Lucent GK in Hindi लुसेंट जीके हिंदी में 300 Questions सल्तनत/गुलाम वंश/खिलजी वंश/सैयद वंश/लोदी वंश सभी वर्षों का संपूर्ण जानकारी 1200ई से 1600ई तक

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👉🏿दिल्ली सल्तनत
👉 1206 से 1526 ई. तक उत्तर भारत पर दिल्ली सल्तनत के शासकों ने शासन किया।
👉दिल्ली सल्तनत में तुर्की तथा अफगानी वंशों ने शासन किया, जो निम्नलिखित थी
कुतुबुद्दीन ऐबक (1206-1210 ई.)
👉दिल्ली का पहला तुर्क शासक कुतुबुद्दीन ऐबक था।
👉 ऐबक ने कुतबी, इल्तुतमिश ने शम्शी तथा बलबन ने बलबनी राजवंश की स्थापना की थी।
👉 कुतुबुद्दीन ऐबक ने सुल्तान की उपाधि ग्रहण नहीं कर मात्र मलिक तथा सिपहसालार की उपाधियाँ धारण की थीं।
👉कुतुबुद्दीन को 1208 ई. में दासता से मुक्ति मिली थी।
👉ऐबक ने अपनी राजधानी लाहौर में बनाई थी।
👉अपनी उदारता के कारण कुतुबुद्दीन ऐबक को लाखबक्श कहा जाता था।
👉उसने दिल्ली में 'कुतुबमीनार' तथा 'कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद' का निर्माण करवाया। अजमेर में उसने 'अढ़ाई दिन का झोंपड़ा' निर्मित करवाया।
👉🏿इल्तुतमिश (1210-1236 ई.)
👉कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु के बाद आरामशाह को शासक बनाया गया, किन्तु दिल्ली के अमीरों ने इल्तुतमिश को नया शासक नियुक्त किया।
👉 दिल्ली का सुल्तान बनने से पहले इल्तुतमिश बदायूँ का सूबेदार था। वह इल्बारी तुर्क था।
👉 इल्तुतमिश ने चालीस तुर्क सरदारों का एक दल 'तुर्कान-ए-चहलगानी' बनाया।
👉इल्तुतमिश के शासनकाल में मंगोल शासक चंगेज खाँ ने पश्चिमोत्तर भारत पर आक्रमण किया।
👉 इल्तुतमिश ने हुसामुद्दीन को बंगाल का गवर्नर नियुक्त किया। 
👉🏿रजिया सुल्तान (1236-1240 ई.)
👉इल्तुतमिश ने अपनी ही पुत्री रजिया को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था।
👉रजिया दिल्ली सल्तनत की पहली तथा अन्तिम महिला शासिका थी। 1236 ई. में वह दिल्ली की शासिका बनी।
👉 रजिया बेगम ने जमालुद्दीन याकूत को 'अमीर-ए-आखूर' नियुक्त किया था।
👉भटिण्डा के सूबेदार अल्तूनिया से रजिया ने विवाह किया।
👉इसी बीच इल्तुतमिश के के एक पुत्र बहरामशाह ने सत्ता हथिया ली तथा भटिण्डा से दिल्ली आते वक्त रजिया तथा अल्तूनिया की हत्या कैथल के निकट कर दी गई ।
👉🏿बलबन (1266-1287 ई.)
👉रजिया के बाद बहरामशाह, मसूदशाह तथा नासिरुद्दीन महमूद शासक बना।
👉 मिन्हाज-उस-सिराज इसके समय में मुख्य काजी के पद पर था। उसकी पुस्तक इसी को समर्पित है।
 👉बलबन को नासिरुद्दीन महमूद के नायाब-ए-ममलिकात नियुक्त किया गया। शासनकाल
👉अपने विरोधियों के प्रति बलबन ने कठोर 'लौह एवं रक्त' की नीति का पालन किया।
👉1266 ई. में नासिरुद्दीन महमूद की मृत्यु के बाद बलबन दिल्ली सल्तनत में नये राजवंश ‘बलबनी वंश' की स्थापना में सफल हुआ।
👉बलबन ने शासक बनने के बाद उलूग खाँ की उपाधि ग्रहण की।
👉🏿खिलजी वंश
जलालुद्दीन फिरोज खिलजी (1290-1296 ई.)
