1. पदार्थ (Matter) — वह वस्तु, जिसे हमलोग देख सकते हैं, छू सकते हैं एवं अनुभव कर सकते हैं, पदार्थ कहलाता है।
2. द्रव्यमान (Mass) - किसी वस्तु में पदार्थ के परिमाण को उस वस्त कहते हैं ।
3.घनत्व (Density) — किसी वस्तु के इकाई आयतन में उपस्थित पदार्थ का परिमाण वस्तु का घनत्व कहलाता है
4. आयतन (Volume) — जो वस्तु जितनी जगह घेरती है, अर्थात् जितने स्थान पर व्याप्त रहती है, उसे उस वस्तु का आयतन कहते हैं ।
5. चाल (Speed) — किसी वस्तु द्वारा इकाई समय में तय की गई दूरी, वस्तु की चाल कहलाती है ।
6. वेग (Velocity) — किसी वस्तु द्वारा इकाई समय में निश्चित दिशा में तय की गई दूरी, वस्तु का वेग कहलाता है ।
7.बल (Force) – बल वह भौतिक कारण है, जो किसी वस्तु की अवस्था को बदल दे अथवा बदलने की चेष्टा करें ।
8. भार (Weight) — पृथ्वी किसी वस्तु को जिस आकर्षण बल के साथ अपने केन्द्र की ओर खींचती है, उस वस्तु का भार कहलाता है । -
9. गुरुत्व ( Gravity) — पृथ्वी जिस बल से वस्तु को अपनी ओर खींचती है, गुरुत्व कहलाता है ।
10. गुरुत्वाकर्षण बल (Force of Gravitation) — दो आकाशीय पिंडों के बीच लगनेवाला आकर्षण बल, गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है।
11. ऊर्जा (Energy)- किसी वस्तु के काम करने की क्षमता को उस वस्तु की ऊर्जा कहते हैं ।
12. कार्य (Work) – जब किसी वस्तु पर बल लगाया स्थानान्तरण होता है, तो कहा जाता है कि बल द्वारा कार्य सम्पन्न हुआ ।
13. शक्ति (Power) — किसी वस्तु द्वारा इकाई समय में किया गया कार्य 'शक्ति' कहलाता है ।
14.विशिष्ट गुरुत्व ( Specific Gravity) — किसी वस्तु के विशिष्ट गुरुत्व बोध होता है कि वस्तु समान आयतन वाले शुद्ध जल की अपेक्षा कितनी भारी या हल्की है ।
15.ऊष्मा (Heat) — यह ऊर्जा का एक रूप है, जो यह दर्शाता है कि उस वस्तु के. ताप की अवस्था क्या है
16. प्रकाश (Light) — यह ऊर्जा का एक रूप है तथा यह विद्युत् चुम्बकीय विकिरण की तरह नेत्र के माध्यम से दृष्टि संवेदना उत्पन्न करती है ।
17.ध्वनि (Sound)– एक प्रकार की ऊर्जा है, जिसकी उत्पत्ति कम्पन द्वारा होती है।
18.तत्त्व (Element)— तत्त्व पदार्थ का वह शुद्ध रूप है, जिसे किसी भी विधि द्वारा दो या दो से अधिक ऐसे भागों में विभाजित नहीं किया जा सकता है, जिसके गुण अलग-अलग हों 1
19. मिश्रण (Mixture) — दो या दो से अधिक तत्त्वों के अनिश्चित अनुपात में मिलने से बनता है। सरल यांत्रिक विधि द्वारा इसके अवयवों को अलग किया जा सकता
20, यौगिक (Compound) यह वह पदार्थ है, जो दो या दो से अधिक तत्त्वों के किसी निश्चित अनुपात में मिलने से बनता है। इसके अवयवों को रासायनिक विधि द्वारा अलग किया जा सकता है ।
21. द्रवण (Liquefication)— ठोस का द्रव के रूप में बदलना द्रवण कहलाता है।
22. क्वथनांक (Boiling Point) जिस निश्चित तापक्रम पर कोई द्रव उबलता है, उसे उस द्रव का क्वथनांक कहा जाता है ।
23. भौतिक परिवर्तन (Physical Change) — यह वह परिवर्तन है, जिसमें पदार्थों की अवस्था कुछ समय के लिए बदल जाती है तथा पदार्थ पुनः अपनी पूर्वावस्था को प्राप्त कर लेता है ।
24. रासायनिक परिवर्तन (Chemical Change) यह वह परिवर्तन है, जिसमें पदार्थों के रासायनिक गुण सदा के लिए बदल जाते हैं और फिर वह पदार्थ पहली अवस्था में नहीं लौट पाता है।
25. अम्ल (Heat) — यह वह पदार्थ है, जिसका स्वाद खट्टा होता है तथा नीले लिट्मस-पत्र को लाल कर देता है।
26. भस्म (Base) – यह किसी धातु का इसका स्वाद खट्टा होता है तथा भस्म
27. लवण (Salt)- अम्ल तथा भस्म की प्रतिक्रिया से लवण तथा जल बनता है । ऑक्साइड अथवा हाइड्रॉक्साइड होता है। लाल लिट्मस पत्र को नीला कर देता है।
28. ऊर्ध्वपातन (Sublimation ) — वह रासायनिक क्रिया, जिसमें किसी ठोस को गर्म करने पर द्रव की अवस्था में बदले बिना सीधे गैस में परिणत हो जाता है तथा ठंडा करने पर सीधे ठोस में बदल जाता है, ऊर्ध्वपातन कहलाता है ।
