उत्तर :- बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है। इससे अत्यधिक जान-माल की क्षति होती है। अतः बाढ़ द्वारा क्षति को कम करने के लिए निम्न उपायों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
(i) नदी किनारों पर एवं नदी की ओर ढलानों पर मकानों का निर्माण नहीं करना चाहिए।
(ii) नदी तट से कम-से-कम 250 मीटर दूर मकान बनाना चाहिए।
(iii) बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों में जल निकासी की उपयुक्त व्यवस्था करना ताकि पानी को शीघ्र निकाला जा सके।
(iv) गाँव अथवा बस्ती को बाढ़ के स्तर से भी ऊँची जगह पर बसाना चाहिए।
2. भूकम्प के प्रभावों को कम करने के दो उपायों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर :- भूकम्प के प्रभाव को कम करने वाले दो उपाय
(i) भवनों को आयताकार होना चाहिए और नक्शा साधारण होना चाहिए।
(ii) लंबी दीवारों को सहारा देने के लिए ईंट-पत्थर या कंक्रीट के कालम होने चाहिए।
3. आपदा प्रबन्धन की आवश्यकता / उपयोगिता क्यों है ?
उत्तर :- आपदा प्रबंधन की आवश्यकता आपदा के पूर्व एवं पश्चात होने वाली क्षति को कम करने या बचने से है। प्राकृतिक आपदा या मानव निर्मित आपदा इत्यादि के घटित होने से अधिक मात्रा में जैविक एवं अजैविक संसाधनों का नुकसान होता है। इसी संदर्भ में लोगों को विशेष प्रशिक्षण देकर उसके प्रभाव को कम करना आपदा प्रबंधन कहलाता है।
4. सुखाड़ की अवधि में मिट्टी की नमी को बनाए रखने के लिए आप क्या करेंगे ?
उत्तर :- सुखाड़ की अवधि में मिट्टी की नमी को बनाए रखने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए।
(i) घास का आवरण रहने देना चाहिए ।
(ii) खेतों की गहरी जुताई किया जाना चाहिए ।
5. सूखे को परिभाषित कीजिए।
उत्तर :- वर्ष भर में 50cm से कम वर्षा होने एवं भूमिगत जल स्तर के गिरने से उत्पन्न समस्या सूखा कहलाती है। सूखे के कारण पीने हेतु एवं फसलों की सिंचाई हेतु जल उपलब्ध नहीं हो पाता है। सूखे का सबसे प्रमुख कारण भूमंडलीय ताप में वृद्धि हैं।
6. सुनामी से उत्पन्न तबाही से बचाव के कोई तीन उपाय बताइए।
सुनामी से उत्पन्न तबाही से बचाव के निम्नलिखित तीन उपाय हैं
उत्तर :- (i) समुद्र तट से दूर बसना चाहिए।
(ii) समुद्र के किनारे का तटबंध मजबूत होना चाहिए।
(iii) समुद्र के तट पर अधिक संख्या में मैंग्रोव के पेड़ लगाना चाहिए।
7. आकस्मिक आपदा प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर :- आकस्मिक आपदा जैसे संकट का सामना करने के लिए सरकारी एवं गैर-सरकारी स्तर पर अनेक प्रयास किए जाते हैं। परन्तु आकस्मिक आपदा प्रबन्धन में स्थानीय प्रशासन की भूमिका अहम होती है। आकस्मिक आपदा की स्थिति में राहत शिविर का निर्माण, उपचार सामग्री की व्यवस्था प्राथमिक उपचार की सामग्रियों, डॉक्टर, एम्बुलेन्स, अग्निशामक इत्यादि की व्यवस्था, करना प्रमुख कार्य है। अधिकारी वर्ग शीघ्र राहत राशि, उचित देखभाल तथा आवश्यक सामग्रियों की व्यवस्था कर सकते हैं।
