दीपावली क्यों माना जाता हैं पूरी जानकारी इस में दी गई हैं
दीपावली के लिए मान्यता है कि भगवान राम रावण का वध करके चौदह वर्ष का वनवास पूरा करने के पश्चात अयोध्या वापस आये थे | नगरवासियों ने पूरे अयोध्या को रोशनी से सजा दिया था | तब से पूरे भारत में दीपावली का पर्व मनाया जाने लगा है | इसे आज भी बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है | 1
2. हिरण्यकश्यप का वध
एक पौराणिक कथा में बताया गया है कि, विष्णु ने नरसिंह रूप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था। दैत्यराज की मृत्यु पर प्रजा ने घी के दीये जलाकर दिवाली मनाई थी।
3. कृष्ण ने नरकासुर का वध
जब कृष्ण भगवान् ने अत्याचारी नरकासुर का वध दीपावली के एक दिन पहले चतुर्दशी को किया था। इसके बाद इसी खुशी को मनाने के लिए उसके अगले दिन अमावस्या को गोकुलवासियों ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं
4 . शक्ति ने धारण किया जब महाकाली का रूप
महाकाली ने राक्षसों का वध किया था उस समय वह बहुत ही क्रोधित थी | इनके क्रोध को शांत करने के लिए भगवान शिव स्वयं उनके सामने लेट गए थे | भगवान शिव के शरीर के स्पर्श मात्र से ही देवी महाकाली का क्रोध समाप्त हो गया था | इसी की याद में उनके शांत रूप लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है, इसी रात इनके रौद्ररूप काली की पूजा का भी विधान है।
5. राजा बलि से लिया गया दान 2
भगवान वामन ने राजा बलि से दान में तीन कदम भूमि मांग ली और विराट रूप लेकर तीनों लोक ले लिए। इसके बाद सुतल का राज्य बलि को प्रदान किया। सुतल का राज्य जब बलि को मिला तब वहां उत्सव मनाया गया, तबसे दीपावली की शुरुआत हो गई ।
6.समुद्र मंथन
समुद्र मंथन के समय जब क्षीरसागर से महालक्ष्मीजी उत्पन्न हुई तो उस समय भगवान नारायण और लक्ष्मीजी का विवाह प्रसंग किया गया | इसके बाद से ही हर जगह उजियारा करने के लिए दीपक जलाएं गए तब से दीपावली का त्यौहार मनाया जाने लगा |
7. एक विशेष मान्यता
एक अन्य मान्यता है कि, "आदिमानव ने जब अंधेरे पर प्रकाश से विजय पाई, तबसे यह उत्सव मनाया जा रहा है। इसी दौरान आग जलाने और उनके साधनों की खोज हुई। उस खोज की याद में वर्ष में एक दिन दीपोत्सव मनाया जाता है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें