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1. आवर्द्धन किसे कहते हैं? वर्णन करें।
उत्तर : प्रतिबिंब की ऊँचाई और वस्तु की ऊँचाई के अनुपात को आवर्धन कहा जाता है। इसेm से सूचित किया जाता है। h' यदि वस्तु की ऊँचाई ½ और प्रतिबिंब की ऊँचाई ½' हो, तो आवर्धन m =h
2. अवतल दर्पण में फोकस दूरी (f) और वक्रता त्रिज्या में क्या संबंध है?
उत्तर : अवतल दर्पण में फोकस दूरी तथा वक्रता त्रिज्या हो तो f अर्थात् फोकस दूरी, वक्रता त्रिज्या की आधी होती है।
3. विद्युत आवेश क्या है ? विद्युत आवेश कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर : किसी पदार्थ से इलेक्ट्रॉनों का बाहर निकलना या पदार्थ में इलेक्ट्रॉनों का ग्रहण करना धनावेशित तथा ऋणावेशित होना कहा जाता है। इस प्रकार इलेक्ट्रॉनों के आदान-प्रदान को आवेश कहा जाता है। यह दो प्रकार के होते हैं – धनावेश एवं ऋणावेश |
4.चालक, अचालक, अर्द्धचालक एवं अतिचालक से आप क्या समझते हैं? सोदाहरण व्याख्या करें।
उत्तर : चालक: वैसे पदार्थ जिससे धारा आसानी से प्रवाहित होता है उसे चालक कहा जाता है। ऐसे पदार्थों का प्रतिरोध निम्न होता है।
अचालक : वैसे पदार्थ जिससे धारा प्रवाहित नहीं होती अचालक या कुचालक कहा जाता है। इनके प्रतिरोध बहुत उच्च होता है। जैसे— रबड़, प्लास्टिक, लकड़ी इत्यादि ।
अर्द्धचालक कहलाते हैं जैसे- सिलिकॉन ।
अर्द्धचालक : वैसे पदार्थ जिससे धारा का प्रवाह चालकों की तुलना में बहुत कम होती है
अतिचालक : वैसे पदार्थ जिससे धारा का प्रवाह चालक से भी उच्च होते हैं अतिचालक कहलाता है।
5. प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या है?
उत्तर : वैसी अभिक्रिया जिसमें कोई तत्त्व किसी यौगिक से दूसरे तत्त्व को हटाकर खुद उसका स्थान ग्रहण कर लेता है और एक नया यौगिक बनाता है, उसे प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहा जाता है। जैसे – CuSO4 + Mg → Cu + MgSO4
6. उत्प्रेरक से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर : वैसे पदार्थ जिसकी उपस्थिति मात्र से रासायनिक अभिक्रिया में वृद्धि हो जाता है जबकि उपस्थित पदार्थ कोई अभिक्रिया नहीं करता जैसे पोटाशियम क्लोरेट (KCIO3) को गर्म करने पर ऑक्सीजन बनता है। परन्तु जब उत्प्रेरक के रूप में MnO2 मिलाने पर तीव्र गति से O, बनता है।
7. हाइड्रोजिनीकरण क्या है ? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है ?
उत्तर : किसी यौगिक की हाइड्रोजन के साथ प्रतिक्रिया को हाइड्रोजिनेशन कहलाती है। संतृप्त हाइड्रोकार्बन कम क्रियाशील होते हैं। अतः ये हाइड्रोजन के साथ प्रतिक्रिया नहीं करते हैं। फलतः हाइड्रोजिनेशन का गुण इनमें नहीं पाया जाता है। लेकिन असंतृप्त हाइड्रोकार्बन हाइड्रोजन के साथ प्रतिक्रिया करते हैं। असंतृप्त हाइड्रोकार्बन की प्रतिक्रिया हाइड्रोजन के साथ Pt या Ni धातु उत्प्रेरक की उपस्थिति में 250°C-300°C पर होती है। इस प्रतिक्रिया के फलस्वरूप संतृप्त हाइड्रोकार्बन बनते है
8. परिसंचरण तंत्र से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: रक्त (blood), हृदय (heart) तथा रक्त वाहिनियाँ मिलकर रक्त परिवहन तंत्र या परिसंचरण तंत्र का निर्माण करते हैं जो उच्च श्रेणी के जंतुओं का परिवहन तंत्र है जो ऑक्सीजन, CO2 पोषक तत्त्वों, हॉर्मोन, उत्सर्जी पदार्थों या अन्य उपापचयी क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न विभिन्न पदार्थों को शरीर के एक भाग से दूसरे भाग में ले जाता है।
9. विषमपोषी पोषण से आप क्या समझते हो ?