8. प्राकृतिक आपदा के विभिन्न प्रकारों की विवेचना कीजिए
उत्तर :- Rप्राकृतिक आपदा के अंतर्गत बाढ़, सूखा, भूकम्प, सुनामी, चक्रवात, ओलावृष्टि, हिमस्खलन, भूस्खलन, वज्रपात, मेघ स्फोट इत्यादि आते हैं। इनमें बाढ़, सूखा, भूकम्प और सुनामी अधिक विनाशकारी आपदाएँ हैं और शेष कम विनाशकारी आपदाएँ हैं।
9. आपदा के विभिन्न प्रकारों का वर्णन करें।
आपदा वैसी स्थिति होती है जिसमें बचाव का कोई उपाय संभव नहीं है, पर इससे होनेवाली क्षति को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सकता है। आप दो प्रकार की होती है
(i) प्राकृतिक आपदा एवं
(ii) मानव-जनित आपदा
(i) प्राकृतिक आपदा – प्राकृतिक कारणों से घटने वाली आपदाएँ प्राकृतिक आपदा कहलाती है। भूकम्प, बाढ़, सुखाड़, सुनामी भूस्खलन, ज्वालामुखी विस्फोट, चक्रवात, वज्रपात इत्यादि इसके उदाहरण हैं। जिस क्षेत्र में यह होती है, वहाँ की पूरी जनसंख्या दुष्प्रभावित हो जाती है।
(ii) मानव जनित आपदा – मानवीय क्रियाकलापों के कारण जो आपदाएँ आती हैं, उन्हें मानव जनित आपदा कहते हैं। हवाई दुर्घटना, रेल दुर्घटना, जहरीली गैसों रिसाव, साम्प्रदायिक एवं जातीय दंगे इसका उदाहरण है। ये आपदाएँ सामाजिक आर्थिक जीवन को प्रभावित करती है।
10. भूकम्प और सुनामी के बीच अन्तर स्पष्ट करें।
भूकम्प और सुनामी दोनों प्राकृतिक आपदाएँ हैं। जब पृथ्वी की आंतरिक गतिविधियों के कारण धरातल पर अचानक कंपन उत्पन्न होता है तब इसे भूकम्प कहा जाता है। जब इस प्रकार का कंपन सागर या महासागर के तल पर होता है तब इसे सुनामी कहा जाता है।
11. बाढ़ के कारण एवं सुरक्षा संबंधी उपायों का वर्णन करें
बाढ़ आने के निम्नलिखित कारण हैं।
(i) नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा ।
(ii) वनों का विनाश तथा उससे उत्पन्न प्रक्रियाएँ।
(iii) नदी की तली में गाद जमा होना।
(iv) नदी में अत्यधिक जल की वृद्धि
(v) नदी के मार्ग में स्थानान्तरण की प्रवृत्ति ।
बाढ़ से सुरक्षा के उपाय निम्नलिखित हैं
(i) नदियों के किनारे तटबंध बनाना चाहिए।
(ii) बाँध बनाकर नदियों के पानी बहाव को नियंत्रित करना चाहिए।
(iii) वृक्षारोपण करना चाहिए ताकि मिट्टी पानी के साथ बहकर नदी में जा सके।
(iv) मकान ऊँचे स्थानों पर बनाना चाहिए।
(v) नाव की व्यवस्था होनी चाहिए ।
(vi) बाढ़ प्रभावित हरेक पंचायत में बहुमंजिला भवन बनाना चाहिए जहाँ लोग शरण ले सकें।
(vii) सूचनातंत्र को प्रभावकारी बनाना चाहिए।
12. भूस्खलन से बचाव के किन्हीं दो उपायों का उल्लेख करें।
(i) ढालू जमीन पर निर्माण कार्य नहीं करें।
(ii) असुरक्षित क्षेत्रों का संरक्षण करें।
13. सुनामी के प्रभाव निम्न है
(i) सुनामी लहरें विनाशकारी होते हैं ।
(ii) सुनामी लहरों के कारण भयंकर बाढ़ आ जाती है और हजारों लोग डूब कर मर जाते हैं।
(iii) सुनामी लहरों से सम्पूर्ण तटवर्ती क्षेत्र जलमग्न हो जाता है मकान व कल-कारखानें नष्ट हो जाते हैं जिससे करोड़ों रुपयों की क्षति होती
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