Bihar board class 10th science biology part 2 नियंत्रण एवं समन्वय बिहार बोर्ड कक्षा दसवीं के चैप्टर 2 से नियंत्रण एवं समन्वय के सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर 2023 में आने वाले सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न सभी विद्यार्थी अपनी नोटबुक में अवश्य कॉपी करें और ग्रुप में ज्वाइन कीजिए 10वीं और 12वीं के आर्ट्स के माध्यम से

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नियंत्रण एवं समन्वय
प्रश्न 1. जंतुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है ?
 उत्तर – जंतुओं में अंतःस्रावी ग्रंथियाँ विशेष रसायनों को उत्पन्न करती हैं। वे रसायन या हॉर्मोन जंतुओं को सूचनाएँ संचरित करने के साधन के रूप में प्रयुक्त होते हैं। अधिवृक्क ग्रंथि से स्रावित एड्रीनलीन हॉर्मोन सीधा रुधिर में स्रावित होता है और शरीर के विभिन्न भागों तक पहुँच जाता है। ऊतकों में विशिष्ट गुण होते हैं जो अपने लिए आवश्यक हॉर्मोनों को पहचान कर उनका उपयोग बाहरी या भीतरी स्तर पर करते हैं। विशिष्टीकृत कार्यों को करने वाले अंगों से समन्वय कर वे हॉर्मोन अपना विशिष्ट प्रभाव दिखा देते हैं ।

प्रश्न 2. मधुमेह से आप क्या समझते हैं?
उत्तर – जब हमारे शरीर के पैक्रियाज में इन्सुलिन का पहुँचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को मधुमेह (डायबिटीज) कहा जाता है। इन्सुलिन एक हॉर्मोन है, जो कि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अन्दर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हॉर्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कण्ट्रोल करता है।

प्रश्न 3. दो पादप हॉर्मोनों का नाम लिखें एवं उनके एक-एक कार्य लिखें।
 उत्तर – दो पादप हॉर्मोन निम्नलिखित हैं
(i) ऑक्सिन- ये पुष्पों के बनने, पत्तियों के गिरने और बीजों के अंकुरण को प्रभावित करते हैं ।
(ii) जिबरेलिन – ये बीजों की सुसुप्त अवस्था को तोड़ते हैं। ये फूलों के खिलने और बीज के अंकुरण को भी प्रभावित करते हैं।

प्रश्न 4. हॉर्मोन क्या हैं? दो पादप हॉर्मोन के नाम लिखें। 
 अथवा, पादप हॉर्मोन क्या हैं ? 
उत्तर – वे विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थ जो पौधों में वृद्धि और विभेदन संबंधी क्रियाओं पर नियंत्रण करते हैं उन्हें पादप हॉर्मोन कहते हैं ।
पादप हॉर्मोन अनेक प्रकार के होते हैं। जैसे-ऑक्सिन (Auxins), इथाइलीन (Ethylene), जिबरेलिन (Gibberlins), साइटोकाइनिन (Cytokinins) तथा एबसिसिक अम्ल (Abscisic Acid) ।

प्रश्न 5. पादप में प्रकाशनुवर्तन किस प्रकार होता है ?
उत्तर – पादपों के प्ररोह के तने एवं शाखा के शिखर की कोशिकाओं में उत्पन्न - होने वाले रासायनिक यौगिक को ऑक्सिन कहते हैं। यह कोशिकाओं की लम्बाई
चित्र प्रकाश की दिशा में पादप

की अनुक्रिया के लिए उत्तरदायी होता है परंतु सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में यह कम क्रियाशील होकर अँधेरे वाले भाग में स्थानान्तरित हो जाता है तथा वहाँ उपस्थित जल के साथ मिलकर उस भाग को फुला देता है जिससे कोशिका सूर्य के प्रकाश की ओर झुक जाती है। सभी कोशिकाएँ इसी क्रिया को दर्शाती हैं। परिणामस्वरूप पादप के स्तम्भ का अग्र भाग प्रकाश की ओर झुक जाता है। इसे ही धनात्मक प्रकाशानुवर्तन कहते हैं।

प्रश्न 6. तंत्रिका उत्तक कैसे क्रिया करता है ?
 उत्तर – तंत्रिका ऊतक सूचनाओं को संग्रह करते हैं, उन्हें पूरे शरीर में भेजते हैं, सूचनाओं को व्यवस्थित करते हैं, सूचनाओं के आधार पर निर्णय लेते हैं एवं निर्णय को मांसपेशियों तक भेजते हैं ताकि क्रिया हो सके। संदेश पाने के बाद पेशियाँ अपना आकार बदलती हैं। इससे वे छोटी हो जाती हैं। इनमें विशिष्ट प्रोटीन पाये जाते हैं। ये प्रोटीन पेशियों के आकारों को बदल सकते हैं तथा तंत्रिकाओं से प्राप्त होने वाले विद्युत - तंत्रिकीय आवेग के अनुसार उनमें अनुक्रिया उत्पन्न कर सकती हैं। 

