ईदगाह कहानी से लघु एवं दीर्घ प्रश्न उत्तर कक्षा दसवीं पाठ 1 Bihar board class 10th non Hindi Eidgah long and short question answer

WWW.NCERTNZ.IN

By WWW.NCERTNZ.IN

in

 ईदगाह
2 अंक / 5 अंक के प्रशन उत्तर 

1. 'ईदगाह' कहानी के अनुसार दुकानों में किस-किस तरह के खिलौने थे? 
उत्तर-'ईदगाह' कहानी के अनुसार दुकानों में सिपाही और गुजरिया, राजा और वकील, भिश्ती और धोबिन और साधू आदि तरह के खिलौने थे। 

2. हामिद मिठाई या खिलौने के बदले चिमटा पसंद करता है, क्यों?
उत्तर- हामिद मिठाई या खिलौने के बदले चिमटा पसंद करता है क्योंकि रोटी सेंकते समय दादी की उँगली जल जाती थी। अगर वह चिमटा लेकर दादी को देगा, तो उनकी उँगली नहीं जलेगी। मिठाई या खिलौने क्षणिक सुख देने वाले हैं। इसीलिए उसने चिमटा ही पसंद किया।

3. मेला जाने से पहले हामिद दादी से क्या कहता है?
उत्तर- मेला जाने से पहले हामिद दादी से कहता है कि अम्मा तुम बिल्कुल डरना नहीं। मैं सबसे पहले मेला देखकर आ जाऊँगा। 

4. हामिद ने चिमटे को किन-किन रूपों में उपयोग करने की बात कही है? 
उत्तर – हामिद ने चिमटे को बंदूक, मंजीरे, बहादुर शेर के रूप में उपयोग करने की बात कही। जैसे—कंधे पर रखो तो बंदूक हो गई। हाथ में लिया तो फकीरों का चिमटा हो गया। यह मंजीरा के काम भी आ सकता है।

5. ईदगाह कहानी की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर–'ईदगाह' मानवीय धरातल पर आधारित एक यथार्थवादी कहानी है। सम्पूर्ण समाज का प्रतिनिधित्व करनेवाली यह कहानी धार्मिक न होकर मानवीय है। पूरी कहानी का वातावरण बड़ा ही सघन है। कहानीकार ने बाल-मनोविज्ञान का सूक्ष्म निरीक्षण किया है। कहानी में कहीं भी गंभीर कौतूहल नहीं है। कहानी के अन्तिम अनुच्छेद का यह वाक्य "बच्चे ने बूढ़े हामिद का पाठ खेला था" इसके आधार-बिन्दु को समझने की कुंजी है। एक छोटे-से बालक का बड़े-बूढ़ों जैसा व्यवहार और विवेक उसकी गरीबी ने उत्पन्न किया था। प्रस्तुत कहानी की भाषा सरल, सुबोध एवं पात्रोचित है। मुहावरों की भरमार ने कहानी को और भी रोचक बना दिया है।

6. ईद के दिन अमीना क्यों उदास थी 
 उत्तर-अमीना अपनी दीनता, बेसहारापन तथा आर्थिक दुर्दशा के कारण उदास थी। वह सोच रही थी कि अपने अनाथ पोते को ईद पर्व के अवसर पर मेले जाने के लिए पैसे कहाँ से देगी, क्योंकि उसके घर में एक दाना भी नहीं था।

7. अमीना के मन में कैसा भाव जगा?
 उत्तर- चिमटा देखकर अमीना के मन में क्रोध तथा स्नेह का भाव जगा । उसने छाती पीटकर कहा बेसमझ लड़का तुमने कुछ खाया-पिया नहीं। लेकिन हामिद की बात सुनकर उसका क्रोध स्नेह में बदल गया कि "तुम्हारी उँगली तवे से जल जाती है, इसलिए मैंने चिमटा खरीद लिया।" उसका मन गद्गद् हो गया कि बच्चे में कितना त्याग, सद्भाव और विवेक है। 

8. मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद मन में कौन-कौन से विचार आये? वर्णन कीजिए।
उत्तर- मेले में चिमटा खरीदने से पहले हामिद को खिलौने खरीदने तथा मिठाई खाने के विचार आए, लेकिन उसके पास तीन पैसे ही थे, इसलिए इन चाजों को खरीदने का विचार छोड़कर वह लोहे की दूकान पर गया। वहाँ चिमटा देख उसे ख्याल आया कि दादी के पास चिमटा नहीं है। तवे से रोटियाँ उतारते समय हाथ जल जाती है। अगर वह चिमटा ले जाकर दादी को देता है तो वह काफी प्रसन्न होगी और तब उसकी उँगलियाँ नहीं जलेंगी। खिलौने से क्या फायदा। व्यर्थ में पैसे बर्बाद होते हैं।

