अध्याय समीक्षा
• शरीर की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई को कोशिका कहते हैं ।
• यह सभी सजीवों की मुलभुत इकाई है।
• सभी सजीव कोशिका से बने हैं।
• कोशिका हमारे शरीर को आकार प्रदान करता है इसलिए यह शरीर का संरचनात्मक इकाई है ।
• शरीर के सभी कार्य कोशिकीय स्तर पर होते है इसलिए यह शरीर का क्रियात्मक इकाई है ।
• कोशिका का सबसे पहले पता राबर्ट हुक ने 1665 में लगाया था | राबर्ट ब्राउन ने 1831 में कोशिका में केन्द्रक का
पता लगाया |
• वे जीव जो एक ही कोशिका के बने होते हैं एवं स्वयं में ही एक सम्पूर्ण जीव होते है एक कोशिकीय जीव कहलाते हैं | जैसे- अमीबा, पैरामिशियम, क्लेमिडोमोनास और बैक्टीरिया (जीवाणु) आदि ।
• वे जीव जिनमें अनेक कोशिकाएँ समाहित होकर विभिन्न कार्य को सम्पन्न करने हेतु विभिन्न अंगो का निर्माण करते है, बहुकोशिकीय जीव कहलाते है |
• कोशिकाओं की आकृति तथा आकार उनके विशिष्ट कार्यों के अनुरूप होते हैं :
(i) कुछ कोशिकाएँ अपनी आकार बदलती रहती हैं जैसे अमीबा :
(ii) कुछ जीवों में कोशिका का आकार स्थोर रहता है जैसे तंत्रिका कोशिका |
• प्लाज्मा झिल्ली: यह कोशिका की सबसे बाहरी परत है जो कोशिका के घटकों को बाहरी पर्यावरण से अलग करती है । प्लाज्मा झिल्ली लचीली होती है और कार्बनिक अणुओं जैसे लिपिड (phospolipids) तथा प्रोटीन के दो परतों से बनी होती है ।
• अमीबा जिस प्रक्रिया से भोजन ग्रहण करता है उसे इंडोसाइटोसिस कहते है ।
• विसरण एक कोशिकाओं में होने वाली प्रक्रिया है जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड एवं ऑक्सीजन जैसे गैसीय पदार्थों के अणुओं का परिवहन वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली के द्वारा होता है। यह प्रक्रिया विसरण कहलाती है |
• जल के अणुओं की गति वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा हो तो उसे परासरण कहते हैं | केन्द्रक कोशिका का सबसे बड़ा कोशिकांग है जो कोशिका के अंदर पाया जाता है । गुणसूत्र (chromosomes) कोशिका के केन्द्रक में ही पाया जाता है, जो सिर्फ कोशिका विभाजन के समय ही दिखाई देते हैं ।
• केन्द्रक के चारों ओर दोहरे परत का एक स्तर होता है जिसे केन्द्रक झिल्ली कहते है । केन्द्रक झिल्ली में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं | इन छिद्रों के द्वारा केन्द्रक के अंदर का कोशिकाद्रव्य केन्द्रक के बाहर जा पाता है।
● गुणसूत्र एक छाडाकार (cilyndrical) संरचना होती है जो कोशिका के केन्द्रक में पाया जाता है, ये कोशिका विभाजन के समय दिखाई देते हैं । गुणसूत्र (क्रोमोसोम) में अनुवांशिक गुण होते हैं जो माता-पिता से DNA (डिऑक्सी राइबो न्यूक्लिक अम्ल) अनु के रूप में अगली संतति में जाते है ।
• क्रोमोसोम DNA तथा प्रोटीन के बने होते हैं ।
• DNA अणु में कोशिका के निर्माण व् संगठन की सभी आवश्यक सूचनाएँ होती हैं |
• DNA के क्रियात्मक खंड को जीन कहते हैं ।
• जो कोशिका, कोशिकायें विभाजन की प्रक्रिया में भाग नहीं लेती हैं उसमें यह DNA क्रोमैटीन पदार्थ के रूप में विद्यमान रहता है |
• कोशिका विभाजन के दौरान केन्द्रक भी दो भागों में विभक्त हो जाता है ।
• नयी कोशिका में जनक कोशिका के ही सभी गुण मौजूद रहते है ।
• यह कोशिका के विकास एवं परिपक्वन को निर्धारित करता है
• साथ ही साथ सजीव कोशिका की रासायनिक क्रियाओं को भी निर्देशित करता है ।