प्रश्न 7. आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है ?
अथवा, आयोडीन की कमी से कौन-सी बीमारी होती है? कैसे ?
 उत्तर – अवटुग्रंथि को थायरॉक्सिन हॉर्मोन बनाने के लिए आयोडीन आवश्यक होता है। हमारे शरीर में प्रोटीन और वसा के उपापचय की थॉयरॉक्सिन कार्बोहाइड्रेट नियंत्रित करता है । यह वृद्धि के संतुलन के लिए आवश्यक होता है। यदि हमारे भोजन में आयोडीन की कमी रहेगी तो हम गॉयटर से ग्रसित हो सकते हैं । इस बीमारी का लक्षण फूली हुई गर्दन या बाहर की ओर उभरे हुए नेत्र-गोलक हो सकते । इस रोग से बचने तथा आयोडीन की शरीर में कमी दूर करने के लिए आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह दी जाती है । 

प्रश्न 8. किन्ही चार पादप हॉर्मोन के नाम लिखें । 
उत्तर – चार पादप हॉर्मोन के नाम हैं.
 (i) ऑक्सिन (ii) जिब्रेलिन (iii) सायटोकाइनिन (iv) एब्सेसिक एसिड


प्रश्न 09. मानव शरीर का रेखाचित्र बनाकर अंतःस्रावी ग्रंथियों को दर्शाइए
उत्तर-

मनुष्य की अंतःस्रावी ग्रंथियाँ (a) नर (b) मादा 


प्रश्न 10. जब एड्रीनलीन रुधिर में सूचना सारे शरीर को रक्त के माध्यम से प्राप्त हो जाती है जिसे कोई विशेष कोशिका या तंत्र स्वयं प्राप्त कर लेता है।
 'उत्तर – एड्रीनलीन को आपात्काल हॉर्मोन' भी कहते हैं। जब कोई व्यक्ति भय या तनाव की स्थिति में होता है तब शरीर स्वयं एड्रीनलीन हॉर्मोन को बड़ी मात्रा में स्रावित कर देता है ताकि व्यक्ति आपातकाल का सामना कर सके। इससे हृदय की धड़कन बढ़ जाती है ताकि हमारी पेशियों को अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सके। पाचन तंत्र तथा त्वचा में रुधिर की आपूर्ति कम हो जाती है । इन अंगों की चोटी धमनियों के आसपास की पेशी सिकुड़ जाती है । यह रुधिर की दिशा हमारी कंकाल पेशियों की ओर कर देती है। डायाफ्राम तथा पसलियों की पेशी के संकुचन से साँस तेज चलने लगती है। ये सभी अनुक्रियाएँ मिलकर जंतु शरीर को स्थिति से निपटने के लिए तैयार करती हैं ।

प्रश्न 11. मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है ? 
 उत्तर – इंसुलिन वह हॉर्मोन है जो अग्नाशय में उत्पन्न होता है । यह रुधिर में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायता देता है । यदि वह उचित मात्रा में स्रावित नहीं होता तो रुधिर में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है जिस कारण शरीर पर अनेक हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं । इसीलिए मधुमेह के कुछ रोगियों को चिकित्सक इंसुलिन का इंजेक्शन देते हैं । इससे उनके रुधिर में शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है ।

प्रश्न 12. हमारे शरीर में ग्राही का क्या कार्य है ? ऐसी स्थिति पर विचार कीजिए जहाँ ग्राही उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहे हों। क्या समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं ? 
उत्तर – ग्राही वे अंग होते हैं जो पर्यावरण से सूचना एकत्र करते हैं । यदि ग्राही उचित प्रकार से सूचना ग्रहण नहीं कर रहा है तो सूचना मेरुरज्जु तथा मस्तिष्क में उचित प्रकार से नहीं पहुँचेगी, जिसके परिणामस्वरूप वे शरीर के प्रभावित अंग की सुरक्षा नहीं कर पाएंगे। इससे प्रभावित अंग या जीव की सुरक्षा नहीं हो पाएगी ।

