उत्तर:- सामान्य अर्थों में राष्ट्रवाद का अर्थ अपने राष्ट्र के प्रति सोच और लगाव की भावना का विकास करना है। दूसरे अर्थों में राष्ट्रवाद एक ऐसी भावना है जो किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहने वाले लोगों में एकता की वाहक बनती है।
2. जर्मनी के एकीकरण की बाधाएँ क्या थी ?
उत्तर:-जर्मनी के एकीकरण में निम्नलिखित प्रमुख बाधाएँ थीं
(i) लगभग 300 छोटे-बड़े राज्य
(ii) इन राज्यों में व्याप्त राजनीतिक, सामाजिक तथा धार्मिक विषमताएँ
(iii) राष्ट्रवाद की भावना का अभाव
(iv) ऑस्ट्रिया का हस्तक्षेप तथा
(v) मेटरनिख की प्रतिक्रियावादी नीति।
3. 1830 और 1848 की क्रांतियों की सामान्य विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर-
(i) सभी क्रांतिकारी प्रतिक्रियावादी और निरंकुश शासन की समाप्ति चाहते थे।
(ii) वे उदारवाद और राष्ट्रवाद के समर्थक थे।
(iii) वे वैधानिक शासन की मांग कर रहे थे।
(iv) दोनों क्रांतियों की एक मुख्य विशेषता यह भी थी कि स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा मुख्य मुद्दा था।
4. इटली के एकीकरण में काबूर की भूमिका का उल्लेख करें।
अथवा, काबूर का संक्षिप्त परिचय दें।
उत्तर:- काबूर को इटली के एकीकरण का राजनीतिज्ञ कहा जाता है। 1850 में वह सार्डिनिया के राजा विक्टर इमैनुएल का मंत्री एवं 1852 में प्रधानमंत्री बना। उसने सैनिक और आर्थिक सुधारों द्वारा सार्डिनिया की स्थिति सुदृढ़ की। पेरिस शांति सम्मेलन में उसने इटली के एकीकरण का प्रश्न उठाया। 1859 में ऑस्ट्रिया को पराजित कर काबूर ने लोम्बार्डी पर अधिकार कर लिया।
5. हंगरी के राष्ट्रीय आंदोलन में कोसूथ के योगदान का वर्णन करें।
उत्तर-हंगरी में राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व 'कोसुथ' तथा 'फ्रांसिस डिक' ने किया। कोसूथ लोकतांत्रिक विचारों का समर्थक था, उसने वर्गहीन समाज (Classless Society) के विचारों से जनता को परिचित कराया जिस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। कोसूथ आस्ट्रियाई अधीनता का विरोध कर यहाँ की व्यवस्था में बदलाव की मांग करने लगा।
6. लौह एवं रक्त की नीति क्या थी?
उत्तर-लौह एवं रक्त की नीति का प्रतिपादन बिस्मार्क ने किया था। इस नीति के अनुसार सैन्य शक्ति की सहायता से पूरे जर्मन प्रदेश का एकीकरण करना था।
7. जर्मनी का राजनीतिक एकीकरण के पहले आर्थिक एकीकरण कैसे हुआ ?
उत्तर-1815-48 के मध्य जर्मनी में औद्योगिकीकरण की पृष्ठभूमि तैयार हो गई। कोयला और खनिज उद्योग का विकास हुआ। रेल लाइनों का प्रसार हुआ। 1834 में प्रशा की पहल पर जॉल्वेराइन शुल्क संघ की स्थापना हुई। इस प्रकार जर्मनी का राजनीतिक एकीकरण के पहले आर्थिक एकीकरण हुआ।
8. जर्मन राइन महासंघ की स्थापना किसने की ?
उत्तर-जर्मन राइन महासंघ की स्थापना नेपोलियन ने की।
9. मेजिनी कौन था ? उसका मुख्य उद्देश्य क्या था ?
