मैथिली में निबंध लिखना सीखे सरस्वती पूजा पर/भ्रूण हत्या पर/ क्रिकेट पर पूरे 10 अंक के पूछे जाने वाले सभी परीक्षाओं में

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सरस्वती पूजा पर निबंध मैथिली में
 ई पूजा शुद्ध कऽ विद्या व्यवसाय याने पठन-पाठन काजमे जे लागल छथि ओ लोकनि विशेष कऽ श्रद्धापूर्वक जाहि संस्थामे पठन-पाठन करैत छथि ताहि संस्थामे धूम-धामसँ करैत छथि । 
ई माघ मासक शुक्लपक्षक पञ्चमी तिथिके कैल जाइत अछि । एहि पंचमीके श्रीपञ्चमीक नामसँ सेहो सम्बोधित कैल जाइत अछि । एहि तिथि कऽ छात्र लोकनि जाहि स्कूल वा कालेजमे पढैत छथि ताहिमे अथवा छात्रावासमे जगद्धात्री विद्यादायिनी श्री सरस्वती माताक मृतिकाक प्रतिमा आनि श्रद्धापूर्वक पवित्र जगह पर ठाँव कऽ बैसबैत छथि । पुनः पण्डितकें बजा हुनका द्वारा कहल गेल नियामानुकुल पूजा करैत छथि ।
एहि तिथि कऽ पूजाकर्ता प्रातः काल नित्यकर्मसँ निवृत भेलाके बाद पूजास्थान पर आसन लए बैसैत छथि । तखन सूद्धि मन्त्रक पाठ कऽ पूजाक सामग्री तथ अन्तःकरण शुद्ध कऽ पण्डितजी द्वारा निर्देशित विधिसँ ध्यान पूजा आ आरती करैत छथि । सब छात्र लोकनि मन्त्रक पाठ कऽ श्रद्धापूर्वक पुष्पाञ्जलि दैत छथि । तखन प्रसाद वितरण कएल जाइत अछि । प्रसादमे सामयिक फल बैर आ केशौरक प्रधानता रहैत अछि ।
प्रसाद वितरणक बाद छात्र लोकनि दिन भरि गीत-नादक संग-संग कीर्तन भजन करैत छथि । सन्ध्या समयमे पुनः आरती कएल जाइत अछि । तदुपरान्त रात्रि जागरणक लेल नाटक वा नाच-गानक व्यवस्था चलैत रहैत अछि । अर्चना कऽ पञ्चमी बितला पर षष्ठीमे हिनकर
प्रातः काल पुनः पूजा प्रतिमा विसर्जन कऽ देल जाइत अछि । तहन शंखनाद बजबैत हिनका प्रतिमाक उठा भ्रमण करैत धार आ कि पोखरिमे प्रवाह कए देल जाइत अछि । छात्रक लेल एहि सँ बढ़ि कोनो पर्व नहि मानल जाइत अछि । पूर्वमे ई पूजा मात्र शिक्षण संस्थनमे होइत छल । लेकिन आइ-काल्हि सर्वत्र जेना छात्रावास, पुस्तकालयक संग आब तँ दरबज्जे याने घरे घर पूजा होमय लागल अछि । आइकाल्हि एहि नाम पर बहुत ठाम शान्तियो भंग भए जाएत अछि । अराजक तत्व बलजोरी एहि नाम पर चन्दा एकत्र करैत छथि आ चन्दाक पाइसँ अइयाशी करैत छथि । अगर एहि स्थिति पर ध्यान नहि देल जाएत त भविष्यमे एहन जे महान् पूजा ताहिसँ लोक विमुख होमए लागत ।
 भ्रूण हत्या पर निबंध मैथिली में
भ्रूण हत्या आजुक समाज मे कोढ़ जकाँ पसरि गेल अछि । सीमित बाल-बच्चाक कामना एवं बेटीक प्रति तिरस्कारक भाव एकर कारण मात्र अछि । वर्तमान भौतिकवादी युगमे जतय लोकक लोलुपता धनक प्रति बढ़ल अछि । आ एक शार्ट-कट तरीका बेटाक विवाह होबल लागल । समाजक ध नीक वर्ग अपन बेटीक विदाईमे अकूत धन दान देबय लागल छल । एकर गम्भीर कुप्रभाव समाज पर पड़लैक । बादमे लोक एकरा अपन अधिकार बूझ लागल । आ आई भ्रूण हत्याक सभसँ प्रमुख कारण सभमे एक अछि ।