 प्रश्न 19. नर तथा मादा-जनन हॉर्मोनों के नाम एवं कार्य लिखें

उत्तर :मादा हॉर्मोन – एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्टरॉन । टेस्टोस्टेरॉन के कार्य – शुक्राणुओं का निर्माण । एस्ट्रोजन के कार्य – द्वितीय लैंगिक लक्षणों का विकास एवं जनन शक्ति का विकास ।

प्रश्न 20. पादप में. रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है 
उत्तर–– पादपों में रासायनिक समन्वय पादप हॉर्मोनों के कारण होता है। पादप विशिष्ट हॉर्मोनों को उत्पन्न करते हैं जो उसके विशेष भागों को प्रभावित करते हैं । पादपों में प्ररोह प्रकाश के आने की दिशा की ओर ही बढ़ता है। गुरुत्वानुवर्तन जड़ों को नीचे की ओर मुड़कर अनुक्रिया करता है। इसी प्रकार जलानुवर्तन और रासायनावर्तन होता है। पराग नलिका का बीजांड की ओर वृद्धि करना रसायनानुवर्तन का उदाहरण है। 

प्रश्न 21. एक जीव में नियंत्रण एवं समन्वय तंत्र की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर – बहुकोशकीय जीवों की संरचना बहुत जटिल होती है। उनके शरीर के विभिन्न बाहरी और भीतरी अंगों की विशिष्ट कार्यप्रणालियों और गतिविधियों में तालमेल की परम आवश्यकता होती है। अंगों के नियंत्रण और समन्वय के द्वारा ही उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति संभव हो सकती है। जीवों की जटिल प्रकृति के कारण ही वे उन तंत्रों का उपयोग करते हैं जो नियंत्रण एवं समन्वय कार्य करते हैं। विशिष्टीकरण ऊतक का उपयोग नियंत्रण और समन्वय में सहायक सिद्ध होता है। 

प्रश्न 22. जलानुवर्तन दर्शाने के लिए एक अभिकल्पना की संक्षिप्त चर्चा कीजिए ।
अथवा, जलानुवर्तन दर्शाने के लिए एक प्रयोग की अभिकल्पना कीजिए ।
 उत्तर – लकड़ी का बना एक लंबा डिब्बा लें। इसमें मिट्टी और खाद का मिश्रण भरें। इसके एक सिरे पर एक पौधा लगाएँ। डिब्बे में पौधे की विपरीत दिशा में एक कीप मिट्टी में गाड़ दें। पौधे को उसी कीप के द्वारा प्रतिदिन पानी दें । लगभग एक सप्ताह के बाद पौधे के निकट की मिट्टी हटाकर ध्यान से देखें। पौधे की जड़ों की वृद्धि उसी दिशा में दिखाई देगी जिस दिशा से कीप के द्वारा पौधे की सिंचाई की जाती थी । प्रोजेस्टरॉन के कार्य-भ्रूण के विकास में सहायक, भ्रूण के पोषण में सहायक । 

प्रश्न 23. किसी सहारे के चारों ओर प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन किस प्रकार सहायक है ?
उत्तर-सूर्य का प्रकाश प्रतान के जिस ओर पड़ता है, ऑक्सिन उसकी विपरीत दिशा में चला जाता है। ऑक्सिन कोशिकाओं की वृद्धि को प्रेरित करता है । इसके कारण प्रतान वृद्धि करता हुआ मुड़ जाता है । इस प्रकार वह सहारे के चारों ओर लिपटता है। 
चित्र : जलानो बर्तन दर्शाने का प्रयोग

प्रश्न 25. छुई-मुई पादप की गति तथा हमारी टांग में होने वाली गति के तरीके में क्या अंतर है ?
उत्तर – छुई-मुई पादप स्पर्श करते ही पत्तियों को झुका कर या बंद कर संवेदनशीलता का परिचय दे देती है। पादप हॉर्मोन के प्रभाव के कारण पादप कोशिकाएँ यह परिवर्तित कर देती है। जबकि हमारी टांग में होने वाली ऐच्छिक क्रिया का परिणाम है जो अनुमस्तिष्क के द्वारा संचालित होती है । इसमें तंत्रिका नियंत्रण का सहयोग प्राप्त किया जाता है ।

प्रश्न 26. छुई-मुई की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्ररोह की गति से किस प्रकार भिन्न है ? 
उत्तर – छुई-मुई पौधों पर प्रकाशानुवर्तन गति का प्रभाव पड़ता है। पौधे का प्ररोह बहुत धीमी गति से प्रकाश आने की दिशा में वृद्धि करते हैं लेकिन इसके पत्ते स्पर्श की अनुक्रिया के प्रति बहुत अधिक संवेदनशील हैं। स्पर्श होने की सूचना इसके विभिन्न भागों को बहुत तेजी से प्राप्त हो जाती है। पादप इस सूचना को एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक संचारित करने के लिए वैद्युत - रसायन साधन का उपयोग करते हैं । उसमें सूचनाओं के चालन के लिए कोई विशिष्टीकृत ऊतक नहीं होते इसलिए वे जल की मात्रा में परिवर्तन करके अपने पत्तों को सिकुड़ कर उनका आकार बदल लेते हैं ।
चित्र: छुई-मुई का पौधा