• (I) प्रोकैरियोटिक कोशिका : जिन कोशिकाओं में केन्द्रक झिल्ली नहीं होती है उन्हें प्रोकैरियोटिक कोशिका कहते है । ऐसी कोशिकाएँ जीवाणुओं में पाई जाती है ।
(II) यूकैरियोटिक कोशिका : जिन कोशिकाओं में केन्द्रक झिल्ली पाई जाती है उन्हें यूकैरियोटिक कोशिका कहते है शैवाल, एवं अन्य सभी बहुकोशिक जीवों की कोशिका |
• प्रत्येक कोशिका के जीवद्रव्य में अनेक छोटे छोटे कोशिका के विशिष्ट घटक पाए जाते है जो कोशिका के लिए विशिष्ट कार्य करते हैं | इन्हें ही कोशिकांग (organells) अर्थात कोशिका अंगक कहते हैं। जैसे- माइटोकांड्रिया, गाल्जी उपकरण, तारक केंद्र, लाइसोसोम, राइबोसोम, तथा रिक्तिका आदि ये सभी कोशिकांग हैं ।
कोशिका द्रव्य तथा केन्द्रक दोनों को मिलाकर जीवद्रव्य कहते हैं ।
• अल्पपरासरण दाबी विलयन (Hypotonic Solution) : यदि कोशिका को तनु (dilute) विलयन वाले माध्यम अर्थात जल में शक्कर अथवा नमक की मात्रा कम और जल की मात्र ज्यादा है, में रखा गया है तो जल परासरण विधि द्वारा कोशिका के अंदर चला जायेगा | ऐसे विलयन को अल्पपरासरण दाबी विलयन कहते हैं ।
• समपरासारी दाबी विलयन (Isotonic Solution) : यदि कोशिका को ऐसे माध्यम विलयन में रखा जाए जिसमें बाह्य जल की सांद्रता कोशिका में स्थित जल की सांद्रता के ठीक बराबर हो तो कोशिका झिल्ली से जल में कोई शुद्ध गति नहीं होगी | ऐसे विलयन को समपरासारी दाबी विलयन कहते हैं ।
● अतिपरासरण दाबी विलयन (Hypertonic Solution) : यदि कोशिका के बाहर वाला विलयन अंदर के घोल से अधिक सान्द्र है तो जल परासरण द्वारा कोशिका से बाहर आ जायेगा | ऐसे विलयन को अतिपरासरण दाबी विलयन कहते हैं |
• कोशिका भित्ति के वल पादप कोशिकाओं में ही पाई जाती है जो कि यह मुख्यत: सेल्युलोज (Cellulose) की बनी होती है | यह पौधों को संरचनात्मक दृढ़ता प्रदान करता है।
• राइबोसोम कोशिका द्रव्य में मुक्त अवस्था में पाई जाने वाली गोल आकृति कि संरचना होती है। ये कोशिका द्रव्य में मुक्त रूप से पाई जा सकती है अथवा अंतर्द्रव्य जालिका (ER) से जुड़ी हो सकती हैं | राइबोसोम को कोशिका का प्रोटीन- फैक्ट्री भी कहा जाता है, क्योंकि यह प्रोटीन बनाता है ।
● लाइसोसोम कोशिका का अपशिष्ट निपटाने वाला तंत्र है | यह झिल्ली से घिरी हुई संरचना है | लाइसोसोम बाहरी पदार्थों के साथ -साथ कोशिकांगों के टूटे-फूटे भागों को पाचित करके साफ करता है | लाइसोसोम में बहुत शक्तिशाली पाचनकारी एंजाइम होते है जो सभी कार्बनिक पदार्थों को तोड़ सकने में सक्षम है।
● माइटोकोंड्रिया दोहरी झिल्ली वाली कोशिकांग है बाहरी झिल्ली छिद्रित होती है एवं भीतरी झिल्ली बहुत अधिक वलित (rounded) होती है । इसमें उसका अपना DNA तथा राइबोसोम होते हैं | अत: माइटोकोंड्रिया अपना कुछ प्रोटीन स्वयं बनाते हैं | इसलिए माइटोकोंड्रिया अदभुत अंगक है |
● प्लैस्टिड केवल पादप कोशिकाओं ने स्थित होते है | प्लैस्टिड की भीतरी रचना में बहुत सी झिल्ली वाली परतें होती है जो स्ट्रोमा में स्थित होती है | प्लैस्टिड बाह्य रचना में माइटोकोंड्रिया कि तरह होते हैं। माइटोकोंड्रिया कि तरह प्लैस्टिड में भी अपना DNA तथा राइबोसोम होते है |
• रसधानियाँ ठोस अथवा तरल पदार्थों कि संग्राहक थैलियाँ हैं | जंतु कोशिकाओं में रसधानियाँ छोटी होती हैं जबकि पादप कोशिकाओं में रासधानियाँ बहुत बड़ी होती है | कुछ पौधों कि कोशिकाओं कि केंद्रीय रसधानी की माप कोशिका के आयतन का 50% से 90 तक होता है ।
पाठगत- प्रश्न:
प्रश्न 1: कोशिका की खोज किसने और कैसे की ?