1. 'त्योहार हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं।' इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर –'त्योहार हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं।' इस कथन के माध्यम से यह बताया गया है कि त्योहार मानव जीवन में खुशियाँ लाते हैं। खुशी के समय मानव सारे भेदभावों से ऊपर उठकर सहज मानव बन जाता है। ये त्योहार ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामयिक तथा पौराणिक गाथाओं पर आधारित हैं जो हमें त्याग, सद्भाव सहिष्णुता, उल्लास तथा सबसे प्रेम करने की सीख देते हैं। इन त्योहारों के अवसर पर लोग अपने आस-पास के परिवेश तथा अपने-अपने घरों की सफाई करते हैं, जिससे वातावरण स्वच्छ होता है। हम जानते हैं कि स्वच्छ वातावरण में ही हमारा स्वास्थ्य एवं विचार उत्तम होता है। इस प्रकार कुछ त्योहार हमें त्याग करना सिखाते हैं तो कुछ प्रेम करना, कुछ अन्याय का विरोध करना सिखाते हैं तो कुछ खा-पीकर मौज-मस्ती करना। अतः जीवन के हर पड़ाव पर इन त्योहारों का अपना महत्व और आनन्द है। लगती है?

2. ईद कहानी आपको कैसी 'ईदगाह' कहानी की प्रमुख विशेषताएँ हैं :
 इसकी मुख्य विशेषता बताइए। 
 उत्तर – कहानी मुझे अच्छी लगती है, इसके कई कारण हैं। सर्वप्रथम इस कहानी का सम्पूर्ण वातावरण या परिवेश हमारे सामान्य जीवन के परिवेश से जुड़ा हुआ है। अतः इसके साथ हमारा आत्मिक सम्बन्ध स्वाभाविक है। दूसरा कारण है कि यह कहानी बाल-मनोविज्ञान पर आधारित है। इसमें बाल मन की प्रवृत्तियों का सटीक चित्रण किया गया है। कहानी में बाल-पात्रों का चित्रण अनुकरणीय है। इस कहानी की भाषा-शैली की सहजता और बोध गम्यता भी इसके अच्छा लगने का एक कारण है।
इस कहानी में बाल-मनोविज्ञान का सूक्ष्म निरीक्षण किया गया है। इस कहानी में आदर्श और यथार्थ का पूर्ण समन्वय हुआ है। इस कहानी का आधार मानवीय है। इस कहानी में वर्णन-कौशल की रोचकता है। इस कहानी का हमारे व्यावहारिक जीवन के साथ सीधा सम्बन्ध है। यह कहानी सार्थक, उपयुक्त और प्रभावपूर्ण है।

3. क्या हामिद बच्चों की सामान्य छवि से अलग हटकर एक नयी छवि कैसे?
उत्तर—'ईदगाह' कहानी का मुख्य पात्र हामिद चार-पाँच वर्ष का एक छोटा बच्चा है। वह एक भोला-भाला सहज मासूम बालक है। उसके माता-पिता मर चुके हैं। इस सत्य से वह सर्वथा अनभिज्ञ है। वह इस बात से प्रसन्न है कि उसके अब्बाजान रुपये कमाने गए हैं और अम्मीजान अल्ला मियाँ के घर से अच्छी-अच्छी चीजें लाने गई हैं। उसे इस बात की चिन्ता नहीं कि उसके पाँव में जूते नहीं, उसकी पुरानी टोपी का गोटा काला पड़ गया है। उसमें बालकोचित उमंग और उत्साह के साथ बाल सुलभ जिज्ञासा भी है। ईदगाह मेला जाने के क्रम में उसका उत्साह देखते ही बनता है। मेले में मिठाइयों की ढेर देखकर वह जिज्ञासा प्रकट करता है कि इन सारी मिठाइयों को कौन खरीदता होगा? उसमें प्रबल वाक्-कला और तर्क शक्ति है। इसी शक्ति के कारण वह अपने चिमटे को अन्य बच्चों के खिलौनों से बहादुर और श्रेष्ठ सिद्ध करता है। दादी के प्रति उसके हृदय में असीम स्नेह है। तभी तो वह मेले में खिलौने और मिठाइयाँ न खरीदकर चिमटा खरीदता है। निर्धनता से उत्पन्न विवेक ने हामिद को बाल सुलभ इच्छाओं से समझौता करना सिखा दिया है। 
4. महमूद, मोहसिन, नूर और हामिद में किसका चरित्र अच्छा लगा? कारण बताइए।
उत्तर–महमूद, मोहसिन, नूर और हामिद में हामिद का चरित्र अच्छा लगा, क्योंकि वह निर्लोभी, उदार तथा दृढ़-निश्चयी है। वह अन्य बालकों को खाते-पीते देखकर दु:खी नहीं होता। मोहसिन, महमूद तथा नूर उसकी मजबूरी का मजाक उड़ाते हैं, लेकिन वह अधीर नहीं होता। वह अपने तीन पैसे से दादी के लिए चिमटा खरीद लेता है, क्योंकि उसे ध्यान आता है कि रोटियाँ सेंकते समय उसकी दादी की उँगलियाँ जल जाती हैं। वह लोभी नहीं है। भूखे रह जाता है, लेकिन किसी से कुछ माँगता नहीं।



You May Like These


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

About US

About US

I am Teacher. i have been Selected by Bihar BPSC. I prepare notices and important questions of NCERT and Bihar Board BSEB subjects and also keep giving information about GK GS. I will bring to you all the complete knowledge related to education And I prepare for you all the notices of all the classes and important questions and the most important questions asked in the exam and model type questions. Every day I bring a new question for you.

Read More
About US