यूरोप में राष्ट्रवाद
1. वियना काँग्रेस की दो उपलब्धियाँ बताइए।
उत्तर-वियना काँग्रेस की दो उपलब्धियाँ इस प्रकार है-
(i) आस्ट्रिया के वियना नगर में नेपोलियन को पराजित करनेवाले प्रमुख राष्ट्रों-ब्रिटेन, रूस, प्रशा और आस्ट्रिया के प्रतिनिधियों का सम्मेलन 1815 ई. में किया गया। इसे वियना काँग्रेस सम्मेलन कहा गया।
(ii) वियना काँग्रेस सम्मेलन में नोपोलियन द्वारा पराजित राजवंशों की पुर्नस्थापना का प्रयास किया गया। फ्रांस और स्पेन में बुबों राजवंश का राज्य स्थापित हुआ।
2. यूरोपीय इतिहास में 'घेटो' का क्या महत्त्व है?
उत्तर-यह शब्द मध्य यूरोपीय देशों में यहूदी बस्ती के लिए प्रयोग किया जाता था। आज की भाषा में यह एक धर्म, प्रजाति या समान पहचान वाले लोगों को दर्शाती है। घेटोकरण मिश्रित व्यवस्था के स्थान पर एक सामुदायिक
व्यवस्था थी; जो सामुदायिक दंगों को देशी रूप देते थे।
3. मेजिनी कौन था?
उत्तर-मेजिनी इटली में राष्ट्रवादियों के गुप्त दल 'कार्बोनरी' का सदस्य था। वह सेनापति होने के साथ-साथ, गणतांत्रिक विचारों का समर्थक साहित्यकार भी था। 1830 ई. में नागरिक आन्दोलनों द्वारा मेजनी ने उत्तरी और मध्य इटली में एकीकृत गणराज्य स्थापित करने का प्रयास किया। इसमें असफल रहने पर उसे इटली से पलायन करना पड़ा। 1848 ई. में मेटरनिख
के पराजय के बाद मेजिनी ने पुनः इटली आकर इटली के एकीकरण का प्रयास किया। इस बार भी वह असफल रहा और उसे पलायन करना पड़ा।
4. गैरीबाल्डी के कार्यों की चर्चा करें।
उत्तर-इतिहास गैरीबाल्डी को इटली के एकीकरण के क्रम में दक्षिणी इटली के रियासतों का एकीकरण करने हेतु याद करता है। प्रारंभ में वह मेजिनी के विचारों का समर्थक था, किन्तु बाद में काबूर से प्रभावित हो संवैधानिक राजतंत्र का पक्षधर बन गया। गैरीबाल्डी पेशे से नाविक था। उसने कर्मचारियों तथा स्वयंसेवकों की सशस्त्र सेना का गठन कर इटली के प्रांत सिसली तथा
नेपल्स पर आक्रमण कर विजय प्राप्त की। गैरीबाल्डी ने यहाँ विक्टर इमैनुअल के प्रतिनिधि के रूप में सत्ता सम्भाली। तत्पश्चात गैरीबाल्डी विक्टर इमैनुअल से मिला और दक्षिणी इटली के जीते गये सम्पूर्ण क्षेत्र एवं संपत्ति उसे सौंप दी। गैरीबाल्डी ने विक्टर इमैनुअल द्वारा दक्षिण क्षेत्र के शासक बनने के निमंत्रण को ठुकरा दिया और कृषि कार्य करना स्वीकार किया।
5. यूरोप में राष्ट्रवाद के फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस तरह सहायक हुआ?
अथवा, यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में नेपोलियन बोनापार्ट की क्या
उत्तर-यूरोप में राष्ट्रवाद फैलाने में नेपोलियन की महत्वपूर्ण भूमिका थी। उसने इटली और जर्मनी के राज्यों को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर
उसे वास्तविक तथा राजनैतिक रूप-रेखा प्रदान की जिससे इनके एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। नेपोलियन के प्रभुता तथा उत्कर्ष से अन्य राज्य
अपनी-अपनी रक्षा का पूर्ण प्रबंध करने लगे इससे उनमें आपसी एकता और राष्ट्रीयता की भावना का विकास हुआ। नेपोलियन के नेतृत्व में इटली के विभिन्न भागों से एकत्र सेना में परस्पर प्रेम एवं सहानुभूति की भावना जगी। इटली में नेपोलियन के संगठित शासन से प्रगति हुई। इटली विभिन्न राज्यों में बँटा एक राष्ट्र के रूप में महसूस किया गया। नेपोलियन ने जर्मनी के 300
से अधिक स्वतंत्र राज्यों के स्थान पर 39 राज्यों का संघ बनाकर जर्मनी की जनता में राष्ट्रवाद का भाव भरा। इस प्रकार नेपोलियन के कार्य यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में सहायक रहे।
6. जर्मनी के एकीकरण की बाधाएँ क्या थी?