उत्तर: 1665 में अंग्रेज जीवविज्ञानी रोबर्ट हुक ने कोशिका की खोज की थी | उसने कोशिका को कॉर्क की पतली काट में अनगढ़ सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा।
प्रश्न 2: कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं ?
ऊतरः कोशिका हमारे शरीर को आकार प्रदान करता है इसलिए यह शरीर का संरचनात्मक इकाई है और शरीर के सभी कार्य कोशिकीय स्तर पर होते है इसलिए यह शरीर का क्रियात्मक इकाई है ।
प्रश्न 3: CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से कैसे अंदर तथा बाहर जाते हैं? इस पर चर्चा करें।
उत्तरः कोशिका झिल्ली वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली होती है जो चुने हुए पदार्थों को ही अंदर बाहर आने जाने देता है अर्थात यह पदार्थों के गति को नियंत्रित करता है । CO 2 की गति : CO2 कोशिकाओं के अंदर ऊँच सांद्रता ने विद्यमान रहता है क्योकि कोशिकीय श्वसन के दौरान CO2 का निर्माण होता है | जब कोशिका के अंदर CO2 की सांद्रता अधिक बढ़ जाती है तो उस समय कोशिका के बाहर CO2 की सांद्रता कम होती है | पदार्थों की गति के नियम के अनुसार पदार्थ उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर गति करते है | गैसों के लिए यह गति विसरण कहलाता है | इसी विसरण की प्रक्रिया के द्वारा गैसीय पदार्थ जैसे CO2 तथा 02 कोशिका के अंदर और बाहर आते है | चूँकि जब कोशिका के अंदर CO2 की सांद्रता अधिक बढ़ जाती है तो वह बाहर आ जाती है। और जब O2 की सांद्रता बाहर बढ़ जाती है तो वह कोशिका के अंदर चला जाता है ।
जल की गति : जल भी ठीक उसी नियम का पालन करता है जो गैस करते है। कोशिकाओ में जल की गति परासरण की प्रक्रिया के द्वारा होता है। जब कोशिका के अंदर जल की सांद्रता अधिक होती है तो कोशिका के बाहर की सांद्रता कम होती है तब पदार्थों की गति के नियम के अनुसार जल ऊँच सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर गति करता है। ठीक उसी प्रकार बाहर से अंदर की ओर गति करता है ।
प्रश्न 4: प्लैज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं?
उत्तरः प्लाज्मा झिल्ली कुछ चुने हुए पदार्थों को ही अंदर अथवा बाहर जाने देती है तथा अन्य पदार्थों की गति को रोकती है | इसलिए कोशिका झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली भी कहते हैं | कुछ चुने हुए पदार्थ जैसे कार्बन डाइऑक्साइड अथवा ऑक्सीजन कोशिका झिल्ली के आर-पार विसरण प्रक्रिया द्वारा आ-जा सकते है
प्रश्न 5: क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ होता है?
उत्तर : (i) जन्तु कोशिका में माइटोकोंड्रिया और
(ii) पादप कोशिका में प्लास्टिड
प्रश्न 6: यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है, तो क्या होगा?
उत्तरः कोशिका जीवन की सबसे महत्वपूर्ण क्रियात्मक और संरचनात्मक इकाई है | जीवन की सभी मूलभूत कार्य कोशिकाओं से ही संपादित होते है । यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है तो कोशिका की जीवन के लिए कार्य करने की क्षमता समाप्त हो जाएगी और यह जीवन के लिए उपयोगी अनुरक्षण का कार्य जैसे पोषण, श्वसन, वहन और उत्सर्जन आदि नहीं कर पायेगा |
प्रश्न 7: लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यों कहते हैं?