उत्तर:- मेजिनी को इटली के एकीकरण का पैगंबर या मसीहा कहा जाता है। वह साहित्यकार गणतांत्रिक विचारों का समर्थक और योग्य सेनापति था। अपने गणतंत्रवादी उद्देश्यों के प्रचार के लिए उसने 1831 में 'यंग इटली' की स्थापना की। मेजिनी का उद्देश्य आस्ट्रिया के प्रभाव से इटली को मुक्त करवाना तथा संपूर्ण इटली का एकीकरण करना था।
10. मेटरनिख कौन था ? यूरोपीय इतिहास में वह क्यों विख्यात है ?
उत्तर-मेटरनिख ऑस्ट्रिया का चांसलर था। वह घोर प्रतिक्रियावादी, क्रांति के संदेशों का कट्टर विरोधी एवं पुरातन व्यवस्था बनाए रखने का समर्थक था। उसने जिस प्रकार की व्यवस्था यूरोप में स्थापित की उसे मेटरनिख व्यवस्था कहा जाता है। अपनी इसी व्यवस्था के कारण वह यूरोपीय इतिहास में विख्यात है।
11. मेटरनिख युग क्या है?
उत्तर-मेटरनिख ऑस्ट्रिया का चांसलर था। वियना कांग्रेस (सम्मेलन) के द्वारा यूरोप में नेपोलियन युग का अंत हुआ और मेटरनिख युग की शुरुआत हुई। मेटरनिख घोर प्रतिक्रियावादी था तथा राष्ट्रवाद एवं गणतंत्र का विरोधी था। 18-48 की क्रांति के द्वारा मेटरनिख युग की समाप्ति हो गयी।
12. यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस तरह सहायक हुआ?
उत्तर:-यूरोप में राष्ट्रीयता की भावना के विकास में फ्रांस की राज्यक्रांति के पश्चात् नेपोलियन के आक्रमणों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। फ्रांसीसी क्रांति ने राजनीति को अभिजात्यवर्गीय परिवेश से बाहर कर उसे अखबारों, सड़कों और सर्वसाधारण की वस्तु बना दिया। यूरोप के कई राज्यों में नेपोलियन के अभियानों दारा नवयग का संदेश पहुँचा। नेपोलियन ने जर्मनी और इटली के राज्यों को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर उसे वास्तविक एवं राजनैतिक रूपरेखा प्रदान की। जिससे इटली और जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। दूसरी तरफ नेपोलियन की सुधारवादी नीतियों के कारण फ्रांसीसी प्रभुता और आधिपत्य के विरुद्ध यूरोप में देशभक्तिपूर्ण विक्षोभ भी जगा।
13. विलियम-I के बगैर जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था कैसे ?
उत्तर:-विलियम-I प्रशा का राजा जानता था कि ऑस्ट्रिया और फ्रांस को पराजित किए बिना जर्मनी का एकीकरण संभव नहीं है। 1862 में विलियम-I ने जर्मनी के एकीकरण के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर महान कूटनीतिज्ञ बिस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया। बिस्मार्क का मानना था कि जर्मनी की समस्या का समाधान प्रशा के नेतृत्व में “रक्त और तलवार" की नीति से होगा। अतः अगर विलियम-I बिस्मार्क को चांसलर न बनाया होता तो बिस्मार्क के लिए जर्मनी का एकीकरण असंभव प्रतीत होता।
14. यूनानी स्वतंत्रता संग्राम के परिणामों का उल्लेख करें।
उत्तर :-1932 में यूनान को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र घोषित कर दिया गया। यद्यपि इस प्रक्रिया में गणतंत्र की स्थापना नहीं हो सकी। परंतु एक स्वतंत्र राष्ट्र के उदय ने मेटरनिख की प्रतिक्रियावादी नीति को गहरी ठेस लगाई। प्रतिक्रियावाद के विरुद्ध राष्ट्रवाद की विजय हुई। यूनानियों के विजय से 1830 के क्रांतिकारियों की प्रेरणा मिली। यूनानी स्वतंत्रता आंदोलन के परिणामस्वरूप बाल्कन क्षेत्र के अन्य ईसाई राज्यों में भी राष्ट्रवादी आंदोलन आरंभ करने की चाह बढ़ी।
15. वियना कांग्रेस की क्या उपलब्धियाँ हैं ?