प्रश्न 27. हॉर्मोन क्या है ?
उत्तर—ये अंतःस्रावी ग्रंथि द्वारा स्रावित पदार्थ हैं जो वृद्धि, परिवर्धन और अन्य क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। विशेष कार्यों के लिये विशेष हार्मोन की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 28. होमियोस्टेसिस क्या है ?
उत्तर – जीवों के शरीर में सभी क्रियाओं को सुचारू रूप से करने के लिये, उनका भीतरी वातावरण बाहरी परिवर्तनों को सहने का प्रयत्न करता है। इस अवस्था को बनाए रखने की क्षमता होमियोस्टेसिस कहलाती है।

प्रश्न 29. साइटोकाइनिन के मुख्य कार्य क्या हैं ?
उत्तर- ये कोशिका विभाजन को उद्दीपित करते हैं। ये जीर्णत को रोकते हैं और पर्णहरित को नष्ट नहीं होने देते हैं, कोशिका में पोषण गति को बढ़ाते हैं और वृद्धि और परिवर्धन को नियंत्रित करते हैं।

प्रश्न 30. ऑक्सिन क्या है और पौधों में ये कहाँ पर उत्पन्न होते हैं ?
 उत्तर—ये पादप हार्मोन का समूह होते हैं जो प्राकृतिक रूप से पौधों में उत्पन्न होते हैं। ये पौधों के ऊपरी भागों तथा पत्तियों के प्रीमोर्डिया तथा वृद्धिकारक बीजों में उत्पन्न होते हैं जो अमीनो अम्लों से बनते हैं । 

प्रश्न 31. कार्टिसोल क्या है ?
उत्तर: कार्टिसोल का दूसरा नाम ग्लूकोकार्टिकोइड्स है। ये कार्बोहाइड्रेट उपापचय को नियंत्रित करते हैं और इनकी क्रियाएँ एंटी इन्क्लेमीटरी और एंटी एलर्जिक होती हैं

प्रश्न 32. स्वायत्त तंत्रिका तंत्र क्या है ? 
उत्तर–शरीर की विभिन्न सामान्य क्रियाओं को नियंत्रित करने के अतिरिक्त शरीर की बहुत-सी आंतरिक क्रियायें जैसे हृदय, रुधिर वाहिकायें और ग्रन्थियाँ आदि तंत्रिकाओं के एक विशेष वर्ग द्वारा नियंत्रित किये जाते हैं, जिसे स्वायत्त तंत्रिका तंत्र कहते हैं। यह मुख्यतया अंदर के अंगों जैसे हृदय, रक्त वाहिनियों और ग्रन्थियों को नियंत्रित और कार्यबद्ध करता है। यह मुलायम पेशियों और गर्भाशय को भी नियंत्रित करता है ।
उत्तर- सन् 1926 में कुरासोवा ने जिब्रेला फ्यूजी कुरोई से इसकी खोज की थी। यह पौधों की जड़ों, नयी पत्तियों और भ्रूण कोश में उत्पन्न होता है। बाद में इसे अम्ल के रूप में कवक से तैयार किया गया । 

प्रश्न 34. पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा स्रावित तीन हॉर्मोनों के नाम बताएँ। 
उत्तर – पिट्यूटरी ग्रंथि मध्य मस्तिष्क के निचले भाग में स्थित होती है यह निम्नांकित हॉमोनों को स्त्रावित करती है। (i) ट्रोपिक हॉर्मोन (ii) प्रोलैक्टिन (iii) ऑक्सिटोसिन (iv) वैसोप्रैसिन ।

प्रश्न 35. पश्च मस्तिष्क के किसी एक भाग के कार्य बताइए । उत्तर – पश्च मस्तिष्क के तीन केन्द्र होते हैं—अनुमस्तिष्क, पोन्स और मस्तिष्क गुच्छ । मैडुला आबलागेटा या मस्तिष्क शरीर की अनैच्छिक क्रियाओं जैसे— श्वसन, हृदय स्पंदन, परिसंचरण, खांसी, छींकना और उल्टी आदि क्रियाओं को नियंत्रित करता है ।

