अभ्यर्थियों तथा सक्षमता परीक्षा-01 में
उत्तीर्ण स्थानीय निकाय के शिक्षकों के काउन्सिलिंग की कार्रवाई सामान्यतः जिलों में उपलब्ध जिला
निबंधन एवं परामर्श केन्द्र (DRCC) में करायी गयी है।
4. काउन्सिलिंग स्थल पर काउन्टरों की व्यवस्था इस प्रकार की जाएगी कि प्रति काउन्टर
कम से कम 50-60 उम्मीदवारों की काउन्सिलिंग प्रतिदिन हो सके। काउन्टरों की संख्या का भी
आकलन काउन्सिलिंग हेतु निर्धारित दिवस एवं उम्मीदवारों की संख्या के आधार पर निर्धारित किया
जाना अपेक्षित होगा ।
आपसे अनुरोध है कि काउन्सिलिंग हेतु अपने मार्गदर्शन में उपयुक्त स्थल का चयन,
आवश्यक आई०टी० संरचना यथा कम्प्यूटर, प्रिन्टर, CCTV कैमरा आदि एवं आवश्यक संख्या में
काउन्टरों की व्यवस्था कराते हुए ससमय काउन्सिलिंग का कार्य पूर्ण कराया जाए । यह भी अनुरोध
है कि काउन्सिलिंग स्थल पर पर्याप्त संख्या में दण्डाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति करने
की कृपा की जाय, ताकि किसी प्रकार की विधि व्यवस्था संबंधी स्थिति उत्पन्न न हो पाए ।
काउन्सिलिंग की पूर्ण अवधि में शिक्षा विभाग के किसी भी पदाधिकारी / कर्मी को किसी प्रकार के
विधि व्यवस्था एवं अन्य प्रकार की ड्यूटी में नहीं लगाया जाय ताकि काउन्सिलिंग कार्य निर्बाध रूप
से संपन्न हो सके ।
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