उत्तर-जर्मनी के एकीकरण में निम्नलिखित प्रमुख बाधाएँ थीं-
(i) लगभग 300 छोटे-बड़े राज्य,
(ii) इन राज्यों में व्याप्त राजनीतिक, सामाजिक तथा
धार्मिक विषमताएँ,
(iii) राष्ट्रवाद की भावना का अभाव,
(iv) आस्ट्रिया का
हस्तक्षेप, तथा
(v) मेटरनिख की प्रतिक्रियावादी नीति ।
भूमिका थी?
7. इटली, जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की भूमिका क्या थी?
उत्तर-इटली तथा जर्मनी के एकीकरण में आस्ट्रिया सबसे बड़ी बाधा थी। एकीकरण के पीछे मूलतः राष्ट्रवादी भावना थी और आस्ट्रिया का चांसलर 'मेटरनिख' घोर प्रतिक्रियावादी था। उसने इटली तथा जर्मनी में एकीकरण हेतु होने वाले सभी आन्दोलनों अथवा प्रयासों को दबाया। मेटरनिख की दमनकारी नीति के प्रतिक्रिया स्वरूप इटली तथा जर्मनी की जनता में राष्ट्रवाद की भावना बढ़ती गई। आस्ट्रिया में मेटरनिख के पतन के बाद इटली तथा जर्मनी के लोगों ने एकीकरण के मार्ग का सबसे बड़ी बाधा समाप्त हुआ देख पुनः भारी उत्साह
के साथ एकीकरण का प्रयास किया और अंतत: सफलता पायी।
8. विलियम-1 के बगैर जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था। कैसे?
उत्तर-विलियम प्रथम का यह दृढ़ विश्वास था कि प्रशा के सुद राजतंत्र के नेतृत्व में ही जर्मनी का एकीकरण संभव है। विलियम-1 राष्ट्रवादी विचारधारा का था। उसके द्वारा जर्मनी में औद्योगिक क्रान्ति में तेजी लाने एवं
आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने के फलस्वरूप जर्मन राज्य एकता के सूत्र में बंधते गये। जर्मनी के एकीकरण के मार्ग में बाधक बन आस्ट्रिया से
मुकाबला हेतु सुदृढ़ सैन्य शक्ति की आवश्यकता थी, जिसके लिए विलियम-1 हमेशा तत्पर रहा। विलियम प्रथम ने एकीकरण के उद्देश्य को ध्यान में रखकर
अपने प्रशासन हेतु योग्य व्यक्तियों का चयन किया था। इसी क्रम में उसने महान् कूटनीतिज्ञ बिस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया। विलियम प्रथम ही वह व्यक्ति था जिसने बिस्मार्क को जर्मनी के एकीकरण जैसा महत्वपूर्ण कार्य करने का अवसर प्रदान किया तथा हर कदम पर उसे समर्थन भी दिया। अन्यथा बिस्मार्क के लिए यह उपलब्धि हासिल कर पाना असंभव था।
9. 1848 ई-के फ्रांसीसी क्रांति के कारण क्या थे?
अथवा, 1848 की फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य तीन कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर-फ्रांस में जुलाई, 1830 ई. की क्रांति के पश्चात् आलेफेंस वंश के सुई फिलिप ने उदारवादियों, पत्रकारों तथा पेरिस की जनता के समर्थन से सत्ता प्राप्त की। राजा बनने के बाद लुई फिलिप ने मताधिकार को मध्यम वर्ग तक तो पहुँचा दिया किन्तु साधारण जनता को कोई लाभ नहीं मिला। तुई फिलिप समाज के विभिन्न वर्ग-समाजवादियों, गणतंत्रवादियों, निरंकुशवादियों आदि सभी को संतुष्ट करने की कोशिश में किसी को भी
संतुष्ट नहीं कर सका। यद्यपि लुई फिलिप की नीतियाँ उदारवाद की ओर अग्रसर थीं, किन्तु वह स्वयं ऐसा नहीं था। उसने समाजवादियों के खिलाफ पूँजीपतियों का पक्ष लिया। गणतंत्रवाद के प्रति उसकी प्रतिक्रियावादी नीति तथा दमनात्मक कार्यों ने 1848 ई. की क्रांति को जन्म दिया।
10. राष्ट्रवाद क्या है?
उत्तर-राष्ट्रवाद किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहनेवाले लोगों के बीच व्याप्त एक भावना है जो उनमें परस्पर प्रेम और एकता को स्थापित करती है। यह भावना आधुनिक विश्व में राजनीतिक पुनर्जागरण का परिणाम है।
11. मेटरनिख युग क्या है?
उत्तर-आस्ट्रिया के चांसलर के रूप में मेटरनिख ने 1815 से 1848 ई. तक शासन किया। शासनकाल के दौरान उसने यूरोप की राजनीति में इतनी प्रमुख भूमिका निभाई कि इस कालावधि को " मेटरनिख युग" कहा जाता है।
12. फ्रांस की जुलाई 1830 की क्रांति का फ्रांस की शासन व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर-(1) चार्ल्स दशम के प्रतिक्रियावादी शासक का अंत हो गया।
(ii) बूबों वंश के स्थान पर आलंयंस वंश को सत्ता सौंपी गई। (m) इस वंश के शासक ने उदारवादियों तथा पत्रकारों के समर्थन से सत्ता हासिल की। अतः उन्हें इन्हें तरजीह दी।
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