सुरक्षित शनिवार सामाजिक कुरीतियों जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी इस अवसर पर बच्चों को चार प्रमुख विषयों पर जानकारी और जागरूकता दी जाएगी संपूर्ण जानकारी

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 सुरक्षित शनिवार नवंबर का तीसरा सप्ताह 

सुरक्षित शनिवार सामाजिक कुरीतियों जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी इस अवसर पर बच्चों को चार प्रमुख विषयों पर जानकारी और जागरूकता दी जाएगी संपूर्ण जानकारी


मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत, दिनांक 23 नवंबर 2024 को सामाजिक कुरीतियों जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी। इस अवसर पर बच्चों को चार प्रमुख विषयों पर जानकारी और जागरूकता दी जाएगी

👉 बाल अधिकार (Child Rights) उदाहरण
प्रत्येक बच्चे को जीवन, उत्तर जीवन एवं विकास का जन्मजात अधिकार है, इसके अन्तर्गत बच्चों की सुरक्षा, उनके स्वास्थय एवं उनकी शिक्षा का अधिकार सम्मिलित है जिनका उद्देश्य बच्चे के व्यक्तित्व, योग्यता व मानसिक एवं शारीरिक क्षमताओं का सम्पूर्ण विकास है तथा सामाजिक सुरक्षा से पूर्ण लाभ प्राप्त करने का अधिकार सम्मिलित है
बच्चों के मौलिक अधिकार जैसे शिक्षा, सुरक्षा, भोजन, स्वास्थ्य, और उनकी भावनात्मक देखभाल के बारे में जागरूकता।
👉 प्रत्येक बच्चे को स्कूल जाने का अधिकार है। अगर कोई बच्चा मजदूरी कर रहा है, तो यह उसके अधिकार का हनन है।
👉यदि कोई बच्चा स्कूल में तंग महसूस कर रहा है, तो उसकी समस्या को समझकर समाधान करना।

👉बाल विवाह (Child Marriage)

कानून के अनुसार, लड़कियों के लिए 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष से कम उम्र में विवाह करना गैर-कानूनी है।
उदाहरण
भारत में, 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के का विवाह करना बाल विवाह की श्रेणी में आता है
बाल विवाह से बच्चों का बचपन छिन जाता है और उन्हें आगे के जीवन के बारे में जानकारी नहीं होती
बाल विवाह में फंसी लड़कियां अक्सर किशोरावस्था में ही गर्भवती हो जाती हैं, जिससे गर्भावस्था या प्रसव में जटिलताओं का जोखिम बढ़ जाता है
बाल विवाह को रोकने के लिए, भारत में बाल विवाह निषेध अधिनियम, 1929 लागू किया गया था. इसके बाद, 1 नवंबर, 2007 को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 लागू हुआ
दुनिया भर में, हर पांच में से एक लड़की की शादी बचपन में ही हो जाती है. सबसे कम विकसित देशों में, यह संख्या लगभग दोगुनी है
किसी गाँव में 15 साल की लड़की की शादी की तैयारी हो रही हो, तो बच्चों को यह बताना कि यह न केवल ग़लत है बल्कि उसके भविष्य को भी बर्बाद कर सकता है
👉इस तरह की घटना की सूचना माता-पिता, शिक्षक, या स्थानीय अधिकारियों को देना चाहिए।
👉 बाल शोषण (Child Abuse)
बच्चों का शारीरिक, मानसिक, या भावनात्मक शोषण करना अपराध है। उदाहरण
👉किसी बच्चे को जबरदस्ती मजदूरी पर लगाना, पढ़ाई से रोकना, या हिंसक व्यवहार करना।
👉बच्चों को सिखाना कि वे ऐसे मामलों में किसी भरोसेमंद व्यक्ति (जैसे शिक्षक या माता-पिता) को तुरंत सूचित करें।

👉 बच्चों से छेड़छाड़ (Child Harassment)
बच्चों के साथ गलत व्यवहार करना, उनके निजी जीवन या शरीर का सम्मान न करना। उदाहरण
👉किसी अजनबी द्वारा गलत तरीके से छूने की कोशिश करना।
👉बच्चों को "अच्छा स्पर्श" और "बुरा स्पर्श" के बीच अंतर 
👉सिखाना और जरूरत पड़ने पर जोर से "नहीं" कहना सिखाना।
कार्यक्रम के उद्देश्य:
👉बच्चों को इन मुद्दों के प्रति सतर्क बनाना।
👉उन्हें किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में मदद मांगने का साहस और जानकारी देना।
👉इन समस्याओं से निपटने के लिए समाधान सुझाना।



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