👉जलालुद्दीन फिरोज खिलजी 1290 ई. में दिल्ली का सुल्तान बना। सुल्तान बनने से पहले वह बुलन्दशहर का इक्तादार था।
👉जलालुद्दीन फिरोज खिलजी एक उदार शासक था।
👉वह हिन्दुओं के प्रति सहिष्णु था। उसने मंगोलों को पराजित किया। उसके शासनकाल में मंगोल दिल्ली में बसे, जिन्हें 'नवीन मुसलमान' कहा गया।
👉🏿अलाउद्दीन खिलजी (1296-1316 ई.)
👉जलालुद्दीन खिलजी के शासनकाल में अलाउद्दीन खिलजी कड़ा-मानिकपुर का सूबेदार था। 1296 ई. में उसने देवगिरि पर आक्रमण किया।
👉अपनी विजयों से उत्साहित अलाउद्दीन खिलजी ने ‘सिकन्दर-ए-सानी’ की उपाधि ग्रहण की।
👉अलाउद्दीन ने खम्स (लूट का धन) में सुल्तान का हिस्सा 1/4 भाग के स्थान पर 3/4 भाग कर दिया। 
👉 एमएम दैवी अधिकार के सिद्धान्त को अलाउद्दीन ने चलाया था।
👉अलाउद्दीन ने सैन्य विभाग को संगठित करते हुए एक बड़ी स्थायी सेना बनाई। उसने सैन्य विभाग आरिज-ए-मुमालिक का गठन किया। 
👉🏿तुगलक वंश
ग्यासुद्दीन तुगलक (1320-1325 ई.)
👉ग्यासुद्दीन तुगलक ने दिल्ली सल्तनत में एक नवीन राजवंश की स्थापना की। खुसरो शाह के शासन को समाप्त कर ग्यासुद्दीन तुगलक 1320 ई. में दिल्ली का सुल्तान बना।
👉🏿मोहम्मद बिन तुगलक (1325-1351 ई.)
👉ग्यासुद्दीन तुगलक की मृत्यु के बाद 1325 ई. में मोहम्मद-बिन-तुगलक (जूना खाँ) दिल्ली का सुल्तान बना। 
👉दिल्ली के सुल्तानों में वह प्रथम सुल्तान था, जिसने योग्यता के में आधार पर पद देना आरम्भ किया। अपने शासनकाल में वह विवादास्पद निर्णयों के कारण प्रसिद्ध हुआ।
👉 मोहम्मद-बिन-तुगलक के शासनकाल में दक्षिण में हरिहर एवं बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ई. में स्वतन्त्र राज्य विजयनगर की स्थापना की।
👉मोहम्मद-बिन-तुगलक ने दोआब में कर वृद्धि, राजधानी परिवर्तन, सांकेतिक मुद्रा, खुरासान अभियान तथा कराचिल अभियान जैसे निर्णय लिए जिनमें वह असफल रहा।
👉मोहम्मद बिन तुगलक ने दिल्ली से दौलताबाद राजधानी स्थानान्तरित की।
👉🏿फिरोजशाह तुगलक (1351-1388 ई.)
👉1351 ई. में मोहम्मद बिन तुगलक की थट्टा में मृत्यु के बाद फिरोजशाह तुगलक दिल्ली का सुल्तान बना।
👉फिरोजशाह तुगलक ग्यासुद्दीन तुगलक के छोटे भाई रज्जब का पुत्र था। रज्जब का विवाह एक राजपूत शासक रणमल की पुत्री से हुआ था। इस प्रकार फिरोज हिन्दू माता से उत्पन्न पहला मुस्लिम शासक था।
👉फिरोजशाह तुगलक ने इस्लामी कानूनों द्वारा स्वीकृत चार कर लगाए। ये हैं—खराज, खम्स, जजिया तथा जकात। जजिया पहले ब्राह्मणों को छोड़कर सभी हिन्दुओं पर लगाया जाता था। उसने ब्राह्मणों पर भी जजिया कर लगाया।
👉🏿सैयद वंश
खिज्र खाँ (1414-1421 ई.)