उत्तर : विषमपोषी पोषण वह प्रक्रिया है जिसमें कुछ जीव को कार्बनिक पदार्थों और ऊर्जा को अपने भोज्य पदार्थ के रूप में अन्य जीवित या मृत पौधों या जंतुओं से ग्रहण करते हैं, विषमपोषी जीव कहलाते हैं। जैसे— युग्लीना को छोड़कर सभी जंतु, अमरबेल, जीवाणु, कवक इत्यादि ।
10. मुकुलन क्या है ?
उत्तर : मुकुलन एक प्रकार का अलैंगिक जनन है जो जनक के शरीर के धरातल से कलिका फूटने या प्रवर्ध निकलने के फलस्वरूप संपन्न होता है। एक कोशिकीय जीव जैसे यीस्ट में सर्वप्रथम शरीर या कोशिका के ऊपर किसी भी भाग से एक या एक से ज्यादा कंदरूपी उभार निकलता है जिसे मुकुल या बड कहते हैं। इसके साथ केंद्रक विभाजित होकर दो केंद्रकों का निर्माण कर, एक केंद्रक मुकुल में पहुँच कर, केन्द्रकयुक्त मुकुल जनक के शरीर से अलग होकर नए जीव का निर्माण करता है।
11. उत्पादक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : हरे पौधे जैसे घास, पेड़ इत्यादि जीव प्रकाशसंश्लेषण द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते है। ये सूर्य की प्रकाश ऊर्जा को विकिरण- ऊर्जा के रूप में ग्रहण कर क्लोरोफिल की उपस्थिति में रासायनिक स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है, जो कार्बनिक यौगिकों (कार्बोहाइड्रेट) के रूप में हरे पौधों के ऊत्तकों में संचित रहता है। इस प्रकार हरे पौधे उत्पादक हुए तथा प्रकाशसंश्लेषण की क्रिया में सह-उत्पाद के रूप में 02 निकलता है, जिसका उपयोग समस्त जीवों के द्वारा श्वसन के लिए होता है।
12. रक्त क्या है ? इसके घटकों का वर्णन करें।
उत्तर : रक्त एक तरल संयोजी उत्तक है जो लाल रंग का एक गाढ़ा क्षारीय (pH = 7.4) है जो रक्त वाहिनियों तथा हृदय में प्रवाहित होता है। यह अपने प्रवाह के दौरान शरीर के सभी उत्तकों का संयोजन करता है। रक्त के दो घटक होते हैं
(i) तरल भाग जो प्लाज्मा या प्लाविका कहलाता है
(ii) ठोस भाग जिसमें लाल रक्त कोशिकाएँ (R.B.C), श्वेत रक्त कोशिकाएँ (W.B.C) तथा रक्त पद्विकाणु होते हैं। प्लाज्मा एक हल्के पीले रंग का चिपचिपा द्रव हैं जो रक्त का 55% होता है जिसमें 90% जल, 7% प्रोटिन, 0.9% अकार्बनिक लवण, 0.18% ग्लूकोज, 0.5% वसा तथा शेष अन्य कार्बनिक पदार्थ होते हैं। लाल रक्त कोशिका में एक विशेष प्रकार का प्रोटीन वर्णक हीमोग्लोबिन पाया जाता है जिसके कारण रक्त का रंग लाल होता है। यह ऑक्सीजन का वाहक होता है। श्वेत रक्त कोशिकाएँ रंगहीन और अनियमित आकार के न्यूक्लियस युक्त होते हैं। यह लाल रक्त कोशिकाओं से अत्यंत कम होता है।
रक्त पट्टिकाणु को बिंवाणु या थ्रोबोसाइट्स भी कहते हैं। ये रक्त थक्का बनाने में सहायक होते हैं।
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