उत्तर:- वियना सम्मेलन की मुख्य उपलब्धियाँ थी-
नेपोलियन द्वारा पराजित राजवंशों की पुनर्स्थापना का प्रयास किया गया। फ्रांस और स्पेन में बूबों राजवंश को फिर स्थापित किया गया। फ्रांस में लुई 18वाँ को राजगद्दी सौंपी गयी। इटली में ऑस्ट्रियाई राज परिवार को सत्ता सौंपी गयी। नेपोलियन द्वारा स्थापित 39 राज्यों के जर्मन महासंघ को भंग नहीं किया गया। इस प्रकार वियना व्यवस्था द्वारा यूरोप में राजनीतिक परिवर्तन कर पुरानी सत्ता को बहाल किया गया।
16. पूँजीवाद क्या है ?
उत्तर:-पूँजीवाद एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें उत्पादन के सभी कारखानों तथा विपणन में पूँजीपतियों का एकाधिकार होता है। ऐसी व्यवस पैमाने पर उत्पादन पूँजीपति अपने निहित स्वार्थ के लिए करते हैं।
17. समाजवाद क्या है ?
उत्तर:-समाजवाद एक ऐसी विचारधारा है जिसने आधुनिक काल में को एक नया आयाम दिया। समाजवाद उत्पादन में मुख्यतः निजी स्वामित्व की सामूहिक स्वामित्व या धन के समान वितरण पर जोर देता है। यह एक शोष उन्मुक्त समाज की स्थापना चाहता है।
18. नई आर्थिक नीति मार्क्सवादी सिद्धान्तों के साथ कैसे समय थी ?
उत्तर:-साम्यवादी व्यवस्था में व्यक्तिगत सम्पत्ति की अवधारणा नहीं थी। परंत लेनिन ने तत्कालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किसानों को जमीन का स्वामित्व दिया। व्यक्तिगत स्वामित्व में उद्योग चलाने का भी अधिकार नई आर्थिक नीति में दिया गया। स्पष्टतः यह नीति मार्क्सवादी सिद्धांतों के साथ समझौता थी परंत इससे सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ।
19.स्टालिन का परिचय दीजिए।
उत्तर:- लेनिन के बाद सत्ता स्टालिन के हाथों में आई। सोवियत संघ ने विकास के लिए उसने तीन पंचवर्षीय योजनाओं द्वारा औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया। कृषि, शिक्षा में सुधार किया तथा श्रमिकों की स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास किया। साथ ही उसने ऐसी नीति बनाई जिससे सर्वाधिकारी शासन की स्थापना हुई।
20. रूस की संसद को क्या कहा जाता था ?
उत्तर:-रूस की संसद को ड्यूमा कहा जाता था। .
21. रूस की क्रांति किसके नेतृत्व में हुई थी ?
उत्तर:-1917 ई० की रूसी क्रांति बोल्शेविक दल के नेता लेनिन के नेतृत्व में हुई थी।
22. 'रूस की क्रांति' ने पूरे विश्व को प्रभावित किया। किन्हीं दो
उदाहरणों द्वारा स्पष्ट करें।
उत्तर:-रूस की क्रांति ने पूरे विश्व को प्रभावित किया। इसके उदाहरण इस प्रकार हैं-
(i) इस्त्र क्रांति के पश्चात श्रमिक या सर्वहारा वर्ग की सत्ता रूस में स्थापित हो गई तथा इससे अन्य क्षेत्रों में भी आंदोलन को प्रोत्साहन मिला।
(ii) रूसी क्रांति के बाद विश्व, विचारधारा के स्तर पर दो खेमों में विभक्त हो गया पूर्वी यूरोप और पश्चिमी यूरोप।
(iii) द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात पूँजीवादी विश्व तथा सोवियत रूस कर शीतयुद्ध की शुरुआत हुई और आगामी चार दशकों तक दोनों खमा बीच हथियारों की होड़ जारी रही।
23. रूस में कृषि दासता की प्रथा किस वर्ष समाप्त हुई?
उत्तर :-रूस में कृषि दासता की समाप्ति जार एलेक्जेंडर द्वितीय के द्वारा 1861 ई० में हुई।
24. अक्टूबर क्रांति क्या है?
