उत्तर- हृदय का कार्य उसकी पेशीयुक्त भित्तियों के संकुचन पर निर्भर करता है। जिन्हें S.A. नोड नियन्त्रित करता है। आलिन्द एवं निलय का एकान्तरित रूप में संकुचन एवं शिथिलन का कार्य निरन्तर होता रहता है। हृदय में संकुचन एवं शिथिलन का कार्य दायें आलिन्द की आन्तरिक भित्ति में स्थित शिराआलिन्दीय (S.A.) नोड द्वारा प्रारम्भ होता है। हृदय में संकुचन क्रिया सर्वप्रथम आलिन्द से प्रारम्भ होती है। सर्वप्रथम दोनों आलिन्दों में संकुचन होता है तथा उनका रक्त अपने-अपने दिशा के निलय में जाता है। आलिन्द का संकुचन समाप्त होने पर दोनों आलिन्द अपनी पूर्व स्थिति में आना प्रारम्भ कर देते हैं, जैसे-जैसे संकुचन अधिक होता है, वैसे ही शिराओं से रक्त इसमें आ जाता है।
प्रशन:- ह्रदय का सचित्र द्वारा वर्णन करें
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