प्रश्न 36. एक उत्तर – जीव जीव में नियंत्रण एवं समन्वय तंत्र की क्या आवश्यकता है ? में नियंत्रण एवं समन्वयन की आवश्यकता
(i) विभिन्न प्रकार के प्रक्रम कई अंगों के समन्वय द्वारा सम्पादित होते हैं 
(ii) शरीर में उपापचय की दर हृदय एवं फेफड़े के कार्य करने की दरें निश्चित होनी चाहिए ।

प्रश्न 37. दो तंत्रिका कोशिकाओं के मध्य अंतर्ग्रथन में क्या होता है ? 
उत्तर – अंतर्ग्रथन पर एक तंत्रिक कोशिका के तंत्रिकाक्ष के सिरे पर रासायनिक पदार्थ उत्पन्न होता है जो कि दूसरे तंत्रिकोशिकाओं के द्रुमिकाओं से होता हुआ दूसरे तंत्रिकोशिकाओं में पहुँचता है। अंतर्ग्रथन से सुनिश्चित होता है कि तंत्रिका आवेग एक ही दिशा में संचरित होता है ।

38:ग्रंथि को मास्टर ग्रंथि क्यों समझा जाता है ? 
उत्तर—पिट्यूटरी ग्रंथि, लाल भूरे रंग की, सेम के बीज के आकार की होती है, जो मस्तिष्क के आधार के पास स्थित होती है। ये ऑप्टिक कोएज्मा के पास होती है जहाँ से तंत्रिकायें आँखों में जाती हैं। यह ग्रंथि अन्य ग्रंथियों को भी नियंत्रित करती है, इसी कारण इसे मास्टर ग्रंथि कहा जाता है।

प्रश्न 39. प्रमस्तिष्क या मध्य मस्तिष्क के कार्यों का वर्णन करें । - उत्तर – मनुष्य का मस्तिष्क तीन भागों में बंटा होता है ---- (i) अग्र मस्तिष्क (ii) मध्य मस्तिष्क (iii) पश्च मस्तिष्क ।
मध्य मस्तिष्क में सैरीब्रम और ओल फैक्टरी पाली है। सैरीब्रम दो भागों में बंटा होता है जिसे अर्द्ध गोलार्द्ध कहते हैं। प्रमस्तिष्क में संवेदी क्षेत्र होता है जहाँ पर संवेदी अंगों से सूचनायें प्राप्त की जाती हैं। इस भाग में प्रत्येक के संवेग के लिये और उसके उत्तर के लिये काफी क्षेत्र होता है। इसमें स्मृति, ग्राही, स्पर्श, गंध आदि के लिये गोलार्द्ध पाये जाते हैं । कार्नियन तंत्रिकायें मस्तिष्क के इसी भाग से निकलती हैं ।

प्रश्न 40. मनुष्य में केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का वर्णन करें।
उत्तर – मनुष्य में केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र बहुत विकसित होता है। इसमें मस्तिष्क, मेरुरज्जु तथा संबंधित तंत्रिकाएँ होती हैं ।
मस्तिष्क तंत्रिका तंत्र का मुख्य केन्द्र होता है और शरीर के सभी अंगों का समन्वयन करता है । यह खोपड़ी में स्थित होता है । मेरुरज्जु, रीढ़ की हड्डी के बीच में स्थित होता है। तंत्रिकायें महीन धागे के आकार की संरचनायें होती हैं जो मस्तिष्क और मेरुरज्जु से जुड़ी होती हैं और शरीर की प्रत्येक कोशिकाओं से जुड़ी होती हैं । कार्य के आधार पर तंत्रिकाओं को दो भागों में बाँट गया है
(i) संवेदी तंत्रिकायें 
(ii) प्रेरक तंत्रिकायें ।
संवेदी तंत्रिकायें वे होती हैं जो उद्दीपन को प्रभावी भागों से मस्तिष्क और मेरुरज्जु को ले जाती हैं और प्रेरक तंत्रिकायें वे होती हैं जो उद्दीपन का उत्तर, प्रभावित भागों तक ले जाती हैं।

प्रश्न 41. टैस्टोस्टीरोन और इस्ट्रोजन के कार्य बताएँ । 
उत्तर- टैस्टोस्टीरोन यह हॉर्मोन द्वारा स्त्रावित होता है । इसके मुख्य कार्य हैं(i) नर के जनन अंगों को नियंत्रित करता है। (ii) यह पौरुष विकास का नियंत्रण करता । इसमें मूँछें, दाढ़ी आती हैं और आवाज भारी हो जाता है। इस्ट्रोजन (Estrogen) —यह मादा में निकलने वाला हॉर्मोन है।







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