प्रश्न उठैछ भ्रूण हत्या की थिक ? हत्या करबाक प्रयोजन किएक ? एकर उत्तर ताकब अत्यधिक जटिल एवं भयावह अछि । जखन कोनो गर्भस्थ शिशु कोनो कारणे धरती पर आबय सँ पहिने मारि देल जाइत अछि तऽ ओकरा भ्रूण हत्या कहल जाइत अछि । एकर पहिल प्रमुख कारण अछि बेटीक प्रति लोकक वितृष्णा । बेटीक कारण लोकके अनेक प्रकारक सामाजिक प्रताड़ना सहन करए पड़ैत छैक । यथा ओकर शिक्षा-दीक्षामे गुण्डा मवाली आदि सँ कष्ट भोगय पड़ैत छैक आ लान्छन बेटी पर लगाओल जाइत छैक ।
भ्रूण हत्याक दोसर प्रमुख कारण होइछ असमय गर्भधारण । समाजमे अंगरेजी संस्कृतिक प्रचलनक कारणे लोकमे विवाह पूर्व शारीरिक संबंध बनएबाक प्रचलन तेजीसँ बढ़ि गेल छैक । एहि कारणे कएल गेल गर्भाधान अनैतिक होइत अछि एहन स्थितिमे ओहि बच्चाके गर्भहिमे नष्ट कए अपन प्रतिष्ठा बचाकए रखबाक प्रयास कएल जाइत अछि ।
भ्रूण हत्याक तेसर कारण कारणक रूपमे अनैच्छिक गर्भाधान सेहो अछि । कोनो व्यक्तिके एक बेटी छैक आ दोसर पुनः बेटी होइत छैक तऽ ओ ओकर भ्रूण परीक्षण कराय गर्भहिमे नष्ट कए दैत छैक ।
एवं अनेक कारणे गर्भस्थ शिशु के नष्ट कए देल जाइत अछि । ओहमे पुत्रीक भ्रूण हत्याक तऽ प्रचलन जेना भए गेल । परिणाम भेल जे समाजमे स्त्री-पुरुषक संतुलन खत्म भए गेल । अनेक प्रदेश एहन अछि जाहिठाम प्रति एक हजार व्यक्ति पर स्त्रीक संख्या सात-आठ सै भए गेल अछि। एहि भयावह स्थितिके देखैत वैधानिक रूपसँ अनेक डेग उठाओल गेल अछि । एहिमे पहिल अछि बेटीक समान अधिकार देब । आब बेटीके पैतृक सम्पत्तिमे समान अधिकार भेटि गेल छैक । दोसर भ्रूण परीक्षण एवं भ्रूण हत्या कानूनी रूपसँ अवैध घोषित कए देल गेल आ एकर लेल दण्डक प्रावधान सेहो कएल गेल अछि । (C) कृषि क्षेत्रमे विज्ञानक चमत्कार
भारत एकटा कृषि प्रधान देश अछि। एहि ठामक 80% लोक गाँवमे बास करैत अछि। जकर प्रधान पेशा (उद्योग) कृषि छैक । तैं हेतु कृषिक उन्नति पर निर्भर करैत अछि गामक उन्नति । गामक उन्नति होएतैक तखनहि भारतक उन्नति सम्भव भए सकैत अछि । से तखनहि होएत जखन कि आधुनिक युगमे एकर आधुनिकीकरण कएल जाए ।प्राचीनकालमे लोक हड़-बरदसँ खेती करैत छल । सम्प्रति ओकर स्थान आब वैज्ञानिक हर आ कि ट्रैक्टर लए रहल अछि। आजुक युगमे जोतब, चौकी देब, बीया बाग करब आदि जतेक काज सभ होइत छैक से मशीन आधिक औजारसँ कएल जाइत छैक । एतबहि नहि आब लोक दाओनो बड़दसँ नहि कए रहल अछि । अन्न तैयारी सेहो गृहस्थ थ्रैसर राखि करैत अछि।