उत्तर: कोशिकीय चयापचय (Metabolism) में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है, to लाइसोसोम फट जाते हैं और इनके शक्तिशाली एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पाचित कर देते हैं इसलिए लाइसोसोम को आत्मघाती (sucidal) बैग कहते है |
प्रश्न 8: कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?
उत्तर : राइबोसोम में
प्रश्न 9: पादप कोशिकाओं तथा जंतु कोशिकाओं में तुलना करो।
उत्तरः
पादप कोशिका
1. इसमें कोशिका भित्ती होती है ।
2. इसमें हरित लवक उपस्थित होते है I
3. इनमें प्रकाश संश्लेषण होता हैं ।
4. ये प्रायः बड़े आकार की होती हैं ।
जन्तु कोशिका
1. इसमें कोशिका भित्ती नही होती हैं ।
2. इसमें हरित लवक अनुपस्थित होते हैं ।
3. इनमे प्रकाश संश्लेषण नही होता हैं ।
4. ये प्रायः छोटे आकार की होती हैं ।
प्रश्न 10: प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ यूकैरियोटी कोशिकाओं से किस प्रकार भिन्न होती हैं?
उत्तरः
प्रोकैरियोटिक कोशिका
1. आकार में प्राय: छोटा होता है।
2. केन्द्रक झिल्ली अनुपस्थित होती है ।
3. क्रोमोसोम प्राय: एक होता है।
4. कई अन्य अंगक (Organelles) नहीं होते हैं।
5. प्रकाश सश्लेषण वाले जीवों में क्लोरोफिल झिल्लीदार पुटिका के साथ होता है ।
6. वास्तविक केन्द्रक के अतिरिक्त झिल्ली युक्त
यूकैरियोटिक कोशिका
1. आकार में प्रायः बड़ा होता है।
2. केन्द्रक झिल्ली उपस्थित रहती है।
3. क्रोमोसोम प्राय: एक से अधिक होते
4 इसमें लगभग सभी अंगक (Organelles) मौजूद होते हैं। 5. क्लोरोफिल प्लास्टिड में होता है।
6. इसमें केन्द्रक झिल्ली के साथ-साथ अंगक भी नहीं हिते हैं झिल्ली-युक्त अंगक भी हिते हैं।
प्रश्न 11: यदि प्लैज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो क्या होगा?
उत्तर: यदि कोशिका झिल्ली फट जाये या टूट जाए तो कोशिका के अंदर का आतंरिक रासायनिक संगठक नष्ट हो जायेगा और यह अपना आधारभूत कार्य संपन्न नहीं कर पायेगा | ऐसी क्षतिग्रस्त कोशिकाएँ मर जाती है जिसे लाइसोसोम जैसे अंगक पचा जाते हैं ।
प्रश्न 12: यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा?
उत्तर: अंतर्द्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) में संश्लेषित पदार्थ को गोल्जी उपकरण के द्वारा ही संचयन, रूपांतरण, पैकेजिंग और एक जगह से दुसरे जगह विभिन्न गंतव्यों तक कोशिका के अंदर और बाहर भेजने का कार्य करता है | कुछ परिस्थिति में गॉल्जी उपकरण में सामान्य शक्कर से जटिल शक्कर बनती है। गॉल्जी उपकरण के द्वारा लाइसोसोम को भी बनाया जाता है। कोशिका निर्माण प्रक्रिया में गोल्जी उपकरण भी शामिल होता है । यदि गोल्जी उपकरण नहीं हो तो कोशिका में होने वाले महत्वपूर्ण कार्य संचयन, रूपांतरण, पैकेजिंग और विभिन्न पदार्थों का एक जगह से दुसरे स्थान तक स्थानांतरण संभव नहीं है ।
प्रश्न 13: कोशिका का कौन-सा अंगक बिजलीघर है? और क्यों
उत्तर: माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का बिजलीघर कहते हैं । माइटोकॉन्ड्रिया जीवन की विभिन्न रासायनिक क्रियाओ को करने के लिए | ATP के रूप में उर्जा प्रदान करते हैं और यह आवश्यक उपयोगी उर्जा संचित होती है । माइटोकॉन्ड्रिया के पास अपना DNA तथा राइबोसोम होता है । अतः माइटोकॉन्ड्रिया अपना कुछ प्रोटीन स्वंय बनाते हैं ।
प्रश्न 14: कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?
