एक ही लाइन वाले प्रश्न उत्तर
● संसार की सभी वस्तुएँ जिस सामग्री से बनी हैं, वैज्ञानिक उसे पदार्थ कहते है।
● वे वस्तुएँ जिनका द्रव्यमान होता है और स्थान (आयतन) घेरती है, पदार्थ कहलाता है |
● प्राचीन भारत के दार्शनिकों ने पदार्थ को पंचतत्व वायु, पृथ्वी, अग्नि, जल और आकाश से बना बताया और पदार्थ को इन्ही पंचतत्व में वर्गीकृत किया है |
● सभी पदार्थ कणों से मिलकर बने होते हैं
●पदार्थ के कण अत्यंत सूक्ष्म होते है |
●पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है |
●पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं |
●पदार्थ के कण एक-दुसरे को आकर्षित करते है |
● पदार्थ के कणों में गतिज ऊर्जा होती है और तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज हो जाती है |
● पदार्थ के कण अपने आप ही एक-दुसरे के साथ अंत: मिश्रित हो जाते हैं | ऐसा कणों के रिक्त स्थानों में समावेश के कारण होता है |
● दो विभिन्न पदार्थो के कणों का स्वतः मिलना विसरण कहलाता है |
● अंतराणुक बल भी कहा जाता है | पदार्थ के कणों के बीच एक बल कार्य करता है। यह बल कणों को एक साथ रखता है
● प्रत्येक पदार्थ में यह आकर्षण बल अलग-अलग होता है इन्ही बलों के कारण पदार्थ की अवस्थाएं बनती है |
● पदार्थ की तीन अवस्थाएँ होती हैं- ठोस, द्रव और गैस |
● पदार्थ की ये अवस्थाएँ उनकी कणों की विभिन्न विशेषताओं के कारण होता है ।
● बल लगाने पर ठोस टूट सकते हैं लेकिन इनका आकार नहीं बदलता |
● द्रव का कोई अपना आकार नहीं होता है जिस बर्तन में इसे रखते है ये उसी का आकार ले लेता है, परन्तु द्रव का आयतन होता है |
● द्रव में ठोस, द्रव और गैस तीनों का विसरण संभव है।
● कण स्वतंत्र रूप से गति करते हैं ठोस की अपेक्षा द्रव के कणों में रिक्त स्थान भी अधिक होता है |
● ठोसों एवं द्रवों की तुलना में गैसों की संपीड्यता (compression) काफी अधिक होती है| ठोस की अपेक्षा द्रवों में विसरण की दर अधिक होती है यही कारण है कि द्रव अवस्था में पदार्थ के
● तापमान एवं दाब में परिवर्तन कर पदार्थ की अवस्थाएं बदली जा सकती है | जिस तापमान पर कोई ठोस पिघलकर द्रव बन जाता है, वह इसका ताप उस पदार्थ का गलनांक (Melting Point) कहलाता है |
● गलने की प्रक्रिया यानी ठोस से द्रव अवस्था में परिवर्तन को संगलन भी कहते है | गलने की प्रक्रिया के दौरान गलनांक पर पहुँचने के बाद जब तक कोई पदार्थ पूरी तरह गल नहीं जाता, तापमान नहीं बदलता है | चाहे उसमें और भी ऊष्मा दे दी जाए | पदार्थ के कणों के आकर्षण बल को बदलने के लिए ताकि अवस्था में परिवर्तन हो सके तापमान में बिना कोई वृद्धि दर्शाए पदार्थ उस अतिरिक्त ऊष्मा को अवशोषित कर लेता है | यह ऊष्मा पदार्थ में छुपी रहती है, जिसे गुप्त ऊष्मा कहते हैं |
● संगलन की प्रसुप्त ऊष्मा : वायुमंडलीय दाब पर 1 kg ठोस को उसके गलनांक पर द्रव में बदलने के लिए जीतनी ऊष्मीय ऊर्जा की आवश्यकता होती है, उसे संगलन की प्रसुप्त ऊष्मा कहते है |
● वायुमंडलीय दाब पर वह तापमान जिस पर द्रव उबलने लगता है, इस ताप को उस पदार्थ का क्वथनांक कहते है | जल का क्वथनांक 100 ° C या 373 K है |
● द्रव अवस्था में परिवर्तन हुए बिना ठोस अवस्था से सीधे गैस और वापस ठोस में बदलने की प्रक्रिया को उर्ध्वपातन (sublimention) कहते है |
● पदार्थ के कणों के बीच दुरी में परिवर्तन होने के कारण पदार्थ की विभिन्न अवस्थाएँ बनती हैं |
● ठोस CO. द्रव अवस्था में आए बिना सीधे गैस में परिवर्तित जाती है | यही कारण है कि ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ़ (dry ice) कहते हैं |
● दाब के बढ़ने और तापमान के घटने से गैस द्रव में बदल सकते है।
● क्वथनांक से कम तापमान पर द्रव के वाष्प में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को वाष्पीकरण (Evoparisation) कहते हैं ।
● वाष्पीकरण से शीतलता आती है |
लघु एवं दीर्घ प्रश्न उत्तर
Q1. निम्नलिखित में से कौन-से पदार्थ हैं
कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, शीतल पेय, इत्र की सुगंध |
उत्तरः कुर्सी, वायु, बादाम और शीतल पेय आदि पदार्थ हैं
Q2. निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताइए -
गर्मा-गरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है |
उत्तरः यह पदार्थ के कणों की विशेषताओं का गुण है जो तापमान बढ़ने से इनके कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है और ये कण गतिज ऊर्जा बढ़ने से इनकी बीच की दुरी अर्थात कणों के बीच रिक्त स्थान बढ़ जाता है और फैलने लगते हैं यही कारण है कि गर्म खाने की महक ठंडे खाने की अपेक्षा तेजी से हमारे पास पहुंचता है |
Q3. स्विमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है | इससे पदार्थ का कौन सा गुण प्रेक्षित होता है ?
उत्तर: यह क्रिया-कलाप यह दर्शाता है कि पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता हैं | यदि पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान नहीं होता तो गोताखोर पानी को नहीं काट पाता |
Q4. पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती है ?
उत्तरः पदार्थ के कणों की निम्न विशेषताएँ होती है |
(i) पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है |
(ii) पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं |
(iii) पदार्थ के कण एक-दुसरे को आकर्षित करते हैं |
Q5. किसी तत्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को धनत्व कहते हैं ।
उतर : (घनत्व = द्रव्यमान /आयतन)
बढ़ते हुए घनत्व के क्रम में निम्नलिखित को व्यवस्थित करें वायु, चिमनी का धुवाँ, शहद, जल, चाक, रुई और लोहा |
Q6. निम्नलिखित में से कौन-से पदार्थ हैं
कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, शीतल पेय, इत्र की सुगंध |
उत्तर: कुर्सी, वायु, बादाम और शीतल पेय आदि पदार्थ हैं
Q7. निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताइए -
गर्मा-गरम खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है |
उत्तर: यह पदार्थ के कणों की विशेषताओं का गुण है जो तापमान बढ़ने से इनके कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है और ये कण गतिज ऊर्जा बढ़ने से इनकी बीच की दूरी अर्थात कणों के बीच रिक्त स्थान बढ़ जाता है और फैलने लगते हैं यही कारण है कि गर्म खाने की महक ठंडे खाने की अपेक्षा तेजी से हमारे पास पहुंचता है I
Q8. स्विमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है | इससे पदार्थ का कौन सा गुण प्रेक्षित होता है ?
उत्तर: यह क्रिया-कलाप यह दर्शाता है कि पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता हैं | यदि पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान नहीं होता तो गोताखोर पानी को नहीं काट पाता |
Q9. पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती है ?
उत्तर: पदार्थ के कणों की निम्न विशेषताएँ होती है |
(i) पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है |
(ii) पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं ।
(iii) पदार्थ के कण एक-दुसरे को आकर्षित करते हैं |
Q10. किसी तत्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को धनत्व कहते हैं ।
( घनत्व = द्रव्यमान / आयतन )
बढ़ते हुए घनत्व के क्रम में निम्नलिखित को व्यवस्थित करें वायु, चिमनी का धुवाँ, शहद, जल, चाक, रुई और लोहा |
Q11. पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है। उदाहरण देकर इसे समझाइए |
उत्तर: जब हम एक बीकर में पानी लेते है और उसमें पोटैशियम परमैगनेट के कुछ कण डाल देते है | कुछ देर बाद हम देखते है कि पोटैशियम परमैगनेट पुरे बीकर में फ़ैल जाता है | अर्थात पोटैशियम परमैगनेट का प्रत्येक कण जल के प्रत्येक कणों के बीच मिल जाता है | जिसेसे यह पता चलता है कि पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है |
Q12. कारण बताइए, क्यों गैस उस बर्तन को पूरी तरह भर देती है जिसमें इसको रखते है ?
उत्तरः द्रवों की तुलना में गैसों की संपीड्यता अधिक होती है जिससे ये जिस बर्तन में डालना होता है तेजी से स्थान लेते हैं और पूरी तरह भर देते है |
Q13. वाष्पीकरण के कारण शीतलता कैसे होती है ?