उत्तर:-1917 में रूस में जो क्रांति हुई उसे अक्टूबर क्रांति अथवा बोल्शेविक क्रांति के नाम से जाना जाता है। यद्यपि यह क्रांति 7 नवंबर, 1917 को हुई थी (नई ग्रेगोरियन कैलेंडर)। परंतु पुराने रूसी कैलेंडर के अनुसार वह दिन 25 अक्टूबर, 1917 था। इसलिए बोल्शेविक क्रांति, अक्टूबर क्रांति भी कहलाती है।
25. शीतयुद्ध से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:- शीतयुद्ध प्रत्यक्ष युद्ध न होकर वाकद्वन्द्व द्वारा एक-दूसरे राष्ट्र को नीचा दिखाने का वातावरण है। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात पूँजीवादी राष्ट्रों और रूस के बीच इसी प्रकार का शीतयुद्ध चलता रहा।
26. क्रांति से पूर्व रूसी किसानों की स्थिति कैसी थी ?
उत्तर:- रूस में जनसंख्या का बहसंख्यक भाग कृषक ही थे परंतु उनकी स्थिति त म जनसंख्या का बहुमान अत्यंत दयनीय थी। कृषि दासता समाप्त कर दी गई थी परंतु किसानों की स्थिति
में कोई सुधार नहीं हुआ था। उनके पास पूँजी का अभाव था तथा करों के बोझ से वे दबे हुए थे।
27. सर्वहारा वर्ग किसे कहते हैं ?
उत्तर-सर्वहारा वर्ग समाज का वैसा वर्ग है जिसमें किसान, मजदूर एवं आम गरीब लोग शामिल होते हैं। मार्क्स के अनुसार सर्वहारा वर्ग मजदूरों तथा श्रमिकों का वर्ग था जो सुविधाविहिन वर्ग था जिसे कोई अधिकार प्राप्त नहीं था। यह पँजीपतियों के द्वारा शोषित तथा उपेक्षित वर्ग था।
28.1881 ई० में जार एलेक्जेंडर द्वितीय की हत्या किसने की ?
उत्तर-रूस के शासक जार एलेक्जेंडर द्वितीय की हत्या 1881 ई० में निहिलिस्टों ने कर दी थी।
29. रासपुटिन कौन था ?
उत्तर-रासपुटिन जार निकोलस II का गुरु था जो एक भ्रष्ट, बदनाम और रहस्यमय पादरी था।
30. खूनी रविवार क्या है ?
उत्तर-रूस में 9 जनवरी, 1905 को लोगों का समूह 'रोटी दो' के नारे के साथ सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए सेंट पीट्सवर्ग स्थित महल की ओर जा रहा था, परंतु जार की सेना इन निहत्थे लोगों पर गोलियाँ बरसाई जिसमें हजारों लोग मारे गए। इसलिए इस दिन को रूस में खूनी रविवार (लाल रविवार) के नाम से जाना जाता है।
31. रॉबर्ट ओवेन का संक्षिप्त परिचय दें।
उत्तर-इंगलैंड में समाजवाद का प्रवर्तक रॉबर्ट ओवेन को माना जाता है। इंगलैंड में औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप. श्रमिकों के शोषण को रोकने हेतु ओवेन ने एक आदर्श समाज की स्थापना का प्रयास किया। उसने स्कॉटलैंड के न्यूलूनार्क नामक स्थान पर एक आदर्श कारखाना और मजदूरों के आवास की व्यवस्था की। इसमें श्रमिकों को अच्छा भोजन, आवास और उचित मजदूरी देने की व्यवस्था की गयी।
32. माई-ली-गाँव हत्याकांड का परिचय दें।
उत्तर:-माई-ली दक्षिणी वियतनाम का एक गाँव था जहाँ के लोगों
वियतकांग समर्थक मानकर अमेरिकी सेना ने पूरे गाँव को घेरकर पुरुषों को मार डाला। औरतों तथा बच्चियों को बंधक बनाकर कई दिनों तक सामूहिक बला किया फिर उन्हें मारकर पूरे गाँव में आग लगा दिया गया। अमेरिकी सेना की बर्बरतापूर्वक कार्रवाई की संपूर्ण विश्व में आलोचना हुई थी।
33. हो-ची-मिन्ह के संबंध में लिखें।
उत्तर-हो-ची-मिन्ह साम्यवाद से प्रभावित था। उसने 1925 ई० में 'वियतना क्रांतिकारी दल' का गठन किया एवं फ्रांसीसी साम्राज्यवाद से लड़ने के लिए कार्यकर्ताओं के सैनिक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की। 1930 ई० में राष्ट्रवादी गटों को एकत्रित कर वियतनाम कांग सान देंग अर्थात् वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की। विश्वव्यापी आर्थिक मंदी एवं फ्रांसीसी सरकार की क्रूरता के कारण हो-ची-मिन्ह ने राष्ट्रवादी आंदोलन को तीव्र किया।
34. फ्रांसीसियों ने मेकांग डेल्टा में नहरें क्यों बनवाई? इसका क्या परिणाम हुआ?