👉खिज्र खाँ ने सुल्तान के बदले रैयत-ए-आला की उपाधि ग्रहण की। उसने अपने सिक्के नहीं बनवाए तथा तुगलक शासकों के नाम के सिक्के उसके शासनकाल में प्रचलित रहे ।
👉उसने पंजाब, मुल्तान तथा सिन्ध को दिल्ली सल्तनत में शामिल किया। सल्तनत काल में शासन करने वाला 'सैयद वंश' एकमात्र शिया समुदाय का वंश था।
मुबारक शाह (1421-1434 ई.)
👉मुबारक शाह ने 1421 ई. में शासन प्रारम्भ किया। उसने ‘शाह’ की उपाधि धारण की ।
👉मुबारक शाह ने स्वतन्त्र रूप से अपने नाम का खुतबा पढ़वाया तथा सिक्के जारी किए। यमुना के किनारे मुबारकाबाद की स्थापना मुबारक शाह ने की थी।
👉🏿लोदी वंश
बहलोल लोदी (1451-1489 ई.)
👉बहलोल लोदी ने जौनपुर को दिल्ली सल्तनत में मिलाया, जहाँ शर्की वंश स्वतन्त्र रूप से शासन कर रहा था ।
👉उसने बहलोली नामक एक सिक्का जारी किया। यह सिक्का अकबर के शासनकाल तक प्रचलन में रहा।
👉बहलोल लोदी की मृत्यु 1489 ई. में हुई। उसके बाद उसका पुत्र निजाम खाँ शासक बना।
👉🏿सिकन्दर लोदी (1489-1517 ई.)
👉निजाम खाँ ने 'सुल्तान सिकन्दरशाह' के नाम से 1489 ई. में शासन आरम्भ किया। सिकन्दर लोदी स्वर्णकार हिन्दू माता का पुत्र था। उसकी माता का नाम जयबन्द था।
👉उसने भूमि पैमाइश के लिए 'गजे सिकन्दरी' नामक पैमाने का प्रचलन किया।
👉उसने धौलपुर, मन्दरेल, नरदर तथा नागौर जैसी राजपूत जागीरों को जीता। ग्वालियर उसके अधिकार से बाहर था ।
👉इसके आदेश पर संस्कृत के एक आयुर्वेद ग्रन्थ का फारसी में फरहंगे सिकन्दरी के नाम से अनुवाद हुआ।
👉इसने नगरकोट के ज्वालामुखी मन्दिर की मूर्ति को तोड़कर उसके टुकड़ों को कसाइयों को मांस तौलने के लिए दे दिया था।
👉1504 ई. में उसने आगरा नगर बसाया। राजस्थान के शासकों पर अपना आधिपत्य बनाए रखने के उद्देश्य से उसने आगरा को अपनी राजधानी बनाया।
👉🏿इब्राहिम लोदी (1517-1526 ई.)
👉 1517 ई. में सिकन्दर लोदी की मृत्यु के बाद इब्राहिम लोदी शासक बना। वह दिल्ली सल्तनत का अन्तिम शासक था।
👉 1517 ई. में इब्राहिम लोदी राणा साँगा से पराजित हुआ। खतौली के युद्ध में राणा साँगा घायल हो गया था।
👉 बिहार में बहार खाँ ने स्वयं को स्वतन्त्र शासक घोषित किया, जिस पर इब्राहिम लोदी नियन्त्रण नहीं कर सका।
👉 21 अप्रैल, 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी बाबर से पराजित हुआ, जिसके साथ लोदी वंश तथा दिल्ली सल्तनत का शासन समाप्त हो गया।
👉बाबर को भारत पर आक्रमण के लिए निमन्त्रण पंजाब के शासक दौलत खाँ लोदी एवं इब्राहिम लोदी के चाचा आलम खाँ ने दिया था।
👉🏿विजयनगर (1336-1614 ई.)
👉 विजयनगर साम्राज्य की स्थापना हरिहर तथा बुक्का नामक दो भाइयों ने अपने गुरु विद्यारण्य की सहायता से 1336 ई. में की।
👉1336 ई. में हम्पी (हस्तिनावती) को विजयनगर की राजधानी के रूप में निर्मित किया गया। 
👉 विजयनगर पर चार वंशों ने शासन किया। ये हैं— संगम, सालुव, तुलुव तथा अरविडू (अरविन्द)



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