29. उत्प्रेरण (Catalysis ) - जब कोई बाहरी पदार्थ किसी प्रतिक्रिया की गति को अधिक अथवा कम करती है, तो यह क्रिया उत्प्रेरण कहलाती है तथा वह बाहरी पदार्थ उत्प्रेरक कहलाता है ।
30. ऑक्सीकरण ( Oxidation ) – किसी पदार्थ का ऑक्सीजन के साथ संयोग अथवा हाइड्रोजन का पदार्थ से हटना, ऑक्सीकरण कहलाता है ।
31. अवकरण (Reduction) — किसी पदार्थ से ऑक्सीजन का हटना अथवा हाइड्रोजन के साथ संयोग, अवकरण कहलाता है ।
32. परमाणु (Atom) - परमाणु किसी तत्त्व का वह सबसे छोटा कण है, जो स्वतंत्र अवस्था में नहीं पाया जाता है, किन्तु रासायनिक प्रतिक्रिया में भाग लेता है ।
33.अणु (Molecule ) – किसी तत्त्व या यौगिक का वह सबसे छोटा कण अणु कहलाता है, जो स्वतंत्र अवस्था में पाया जाता है, किन्तु रासायनिक प्रतिक्रिया में भाग नहीं लेता है
34. अयस्क (Ores) — अयस्क वह पदार्थ है, जिससे किसी धातु का निष्कर्षण होता
35. सजीव (Living things) — वैसी सभी वस्तुएँ, जिनमें जीवन है, सजीव कहलाती
36. निर्जीव (Non-living) – वैसी सभी वस्तुएँ, जिनमें जीवन का कोई लक्षण नहीं है, निर्जीव कहलाती हैं ।
37. कोशिका (Cell) – किसी भी सजीव के रचनात्मक, क्रियात्मक एवं आनुवंशिक इकाई को कोशिका कहते हैं ।
38. ऊतक (Tissue) — कोशिकाओं के उस समान एवं असमान समूह को, जो उत्पत्ति में समान हो तथा विशेष कार्य करता हो, ऊतक कहते हैं ।
39.यकृत (Liver) — यह मानव शरीर की एक ग्रन्थि है, जो उदरगुहा के ऊपरी भाग में दाईं ओर रहता है।
40. पित्ताशय (Gall Bladder) — यकृत के निचले भाग में नाशपाती के आकार की एक छोटी-सी थैली होती है, जिसे पित्ताशय कहा जाता है ।
41. अग्न्याशय (Pancreas) — यह अन्तःस्रावी एवं बाह्यस्रावी ग्रन्थि है, जिसके एक भाग को लैंगर हैंग्स की द्विपिका कहा जाता है। यह इन्सुलिन तथा ग्लूकॉन नामक हॉर्मोन्स का अन्तःस्राव करता है ।
42. शिरा (Vēin) — यह अशुद्ध रक्त को तन्तुओं से हृदय में लाती है ।
43. धमनी ( Artery ) — यह शुद्ध रक्त को हृदय से तंतुओं तक ले जाती है ।
44. रक्ताधान (Blood Transfusion) - एक मनुष्य के रक्त को दूसरे मनुष्य रक्त में प्रवेश कराना रक्ताधान कहलाता है।
45. रक्तचाप (Blood Pressure) — यह रक्त के उचित संचार बनाया गया दाब है। इस दबाव का आवश्यकता से कम और अधिक होने पर क्रमशः लो- ब्लड प्रेशर या हाई ब्लड प्रेसर का रोग हो जाता है।
46. हीमोग्लोबिन (Haemoglobin) — यह लाला रंग का वर्णक है, जो रक्त में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का विनियमन करता है ।
47. पेंसिलिन (Pencilin) — यह एक एण्टीबायोटिक दवा है, जो जीवाणुओं को नष्ट करती है ।
48. कम्प्यूटर (Computer) — कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक युक्ति है, जिसके द्वारा के लिए रक्त द्वारा । तकनीकी तथा योजना आदि की समस्याएँ तेजी से हल की जाती हैं । इसके द्वारा गणितीय गणनाएँ शीघ्रता से की जाती है तथा विभिन्न सूचनाओं को स्मृति में रखकर उन्हें पुनः प्रदर्शित किया जा सकता है।
49. कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग (Computer Programming ) - उच्चस्तरीय भाषाओं में लिखे गए आदेशों को कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कहते हैं ।
50. हार्डवेयर (Hardware) – कम्प्यूटर तथा कम्प्यूटर से जुड़े सारे उपकरणों को हार्डवेयर कहा जाता है ।
51. सॉफ्टवेयर (Software) – जिन समस्याओं के समाधान के लिए कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है, उसे सॉफ्टवेयर कहते हैं
52. कम्प्यूटर वाइरस (Computer Virus) — कम्प्यूटर में रखी गई सूचनाओं को नष्ट करने के लिए विशेष प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसके कारण कुछ दूसरी सूचनाएँ भी आंशिक रूप से नष्ट हो जाती हैं, यह कम्प्यूटर वाइरस कहलाता है ।
53. इंटरनेट (Internet) — संसार के विभिन्न स्थानों पर स्थापित टेलीफोन लाइन की सहायता से एक-दूसरे के साथ जुड़े कम्प्यूटर का नेटवर्क ही इंटरनेट कहलाता है।
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