लोक खेतीक लेल जे भूमि छैक तकरा विशेष उपजाऊ बनबै चाहैत अछि । ओना वैज्ञानिक लोकनिक दृष्टिमें सब भूमि उपजाऊ अछि । तथापि माटिमे कोन तरहक खाद देल जाए जे फसल नीक जकाँ उपजाओल जा सकैत अछि से कएल जाइछ । आ तखन नीक फसल उपजाओल जाइत अछि । आइ-काल्हि वैानिक तौर-तरीकासँ पहिने खेत जोतल जाइछ तहन समुचित मात्रामे समुचित खाद-पानीक व्यवस्था कएल जाइछ । बीयाके स्वस्थ राखक हेतु कीटनाशक दबाइक प्रयोग कैल जाइछ । आब त खेतक कमौनी सेहो वैज्ञानिके हरसँ होइत अछि । पटौनीक लेल नलकूप, दमकल, बोरिंग आ नहरि स्थान आ समय अनुसार उपयोग कैल जाइत अछि । फलतः बोरिंगक नजदीकमे जे खेत अछि से सालो भरि उपजा दैत अछि । प्रयोग
आजुक समयमे अनुसंधानसँ लोक नव-नव तरहक अन्न बियाक कए अधिक उपजाकए एक तरहक चमत्कार देखा रहल अछि । बाढ़ि आ सुखाड़ पर नियंत्रण कए विज्ञान कृषकके नव जीवन दए कर्मठ बना देलक । आजुक युगमे बढ़त जनसंख्याक उद्देश्यपूर्ति लेल आवश्यक अन्नक उत्पादन कए विज्ञान कृषिमे चारि चाँद लगा देलक ।
पहिने कृषकक लेल सालमे नौ मास बेकारीक समस्या रहैत छल लेकिन आजुक युगमे विज्ञान हुनका सबक सब दिन काज दैत रहैत छनि आ हुनकर खेत सब दिन हरियर रहैत छनि ।
 क्रिकेट पर निबंध मैथिली में
खेल मनुष्य जीवन के मुख्य आधार अछि । हमर प्रिय खेल क्रिकेट अछि, क्रिकेट सँ मनोरंजन सेहो होइत अछि आ स्वास्थ्य सेहो नीक रहैत अछि । जखन क्रिकेट खेलक शुरूआत भेल छल तखन एकरा 'शाही खेल' मानल जाइत छल ।क्रिकेट खेलक जन्म ब्रिटेन मे भेल छल, भारत मे एहि खेलक शुरूआत इंगलैण्ड मे रहय वाला ओतुका निवासी सभ आरम्भ कएलक । शुरूआती दिन मे क्रिकेट केवल राजा-महाराजा आ अंग्रेज सभक बीच खेलल जाइत छल लेकिन स्वतंत्रताक़ बाद एकरा सभ केओ खेलय लागल । क्रिकेट दू टोलीकऽ खिलाड़ी सभक बीच खेलय वला खेल अछि । दूनू टोलीमे 11-11 खिलाड़ी होइत अइछ । ई खेल खुलल मैदान मे बैट और गेंद के सहायता सँ खेलल जाइत अछि ।क्रिकेट अनेक प्रकारक होइत अछि जेना वनडे, टेस्ट आ वर्तमान में टी-20 अधिक प्रचलित अछि। एहि खेल मे जे टीम सबसँ बेसी रन बनबैत अछि से विजयी घोषित भऽ जाइत अछि ।
क्रिकेट खेल बहुत सुंदर और नीक खेल अछि। एहि खेलक के अधिकांश लोक सभ देखब आ खेलब पसिन्न करैत छथि । अपना देश मे गली गली मे बच्चा सभ क्रिकेट खेलैत भेटि जाएत । अपना देशक महान खेलाड़ी सचिन एहि खेल के अनंत ऊँचाई तक पहुँचेलैथ। हमरा सभके एहि खेलके खेलैत रहक चाही आ स्वस्थ रहक चाही । 


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