उत्तर: कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण अंतर्द्रव्यी जालिका (Endoplasmic Reticulum) में होता है जिसके दो भाग है।
(i) खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका (Rough Endoplasmic Reticulum) - जो कोशिका झिल्ली को बनाने वाले प्रोटीन का संश्लेषण करता है ।
(ii) चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका (Smooth Endoplasmic Reticulum) यह कोशिका झिल्ली को बनाने वाले वसा अर्थात लिपिड का संश्लेषण करता है । -
प्रश्न 15: अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है?
उत्तर : अमीबा अपना भोजन एंडोसाइटोसिस (Endocytosis) प्रक्रिया से प्राप्त करता है | चूँकि अमीबा एक कोशिकीय जीव होता है | एक कोशिकीय जीवों में कोशिका झिल्ली के लचीलेपन के कारण जीव बाह्य पर्यावरण से अपना भोजन ग्रहण करते हैं और कोशिका झिल्ली पुनः अपने पूर्व अवस्था में आ जाता हैं। इसके बाद कोशिका पदार्थ ग्रहण कर पचा जाता हैं । इस प्रक्रिया को इंडोसाइटोसिस अथवा फैगोसाइटोसिस कहते है |
प्रश्न 16: परासरण क्या है?
उत्तरः जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा हो तो उसे परासरण कहते हैं ।
प्रश्न 17: निम्नलिखित परासरण प्रयोग करें:
उत्तरः छि हुए आधे-आधे आलू के चार टुकड़े लो, इन चारों को खोखला करो जिससे कि आलू के कप बन जाएँ। इनमें से एक कप को उबले आलू में बनाना है। आलू के प्रत्येक कप को जल वाले बर्तन में रखो। अब
(a) कप 'A' को खाली रखो,
(b) कप 'B' में एक चम्मच चीनी डालो,
(c) कप 'C' में एक चम्मच नमक डालो तथा
(d) उबले आलू से बनाए गए कप 'D' में एक चम्मच चीनी डालो।
आलू के इन चारों कपों को दो घंटे तक रखने के पश्चात् उनका अवलोकन करो तथा निम्न प्रश्नों का उत्तर दो
(i) 'B' तथा 'C' के खाली भाग में जल क्यों एकत्र हो गया? इसका वर्णन करो।
(ii) 'A' आलू इस प्रयोग के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?
(iii) `A' तथा 'D' आलू के खाली भाग में जल एकत्र क्यों नहीं हुआ? इसका वर्णन करो।
प्रश्न 18- कोशिका किसे कहते है ?
उत्तर - शरीर की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई को कोशिका कहते हैं ।
प्रश्न 19- कोशिका की खोज किसने और कैसे की ?
उत्तर - कोशिका का सबसे पहले पता रार्बट हुक ने 1665 में लगाया था । उसने कोशिका को पतली काट में अनगढ़ सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा ।
प्रश्न 20- CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका के अंदर और बाहर कैसे आते हैं ?
उत्तर - विसरण प्रक्रिया द्वारा ।
प्रश्न 21- अमीबा अपना भोजन कैसे ग्रहण करता हैं ?
उत्तर - एन्डोसाइटोसिस प्रक्रिया द्वारा ।
प्रश्न 22- एन्डोसाइटोसिस क्या हैं ?
उत्तर - एक कोशिकीय जीवों में कोशिका झिल्ली के लचीलेपन के कारण जीव बाह्य पर्यावरण से अपना भोजन ग्रहण करते हैं और कोशिका झिल्ली पुनः अपने पूर्व अवस्था में आ जाता
हैं । इसके बाद कोशिका पदार्थ ग्रहण कर पचा जाता हैं। इस प्रक्रिया को एन्डोसाइटोसिस कहते हैं ।
प्रश्न 23- प्लाज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते है ?
उत्तर - प्लाज्मा झिल्ली कुछ पदार्थों को अंदर अथवा बाहर जाने देती हैं । यह अन्य पदार्थो की गति को भी रोकती है । प्लाज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते है ।
प्रश्न 24- परासरण क्या है ?