उत्तर- फ्रांसीसियों ने कृषि के विस्तार के लिए मेकांग डेल्टा क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा के लिए नहरें बनवाई। सिंचाई की समुचित व्यवस्था उपलब्ध होने से धान की खेती और उत्पादन में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप 1931 तक वियतनाम विश्व का तीसरा चावल निर्यातक देश बन गया।
35. जेनेवा समझौता के प्रावधानों का वर्णन करें।
उत्तर-1954 के जेनेवा समझौता के द्वारा इंडो-चीन के लाओस और कंबोडिया स्वतंत्र कर दिए गए। दोनों राज्यों में वैध राजतंत्र एवं संसदीय व्यवस्था लागू की गयी। वियतनाम का विभाजन अस्थायी रूप से दो भागों में कर दिया गया (i) उत्तरी वियतनाम, (ii) दक्षिणी वियतनाम। दोनों राज्यों की विभाजक रेखा सत्रहवीं समानांतर बनाई गई। उत्तरी वियतनाम में हो-ची-मिन्ह की कम्युनिस्ट सरकार को मान्यता दी गई। दक्षिणी वियतनाम में बाओदाई की सरकार बनी रही। यह भी व्यवस्था की गई कि 1956 में पूरे वियतनाम के लिए चुनाव करवाए जाएंगे।
36. रासायनिक हथियारों नापाम एवं एजेन्ट ऑरेंज का वर्णन करें।
उत्तर- अमेरिका ने वियतनाम पर आक्रमण में खतरनाक हथियारों, टैंकों एवं बमवर्षक विमानों के व्यापक प्रयोग के साथ-साथ खतरनाक रासायनिक हथियारों का भी प्रयोग किया। ऐसे ही कुछ रासायनिक हथियार थे-नापाम बम, एजेन्ट ऑरेन्ज। नापाम बम में नापाम एक कार्बनिक यौगिक होता है जो अग्नि बमों में गैसोलिन के साथ मिलकर एक ऐसा मिश्रण तैयार करता है जो त्वचा से चिपक जाता और जलता रहता है।
एजेंट ऑरेंज एक ऐसा जहर था जिससे पेड़ों की पत्तियाँ झुलस जाती थी तथा पेड़ मर जाते थे। जंगलों को खत्म करने में इसका प्रयोग किया जाता था।
37. हो-ची-मिन्ह मार्ग क्या है ? बताएँ।
उत्तर-हो-ची-मिन्ह हनोई से चलकर लाओस-कम्बोडिया के सीमा क्षेत्र से गुजरता हुआ दक्षिणी वियतनाम तक जाता था। इसमें सैकड़ों कच्ची-पक्की सड़क निकलकर पूरे वियतनाम से जुड़ी थी। यह वियतनामियों का रसद सप्लाई मार्ग था। यह मार्ग काफी मजबूत था। अमेरिका सैकड़ों बार इस पर बमबारी कर चुका था, परन्तु वियतकांग एवं उनके समर्थित लोग तुरंत उसकी मरम्मत कर लेते थे। चूकि हो-ची-मिन्ह मार्ग वियतकांग की जीवन-रेखा थी, अतः अमेरिका इस पर नियत्रण करना चाहता था। इसी क्रम में उसने लाओस एवं कम्बोडिया पर आक्रमण भी किया। किंतु तीन तरफा संघर्ष में फँसकर उसे वापस होना पड़ा था।
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