उत्तर: वाष्पीकरण के दौरान कम हुई ऊर्जा को पुनः प्राप्त करने के लिए द्रवों के कण अपने आस-पास से ऊर्जा अवशोषित कर लेते हैं। इस तरह आस-पास से ऊर्जा अवशोषित होने से आस-पास ठंडक होने लगता है और शीतलता आ जाती है |
Q14. ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ़ क्यों कहते हैं
उत्तर: जब वायुमंडलीय दाब का माप 1 एटमोस्फेयर atm हो, तो ठोस (CO2) कार्बन डाइऑक्साइड द्रव अवस्था में आए बिना सीधे गैस में परिवर्तित हो जाता है | यही कारण है कि ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ़ कहते है |
Q15. उर्ध्वपातन किसे कहते है ?
उत्तरः द्रव अवस्था में परिवर्तन हुए बिना ठोस अवस्था से सीधे गैस और वापस ठोस में बदलने की प्रक्रिया को उर्ध्वपातन (sublimention) कहते है |
Q16. वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं ?
उत्तर:
(i) सतह क्षेत्र बढ़ने पर: वाष्पीकरण एक सतही प्रक्रिया है और सतही क्षेत्र बढ़ने पर वाष्पीकरण की दर भी बढ़ जाती है |
(ii) तापमान में वृद्धि : तापमान बढ़ने पर पदार्थ के कणों को पर्याप्त गतिज ऊर्जा मिल जाती है जिससे वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है 1
(iii) आर्द्रता में कामी : वायु में उपस्थित जलवाष्प की मात्र जिसे आर्द्रता कहते है, जलवाष्प बढ़ने से आर्द्रता बढ़ेगी और आर्द्रता बढ़ने से वाष्पीकरण की दर घट जाती है |
(iv) वायु की गति में वृद्धि : वायु की गति में वृद्धि होने से जलवाष्प के कण तेजी से वायु के साथ उड़ जाते हैं जिससे आस-पास की जल वाष्प की मात्रा घट जाती है |
Q17. प्लाज्मा क्या है ?
उत्तर: प्लाज्मा पदार्थ की चौथी अवस्था है, नियाँन बल्ब के अन्दर नियॉन गैस और फ्लोरसेंत ट्यूब के अंदर हीलियम या कोई एनी गैस होती है। विद्युत ऊर्जा प्रवाहित होने पर यह गैस आयनीकृत यानी आवेशित हो जाती है | आवेशित होने से ट्यूब या बल्ब के अंदर चमकीला पदार्थ तैयार होता है | जिसे प्लाज्मा कहा जाता है।
Q18. गुप्त ऊष्मा किसे कहते है ?
उत्तरः गलने की प्रक्रिया के दौरान गलनांक पर पहुँचने के बाद जब तक कोई पदार्थ पूरी तरह गल नहीं जाता, तापमान नहीं बदलता है | चाहे उसमें और भी ऊष्मा दे दी जाए | पदार्थ के कणों के आकर्षण बल को बदलने के लिए ताकि अवस्था में परिवर्तन हो सके तापमान में बिना कोई वृद्धि दर्शाए पदार्थ उस अतिरिक्त ऊष्मा को अवशोषित कर लेता है | यह ऊष्मा पदार्थ में छुपी रहती है, जिसे गुप्त ऊष्मा कहते हैं |
Q19. संगलन की प्रसुप्त ऊष्मा किसे कहते हैं ?
उत्तर: वायुमंडलीय दाब पर 1 kg ठोस को उसके गलनांक पर द्रव में बदलने के लिए जितनी ऊष्मीय ऊर्जा की आवश्यकता होती है, उसे संगलन की प्रसुप्त ऊष्मा कहते है |
Q20. वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: वायुमंडलीय दाब पर 1kg द्रव को उसके क्वथनांक पर गैसीय अवस्था में परिवर्तन करने हेतु जितनी ऊष्मीय ऊर्जा की आवश्यकता होती है, उसे वाष्पीकरण की प्रसुप्त ऊष्मा कहते है |
Q21. संघनन क्या है ?
उत्तर: वह प्रक्रिया जिसमें गैस संघनित होकर (ठंडा) द्रव में परिवर्तित हो जाता है संघनन कहलाता है |
Q22. 100 °C तापमान पर भाप अर्थात वाष्प के कणों में उसी तापमान पर पानी के कणों की अपेक्षा अधिक ऊर्जा होती है | क्यों ?
उत्तर: ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि भाप के कणों ने वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा के रूप में अतिरिक्त ऊष्मा अवशोषित कर लेता है जिससे वह उसी तापमान पर पानी के कणों की अपेक्षा अधिक ऊष्मा होती है |
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