उत्तर- जल के अणुओं की गति जब वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा हो तो उसे परासरण कहते हैं ।
प्रश्न 25- सेल्युलोज क्या है ? सेल्युलोज कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर - सेल्युलोज एक बहुत होती है। जटिल पदार्थ है । जो पौधो में पाया जाता है। पादप कोशिका भिति मुख्यतः सेल्युलोज की बनी
प्रश्न 26 - जीवद्रव्य कुंचन किसे कहते है ?
उत्तर- जब किसी पादप कोशिका में परासरण द्वारा पानी की हानि होती है तो कोशिका झिल्ली सहित आंतरिक पदार्थ संकचित हो जाते है। इस घटना को जीवद्रव्य कंचन कहते है।
प्रश्न 27- DNA का पुरा नाम लिखो।
उत्तर- DNA का पुरा नाम डिऑक्सी राइबों न्यूक्लीक एसिड है।
प्रश्न 28- ATP क्या है ? ATP का पूरा नाम लिखें ।
उत्तर - ATP का पूरा नाम ऐडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट है । यह एक प्रकार का कोशिका का ऊर्जा है।
प्रश्न 29- कोशिका के किस अंगक में आनुवांशिक गुण होता है ?
उत्तर - क्रोमोसोम में ।
प्रश्न 30- ऐसे दो अंगकों का नाम बताइए जिनमें अपना आनुवांशिक पदार्थ होता है ?
उत्तर -
1. माइटोकॉड्रिया (जन्तुओं में )
2. प्लैस्टिड (पादपों में )
प्रश्न 31 - लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यो कहते है ?
उत्तर - कोशिकीय चयापचय में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती हैं, तो लाइसोसोम फट जाते हैं और एंजाइम अपनी ही कोशिका को पाचित कर देतें हैं इसलिए लाइसोसोम को आत्मघाती थैली कहते हैं ।
प्रश्न 32 - कोशिका के अंदर प्रोटिन का संश्लेषण कहाँ होता है ?
उत्तर - माइटोकॉन्ड्रिया में ।
प्रश्न 33- कोशिका को जीवन की सरंचनात्मक और क्रियात्मक इकाई क्यो कहते है ?
उत्तर - कोशिका से प्रत्येक जीव बने हैं और प्रत्येक जीवित कोशिका की मूलभूत संरचना और कार्य करने की क्षमता होती है जो सभी सजीवों का गुण हैं। इनमें पाए जाने वाले कोशिकांग लगातार विशिष्ट कार्य करते रहते है जिससे सजीव का जीवन चलता रहता हैं । अतं कोशिका को जीवन की सरंचनात्मक और क्रियात्मक इकाई कहते है ।
प्रश्न 34- किस कोशिकांग को कोशिका का बिजली घर कहते है ? और क्यों ?
उत्तर - माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का बिजलीघर कहते हैं । माइटोकॉन्ड्रिया जीवन की विभिन्न रासायनिक क्रियाओ को करने के लिए | ज्च् के रूप में उर्जा प्रदान करते हैं और यह आवश्यक उपयोगी उर्जा संचित होती है। माइटोकॉन्ड्रिया के पास अपना DNA तथा राइबोसोम होता है। अतः माइटोकॉन्ड्रिया अपना कुछ प्रोटीन स्वंय बनाते हैं ।
प्रश्न 34- विसरण प्रक्रिया क्या हैं ? कोशिकाओं में यह कैसे संपन्न होता है ?
उत्तर - विसरण एक कोशिकाओं में होने वाली प्रक्रिया हैं जिसमें ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड जैसे पदार्थों का परिवहन होता है। इसे विसरण प्रक्रिया कहते है । कोशिका में CO2 जैसे कोशिकीय अपशिष्ट जिसका निष्कासन आवश्यक होता है। धीरे धीरे एकत्र होने से कोशिका के अंदर CO2 की सांद्रतां बढ़ जाती हैं जबकि कोशिका के बाहर CO2 की सांद्रता अंदर की अपेक्षा कम होती है जिससे कोशिका के अंदर दाब बढ़ जाता हैं। जिससे CO2 कोशिका से बाहर की ओर निकलने लगता है । इसी प्रकार जब कोशिका में ऑक्सीजन की सांद्रता कम हो जाती है तो ऑक्सीजन बाहर से कोशिका में विसरण द्वारा अंदर चली जाती है ।
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